प्रवृति-निवृति-शरणागति द्वारा चिरविश्राम 14(ब) - Swami Sri Sharnanand Ji Maharaj

แชร์
ฝัง
  • เผยแพร่เมื่อ 27 ธ.ค. 2024

ความคิดเห็น •

  • @LadleeShreeRadhey
    @LadleeShreeRadhey 9 หลายเดือนก่อน +1

    कोटि कोटि नमन् गुरुदेव भगवान के श्री चरणों में🌷

  • @rajendrachoukseykaise531
    @rajendrachoukseykaise531 ปีที่แล้ว

    जय श्रीराम

  • @saursigd
    @saursigd 3 ปีที่แล้ว

    ज्ञान कि सुक्ष्मता ओर विवेक कि प्रधानता से भरे अद्भुत प्रवचन !

  • @satyambhagat9684
    @satyambhagat9684 4 ปีที่แล้ว

    adbhut bilkhan prawcan

  • @santoshmishra1506
    @santoshmishra1506 4 ปีที่แล้ว +1

    Swami ji ko naman🌹🙏🏻

  • @ashutoshkrishn6928
    @ashutoshkrishn6928 6 ปีที่แล้ว

    स्वामी जी को शत शत कोटि नमन

  • @bhartishah5387
    @bhartishah5387 3 ปีที่แล้ว

    🙏🙏🙏🙏

  • @satsangpardeeparora96
    @satsangpardeeparora96 11 หลายเดือนก่อน

    🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹

  • @neetunehra5148
    @neetunehra5148 4 ปีที่แล้ว

    Nice

  • @gopalparivrajak4117
    @gopalparivrajak4117 6 ปีที่แล้ว

    Vandan dhanyvad

  • @ajaypathak8338
    @ajaypathak8338 3 ปีที่แล้ว

    हरि शरणम

  • @santokakhazana-swamisharna8950
    @santokakhazana-swamisharna8950 ปีที่แล้ว

    शरणानंदजी की बात गीता की बात हैं। भगवान के शरणागत होने से शरणानंदजी में ज्ञान का प्रवाह आ गया! उनकी वाणी में स्वतः गीता का तत्व उतर आया! उनकी बातों से गीता का अर्थ खुलता हैं। उनकी बातें बड़ी मार्मिक और गहरी हैं। वे जो बातें कहते हैं, वे छहों दर्शनों में नहीं मिलती। केवल गीता और भागवत के दशम स्कन्ध में मिलती हैं। पर वे भी पहले नहीं दिखती। *जब शरणानंदजी की बातें पढ़ लेते हैं, तब वे गीता और भागवत में भी दिखने लगती हैं।* वे सीधे मूल को पकड़ते हैं, सीधे कलेजा पकड़ते हैं! मैं भी उन्हीं के भावों का ही प्रचार करता हूँ। *-रामसुखदासजी*
    please✝️visit🕉️free☪️website
    *www.swamisharnanandji.org* 📚