||आध्यात्म सागर कि गहराईयों को, छु रही जिनकी ऊंचाईये, माँ वो जन जन कि है, लगे विद्यासमय गुरुवर की छाया, ज्ञान का भंडार लिए वो, बाँट अमृत सी रही है, दया करुणा ह्रदय मे लिए, जीव उध्दार कर रही हैं || वंदामि माताजी 🙏
गुरुमां के चरणों में वंदामी 🙏 माताजी प्रवचन में गाय की तुलना नहीं कर रही हैं, वो अज्ञानी जीवों को मार्गदर्शन कर रही हैं जो रात्रिभोजन करते हैं और दिनभर खाते हैं वीडियो को अच्छे से सुने||
||आध्यात्म सागर कि गहराईयों को, छु रही जिनकी ऊंचाईये, माँ वो जन जन कि है, लगे विद्यासमय गुरुवर की छाया, ज्ञान का भंडार लिए वो, बाँट अमृत सी रही है, दया करुणा ह्रदय मे लिए, जीव उध्दार कर रही हैं ||
वंदामि माताजी 🙏
गुरुमां के चरणों में वंदामी 🙏 माताजी प्रवचन में गाय की तुलना नहीं कर रही हैं, वो अज्ञानी जीवों को मार्गदर्शन कर रही हैं जो रात्रिभोजन करते हैं और दिनभर खाते हैं वीडियो को अच्छे से सुने||