उत्तराखंड जागर में अवतरित होने वाले नरसिंह देवता विष्णु अवतारी नरसिंह देवता से कैसे अलग हैं ?

แชร์
ฝัง
  • เผยแพร่เมื่อ 22 ม.ค. 2025

ความคิดเห็น • 11

  • @Devdarshanyt
    @Devdarshanyt  ปีที่แล้ว +1

    आपको किस देवता की कहानी सुननी है ???

    • @anshuya96
      @anshuya96 ปีที่แล้ว

      भैरव नाथ❤

  • @devbhoomihimachalpradesh1665
    @devbhoomihimachalpradesh1665 ปีที่แล้ว

    Narsing Devta me puja kese hote hai garhwal mai uske bare nai batana

  • @Ankitrawat-q6t
    @Ankitrawat-q6t 5 หลายเดือนก่อน

    Dajyu par humare yha to dudhiya naarsingh devta ke jagar me Bhagwan vishnu ke narsingh avtar ki katha se jagayi jata hai baki inko humare yaha guru gorakhnath ke chele ke rup me bhi kaha hai inhe

    • @Devdarshanyt
      @Devdarshanyt  5 หลายเดือนก่อน

      Narsingh or naarsingh alg alg hain naarsingh ke bhi alg alg avtar hain dudhiya naarsingh parchand veer , kachya, daundiya , khranda .

    • @Ankitrawat-q6t
      @Ankitrawat-q6t หลายเดือนก่อน

      ​@@Devdarshanyt जो नारसिंह है वो दोनों के अवतारी है। पहली बात जो नारसिंह है वो जोगी है नाथ जोगी और नाथ जोगी लोग तो दत्तात्रेय भगवान् जो त्रिदेव के रूप है उन्हे मानते है तो सेम नारसिंह जोगी भी इनकी आराधना करते थे अब हमारे सनातन धर्म मे मुक्ति या फिर मोक्ष का अर्थ होता है वैकुंठ धाम जाना जो भक्ति योग, कर्म योग और ज्ञान योग से जाया जा सकता है। हैना, तो वही नारसिंह तो वही जब इनकी मृत्यु हुई तब इन्हे मोक्ष मिला क्युकी जोगियों का एक ही काम रहता है वो है मोक्ष अब मोक्ष मे ये विष्णुलोक पहुँच गए जहाँ यह नारायण के दूत बन गए और महादेव के पास गए तो उनके भी दूत बन गए, इसीलिए बहुत सी कथाएँ है जिनसे दादू नारसिंह अवतार रखते है कई जगह तो दादू नारसिंह का आवाहन भक्त प्रह्लाद की कथा से की जाती है जिससे यह आदेश आदेश की वाणी से नाचते है अब सोचने की बात यही है की नाम स्मरण सब तो नारायण का लगा तो ये जोशीमठ का जोगी क्यों आया, इसका मतलब यही है कि हाँ यही नारायण के अंश है चाहे कोई भी कहानी हो हर कथा से एक ही देवता आयेंगे वो है दादू नारसिंह।

    • @Ankitrawat-q6t
      @Ankitrawat-q6t หลายเดือนก่อน

      ​@@Devdarshanytजो नारसिंह है वो दोनों के अवतारी है। पहली बात जो नारसिंह है वो जोगी है नाथ जोगी और नाथ जोगी लोग तो दत्तात्रेय भगवान् जो त्रिदेव के रूप है उन्हे मानते है तो सेम नारसिंह जोगी भी इनकी आराधना करते थे अब हमारे सनातन धर्म मे मुक्ति या फिर मोक्ष का अर्थ होता है वैकुंठ धाम जाना जो भक्ति योग, कर्म योग और ज्ञान योग से जाया जा सकता है। हैना, तो वही नारसिंह तो वही जब इनकी मृत्यु हुई तब इन्हे मोक्ष मिला क्युकी जोगियों का एक ही काम रहता है वो है मोक्ष अब मोक्ष मे ये विष्णुलोक पहुँच गए जहाँ यह नारायण के दूत बन गए और महादेव के पास गए तो उनके भी दूत बन गए, इसीलिए बहुत सी कथाएँ है जिनसे दादू नारसिंह अवतार रखते है कई जगह तो दादू नारसिंह का आवाहन भक्त प्रह्लाद की कथा से की जाती है जिससे यह आदेश आदेश की वाणी से नाचते है अब सोचने की बात यही है की नाम स्मरण सब तो नारायण का लगा तो ये जोशीमठ का जोगी क्यों आया, इसका मतलब यही है कि हाँ यही नारायण के अंश है चाहे कोई भी कहानी हो हर कथा से एक ही देवता आयेंगे वो है दादू नारसिंह।

  • @coolbro6274
    @coolbro6274 11 หลายเดือนก่อน

    आपको कोल करने का नम्बर दीजिए प्लीज

  • @aacharykamalpurohit9125
    @aacharykamalpurohit9125 ปีที่แล้ว

    आप अपना नम्बर दे सकते हैं