21/12/2024 को चितरंजन उरावं के घर छत्तीसगढ़ से पूजा करने आये | क्यों ?

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  • เผยแพร่เมื่อ 22 ธ.ค. 2024

ความคิดเห็น •

  • @BIRENDRLAKRA
    @BIRENDRLAKRA 17 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

    ♥️जय धर्मेश 🌹🙏🌺 बाबा छत्तीसगढ़ ता आयो बाबा रीन बहुत बहुत धन्यवाद 🎉🎉🎉 निग्हैं चरन नू काना ही👌 जय सरना आयो 🙏🌳🇦🇹🇦🇹🇦🇹💐💐💐💐

  • @padamuraw5759
    @padamuraw5759 5 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

    ❤❤❤❤❤❤❤

  • @PinkiOraon-h2r
    @PinkiOraon-h2r 19 ชั่วโมงที่ผ่านมา +2

    21 Tarik ko Dharm Guru chitranjan baba or karam baba ka sakti Asthan me 4 kona se bahut dur dur se aaye hai bishwasi Aayo baba sb Jay Dharm 🙏 Jay karam baba 🌳 Jay chitranjan baba 🙏

  • @binitaoraon123
    @binitaoraon123 8 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

    Bahut achha hai Jai sarna maa Jai dharmesh 🙏 Jai karm baba chitranjan baba

  • @Bablu.Øraon-dx1eb1lq3n
    @Bablu.Øraon-dx1eb1lq3n 18 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

    Bahut hi dav dav laga Jay sarna maa Jay karm baba Jay dharmesh 🌳🇦🇹🌸🙏🌳

  • @Klakra-x7c
    @Klakra-x7c 4 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    👌👌🌳🙏

  • @sanjutoppo8728
    @sanjutoppo8728 17 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

    धरम तो अपना घर गाँव में भी किया जा सकता है पढ़ाई लिखाई और काम बिजनेस स्कूल कालेजों मे जाय इसके लिए चितरंजन उरांव कुछ नही कर सकते हैं जितना भड़ा मे पैसा खर्च हमलोग करेंगे उतना में किताब कोपी फिस मे सहायता हो जयगी सिर्फ ये लोग अपना नाम कमा सकते हैं

    • @Oraon1231
      @Oraon1231 10 ชั่วโมงที่ผ่านมา

      मूर्ख, महामूर्ख, धूर्त महाधूर्त हो तुम। याद रखना सरना मां तुम्हे भयानक सजा देने वाली है।

    • @Klakra-x7c
      @Klakra-x7c 4 ชั่วโมงที่ผ่านมา

      🙏 टोप्पो sr, धर्म निश्चय अपने दिल में, अपना घर में है। लेकिन अपनी पहचान , संगति के लिए यह जरूरी है। एक ही व्यक्ति हर काम नहीं कर सकता है। इसके लिए हम आप और भी लोग हैं आईये आगे बढ़े।,,🙏 क्या, आप चितरंजन उरांव के संबंध में पूरे जानकारी रखते हैं,।
      अभी समाज अपनी पहचान बन रही है!शिक्षा में भी अपनी पहचान बनेगी । निश्चय आगे बढ़ेंगे,,,🙏

    • @suka56oraon76
      @suka56oraon76 3 ชั่วโมงที่ผ่านมา

      भाई कुएं के मेंढक की तरह टर्राने से कुछ नहीं होगा। आप जैसे लोग ही समाज के विकास में बाधा बनते हो, क्या कहूं आपको कभी दूसरे समाज के साथ अपने समाज को सामने रख कर देखो। चितरंजन दादा ने एक सामाजिक जिम्मेदारी लेते हुए कम से कम हमारे धर्म के नाम से बिखरे टूटे हुए समाज में एकजुटता लाने का तो काम कर रहे हैं,आप भी कुछ ऐसा ही कर के शिक्षा के क्षेत्र में युवाओं को एकजुटता के साथ आगे बढ़ने को प्रेरित करो। सौ हजार नहीं बस कुछ ही लोगों को आप ऐसा करो फिर समझ में आएगा कि समाज को समेटना, उन्हें जागरूक करना, अपने सभ्यता संस्कृति को बचाना कितना बड़ा जिम्मेदारी होती है? बिना सोचे समझे नाम कमाने के लिए ऐसा किया जा रहा है कहना आपकी ओछी मानसिकता को दर्शाती है।