Balod:कथावाचक रुचिका तिवारी से खास चर्चा: उन्हें 7 भाषाओं का हैं ज्ञान, कत्थक नृत्य में भी है निपुण

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  • เผยแพร่เมื่อ 6 ต.ค. 2024
  • कहते है जब तक दैविक कृपा नही होती, तब तक व्यासपीठ पर कुछ बोल नही सकते, लेकिन यहां माँ देवी भगवती का बखान करना है, जो अन्य देवी देवता तक नही कर पाते, ये माँ भगवती की ही कृपा है, जो आज मैं अपनी टूटी फूटी वाणी से शब्द प्रस्तुत कर पाती हूँ। धर्म से कल्याण के लिए जोड़ना ही उद्देश्य है।" ये शब्द है कथावाचक रुचिता तिवारी के। जो कि खास चर्चा में उन्होंने कही। बिलासपुर निवासी रुचिता बताती है कि उनकी उम्र महज 18 वर्ष की है, 5 जनवरी 2006 को उनका जन्म हुआ। उनके घर मे माता-पिता और छोटी बहन है। पिता एक किराना व्यवसायी है और माता सरकारी हाईस्कूल में व्याख्याता के पद पर है। वर्तमान में बीएससी में अध्यनरत हैं और साइंस भी कर रही हैं, कॉलेज भी जाती है। भक्ति से जुड़ने का उद्देश्य यही है कि सभी को धर्म से जोड़कर रख सके। देखे ये पूरा वीडियो......

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