TYPES OF ELECTROMAGNETIC INDUCTION||विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के प्रकार |स्वप्रेरण और अन्योन्य प्रेरण|

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  • เผยแพร่เมื่อ 10 ต.ค. 2024
  • विद्युत चुंबकीय प्रेरण को मुख्य रूप से दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
    परस्पर प्रेरण (Mutual Induction): यह तब होता है जब एक कुण्डली में परिवर्तनीय चुंबकीय क्षेत्र निकटवर्ती दूसरी कुण्डली में EMF (विद्युतचालक बल) उत्पन्न करता है। प्राथमिक और द्वितीयक कुण्डली भौतिक रूप से जुड़ी नहीं होती हैं, लेकिन प्राथमिक कुण्डली द्वारा उत्पन्न परिवर्तनीय चुंबकीय क्षेत्र द्वितीयक कुण्डली में धारा उत्पन्न करता है। ट्रांसफार्मर इस सिद्धांत पर काम करते हैं।
    आत्म प्रेरण (Self-Induction): यह तब होता है जब एक ही कुण्डली के अंदर परिवर्तनीय चुंबकीय क्षेत्र स्वयं में EMF उत्पन्न करता है। यह एक एकल कुण्डली में होता है और इसके अपने चुंबकीय क्षेत्र का परिणाम होता है। विद्युत परिपथों में इन्डक्टर इस सिद्धांत का उपयोग कर धारा के परिवर्तनों का विरोध करते हैं।
    इन दोनों प्रकार के विद्युत चुंबकीय प्रेरण कई विद्युत उपकरणों जैसे ट्रांसफार्मर, इन्डक्टर और विभिन्न प्रकार के सेंसरों के संचालन के लिए मूलभूत होते हैं।
    परस्पर प्रेरण (Mutual Induction) के उदाहरण:
    ट्रांसफार्मर (Transformer): ट्रांसफार्मर परस्पर प्रेरण के सिद्धांत पर काम करते हैं। एक प्राथमिक कुण्डली में AC धारा प्रवाहित होती है, जिससे एक परिवर्तनीय चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है। यह चुंबकीय क्षेत्र द्वितीयक कुण्डली में EMF उत्पन्न करता है, जिससे दूसरी धारा प्रवाहित होती है।
    इलेक्ट्रिक जनरेटर (Electric Generator): कुछ जनरेटरों में परस्पर प्रेरण का उपयोग होता है जहाँ एक कुण्डली को चुंबकीय क्षेत्र में घुमाया जाता है, जिससे दूसरी कुण्डली में EMF उत्पन्न होता है।
    आत्म प्रेरण (Self-Induction) के उदाहरण:
    इन्डक्टर (Inductor): इन्डक्टर एक ऐसी कुण्डली होती है जो धारा के परिवर्तन का विरोध करती है। जब इसमें धारा बदलती है, तो खुद में एक EMF उत्पन्न होता है जो धारा के इस परिवर्तन का विरोध करता है।
    डायनमो (Dynamo): डायनमो में एक ही कुण्डली का उपयोग होता है, जो घुमाने पर खुद में EMF उत्पन्न करती है और यह धारा उत्पन्न करती है।

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