आज उत्तराखंड स्थापना दिवस है मगर हमे कोई खुशी नहीं है क्योंकि उत्तराखंड बनने के बाद भी हमें पलायन करना पड़ा और अभी तक करना पड़ रहा है। उत्तराखंड आंदोलन 1994 में हमने भी आंदोलन किया था। पूरे साल हमारी कोई पढ़ाई नहीं हुई थी। हमारे उस समय के सहपाठियों को पता होगा कि हम में से कुछ लोग गाड़ी भर कर कोटद्वार तक कुछ सतपुली तक और कुछ लोग आंदोलन में पोखड़ा बैजरो तक भी आंदोलन में गए थे। क्योंकि हमें दिल्ली मार्च करना था और तब खबर आई कि हमारे मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने रामपुर तिराहे पर गढ़वाल की महिलाओं पर अत्याचार कर दिया और वापस लौटना पड़ा। मगर आज उत्तराखंड को नेताओं और चाटुकारों ने खोखला कर दिया। पढ़ें लिखे बच्चों को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ रहा है और बुजुर्ग को महिलाओं द्वारा इलाज के लिए शहर
आज उत्तराखंड स्थापना दिवस है मगर हमे कोई खुशी नहीं है क्योंकि उत्तराखंड बनने के बाद भी हमें पलायन करना पड़ा और अभी तक करना पड़ रहा है। उत्तराखंड आंदोलन 1994 में हमने भी आंदोलन किया था। पूरे साल हमारी कोई पढ़ाई नहीं हुई थी। हमारे उस समय के सहपाठियों को पता होगा कि हम में से कुछ लोग गाड़ी भर कर कोटद्वार तक कुछ सतपुली तक और कुछ लोग आंदोलन में पोखड़ा बैजरो तक भी आंदोलन में गए थे। क्योंकि हमें दिल्ली मार्च करना था और तब खबर आई कि हमारे मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने रामपुर तिराहे पर गढ़वाल की महिलाओं पर अत्याचार कर दिया और वापस लौटना पड़ा। मगर आज उत्तराखंड को नेताओं और चाटुकारों ने खोखला कर दिया। पढ़ें लिखे बच्चों को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ रहा है और बुजुर्ग को महिलाओं द्वारा इलाज के लिए शहर
सर पहाड़ी युवा में उद्यमशीलता की कमी है। वो दूसरे के लिए पूरी ईमानदारी से काम तो कर सकते है पर खुद रिस्क लेने में डरते हैं। मैं हरियाणा में रहता हूँ हरियाणा में एक बहुत बड़ी संख्या में युवा देहरादून, ऋषिकेश आदि शहरों में अपना काम खुलना चाहते है या फिर खुल चुके है। गलती कहीं ना कहीं हमारी भी है।
आज उत्तराखंड स्थापना दिवस है मगर हमे कोई खुशी नहीं है क्योंकि उत्तराखंड बनने के बाद भी हमें पलायन करना पड़ा और अभी तक करना पड़ रहा है। उत्तराखंड आंदोलन 1994 में हमने भी आंदोलन किया था। पूरे साल हमारी कोई पढ़ाई नहीं हुई थी। हमारे उस समय के सहपाठियों को पता होगा कि हम में से कुछ लोग गाड़ी भर कर कोटद्वार तक कुछ सतपुली तक और कुछ लोग आंदोलन में पोखड़ा बैजरो तक भी आंदोलन में गए थे। क्योंकि हमें दिल्ली मार्च करना था और तब खबर आई कि हमारे मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने रामपुर तिराहे पर गढ़वाल की महिलाओं पर अत्याचार कर दिया और वापस लौटना पड़ा। मगर आज उत्तराखंड को नेताओं और चाटुकारों ने खोखला कर दिया। पढ़ें लिखे बच्चों को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ रहा है और बुजुर्ग को महिलाओं द्वारा इलाज के लिए शहर
आज उत्तराखंड स्थापना दिवस है मगर हमे कोई खुशी नहीं है क्योंकि उत्तराखंड बनने के बाद भी हमें पलायन करना पड़ा और अभी तक करना पड़ रहा है। उत्तराखंड आंदोलन 1994 में हमने भी आंदोलन किया था। पूरे साल हमारी कोई पढ़ाई नहीं हुई थी। हमारे उस समय के सहपाठियों को पता होगा कि हम में से कुछ लोग गाड़ी भर कर कोटद्वार तक कुछ सतपुली तक और कुछ लोग आंदोलन में पोखड़ा बैजरो तक भी आंदोलन में गए थे। क्योंकि हमें दिल्ली मार्च करना था और तब खबर आई कि हमारे मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने रामपुर तिराहे पर गढ़वाल की महिलाओं पर अत्याचार कर दिया और वापस लौटना पड़ा। मगर आज उत्तराखंड को नेताओं और चाटुकारों ने खोखला कर दिया। पढ़ें लिखे बच्चों को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ रहा है और बुजुर्ग को महिलाओं द्वारा इलाज के लिए शहर
@@harishsharma-gd6sn Bilkul sir. Ap sabhi logo ke efforts ki wajah se Uttarakhand ban paya. Aj Uttarakhand ki haalat achi nahi hai. Bahut outsiders a gaye hain. Abrahamic religions bhi. Neta Bhrasth hain. Khokhlapan a gaya hai. But hum dobara uthenge. Aur Uttarakhand ko restore karne ka prayas karenge. Jai Uttarakhand.
आज उत्तराखंड स्थापना दिवस है मगर हमे कोई खुशी नहीं है क्योंकि उत्तराखंड बनने के बाद भी हमें पलायन करना पड़ा और अभी तक करना पड़ रहा है। उत्तराखंड आंदोलन 1994 में हमने भी आंदोलन किया था। पूरे साल हमारी कोई पढ़ाई नहीं हुई थी। हमारे उस समय के सहपाठियों को पता होगा कि हम में से कुछ लोग गाड़ी भर कर कोटद्वार तक कुछ सतपुली तक और कुछ लोग आंदोलन में पोखड़ा बैजरो तक भी आंदोलन में गए थे। क्योंकि हमें दिल्ली मार्च करना था और तब खबर आई कि हमारे मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने रामपुर तिराहे पर गढ़वाल की महिलाओं पर अत्याचार कर दिया और वापस लौटना पड़ा। मगर आज उत्तराखंड को नेताओं और चाटुकारों ने खोखला कर दिया। पढ़ें लिखे बच्चों को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ रहा है और बुजुर्ग को महिलाओं द्वारा इलाज के लिए शहर
उत्तराखंड के लोगों के साथ घनघोर अन्याय हुआ है। इसके लिए सरकार व विपक्षी दोनों जिम्मेदार हैं। ऐसे जरूरी व महत्वपूर्ण खबरें जनता तक पहुंचाने के लिए आपका धन्यवाद।
माननीय मनोज रावत जी ने अपनी जिम्मेवारी जिस ईमानदारी से निभाई, उन्हें मेरा प्रणाम 👏👏🌹🌹 काश सभी विधायक ऐसे होते. उनके प्रश्न भैंस के आगे बीन बजाने भर रहे. सत्तापक्ष ने अपने स्वार्थ के चलते उन्हें अनसुना किया, दुर्भाग्य है.
Isme wahi ha jo british govt ne hamre pahad area specially garhwal or kumauo ko tribal status diya hua tha jaal, jangal, jamin pe ham logo ka adhikar tha. Indian govt ne ham se wo china hai. Wahi ab schedule 5 or schedule 6 hai. Tribal se jamin koi nahi le sakta yaha tak govt bhi. Or harma reservation jo pahad ko abhi tak nahi mila wo bhi mielga
@@prashantbisht620वैसे ग्राम सभा (ग्राम वासियों, ग्राम प्रधान) को संविधान मैं *शेड्यूल 5* अंतर्गत कानून मैं संविधानिक अधिकार दिए गए है.. उत्तरांचल के सारे पहाड़ी, मूल वासी, नेटिव लोगो को *शेड्यूल 5* के.. साथ साथ कुछ आर्टिकल की जानकारी होना जरूरी है.. मूलवासियों को, नेटिव लोगो को, आदिवासियों को संविधान के अंतर्गत बहुत सारे मौलिक तथा कानूनी अधिकार दिए गए है.. आर्टिकल 13 (1) आर्टिकल 13 ( 3) आर्टिकल 19 आर्टिकल 53 आर्टिकल 244 आर्टिकल 245 आर्टिकल 395 आर्टिकल 372 Also read supreme court judgement in favour of native people.. Read indian stamp paper *India non judicial* India independence act 1947 Article (7 a, b, c) Government of India act 1935 Article 91 Article 92 (Excluded and partially excluded area)
This is my first time watching your video and I'm so impressed. Got your channel subscription. Keep up the good work of spreading the truth and showing what is real journalism.
पहली बार ऐसी पत्रकारिता देख रहा हूँ। आपको धन्यवाद देना चाहता हूँ। काश आपको देख कर और सुनकर कुछ को शर्म आये और सही बात को दिखाने की हिम्मत कर सकें ऐसी आशा के साथ आपको शुभकामनाएं
किसी भी देश या राज्य का उत्थान या पतन, विकास या विनाश देश या राज्य के नेतृत्व पर निर्भर करता है, राज्य के हितों के प्रति समर्पित हैं तो विकास अन्यथा परिणाम जनाकांक्षाओं के प्रतिकूल ही होगा।ऐसा ही उत्तराखंड का भी है। यहां के सशक्त भू कानून की स्थिति हो या 1950को आधार मानकर मूल निवास प्रमाण पत्र की स्थिति हो उत्तराखंड राज्य की सरकारों की कार्यशैली पर निर्भर करता है। सत्य को आमजन तक पहुंचाने और सच्ची स्पष्ट निष्पक्ष और निर्पेक्ष पत्रकारिता के लिए कोठियाल जी को साधुवाद। यहां की सरकारों ने तो पड़ोसी राज्य हिमाचल से भी सीख नहीं ली।
लोकतंत्र के चौथे स्तंभकी सकारात्मक भूमिका निभानेकी आपकी कोशिश सराहनीयहै। सुनने में आ रहा है हरिद्वार में भी सहारा इंडिया की जो जमीन सरकार ने अपनी कब्जे में ली थी उसके निफ्टी मेंभी करोड़ों कीबंदर बाटहुई है। मजा है इस पर कहीं भी कोई चर्चानहीं है।
बहुत बहुत धन्यवाद आप जैसे भले लोगों का कि देवभूमि उत्तराखंड की जरूरी खबरों को जनता के समक्ष रखना और संशोधन करना,,, बहुत ज्यादा जरूरी है कि देवभूमि उत्तराखंड में भू कानून लागू हो ओर उससे भी ज्यादा जरूरी हे कि उत्तराखंड में पलायन रोकना ओर अपने उत्तराखंड के लोगो को अच्छा रोजगार मिलना जो कि बहुत अच्छी तरीके से हो सकतl है उत्तराखंड सरकार को ये जल्दी ही करना चाहिए और करना होगा क्यों उत्तराखंड के यूवा बाहर जाए क्यों,,, जबकि देवभूमि उत्तराखंड इतना सक्षम हे ही ये उत्तराखंड के लोगों को रोजगार देने के बाद भी और दूसरे लोगों को रोजगार दे सके,
कुछ दिनों पहले हिमांचल के एक संत जो स्वर्ग आश्रम ऋषिकेश मे साधना और समाज सेवा कर रहे थे कि कुटिया पर बुलडोजर चलाया और उन्हे कहा कि वापिस अपने प्रदेश जाओ जबकि हिमांचल मे उत्तराखंड के कई लाख लोग रहते हैं पर उत्तराखंड के लोग अब हिमांचल के लोगो से वही व्यवहार कर रहे है जो कश्मीर के आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडितो से किया.
जो भी नेता इन घोटालों में शामिल होगा उनकी एक पीढ़ी खून के आंसु जरूर रोएगी😢 उत्तराखंड के उन सभी क्रांतिकारियों की आत्मा इन्हें कभी माफ नहीं करेगी जिन्होंने उत्तराखंड बनने पर अपना बलिदान दिया🙏
सब शरुआत से ही लुटने में लगे हैं और चम्मचो व चाटुकार दिन रात भ्रष्ट नेताओं की जयकार करने में लगे हैं ये चाटुकारिता वाले अपने बाप की कभी जय नहीं करेंगे पर इन बेशर्म नेताओं के गुणगान में लगे रहते हैं
बहुत बड़े घोटाले का आपने पर्दाफाश किया,,,,आम जन तक जब ये बात पहुंचेगी तब ही आम आदमी को उत्तराखण्ड की हकीकत मिल पायेगी,,,,,, ये राज्य में खुली लूट है,,,,, इन माफियाओं की जड़ों में मट्ठा कौन डालेगी,,,,, जल्द ही उपचुनाव दिखा देगी,,,, दूध का दूध,,, पानी का पानी,,,, ❤❤❤❤❤
Great that you are talking about this issue. The entire area of George Everest has been privatised and a parking fare and entry fee of 200 is being asked , how ? Why? No idea. This used to be a Government managed land and now it has become a business for the company to exploit the people around it
गैर कांग्रेस होते हुए भी मैं कहना चाहता हूं, केदारनाथ की जनता को मनोज रावत जी को विजयी बनाकर विधानसभा भेजना चाहिए, क्योंकि वही एकमात्र विधायक दिख रहे हैं जो भू कानून मूल निवास की बात विधानसभा में मज़बूती से रख सकते हैं, अब किसी पार्टी के कार्यकर्ताओं से उठ कर सबको प्रदेश, यहाँ के जंगल,जमीन, संस्कृति बचाने के लिए आगे आना होगा..🙏
निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए धन्यवाद, उत्तराखंड को ऐसे लोगों और पत्रकारों की जरूरत है
Thankyou so much for your support 🙏🏻
@@Baramasakis baat ka support???
@@yshchauhan8428 thanks option ka support
बहुत खूब मान्यवर।
Beautiful washing machine party' to keep it out.
उत्तराखंड को आप जैसे निष्पक्ष पत्रकारिता की ही जरूरत है। धन्यवाद
Thankyou so much. Keep supporting 🙏🏻
ऐसी बेधड़क और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए धन्यवाद। 🙏
Thankyou so much. Keep supporting 🙏🏻
ख़ुशी की बात है कि सच समझने और जन जन तक पहुंचाने की इच्छा रखने वाले आप जैसे पत्रकार अभी हैं।
Thanks
Thankyou so much. Keep supporting 🙏🏻
Thank you for your unbiased reporting. कृपया बाक़ी लोग भी इनको सपोर्ट करे
Thankyou so much. Keep supporting 🙏🏻
पत्रकारिता के वास्तविक स्वरूप से रूबरू करवाने के लिए धन्यवाद बारामासा 🙏👏
Thankyou so much for your support 🙏🏻
Respect for independent journalism ❤❤🎉
Thankyou so much. Keep supporting 🙏🏻
Thanks
Thankyou so much for your support 🙏🏻
आज उत्तराखंड स्थापना दिवस है मगर हमे कोई खुशी नहीं है क्योंकि उत्तराखंड बनने के बाद भी हमें पलायन करना पड़ा और अभी तक करना पड़ रहा है। उत्तराखंड आंदोलन 1994 में हमने भी आंदोलन किया था। पूरे साल हमारी कोई पढ़ाई नहीं हुई थी। हमारे उस समय के सहपाठियों को पता होगा कि हम में से कुछ लोग गाड़ी भर कर कोटद्वार तक कुछ सतपुली तक और कुछ लोग आंदोलन में पोखड़ा बैजरो तक भी आंदोलन में गए थे। क्योंकि हमें दिल्ली मार्च करना था और तब खबर आई कि हमारे मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने रामपुर तिराहे पर गढ़वाल की महिलाओं पर अत्याचार कर दिया और वापस लौटना पड़ा। मगर आज उत्तराखंड को नेताओं और चाटुकारों ने खोखला कर दिया। पढ़ें लिखे बच्चों को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ रहा है और बुजुर्ग को महिलाओं द्वारा इलाज के लिए शहर
निष्पक्ष पत्रकारिता को सलाम
सर बीच-बीच में गढ़वाली भाषा के कुछ शब्दों में कटाक्ष करते हो वो बहुत अच्छा लगता है। फन और तंज दोनों एकसाथ
@@ManishSingh-vz7ue सभी उत्तराखंडी हैं। भाषा में कुछ ही शब्दों में अंतर है। कभी कभी गढ़वाली कटाक्ष गैर गढ़वाली ( उत्तराखंडी) के समझने में देर लगती है।
Bahut badiya.
Jahan likha mil jaye ki nishpaksh Patrakaar hai ,
Waha samajh jaana ko congress waalo ko rakhel hai
पहाड़ी निर्भीक आवाज़ को सलाम
Thankyou so much. Keep supporting 🙏🏻
आज उत्तराखंड स्थापना दिवस है मगर हमे कोई खुशी नहीं है क्योंकि उत्तराखंड बनने के बाद भी हमें पलायन करना पड़ा और अभी तक करना पड़ रहा है। उत्तराखंड आंदोलन 1994 में हमने भी आंदोलन किया था। पूरे साल हमारी कोई पढ़ाई नहीं हुई थी। हमारे उस समय के सहपाठियों को पता होगा कि हम में से कुछ लोग गाड़ी भर कर कोटद्वार तक कुछ सतपुली तक और कुछ लोग आंदोलन में पोखड़ा बैजरो तक भी आंदोलन में गए थे। क्योंकि हमें दिल्ली मार्च करना था और तब खबर आई कि हमारे मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने रामपुर तिराहे पर गढ़वाल की महिलाओं पर अत्याचार कर दिया और वापस लौटना पड़ा। मगर आज उत्तराखंड को नेताओं और चाटुकारों ने खोखला कर दिया। पढ़ें लिखे बच्चों को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ रहा है और बुजुर्ग को महिलाओं द्वारा इलाज के लिए शहर
सर पहाड़ी युवा में उद्यमशीलता की कमी है। वो दूसरे के लिए पूरी ईमानदारी से काम तो कर सकते है पर खुद रिस्क लेने में डरते हैं। मैं हरियाणा में रहता हूँ हरियाणा में एक बहुत बड़ी संख्या में युवा देहरादून, ऋषिकेश आदि शहरों में अपना काम खुलना चाहते है या फिर खुल चुके है। गलती कहीं ना कहीं हमारी भी है।
Thankyou so much. Keep supporting 🙏🏻
आज उत्तराखंड स्थापना दिवस है मगर हमे कोई खुशी नहीं है क्योंकि उत्तराखंड बनने के बाद भी हमें पलायन करना पड़ा और अभी तक करना पड़ रहा है। उत्तराखंड आंदोलन 1994 में हमने भी आंदोलन किया था। पूरे साल हमारी कोई पढ़ाई नहीं हुई थी। हमारे उस समय के सहपाठियों को पता होगा कि हम में से कुछ लोग गाड़ी भर कर कोटद्वार तक कुछ सतपुली तक और कुछ लोग आंदोलन में पोखड़ा बैजरो तक भी आंदोलन में गए थे। क्योंकि हमें दिल्ली मार्च करना था और तब खबर आई कि हमारे मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने रामपुर तिराहे पर गढ़वाल की महिलाओं पर अत्याचार कर दिया और वापस लौटना पड़ा। मगर आज उत्तराखंड को नेताओं और चाटुकारों ने खोखला कर दिया। पढ़ें लिखे बच्चों को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ रहा है और बुजुर्ग को महिलाओं द्वारा इलाज के लिए शहर
Thankyou for working on issues related to Uttarakhand.
Thankyou so much for your support.
आज उत्तराखंड स्थापना दिवस है मगर हमे कोई खुशी नहीं है क्योंकि उत्तराखंड बनने के बाद भी हमें पलायन करना पड़ा और अभी तक करना पड़ रहा है। उत्तराखंड आंदोलन 1994 में हमने भी आंदोलन किया था। पूरे साल हमारी कोई पढ़ाई नहीं हुई थी। हमारे उस समय के सहपाठियों को पता होगा कि हम में से कुछ लोग गाड़ी भर कर कोटद्वार तक कुछ सतपुली तक और कुछ लोग आंदोलन में पोखड़ा बैजरो तक भी आंदोलन में गए थे। क्योंकि हमें दिल्ली मार्च करना था और तब खबर आई कि हमारे मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने रामपुर तिराहे पर गढ़वाल की महिलाओं पर अत्याचार कर दिया और वापस लौटना पड़ा। मगर आज उत्तराखंड को नेताओं और चाटुकारों ने खोखला कर दिया। पढ़ें लिखे बच्चों को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ रहा है और बुजुर्ग को महिलाओं द्वारा इलाज के लिए शहर
@@harishsharma-gd6sn Bilkul sir. Ap sabhi logo ke efforts ki wajah se Uttarakhand ban paya. Aj Uttarakhand ki haalat achi nahi hai. Bahut outsiders a gaye hain. Abrahamic religions bhi. Neta Bhrasth hain. Khokhlapan a gaya hai. But hum dobara uthenge. Aur Uttarakhand ko restore karne ka prayas karenge. Jai Uttarakhand.
@@HarshitSaxena-v8b th-cam.com/video/FE0Wy6KTm58/w-d-xo.htmlsi=Vy_ZpPBwcBbf0tNC
जय पहाड़। जय पहाड़ी।
Thankyou so much. Keep supporting 🙏🏻
Happy diwali bheji...... Thank you for being our Uttarakhand's very own batman
Thankyou so much for your support 🙏🏻
आज उत्तराखंड स्थापना दिवस है मगर हमे कोई खुशी नहीं है क्योंकि उत्तराखंड बनने के बाद भी हमें पलायन करना पड़ा और अभी तक करना पड़ रहा है। उत्तराखंड आंदोलन 1994 में हमने भी आंदोलन किया था। पूरे साल हमारी कोई पढ़ाई नहीं हुई थी। हमारे उस समय के सहपाठियों को पता होगा कि हम में से कुछ लोग गाड़ी भर कर कोटद्वार तक कुछ सतपुली तक और कुछ लोग आंदोलन में पोखड़ा बैजरो तक भी आंदोलन में गए थे। क्योंकि हमें दिल्ली मार्च करना था और तब खबर आई कि हमारे मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने रामपुर तिराहे पर गढ़वाल की महिलाओं पर अत्याचार कर दिया और वापस लौटना पड़ा। मगर आज उत्तराखंड को नेताओं और चाटुकारों ने खोखला कर दिया। पढ़ें लिखे बच्चों को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ रहा है और बुजुर्ग को महिलाओं द्वारा इलाज के लिए शहर
उत्तराखंड के लोगों के साथ घनघोर अन्याय हुआ है। इसके लिए सरकार व विपक्षी दोनों जिम्मेदार हैं। ऐसे जरूरी व महत्वपूर्ण खबरें जनता तक पहुंचाने के लिए आपका धन्यवाद।
मैं आपका रेगुलर फॉलोवर हूं, अच्छा लगता है आप निष्पक्ष आईना दिखा दिया करते हैं।
Manoj Rawat apna sangharsh jari rakho safalta jarur vmilegi Baba Kedarnath jee kirpa karege🎉🎉
छोड़ना नहीं
Thankyou so much for your support 🙏🏻
कोटियाल जी बहुत बहुत सराहनीय है आपका इस घोटाले को प्रकाशित करने के लिये।
Lekin jab janta par bhee farak pade vote dete samay ,bhale hi logoin ko hakikat pata lag to jati hai
कोटियाल जी आपकी निर्भीक, निष्पक्ष पत्रकारिता को दिल से सलाम... आप ऐसे मुद्दों को आगे बढ़ाते रहो हम सब आपके साथ है.. 🙏🙏
Thanks! Hats off to you! Extra cover should come daily! lots of love ♥♥
Thankyou so much. Keep supporting 🙏🏻
धन्यवाद दादा अच्छी जानकारी के लिए,,कब ठीक होंगे यार अपने उत्तराखण्ड के हाल. . .
Thankyou so much. Keep supporting 🙏🏻
Thanks!
th-cam.com/video/cPyNWh2fUO0/w-d-xo.htmlsi=vCgMcZPgIugyfRLa
Thankyou so much for your support 🙏🏻
माननीय मनोज रावत जी ने अपनी जिम्मेवारी जिस ईमानदारी से निभाई, उन्हें मेरा प्रणाम 👏👏🌹🌹
काश सभी विधायक ऐसे होते.
उनके प्रश्न भैंस के आगे बीन बजाने भर रहे.
सत्तापक्ष ने अपने स्वार्थ के चलते उन्हें अनसुना किया, दुर्भाग्य है.
उत्तराखंड के मूल निवासियों अगर अपनी संस्कृति - जमीन बचानी है तो उत्तर - पूर्व और लद्दाख के लोगों की तरह उग्र होना पडेगा।
Schedule 5 jruri h
@@mr.nickey8517:- isme kya hai?
Isme wahi ha jo british govt ne hamre pahad area specially garhwal or kumauo ko tribal status diya hua tha jaal, jangal, jamin pe ham logo ka adhikar tha. Indian govt ne ham se wo china hai. Wahi ab schedule 5 or schedule 6 hai. Tribal se jamin koi nahi le sakta yaha tak govt bhi. Or harma reservation jo pahad ko abhi tak nahi mila wo bhi mielga
😂 jagruk hote to uttrakhand ka ye hal na hota , jarurt se jyada hishiyari nuksan ho करता h
@@prashantbisht620वैसे ग्राम सभा (ग्राम वासियों, ग्राम प्रधान) को संविधान मैं *शेड्यूल 5* अंतर्गत कानून मैं संविधानिक अधिकार दिए गए है..
उत्तरांचल के सारे पहाड़ी, मूल वासी, नेटिव लोगो को *शेड्यूल 5* के.. साथ साथ कुछ आर्टिकल की जानकारी होना जरूरी है..
मूलवासियों को, नेटिव लोगो को, आदिवासियों को संविधान के अंतर्गत बहुत सारे मौलिक तथा कानूनी अधिकार दिए गए है..
आर्टिकल 13 (1)
आर्टिकल 13 ( 3)
आर्टिकल 19
आर्टिकल 53
आर्टिकल 244
आर्टिकल 245
आर्टिकल 395
आर्टिकल 372
Also read supreme court judgement in favour of native people..
Read indian stamp paper
*India non judicial*
India independence act 1947
Article (7 a, b, c)
Government of India act 1935
Article 91
Article 92
(Excluded and partially excluded area)
उत्तराखण्ड मांगे मूल निवास व भू कानून ....
इसको लोकल पार्टी लायेगी नेशनल पार्टी नही
ST status maango saari problem solved ho jayegi
Salute to you and your channel for covering truth... ❤❤
This channel has helped a lot in spreading information about bhu kannon in Uttarakhand
This is my first time watching your video and I'm so impressed. Got your channel subscription.
Keep up the good work of spreading the truth and showing what is real journalism.
पहाड़ी भाषा का संकलन कर पहाड़ के लोगों को पहाड़ी बोली मे रूबरू कराना अपने आप में सराहनीय कार्य है...❤
पहली बार ऐसी पत्रकारिता देख रहा हूँ। आपको धन्यवाद देना चाहता हूँ। काश आपको देख कर और सुनकर कुछ को शर्म आये और सही बात को दिखाने की हिम्मत कर सकें ऐसी आशा के साथ आपको शुभकामनाएं
Chor sab h 😂😂😂
Hm jab tak khud sahi nhi honge to dusro ko bhi nhi bol sakte
जहाँ मुख्यमंत्री का कार्यक्रम हो, वहाँ उनका घेराव किया जाय, सरकार के कोई कार्यक्रम ना होने दें l
भेजी मुझे आपसे कुछ महत्वपूर्ण विचार पर बातें करनी हैं ।। क्या मैं आपसे मिल सकता हूं।
Thankyou so much. Keep supporting 🙏🏻
किसी भी देश या राज्य का उत्थान या पतन, विकास या विनाश देश या राज्य के नेतृत्व पर निर्भर करता है, राज्य के हितों के प्रति समर्पित हैं तो विकास अन्यथा परिणाम जनाकांक्षाओं के प्रतिकूल ही होगा।ऐसा ही उत्तराखंड का भी है। यहां के सशक्त भू कानून की स्थिति हो या 1950को आधार मानकर मूल निवास प्रमाण पत्र की स्थिति हो उत्तराखंड राज्य की सरकारों की कार्यशैली पर निर्भर करता है। सत्य को आमजन तक पहुंचाने और सच्ची स्पष्ट निष्पक्ष और निर्पेक्ष पत्रकारिता के लिए कोठियाल जी को साधुवाद। यहां की सरकारों ने तो पड़ोसी राज्य हिमाचल से भी सीख नहीं ली।
गज़ब प्रदेश की अजब-गजब कहानी। ईश्वर इन्हें सद्बुद्धि प्रदान करें।
लोकतंत्र के चौथे स्तंभकी सकारात्मक भूमिका निभानेकी आपकी कोशिश सराहनीयहै। सुनने में आ रहा है हरिद्वार में भी सहारा इंडिया की जो जमीन सरकार ने अपनी कब्जे में ली थी उसके निफ्टी मेंभी करोड़ों कीबंदर बाटहुई है। मजा है इस पर कहीं भी कोई चर्चानहीं है।
Zankari puri janta ko dene k liye dhanyawaad Rahul Bhai .
21:47 forest guard waiting joining news.. thankyou for cover this news
बहुत सराहनीय व निष्पक्ष पत्रकारिता 🙏🙏
Sir aap jaise nishpaksh ptrakar ki jarurat hai uttarakhand ko main aapke video ka humesha intjar karta hun
$40 आपकी निष्पक्ष और दृढ़ता पूर्ण पत्रकारिता के लिए धन्यवाद.
बहुत ही सटीक एवं आंखें खोलने वाली जानकारी। सैल्यूट ❤
निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता को प्रणाम।
आप सच्चे पत्रकार हो भाई जी 🙏
बहुत बढ़िया भाई। आप हमेशा निष्पक्ष ही रहना।
सराहनीय कार्य आपका। शत शत नमन आपको sir
मेरा तो इस प्रदेश के नेताओं से भरोसा ही उठ चुका है अब।। सब जगह जमीनों की लूट। यहां बड़ी मछली छोटी मछली को खा रही है बस।।
सुन्दर जानकारी कोई तो है जो सही बोले 🙏🙏🙏 प्रणाम है आप को 👌
Thank you Rahul ji for the wonderful explanation of such an important issue in simple words 🙏
आपका आभार ।। इस वीडीओ को प्रकाशित करने के लिए।।
बहुत बहुत धन्यवाद आप जैसे भले लोगों का कि देवभूमि उत्तराखंड की जरूरी खबरों को जनता के समक्ष रखना और संशोधन करना,,, बहुत ज्यादा जरूरी है कि देवभूमि उत्तराखंड में भू कानून लागू हो ओर उससे भी ज्यादा जरूरी हे कि उत्तराखंड में पलायन रोकना ओर अपने उत्तराखंड के लोगो को अच्छा रोजगार मिलना जो कि बहुत अच्छी तरीके से हो सकतl है उत्तराखंड सरकार को ये जल्दी ही करना चाहिए और करना होगा क्यों उत्तराखंड के यूवा बाहर जाए क्यों,,, जबकि देवभूमि उत्तराखंड इतना सक्षम हे ही ये उत्तराखंड के लोगों को रोजगार देने के बाद भी और दूसरे लोगों को रोजगार दे सके,
चोरो का प्रदेश उत्तराखंड।
मै हिमाचल से हु,, और मुझे बहुत दुख होता है उत्तराखंड के लिए।
कुछ दिनों पहले हिमांचल के एक संत जो स्वर्ग आश्रम ऋषिकेश मे साधना और समाज सेवा कर रहे थे कि कुटिया पर बुलडोजर चलाया और उन्हे कहा कि वापिस अपने प्रदेश जाओ जबकि हिमांचल मे उत्तराखंड के कई लाख लोग रहते हैं पर उत्तराखंड के लोग अब हिमांचल के लोगो से वही व्यवहार कर रहे है जो कश्मीर के आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडितो से किया.
Himanchal k baare m update rahoge to tumko apnejada dukh hoga
एकदम सटीक निशाना 🤞👌
जो भी नेता इन घोटालों में शामिल होगा उनकी एक पीढ़ी खून के आंसु जरूर रोएगी😢 उत्तराखंड के उन सभी क्रांतिकारियों की आत्मा इन्हें कभी माफ नहीं करेगी जिन्होंने उत्तराखंड बनने पर अपना बलिदान दिया🙏
Bilkul sahi kaha aapne.lekin anttt mein bhugatna toh padegaaa public ko hiiiii.durghagya uttrakhand ki masum jantaaa ka
सर्वोत्तम पत्रकारिता,, शुभकामनाएं भाई
उत्तराखंड आप का आभारी रहेगा,
कोटियाल जी को निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए हार्दिक साधुवाद ।👍👍👍🙏🙏🙏
निष्पक्ष और बेवाक पत्रकारिता, 🎉🎉🎉❤
Bahut badiya information ji
सच बताना दोस्तों किस किसको बीजेपी से नफरत होने लगी है ,
Bjp say nahee dhammmi say
BJP or Congress dono se, is bar UKD se kuch Ummid hai
Dhami toh rubber stamp h krwa toh BJP hi rhi h cabinet m baki neta bhi h@@atarbist
@@mr.nickey8517Sahi bat
सब शरुआत से ही लुटने में लगे हैं और चम्मचो व चाटुकार दिन रात भ्रष्ट नेताओं की जयकार करने में लगे हैं ये चाटुकारिता वाले अपने बाप की कभी जय नहीं करेंगे पर इन बेशर्म नेताओं के गुणगान में लगे रहते हैं
रोजगार की ऐसी लहर है कि पलायन रुकने का नाम ही नहीं
Kotiyal ji aapki patrkarita ko salam...
Painlag da... listen nd watch u first time... It ws grt ..followed u
बहुत ही सुन्दर🌹 जय हिंद जय भारत❤
National media ये बात नहीं उठायेगी...
Thnx baramasa
So nice report.
बहुत सुंदर वीडियोज 🎉🎉🎉❤❤❤
बहुत सुंदर लाजबाव ❤🎉
निष्पक्ष पत्रकारिता❤
बहुत बड़े घोटाले का आपने पर्दाफाश किया,,,,आम जन तक जब ये बात पहुंचेगी तब ही आम आदमी को उत्तराखण्ड की हकीकत मिल पायेगी,,,,,,
ये राज्य में खुली लूट है,,,,,
इन माफियाओं की जड़ों में मट्ठा कौन डालेगी,,,,,
जल्द ही उपचुनाव दिखा देगी,,,,
दूध का दूध,,, पानी का पानी,,,,
❤❤❤❤❤
शानदार प्रदर्शन 🎉🎉🎉🎉🎉
बक्की बात
बहुत सुन्दर पत्रकार महोदय
Great information bhai ji keep it up 🌺🌺❤❤
कोई तो है जो निष्पक्ष पत्रकारिता के जाना जाता है ।
कोटयाल जी नमस्कार निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए सलाम
Aap ki patrkaita ko Salut
अपनी गढ़वाली भाषा में आप बखूबी समझा रहे हो ❤❤
सलाम है आपको।
Bebak andaaj salam h bheji apko.. 👌
Bahut badhiya..
इंडस्ट्रीज तो कही दिखती नहीं है मुझे लेकिन हां आधे से ज्यादा गांव बिक जरूर गया ।
bhai pasand toh ata hia paka extra cover par dukh bhi utna hi hota hia bheji news sun ke
Aapke xtra cover report ka intezaar har somvaar ko rehta hai rahul sir .......
Koi to hai jo sacchi patrkarita kar raha hai
Hats off to baramasa… your research and knowledge on the topic and bringing these facts to common people .
Truly unbiased reporting....best wishes baramasa
bahut badhiya...
जबरदस्त निष्पक्ष पत्रकारिता ❤❤ भाई जी
Sir aspko salute h mera aap sach boltae ho uskae liye thank you ❤
निर्भीक पत्रकारिता हार्दिक शुभकामनाएं।
Thanks
Thankyou so much for your support 🙏🏻
Thanks 🙏🙏🙏
🎉bahut sundar kotiyal ji
आप3 महान हो आज के समय मे जो सत्य बोल पा रहे हो मित्र
बारामासा के स्वतंत्र पत्रकार
हर सोमवार रहता है आपका इंतजार
📌Bahut badhiyaa..ise kahte hain Journalism..👍👍
Such bola bhai ❤️
Thanks to all team logo ko aware karne or information dene ke liye
Great that you are talking about this issue. The entire area of George Everest has been privatised and a parking fare and entry fee of 200 is being asked , how ? Why? No idea. This used to be a Government managed land and now it has become a business for the company to exploit the people around it
,बेहतरीन रिपोर्टिंग ।
गैर कांग्रेस होते हुए भी मैं कहना चाहता हूं, केदारनाथ की जनता को मनोज रावत जी को विजयी बनाकर विधानसभा भेजना चाहिए, क्योंकि वही एकमात्र विधायक दिख रहे हैं जो भू कानून मूल निवास की बात विधानसभा में मज़बूती से रख सकते हैं, अब किसी पार्टी के कार्यकर्ताओं से उठ कर सबको प्रदेश, यहाँ के जंगल,जमीन, संस्कृति बचाने के लिए आगे आना होगा..🙏
🫵👀
PERFECT.
Devbhoomi ko Devbhoomi hi rehne diya jaye❤🙌