Namo Buddha 🙏🏻Namo Dharma🌷Namo Arya Maha Sangha 🪔 May all beings practice dana, generosity and loving kindness and cultivate merit to realise Nibbana 🙏🏻
HAMARE ANDAR KOI AATMA YA ROOH NAHI HAI HAM SAB EK ATI ADHUNIK PRAKRATIK YANTRA HAI JO APNA JIWAN FOOD ( ENERGY ) KHUD TALASH KARTE HAI AUR CHALTE FIRTE HAI AGAR HAM ACHHA FOOD LETE HAI TO KUCHH SAAL JYADA CHAL FIR. SAKTE HAI AUR AGAR HAM 4 DIN FOOD LENA BAND KAR DE TO YE YANTRA JAWAB DENE LAGTA HAI AUR BILKUL HI LENA BAND KAR DE TO YE YANTRA KAM KARNA HI CHHOD DETA HAI HAMARA CHALNA FIRNA UDHAR ( FOOD ENERGY ) KA HAI
अब समज में आ गया की आत्मा जैसा कुछ नहीं है जिसे लोग आत्मा समज रहे हैं वह विज्ञान है और विज्ञान निरंतर बदलता रहता है इसलिये उस को आत्मा नहिं माना जा सकता है
Excellent sir...but Mera sawal ye Hai ki nirvana kisko milta Hai? Iss awastha ko Kaun experience karta Hai? Out of body experience kya hota Hai? Pls throw light on this topic sir🙏
Learn about pratityasamutpad and 5 skandhas. ( You can watch this from playlist / check playlist ) Then watch latest video that will be premiered tomorrow.
Lord buddha once mentioned a turtle metaphor when a coyote came and tried to eat the turtle but was unable could you please provide more info on that🙏🙏
@@BUDDHATheWayOfLivingwhen Lord buddha was giving a example of turtle retracing into his shell that is signified as retracing one's senses from world do you know any sutra Or sutta that is relating to that🙏
जब में सोता हू तो कई बार सपने देखता हू मेरा शरीर पड़ा होता हे तब भी में बिना शरीर के हर आभास का आनंद लेता हूं। ऐसा ही मे मरने के बाद जीवित रहूंगा, में शरीर नही आत्मा हू
Q 1=क्या निर्वाण पाया हुआ व्यक्ति जब मरता है तो उसका अस्तित्व समाप्त हो जाता हैं या वो किसी और रूप में सदा के लिए एकरस जैसा रहता है ।या किसी शाश्वत लोक में सदा के लिए चले जाते है जहां कोई दुख नहीं है। Q 2=क्या जिसे साइंस मृत्यु कहता है(अर्थात् मरने के बाद कोई जीवन नहीं है ऐसा कहता है)उसे ही बुद्ध धर्म में परिनिर्वाण/महापरिनिर्वाण कह सकते है या कहा जाता है। कृपया मेरा ये भ्रम दूर करने का प्रयास करे । Please reply
१.निर्वाण प्राप्त व्यक्ति , जिस कारण से बार बार जन्म ले रहा था , निर्वाण के बाद उसका वो कारण ही नही रहने से , वो व्यक्ति भी अब नही रहेगा , मृत्यु के बाद । २. मृत्यु परी निर्वाण नही है । जब मृत्यु के बाद फिर से जन्म ही न हो और दुख चक्र अंत हो जाए । वो परी निर्वाण है ।
@BUDDHATheWayOfLiving मेरा कहने का अर्थ ये है कि यदि पुनर्जन्म हो सकता है सही न हो जैसा कि साइंस कहता है तब तो साइंस के अनुसार मृत्यु ही बुद्ध के अनुसार निर्वाण हुआ । कृपया बताए
भगवान बुद्ध ने बताया हुआ निर्वाण / परी निर्वाण , पुनर्जन्म के उपर ही आधारित है । बिना पुनर्जन्म के वह मोजूद नही । परी निर्वाण की व्याख्या ही rebirth concept से बनी हुई है । Science के तुमाबिक , फिर मृत्यु को मृत्यु ही कहना उचित है । क्युकी सभी शब्द की अपनी एक व्याख्या होती है ।
@@BUDDHATheWayOfLiving हमने आपके निर्वाण पर के वीडियो और उसके अतिरिक्त भी आपके वीडियो देखे है लेकिन सब समझ में आया बस निर्वाण प्राप्त हुए व्यक्ति का मृत्यु के बाद क्या होगा यही क्लियर नहीं है। जो आपने parinirvan की व्याख्या की है यदि ये व्याख्या सही है तब तो मेरे अनुसार कोई भी व्यक्ति ऐसे दार्शनिक विचार को नहीं मानेगा। मेरा भी भिक्षु बनने की इच्छा थी लेकिन अब नहीं।
@anmolmaurya8543 लाखो लोग इस धम्म के श्रद्धा रखते है , और निर्वाण के लिए प्रयत्न रत है ।😊 आप ने अभी , प्रथम आर्य सत्य , दुख को सही से अनुभव नहीं किया है । Existence is suffering because of impermanence. यह जब आप समझ जाओगे तब निर्वाण की प्यास बढ़ जाएगी ।
Nibbana matlab Amar hota he. Samadhi ke baad paap Kaya se mukt ho gaye aur bodhisatva Kaya praapt karte hein. Yeh Saddharmapundarika Sutra mein likha hua he
@@BUDDHATheWayOfLiving पहले वाले वीडियो भी देखें हैं। परंतु वहां भी जबाब नहीं मिला कि पुनर्जन्म किसका होता है। पुनर्जन्म क्यों होता है कैसे होता है वही बताया गया है।किसका होता है नहीं बताया गया है। संस्कार कौन धारण करता है? अविद्या किसे होती है।किसके कारण सब जाना जाता है। कौन है जानने वाला। सारी इंद्रियां शरीर के साथ नष्ट हो जाती हैं। फिर कौन है जो दूसरे शरीर को धारण करता है। अगर एक के बाद दूसरे शरीर धारण किए जा रहे हैं तो कोई तो है जो एक शरीर से दूसरे शरीर में जाता है। कृपया समझा कर बतायें।
@@karnveersingh5748तुम जो हो इसके भाग के रूप मे, मन उत्पन्न होता है, उसी मन में आदते होती है छाप होती है, इस जीवन के संस्कार होते है उसकी छाप होती है, जब तक वह रहेगा तब तक, किसी न किसी शरीर में वह संस्कार छाप, मन के आदतो की छाप उत्पन्न होती है,( जैसे south indian हिन्दी बोलता है तो उसकी छाप होती है , अगर वह अच्छे से बोले तो, कभी वह परिवेश में न जाए तो वह छाप चली जाती है, और उसको उस भाषा की भी जरूरत नहीं रहती) जब यह प्रकृति जन्य शरीर वाला मन सारी आदतें और संस्कार से मुक्त हो जाता है, तब उसको किसी भी प्रकार का अवलंबन की जरूरत समाप्त हो जाती है, उस छाप मन आदतों का विसर्जन हो जाता है,, अब आप बताए, सारे अवलंबनो का निर्वाण कहोगे या मन छाप या आदतो संस्कार का निर्वाण, आप नक्की करे
Bhaiya Aapke sawal ka jawab hai " "chitt" jise hum man Ya consciousness bhi kehte hai Wo 4 tatva se Milta hai.. Parantu Chitt jo hai wo bina Sharir ke separate exist nahi kar sakta wo Sharir ke sath hi utpanna hoga aur nashta bhi... Aur Chitt separate nahi rehta isiliye Usey "Aatma" nahi kehte uska separate existence nahi hota aur chitt Amar nahi hai ANITYA hai, Utpanna hona aur nashta hona. @@karnveersingh5748
@@karnveersingh5748 बिल्कुल भाई, मुझे भी बुद्धिस्ट फिलॉसफी की सारी बाते संगत लगती है, पर आपके इस प्रश्न का उत्तर किसी भी तरह से कोई समझाने का भी प्रयास नही करता है 😒
@@BUDDHATheWayOfLiving jab koi bhi permanent entity nahi h according Buddhist jab kisi bhikshu ko nirvan milega wo chhanik hi hoga us dubara janm lena padega
Galat, aatma ke dhatu Hai Jo Ki kisi jeev ke Marne ke baad EK volleyball Ki tarah EK sharir ke dusre Mai jump karti rehti Hai. Jabki nirvana EK unconditioned state Hai jaha pe Jane wala Kabhi wapas Nahi Aata. Ye state har god, devas, beings ke beyond Hai. Yaha tak Ki parmatma, duratma, Allah, Jesus wagera BHI yaha tak Nahi pahuch paye kyunki ye sare sirf Naam Hai aur kuch Nahi.
@@Education_purpose87Tu samjha nhi jaisa maina ke diya mai aag lagai aur usse bhuja diya lekin ussi time maina dubara ussi jagay mai aag lagayi iska matlab hua ki uska recarnation ho gaya
@@Education_purpose87 aapna sharir mai 5 element hota hai maarna ke baad vo 5 element mil jaata hai ussi s tree ughte hai usse recarnation kaha gaya hai kisi insaan ka punarjanm ye nhi kaha gaya hai energy ek jagah s dusra jagah transfer hoti hai aatma concept bilkul galat hai
Video समझने के लिए यह playlist देखना आवश्यक है ।
th-cam.com/play/PLY_xktq1aYH7n7DHbgQXKv4U3D3WN-h5X.html&si=BapOfs2oZvosM2jr
NAMO BUDHHAYA 🙏🏻🪷🕊️☸️
Namo Buddhay. Jai Bheem.
Sabka ye jeevan purn roop se safal ho, sabhi ko Parinirvaan prapt ho aur janm maran se hamesha ke liye sabhi ko mukti mile.
Sadhu...sadhu.....sadhu...🪷☸️🙏🏻
Good...best editing with explanation....thank you brother......! Namo huddhaya...!🙏🪷☸️
I really want this channel to grow in millions
You're doing a great job
Namo Buddhay 🙏
Namo budhhay mitra 🙏🏻🪷😊
Dhanyavad 🙏🏻
Sadhu sadhu sadhu 🌷🌻🌷🙏🙏🙏
Namo Buddha 🙏🏻Namo Dharma🌷Namo Arya Maha Sangha 🪔 May all beings practice dana, generosity and loving kindness and cultivate merit to realise Nibbana 🙏🏻
@@parthapratimdas9865 🙏🏻☸️🪷 Sadhu sadhu sadhu 🙏🏻🪷☸️
Sabhi ka mangal ho 🙏🏻🪷
Dhanyavad mitra 🙏🏻🪷
Namo Buddhay
Bahut hi saral tarike se samjhaya
Bahot satik bataye. Mangal hotu. 🌷namo buddhay 🙏
Aap ki channel bahut age bhadhe.....❤❤❤❤❤❤
True way
And appreciate all pictures✨🙏❤
Me isi topic ka intezar kar raha tha
HAMARE ANDAR KOI AATMA YA ROOH NAHI HAI
HAM SAB EK ATI ADHUNIK PRAKRATIK YANTRA HAI JO APNA JIWAN FOOD ( ENERGY ) KHUD TALASH KARTE HAI AUR CHALTE FIRTE HAI
AGAR HAM ACHHA FOOD LETE HAI TO KUCHH SAAL JYADA CHAL FIR. SAKTE HAI
AUR AGAR HAM 4 DIN FOOD LENA BAND KAR DE TO YE YANTRA JAWAB DENE LAGTA HAI
AUR BILKUL HI LENA BAND KAR DE TO YE YANTRA KAM KARNA HI CHHOD DETA HAI
HAMARA CHALNA FIRNA UDHAR ( FOOD ENERGY ) KA HAI
आप ने बिल्कुल सटीक तरीके से समजाया है आप का धन्यवाद नमो बुद्धाय
Nice video bhante ji 🥀🌻🙏
Sadhu sadhu sadhu ♥️🙏💐
Namo buddhay
Bhagwan Buddha maharaj ji is international sadguru ji 🙏🙏 avtaar 😢❤❤🎉🎉
namobuddha
नमोबुध्दाय... 🙏🏻
अब समज में आ गया की आत्मा जैसा कुछ नहीं है जिसे लोग आत्मा समज रहे हैं वह विज्ञान है और विज्ञान निरंतर बदलता रहता है इसलिये उस को आत्मा नहिं माना जा सकता है
🌷 Namo buddhay 🌹
Thanks for this video
Next video kis topic pr aayega?
Namo buddhay 🙏🙏☸️☸️🥰🥰🤗♥️💚💙
I am waiting
❤❤
Kab chalega bhai
Nirvan.....end of life. No birth or death again. It is forever...permanent. Aap ise jo kahen. Jo paida hua mregahi.
सर DD बुद्ध या DD सिद्धार्थ नामक चैनल लॉन्च कराए।
Excellent sir...but Mera sawal ye Hai ki nirvana kisko milta Hai? Iss awastha ko Kaun experience karta Hai? Out of body experience kya hota Hai? Pls throw light on this topic sir🙏
Learn about pratityasamutpad and 5 skandhas. ( You can watch this from playlist / check playlist ) Then watch latest video that will be premiered tomorrow.
Lord buddha once mentioned a turtle metaphor when a coyote came and tried to eat the turtle but was unable could you please provide more info on that🙏🙏
Sorry i don't know.
@@BUDDHATheWayOfLivingwhen Lord buddha was giving a example of turtle retracing into his shell that is signified as retracing one's senses from world do you know any sutra Or sutta that is relating to that🙏
Jay bhim namo buddhay
बुद्ध से गृणा करने वाले सवाल करते है की
अगर सब कुछ नश्वर है अनित्य है तो बुद्धत्व,और निर्वाण नित्य कैसे?
जब में सोता हू तो कई बार सपने देखता हू मेरा शरीर पड़ा होता हे तब भी में बिना शरीर के हर आभास का आनंद लेता हूं। ऐसा ही मे मरने के बाद जीवित रहूंगा, में शरीर नही आत्मा हू
Will there be part 2 of this title brother?
Yes brother
Waiting for this
Q 1=क्या निर्वाण पाया हुआ व्यक्ति जब मरता है तो उसका अस्तित्व समाप्त हो जाता हैं या वो किसी और रूप में सदा के लिए एकरस जैसा रहता है ।या किसी शाश्वत लोक में सदा के लिए चले जाते है जहां कोई दुख नहीं है।
Q 2=क्या जिसे साइंस मृत्यु कहता है(अर्थात् मरने के बाद कोई जीवन नहीं है ऐसा कहता है)उसे ही बुद्ध धर्म में परिनिर्वाण/महापरिनिर्वाण कह सकते है या कहा जाता है।
कृपया मेरा ये भ्रम दूर करने का प्रयास करे ।
Please reply
१.निर्वाण प्राप्त व्यक्ति , जिस कारण से बार बार जन्म ले रहा था , निर्वाण के बाद उसका वो कारण ही नही रहने से , वो व्यक्ति भी अब नही रहेगा , मृत्यु के बाद ।
२. मृत्यु परी निर्वाण नही है ।
जब मृत्यु के बाद फिर से जन्म ही न हो और दुख चक्र अंत हो जाए । वो परी निर्वाण है ।
@BUDDHATheWayOfLiving
मेरा कहने का अर्थ ये है कि यदि पुनर्जन्म हो सकता है सही न हो जैसा कि साइंस कहता है तब तो साइंस के अनुसार मृत्यु ही बुद्ध के अनुसार निर्वाण हुआ । कृपया बताए
भगवान बुद्ध ने बताया हुआ
निर्वाण / परी निर्वाण , पुनर्जन्म के उपर ही आधारित है । बिना पुनर्जन्म के वह मोजूद नही । परी निर्वाण की व्याख्या ही rebirth concept से बनी हुई है ।
Science के तुमाबिक , फिर मृत्यु को मृत्यु ही कहना उचित है ।
क्युकी सभी शब्द की अपनी एक व्याख्या होती है ।
@@BUDDHATheWayOfLiving
हमने आपके निर्वाण पर के वीडियो और उसके अतिरिक्त भी आपके वीडियो देखे है लेकिन सब समझ में आया बस निर्वाण प्राप्त हुए व्यक्ति का मृत्यु के बाद क्या होगा यही क्लियर नहीं है।
जो आपने parinirvan की व्याख्या की है यदि ये व्याख्या सही है तब तो मेरे अनुसार कोई भी व्यक्ति ऐसे दार्शनिक विचार को नहीं मानेगा।
मेरा भी भिक्षु बनने की इच्छा थी लेकिन अब नहीं।
@anmolmaurya8543 लाखो लोग इस धम्म के श्रद्धा रखते है , और निर्वाण के लिए प्रयत्न रत है ।😊
आप ने अभी , प्रथम आर्य सत्य , दुख को सही से अनुभव नहीं किया है । Existence is suffering because of impermanence.
यह जब आप समझ जाओगे तब निर्वाण की प्यास बढ़ जाएगी ।
Nirwan ke bad kya hota h kya uska अस्तित्व hamesha ke liye khatam ho jata h ya koi aur लोक me uska janm hota h aakhir uska hota kya h
Nibbana matlab Amar hota he.
Samadhi ke baad paap Kaya se mukt ho gaye aur bodhisatva Kaya praapt karte hein.
Yeh Saddharmapundarika Sutra mein likha hua he
प्रश्न का उत्तर नहीं दिया है कि निर्वाण होता किसका है।
अभी तो आपने यह बताया कि निर्वाण कैसे होता है।यह नहीं बताया कि किसका होता है।
इसीलिए पहले ही बताया गया है की ३ वीडियो देखने होगे पहले । जहा समझ सके की सच मे हम है क्या !
@@BUDDHATheWayOfLiving पहले वाले वीडियो भी देखें हैं।
परंतु वहां भी जबाब नहीं मिला कि पुनर्जन्म किसका होता है।
पुनर्जन्म क्यों होता है कैसे होता है वही बताया गया है।किसका होता है नहीं बताया गया है।
संस्कार कौन धारण करता है?
अविद्या किसे होती है।किसके कारण सब जाना जाता है। कौन है जानने वाला।
सारी इंद्रियां शरीर के साथ नष्ट हो जाती हैं। फिर कौन है जो दूसरे शरीर को धारण करता है। अगर एक के बाद दूसरे शरीर धारण किए जा रहे हैं तो कोई तो है जो एक शरीर से दूसरे शरीर में जाता है।
कृपया समझा कर बतायें।
@@karnveersingh5748तुम जो हो इसके भाग के रूप मे, मन उत्पन्न होता है, उसी मन में आदते होती है छाप होती है, इस जीवन के संस्कार होते है उसकी छाप होती है, जब तक वह रहेगा तब तक, किसी न किसी शरीर में वह संस्कार छाप, मन के आदतो की छाप उत्पन्न होती है,( जैसे south indian हिन्दी बोलता है तो उसकी छाप होती है , अगर वह अच्छे से बोले तो, कभी वह परिवेश में न जाए तो वह छाप चली जाती है, और उसको उस भाषा की भी जरूरत नहीं रहती) जब यह प्रकृति जन्य शरीर वाला मन सारी आदतें और संस्कार से मुक्त हो जाता है, तब उसको किसी भी प्रकार का अवलंबन की जरूरत समाप्त हो जाती है, उस छाप मन आदतों का विसर्जन हो जाता है,, अब आप बताए, सारे अवलंबनो का निर्वाण कहोगे या मन छाप या आदतो संस्कार का निर्वाण, आप नक्की करे
Bhaiya Aapke sawal ka jawab hai " "chitt" jise hum man Ya consciousness bhi kehte hai Wo 4 tatva se Milta hai..
Parantu Chitt jo hai wo bina Sharir ke separate exist nahi kar sakta wo Sharir ke sath hi utpanna hoga aur nashta bhi... Aur Chitt separate nahi rehta isiliye Usey "Aatma" nahi kehte uska separate existence nahi hota aur chitt Amar nahi hai ANITYA hai, Utpanna hona aur nashta hona.
@@karnveersingh5748
@@karnveersingh5748 बिल्कुल भाई, मुझे भी बुद्धिस्ट फिलॉसफी की सारी बाते संगत लगती है, पर आपके इस प्रश्न का उत्तर किसी भी तरह से कोई समझाने का भी प्रयास नही करता है 😒
Nirvan chhanik h fir nirvan Milne ka kya paida
Jab budha ka nirvan bhi chhanik h or budha punarjanm Mai abhi bhi fase hue h
निर्वाण क्षणिक कैसे है ?
कारण बताइए ।
@@BUDDHATheWayOfLiving jab koi bhi permanent entity nahi h according Buddhist jab kisi bhikshu ko nirvan milega wo chhanik hi hoga us dubara janm lena padega
I think , you don't have knowledge about Nirvana concept and pratityasamutpad.
@@BUDDHATheWayOfLiving what is the chhanik bad?
Pls explain
आत्मा का निर्वाण कैसे होता है, यह भी एक प्रश्न हो सकता है ना..😂
Aatma hogi tab na nirvana hoga Bhai?
Isliye to anatta(no self) ka Satya samajhne Ki bahut jarurat Hai logo.ko.
Atma hai bhi ya nhi ye to pta kar Bhai kisi ne bta Diya aur tumne man liya ye galat hai khud thoda koshish to Karo ya sab kuch free me chahiye
Body disease ho sakti hai, mind mai disease ho sakti hai body aur mind se upar kuch hai jisko disease nahi hota wahi atma hai
Galat, aatma ke dhatu Hai Jo Ki kisi jeev ke Marne ke baad EK volleyball Ki tarah EK sharir ke dusre Mai jump karti rehti Hai.
Jabki nirvana EK unconditioned state Hai jaha pe Jane wala Kabhi wapas Nahi Aata.
Ye state har god, devas, beings ke beyond Hai. Yaha tak Ki parmatma, duratma, Allah, Jesus wagera BHI yaha tak Nahi pahuch paye kyunki ye sare sirf Naam Hai aur kuch Nahi.
@@Manoj-vp5in atma energy hai jo move kar sakta ek body se dusra body.
@@Education_purpose87Tu samjha nhi jaisa maina ke diya mai aag lagai aur usse bhuja diya lekin ussi time maina dubara ussi jagay mai aag lagayi iska matlab hua ki uska recarnation ho gaya
@@Buddha-v3t non living or living mai kuch difference hai ki nahi? Agar aag lagana or bujhana jitna asan hota jiwan to phir koi marta hi nahi
@@Education_purpose87 aapna sharir mai 5 element hota hai maarna ke baad vo 5 element mil jaata hai ussi s tree ughte hai usse recarnation kaha gaya hai kisi insaan ka punarjanm ye nhi kaha gaya hai energy ek jagah s dusra jagah transfer hoti hai aatma concept bilkul galat hai
please react on #sanatansamiksha ye log buddhism to zuta or apaman rup se dikhate he
❤