Dajyu par humare yha to dudhiya naarsingh devta ke jagar me Bhagwan vishnu ke narsingh avtar ki katha se jagayi jata hai baki inko humare yaha guru gorakhnath ke chele ke rup me bhi kaha hai inhe
@@Devdarshanyt जो नारसिंह है वो दोनों के अवतारी है। पहली बात जो नारसिंह है वो जोगी है नाथ जोगी और नाथ जोगी लोग तो दत्तात्रेय भगवान् जो त्रिदेव के रूप है उन्हे मानते है तो सेम नारसिंह जोगी भी इनकी आराधना करते थे अब हमारे सनातन धर्म मे मुक्ति या फिर मोक्ष का अर्थ होता है वैकुंठ धाम जाना जो भक्ति योग, कर्म योग और ज्ञान योग से जाया जा सकता है। हैना, तो वही नारसिंह तो वही जब इनकी मृत्यु हुई तब इन्हे मोक्ष मिला क्युकी जोगियों का एक ही काम रहता है वो है मोक्ष अब मोक्ष मे ये विष्णुलोक पहुँच गए जहाँ यह नारायण के दूत बन गए और महादेव के पास गए तो उनके भी दूत बन गए, इसीलिए बहुत सी कथाएँ है जिनसे दादू नारसिंह अवतार रखते है कई जगह तो दादू नारसिंह का आवाहन भक्त प्रह्लाद की कथा से की जाती है जिससे यह आदेश आदेश की वाणी से नाचते है अब सोचने की बात यही है की नाम स्मरण सब तो नारायण का लगा तो ये जोशीमठ का जोगी क्यों आया, इसका मतलब यही है कि हाँ यही नारायण के अंश है चाहे कोई भी कहानी हो हर कथा से एक ही देवता आयेंगे वो है दादू नारसिंह।
@@Devdarshanytजो नारसिंह है वो दोनों के अवतारी है। पहली बात जो नारसिंह है वो जोगी है नाथ जोगी और नाथ जोगी लोग तो दत्तात्रेय भगवान् जो त्रिदेव के रूप है उन्हे मानते है तो सेम नारसिंह जोगी भी इनकी आराधना करते थे अब हमारे सनातन धर्म मे मुक्ति या फिर मोक्ष का अर्थ होता है वैकुंठ धाम जाना जो भक्ति योग, कर्म योग और ज्ञान योग से जाया जा सकता है। हैना, तो वही नारसिंह तो वही जब इनकी मृत्यु हुई तब इन्हे मोक्ष मिला क्युकी जोगियों का एक ही काम रहता है वो है मोक्ष अब मोक्ष मे ये विष्णुलोक पहुँच गए जहाँ यह नारायण के दूत बन गए और महादेव के पास गए तो उनके भी दूत बन गए, इसीलिए बहुत सी कथाएँ है जिनसे दादू नारसिंह अवतार रखते है कई जगह तो दादू नारसिंह का आवाहन भक्त प्रह्लाद की कथा से की जाती है जिससे यह आदेश आदेश की वाणी से नाचते है अब सोचने की बात यही है की नाम स्मरण सब तो नारायण का लगा तो ये जोशीमठ का जोगी क्यों आया, इसका मतलब यही है कि हाँ यही नारायण के अंश है चाहे कोई भी कहानी हो हर कथा से एक ही देवता आयेंगे वो है दादू नारसिंह।
आपको किस देवता की कहानी सुननी है ???
भैरव नाथ❤
Narsing Devta me puja kese hote hai garhwal mai uske bare nai batana
Dajyu par humare yha to dudhiya naarsingh devta ke jagar me Bhagwan vishnu ke narsingh avtar ki katha se jagayi jata hai baki inko humare yaha guru gorakhnath ke chele ke rup me bhi kaha hai inhe
Narsingh or naarsingh alg alg hain naarsingh ke bhi alg alg avtar hain dudhiya naarsingh parchand veer , kachya, daundiya , khranda .
@@Devdarshanyt जो नारसिंह है वो दोनों के अवतारी है। पहली बात जो नारसिंह है वो जोगी है नाथ जोगी और नाथ जोगी लोग तो दत्तात्रेय भगवान् जो त्रिदेव के रूप है उन्हे मानते है तो सेम नारसिंह जोगी भी इनकी आराधना करते थे अब हमारे सनातन धर्म मे मुक्ति या फिर मोक्ष का अर्थ होता है वैकुंठ धाम जाना जो भक्ति योग, कर्म योग और ज्ञान योग से जाया जा सकता है। हैना, तो वही नारसिंह तो वही जब इनकी मृत्यु हुई तब इन्हे मोक्ष मिला क्युकी जोगियों का एक ही काम रहता है वो है मोक्ष अब मोक्ष मे ये विष्णुलोक पहुँच गए जहाँ यह नारायण के दूत बन गए और महादेव के पास गए तो उनके भी दूत बन गए, इसीलिए बहुत सी कथाएँ है जिनसे दादू नारसिंह अवतार रखते है कई जगह तो दादू नारसिंह का आवाहन भक्त प्रह्लाद की कथा से की जाती है जिससे यह आदेश आदेश की वाणी से नाचते है अब सोचने की बात यही है की नाम स्मरण सब तो नारायण का लगा तो ये जोशीमठ का जोगी क्यों आया, इसका मतलब यही है कि हाँ यही नारायण के अंश है चाहे कोई भी कहानी हो हर कथा से एक ही देवता आयेंगे वो है दादू नारसिंह।
@@Devdarshanytजो नारसिंह है वो दोनों के अवतारी है। पहली बात जो नारसिंह है वो जोगी है नाथ जोगी और नाथ जोगी लोग तो दत्तात्रेय भगवान् जो त्रिदेव के रूप है उन्हे मानते है तो सेम नारसिंह जोगी भी इनकी आराधना करते थे अब हमारे सनातन धर्म मे मुक्ति या फिर मोक्ष का अर्थ होता है वैकुंठ धाम जाना जो भक्ति योग, कर्म योग और ज्ञान योग से जाया जा सकता है। हैना, तो वही नारसिंह तो वही जब इनकी मृत्यु हुई तब इन्हे मोक्ष मिला क्युकी जोगियों का एक ही काम रहता है वो है मोक्ष अब मोक्ष मे ये विष्णुलोक पहुँच गए जहाँ यह नारायण के दूत बन गए और महादेव के पास गए तो उनके भी दूत बन गए, इसीलिए बहुत सी कथाएँ है जिनसे दादू नारसिंह अवतार रखते है कई जगह तो दादू नारसिंह का आवाहन भक्त प्रह्लाद की कथा से की जाती है जिससे यह आदेश आदेश की वाणी से नाचते है अब सोचने की बात यही है की नाम स्मरण सब तो नारायण का लगा तो ये जोशीमठ का जोगी क्यों आया, इसका मतलब यही है कि हाँ यही नारायण के अंश है चाहे कोई भी कहानी हो हर कथा से एक ही देवता आयेंगे वो है दादू नारसिंह।
आपको कोल करने का नम्बर दीजिए प्लीज
आप अपना नम्बर दे सकते हैं
क्यों ?
@@Devdarshanyt कुछ काम था