वचन 53,स्वामीजी के वचनों से छेड़छाड़ करके ये कहना कि जिसने एक बार गुरु किया फिर जरूरत नहीं गलत है(SD
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- เผยแพร่เมื่อ 16 ก.ย. 2024
- बाबूजी महाराज भाग 4,वचन 53,स्वामीजी वचनों से छेड़ छाड़ करके ये कहना कि जिसने एक बार गुरु किया फिर जरूरत नहीं गलत है, लाला सुदर्शन सेठ की चिट्ठी में सब लिखा हुआ है।
जिसने एक बार गुरु किया और उसका अन्तर में कुछ भी खुला नहीं है तो उसे जो गुरु के बनाए हुए गुरु हों उनको उसी तरह से माने जैसे पहले गुरु को मानता था।
पहले गुरु दूसरे गुरु में कैसे आ समाते हैं वचन सुनिए।।
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