तेरहवीं भोज या मृत्यु भोज करना उचित नहीं लगता है परन्तु परंपरा का निर्वाह करते हुए इसका आयोजन किया जाता है। आपने इसके पीछे जो तर्क दिया वह कुछ हद तक उचित कहा जा सकता है। लेकिन मृत व्यक्ति के संबंधी इसे अपना कर्तव्य मानते हुए पूरा करते हैं। सामाजिक उत्तरदायित्व को निभाने के लिए भी इसका आयोजन किया जाता है।
तेरहवीं का भी भोजन खाना चाहिए चौदहवीं पन्द्रहवी सत्रह अठारह उन्नीस बीस सबमें खाना चाहिए। मरने वाला मर गया इसमें भोजन का क्या दोष है। ख़ाओ खुब ख़ाओ। बल्कि संस्कार के तुरंत बाद भी मरने वाले के परिवार को खिलाना चाहिए। क्योंकि उस दिन एक तो काम पर नहीं गए और संस्कार के लिए भागदौड में भूख तो लग ही जाती है।
1. आपके कथन के अनुसार अन्येष्टि के अलावे और कुछ नहीं होना चाहिए,क्योंकि यह अंतिम संस्कार है। 2.महाभारत का जो आपने संदर्भ दिया, वह सामान्य दिन था, न कि किसी का श्राद्ध। अतः भगवान के किसी बात को उद्धृत करते समय संदर्भ का भी ध्यान रखा करें। सादर।
हमारे घरपास एक छोटी मुन्नी गुजर गयी थी तेहरवी कर रहे थे आसपासके लोगोको दावत थी कोइभी नही गया खानेके लिए उस घरके लोग दुःखी हुए मगर हम खाने गये वो लोग संतुष्ट हुए अच्छा हुवा या बुरा बताओ
हमारी माता जी 98 वर्ष की थी हमने सारे उपाय किए लेकिन मन भी बना लिया था कि अब इनको यहां से विदा लेना है और उनकी महान कृपा थी सब सकुशल कार्य हुआ तुम क्यों वर्ग ला रहे हो तुम इतनी जल्दी हो सके दुनिया सेविदा लो जब तक जीवित रहोगे खुराफातीकरोगे तुमको खाना और खाओ ना खाना हो ना खाओ
मृतक की अंग (शरीर के फूल ) गंगा जी में बिसर्जन नहीं करना चाहिए । अपने आप मृत्यु भोज बंद हो जायेगा । लेकिन यदि गंगा जी में फूल मृतक के डालने और आत्मा के शांति गंगा से प्रार्थना करेंगे तब गंगा जी खुश करने लिए भंडारा किया जाता है। यह छोटा या बड़ा हो सकता है लेकिन बंद नहीं हो सकता
तेरहवीं एवं बारहवां दोनों बंद होना चाहिए सिर्फ मृत आत्मा के शान्ति के लिए जो विधि सम्मत कार्य हो वो करना चाहिए और जन मानस को खाना खिलाने की प्रथा बंद कर देना चाहिए सिर्फ अपने अपने धर्म अनुसार कार्य करना चाहिए
Mratak Bhoj he nahi karana chahiyi kiuki us parivar ke yadi mukhija ki mratyu ho gain to us parivar ka sare jimmedari us ki patani ko hi uthani panti Hai. Mari ray yah Hai ki Santi Havana ki Saman sabhi log Gupt Dan Kar us parivar ki baccho ki shipshape aur bharnposan sucharu Roop se ho saki .
सर ये दकियानुसी विचार धारा है भोजन का क्या दोष, ग्यारह्वे दिन के भोजन को ऐकदशा का भोजन कहा जाता है और फेंक दिया जाता है क्यों भाई, क्या पंडितवा वा मे पैसों नहीं लग रौ का, तो तू मरे वारे के घर से बिस्तर, छाता जूता चप्पल, सोना चाँदी, मुँह मांगी रकम क्यों ले जात रहे, पहले खुद सुधर फिर ज्ञान batvaay करे। 😅
आप कहीं पर जिस जगह पर किसी की मृत्यु के संदर्भ में गरुण पुराण का वाचन किया जाता है आप वहां पर पुरा पुरा श्रवण करने की कृपा करें तो आप को अपने सभी शंका का समाधान हो जाएगा
इस्लाम में भी सुप्रदेंखाक के सभी लोगों को खाना खिलाया जाता है जनाजा जाने के पहले अलग जगह पर खाना खाने का प्रोग्राम का इंतजाम किया जाता है सभी कब्रिस्तान से आ कर खाना खाते हैं ऐसा मत समझीये की जो हिन्दू धर्म में है वो किसी ओर धर्म में नहीं है सभी धर्मों में अपने अपने हिसाब की प्रथा है
? तेरहवीं का भोजन क्यु होता है = जो लोग बारहवां नहीं खाते हैं उनके लिए तेरहवीं का भोजन बनाया जाता है अब अधिकांश लोग तेरहवीं करते है संसार में रहना है तो कुछ अपने हिसाब का कुछ पुर्वजों के हिसाब का एव जात व समाज के हिसाब का आयोजन किया जाता है सब-कुछ अपनी अपनी सुविधानुसार एवं सामर्थ्य के अनुसार करने का कहां गया है लेकिन आज कल दिखावा ज्यादा हो गया है
Seeda muddhe pe aiye na..itna ghuma ghuma ke time waste na kriye.. One should talk less amd pass on more information.. Ek hi point ko repeat muth kriye. .it becomes boring
तेरहवीं भोज या मृत्यु भोज करना उचित नहीं लगता है परन्तु परंपरा का निर्वाह करते हुए इसका आयोजन किया जाता है। आपने इसके पीछे जो तर्क दिया वह कुछ हद तक उचित कहा जा सकता है। लेकिन मृत व्यक्ति के संबंधी इसे अपना कर्तव्य मानते हुए पूरा करते हैं। सामाजिक उत्तरदायित्व को निभाने के लिए भी इसका आयोजन किया जाता है।
अगर सब एसा सोचने लगेंगे तो कोई भी किसीके यहाॅ जाएगा नही!तो फिर जिनके घरका व्यक्ती का देहांत हुआ है उनको तो बहोत बुरा लगेगा. ये सब अंधश्रद्धा है .
तेरहवीं का भी भोजन खाना चाहिए चौदहवीं पन्द्रहवी सत्रह अठारह उन्नीस बीस सबमें खाना चाहिए। मरने वाला मर गया इसमें भोजन का क्या दोष है। ख़ाओ खुब ख़ाओ। बल्कि संस्कार के तुरंत बाद भी मरने वाले के परिवार को खिलाना चाहिए। क्योंकि उस दिन एक तो काम पर नहीं गए और संस्कार के लिए भागदौड में भूख तो लग ही जाती है।
¹1happy birth day alka didi happy long life hari om❤
मृत्यु भोज करना पाप होता है। जब जानवरों में कोई मरता है तो उसका कोई अपना उस दिन चारा ग्रहण नहीं करता है।
फिर हमें क्यों करना चाहिए
Pagl
Jai shree ram ❤🙏
विषय छोटा है मगर आपने अनावश्यक बात करके लंबा चौढा कर दिया !
1. आपके कथन के अनुसार अन्येष्टि के अलावे और कुछ नहीं होना चाहिए,क्योंकि यह अंतिम संस्कार है।
2.महाभारत का जो आपने संदर्भ दिया, वह सामान्य दिन था, न कि किसी का श्राद्ध। अतः भगवान के किसी बात को उद्धृत करते समय संदर्भ का भी ध्यान रखा करें।
सादर।
मैं इस्लाम धर्म को कबूल करता हूं कि
भगवान श्रीकृण्ण ने महाभारत मे जो बताया है वो तेरवी के बारेमे नही था .आप गलत बतारहे है.
हमारे घरपास एक छोटी मुन्नी गुजर गयी थी तेहरवी कर रहे थे आसपासके लोगोको दावत थी कोइभी नही गया खानेके लिए उस घरके लोग दुःखी हुए मगर हम खाने गये वो लोग संतुष्ट हुए अच्छा हुवा या बुरा बताओ
ak.dam.sahi.ok💯💯💯💯💯
हमारी माता जी 98 वर्ष की थी हमने सारे उपाय किए लेकिन मन भी बना लिया था कि अब इनको यहां से विदा लेना है और उनकी महान कृपा थी सब सकुशल कार्य हुआ तुम क्यों वर्ग ला रहे हो तुम इतनी जल्दी हो सके दुनिया सेविदा लो जब तक जीवित रहोगे खुराफातीकरोगे तुमको खाना और खाओ ना खाना हो ना खाओ
मृतक की अंग (शरीर के फूल ) गंगा जी में बिसर्जन नहीं करना चाहिए । अपने आप मृत्यु भोज बंद हो जायेगा । लेकिन यदि गंगा जी में फूल मृतक के डालने और आत्मा के शांति गंगा से प्रार्थना करेंगे तब गंगा जी खुश करने लिए भंडारा किया जाता है। यह छोटा या बड़ा हो सकता है लेकिन बंद नहीं हो सकता
Bahut bahut Sundar vichar hai mai iska pura samarthan karta hun
प्रसन्न रहेंगे सभी सदा ही श्रीसीतारामशान्तिमन्दिर बनाते रहेंगे श्रीसीतारामशान्तिमन्दिर बनाते रहेंगे श्रीसीतारामशान्तिमन्दिर बनाते रहेंगे श्रीसीतारामशान्तिमन्दिर बनाते रहेंगे श्रीसीतारामशान्तिमन्दिर बनाते रहेंगे श्रीसीतारामशान्तिमन्दिर बनाते रहेंगे श्रीसीतारामशान्तिमन्दिर
तेरहवीं का भोज खाना चाहिए लेकिन मरने वाले के परिवार पर दबाव डालकर नहीं।
Sahi hai Hamari Param.
Para hi
Duniya Ko Achcha Sa book Sikha rahe hain aap
बरसी का भोजन करना सही हे या गलत
तेरहवीं भोज बन्द होना चाहिए ये प्रथा ठीक नहीं है जयगुरूदेव
तेरहवीं एवं बारहवां दोनों बंद होना चाहिए सिर्फ मृत आत्मा के शान्ति के लिए जो विधि सम्मत कार्य हो वो करना चाहिए और जन मानस को खाना खिलाने की प्रथा बंद कर देना चाहिए सिर्फ अपने अपने धर्म अनुसार कार्य करना चाहिए
@@AjaySharma-xn4lqaap hindu hu ho na ya kuchh or ho
Ek pandit hote huye aap Galt baat kar rahe ho
❤❤❤❤❤❤❤❤
यह प्रथा बंद करना चाहिए.कयो कि एक जवान आदमी मुर्तु हो जाता है.खाणा नहीं चये.
Mratak Bhoj he nahi karana chahiyi kiuki us parivar ke yadi mukhija ki mratyu ho gain to us parivar ka sare jimmedari us ki patani ko hi uthani panti Hai. Mari ray yah Hai ki Santi Havana ki Saman sabhi log Gupt Dan Kar us parivar ki baccho ki shipshape aur bharnposan sucharu Roop se ho saki .
Kya galat msg de rahe ho sahi information diya karo
अन्न हे पूर्ण ब्राह्म।
राष्ट्र में सभी लोग एक समान हिंदू हैं जय हिंदू राष्ट्र जय सनातन धर्म जय काशी विश्वनाथ हर हर महादेव
Bhojn khana chahiye hme😊😊
Very nice
तेरहवि का भजन करवाते हे तो पुण्य नही मिलता क्या पहीले सब तो खा ही रहे था ना आरे महाराज 😊
तेरह वी के भोजन का अर्थ मरने वाले का घर शुद्ध हो गया है और समाज मे शामिल हो सकते है
Jo purva parampara hai... vahi sarvshreshth hai...
anargal vidhva vilaap ki jarurat nahi hai
Radha Radha Hare Krishna
Sobar Mongol koro Probhu
महाराज पहिले दिनाे मे आज के दिनाेमे बहाेत बडा आतर है जै मरता दाे दिन दुख पकडते है
ये पृथा कैसे शुरू हुआ गणी जी
? यें प्रथा कैसे शुरू हुआ= जब सभी लोगों ने बारहवां खाना बंद कर दिया तो लोगों ने तेरहवीं कि प्रथा चालू कर दी ओर यह अनवरत जारी है
સહી.હે.
वैसे तो सभी लोग 12 दिन या 16 दिन पर खिलाया जाता है
देवाचं नाव घेऊन जेवल्यावर काहीही होत नाही
अगर आप भोजन करने से मना कर दे और उस व्यक्ति का मन और उदास हो जाए तो उसमे पाप लगेगा क्या??
Jain dharam mai kahteh hai mrutyubhoj nahi karna chahiye magar desh ke kuch hisse, south mai esko nahi maantrh hai.
Very long talk faazul. it may be short cutt. Time pass
Terhavi ka bhoj kewal bhai ke liye hota hai
किस वेद में लिखा है तो क्या पंडित अथवा ब्राह्मण का यही तर्क है
तेरहवीं का भोजन नहीं करना चाहिए.
सत साहेब
Kahase lai hi new
Mratiu bhoj ko band karna chahiye
Martubhoj karne waalo ko q nhi rokte?
Hindu,Dhram,ko,sahi,jankari,share,kara
सबस्क्राईब करणार नाही
Khana hi nhi chahiye lekin humari jaati. Me. To abhi bhi khane me. Pade hey
BiradhLogonKaPirshadSamajhKeKanaChaiyeYangLogonKaNahinKhana....
Vidiobahut,achchholago,din,terhime,nahi,khana,chahiyegalathe
सर ये दकियानुसी विचार धारा है भोजन का क्या दोष, ग्यारह्वे दिन के भोजन को ऐकदशा का भोजन कहा जाता है और फेंक दिया जाता है क्यों भाई, क्या पंडितवा वा मे पैसों नहीं लग रौ का, तो तू मरे वारे के घर से बिस्तर, छाता जूता चप्पल, सोना चाँदी, मुँह मांगी रकम क्यों ले जात रहे, पहले खुद सुधर फिर ज्ञान batvaay करे। 😅
आप कहीं पर जिस जगह पर किसी की मृत्यु के संदर्भ में गरुण पुराण का वाचन किया जाता है आप वहां पर पुरा पुरा श्रवण करने की कृपा करें तो आप को अपने सभी शंका का समाधान हो जाएगा
बारहवें या तेरहवीं का भोजन केवल बिरादरी के लिए ही होता है।
तेरहविबीका भाेजन जग्गाजमिन बेवेचर खाथाताेओ ललिता परकरणका लफडा नहिहाेताअा बाबू आमाकाे जिबवनी मरेपस्छात वेबेचेर खान पाईन्छ चाहे वुबाआमा पाल्नेहाेश अथवा पाल्ने फाल्नेले हाेसशष
नाम कमाने के लिए बहुत से बक्ता सामने आते रहते हैं।
Tumhara kahane ka matlab yah hai Teri mat karo kyon nahin karenge bhai Braham bhoj hota hai pitra Prasad hota bhai
मैं इस्लाम धर्म को कबूल करता हूं कि मैं
इस्लाम में भी सुप्रदेंखाक के सभी लोगों को खाना खिलाया जाता है जनाजा जाने के पहले अलग जगह पर खाना खाने का प्रोग्राम का इंतजाम किया जाता है सभी कब्रिस्तान से आ कर खाना खाते हैं ऐसा मत समझीये की जो हिन्दू धर्म में है वो किसी ओर धर्म में नहीं है सभी धर्मों में अपने अपने हिसाब की प्रथा है
तएरवइकआ मोजणं सही है भगवान मंचीद्र.नाथ ने डबल खाना खायला है . तो आप क्या नहीं खाना आखरी अनाज.अनाही है
आप खाते खाते बुढ़े हो गये। तेरहवीं का भोजन अगर उसके परिजनों को उसकी प्रोपर्टी और छोड़ें गये धन को स्वीकार भी नहीं करना चाहिए ।
Foolish thout
(नीति). मृत्यु भोज की तुलना ग्रंथों में तर्क संगत गिद्ध भोज से की संज्ञा से की गई है,
क्या पूर्वज धर्म ग्रन्थ नहीं पढ़े थे
Dada wala kis Vakya ka pura naam Uttar ka Itihaas
Khana bahuthi जरूर है
Tu नाही khayega Tera kon kayega?
Bhukhomarrahehainjopayengekhalenge
Guru ki shakal dikhao pehle
You are worng kha lena chaiye kyoki mritak ke gharvalo ko dhukh hota hai
टाईमपास जास्तच केला. ...
खाना चाहिए शुद्धि होती है
Sok me dube pariwar ke ghar khana sahi nahi lagta
Aap ko kuch malum hi nhi he. Aap ki bat ki koi pushti nhi hu he. Bekar Paisa kamane ke liye video banakar hamara time vest mat karo
Paka mat
Sidhi baat bol
शराब पिके आये हैक्या
तेरावी भोजन कयु आयोजन होता
? तेरहवीं का भोजन क्यु होता है = जो लोग बारहवां नहीं खाते हैं उनके लिए तेरहवीं का भोजन बनाया जाता है अब अधिकांश लोग तेरहवीं करते है संसार में रहना है तो कुछ अपने हिसाब का कुछ पुर्वजों के हिसाब का एव जात व समाज के हिसाब का आयोजन किया जाता है सब-कुछ अपनी अपनी सुविधानुसार एवं सामर्थ्य के अनुसार करने का कहां गया है लेकिन आज कल दिखावा ज्यादा हो गया है
Es baat kuch bhi tha bkvad he
Yes
Bhajan Karo bas socho mat
Murkh byakti trp ke liye bina sir pair ki bat karta hai
क्यों दुनिया को दुश्मन बन रहे हो
अंधारात ठेवून अंध विचार सोडा.
Tu..kata.pita..bada.aadmi..lagta hai.teragyan..tere pass.rakhe...sub.hendu.log..khayega.hi..sahi.galst.log.jane.tereko..yaha.nahi.gumna.chhea
Hinu dharm ke virudhh he kyo bakwas karate hai ,sabhi dharm me hota hai
Aapki video yah ekadam galat hai
Tere Marne p kon aayega ..?
Abe koun hai be tu😂😂
Kya bakwaas h
तुम बकवास कर रहे हो.
Useless subject, useless old story..
Bakvas 😂
Galat,he
Bakvaas
Seeda muddhe pe aiye na..itna ghuma ghuma ke time waste na kriye.. One should talk less amd pass on more information.. Ek hi point ko repeat muth kriye. .it becomes boring
Log apni Khushi ke liye kar rahe tere baap ka kya jata hai😮
वीडियो बना कर पागल मत बनाओ।
Terhavi ka bhoj kewal bhai ke liye hota hai