Isliy dikkat hai ki apni upasthiti kisi aur se lagvate hain aur khud Ghar baithate hain maine khud dekha hai apni 4 time ki training mein aur alag alag school mein isliy inhe dikkat ho rhi hai
@@Mr.Atypical ये बाताओ अब तक कितने बच्चों को पढ़ाये हो और कितने उसमे फर्स्ट डिवीज़न में सरकारी स्कूल में तुम्हारी पढ़ाई से पास हुए हैं अगर बच्चा पास हो रहा है उसका ऑनलाइन असेसमेंट हर सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बचे का किसी अलग विभाग से ऑनलाइन असेसमेंट होना चाहिए की पढ़ाने वाले टीचर की पढ़ाई से बच्चे को कुछ आ भी रहा है या नहीं अगर नहीं तो उस टीचर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर देना चाहिए अगर परफॉरमेंस नहीं तो सैलरी नहीं
@@chinkythapa1250 @chinkythapa1250 sarkari school ke bachhe ka hi kyon har school ke bachhe ka assessment hona chahiye. सरकारी स्कूल में पढ़ने वाला बच्चा घर पर किताब खोलकर नहीं देखता है मां बाप को पढ़ाई से कोई मतलब नहीं होता । अधिकतर का बाप दारू पीकर पड़ा रहता है ।मां मजदूरी करती है फिर भी वह बच्चा मेंटल एबिलिटी में प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले 80 परसेंट बच्चों के ही बराबर है ।प्राइवेट स्कूल में भी 40 -50 के सेक्शन में चार-पांच ही अच्छे होते हैं बाकी सब मीडियम व बेकार ही होते हैं ।प्राइवेट स्कूल वाले भी 50 में से 50 को एक्सीलेंट क्यों नहीं बना पाते ।प्राइवेट स्कूल की नस-नस का पता है । प्राइवेट स्कूल मे 30 000 की सैलरी मे पढाया है वहा बच्चा ₹5000 महीना फीस देकर उसी टीचर से पढ़ने के लिए मरा रहता है और जब उसका सरकारी में हो जाता है तो फ्री में भी नहीं आता ।यह बस मेंटालिटी का खेल है । बच्चों प्राइवेट स्कूल में प्ले नर्सरी जैसी 4 क्लास पढ़ कर फर्स्ट में जाता है जबकि सरकारी में सीधा फर्स्ट में ,बच्चों का घर पर कोई पढ़ाई से मतलब नहीं ,10 में 2 सबसे बेकार बुद्धि वाला बच्चा सरकारी में आता है जरा से भी अच्छे को तो प्राइवेट में भेज देते हैं ।है फिर भी मैं दावे से कह सकता हूं की सरकारी स्कूल का 80% बच्चा प्राइवेट स्कूल के 80% साधारण बच्चों के ही बराबर है ।जबकि प्राइवेट स्कूल वाला बच्चा सेम क्लास में 3 से 4 साल उम्र में बड़ा होगा नर्सरी प्ले केजी यूकेजी की वजह से ज्यादा समझदार होगा ।यह तुम अपने आप भी ऑब्जर्व कर सकते हो ।आजकल यूपी में बल्कि के पूरे देश में है सेकंड क्लास का बच्चा हिंदी ठीक ठाक पढ़ सकता है जबकि प्राइवेट वाला नहीं पढ़ पाता ।यह मेरा खुद का ऑब्जरवेशन हैकुछ बच्चों के नाम स्कूल में चल रहे थेजबकि जा वे प्राइवेट में रहे थे ।निपुण भारत असेसमेंट में प्राइवेट वाले बच्चे कुछ स्कोर नहीं कर पाए
Online digital attendance is right decision of Yogi Aditya Nath. This is the best decision of Yogi Aditya Nath. All teacher should follow this rule. This rule is important for removing scam and fraud . Yogi should implement this rule all over the district of Uttar Pradesh .
इमरजेंसी में आदमी कैसे जाएगा अगर जाना पड़े तो वह तो आकर भी एब्सेंट मार्क हो जाएगा ।साल भर की 14 छुट्टी में आदमी कैसे सरवाइव करेगा । चार पांच छुट्टी तो बीमारी में दो-तीन बारिश में धुल जाती है ।क्या उसको कोई काम नहीं पड़ता ?क्या उसके लिए बैंक शाम 7:00 बजे तक खुला रहता है ?क्या उसके लिए कोई सरकारी ऑफिस 7:00 बजे तक खुला रहता है ?जो वह स्कूल से जाकर अपने काम निपटा ले । रिश्तेदारी भी है , घर में और भी फंक्शन है और कोई इमरजेंसी भी है किसी के यहां शोक सभा भी है , बच्चों की जिम्मेदारियां भी है बहुत सारे काम है जो इन बची छुट्टियों में नहीं हो सकते । नए लगे शिक्षक को बीच-बीच मेंएग्जाम भी देने होते हैंउसके लिए भी छुट्टी चाहिए ।स्कूल में कोई चपरासी , सफाई कर्मी , क्लर्क नहीं , EL नही, 1/2 CL नही ,हेल्थ इंश्योरेंस नहीं ,प्रमोशन व ट्रांसफर नहीं , 1340 ₹ HR मिलता है 70% टीचर को बताओ 1340 मे क्या मिलेगा । स्कूल जाने के लिएकोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट बहुत सारी जगह कोई सड़क नहीं , स्कूल टाइम में एक या दो घंटा लाइट आती है ।बाकी टाइम पंखा तक नहीं । KV या दिल्ली गवर्नमेंट .के टीचर जैसी सुविधाएं दे दो तब डिजिटल अटेंडेंस ले लेना
@@Mr.Atypicalare Guruji Itna Kyon garm ho rahe ho private Wale Bhi to online attendance Lete Hain Jo ki bechare private wale Char ya 5000 Mein Apni Pet Ka Gujara karte hain aap Logon Ko to 50000 rupaye Tak mil raha hai Fir Bhi Samay se nahin pahunch Pa rahe ho padhaai ho to paise Karate Nahin Ho
@@Kkarkvanshi9505000 Wale private aur government me kuchh to fark hota h . Preparation, teaching course me life ke important 5-6 sal invest karne ke baad, competition nikalne ke baad ( up me 35 lakh+ teaching course kare hue candidate h) kuchh to difference hoga 5000 Wale or government teacher me. Aur fir 5000 wale teacher ko emergency me late hone ya na jaane par koi fark nahi padta jyada se jyada ek din ki salary kat jati h. Par government par ek din ke absent se bahut fark padta h. Salary to katti h saath me increment ruk jaata h, promotion hierarchy me sabse neeche pahuch jate ho yani nayi tarah se service start hoti h jis karan ops walo ki pension band nps walo ke return me drastic fall. Aur bhi Kai issues aate h. bsa,lucknow ke chaakar aur Kato har jagah chadhawa aur do mentally tortures process ban jata h. Is liye legal provision hone chahiye pehele . Same vahi person agar private me ho to us par bhi koi fark nahi padega bas ek din ki salary loss mankar Beth jata .
शिक्षक भी अब पॉलिटीशियन हो गए है क्या ।ये तो बच्चो को सीखा रहे है की जो आदेश पसंद का न हो उसे मत मानो। ऐसे लोगो की क्या जरूरत है जो खुद अनुशासन में रहना नही चाहते ,वो बच्चो को क्या सिखाएंगे।
अब एसे शिक्षक क्या ही शिक्षा देंगे बताओ जब शिक्षक ही आदेश का पालन नहीं करेगा तो इनके पड़ाए हुए बच्चे कैसे मानेंगे कुछ विरोध नहीं काम चोर हो गए है मनमानी से आना जाना करना है शिक्षा से इनका कोई लेना देना नहीं हैं
इमरजेंसी में आदमी कैसे जाएगा अगर जाना पड़े तो वह तो आकर भी एब्सेंट मार्क हो जाएगा ।साल भर की 14 छुट्टी में आदमी कैसे सरवाइव करेगा । चार पांच छुट्टी तो बीमारी में दो-तीन बारिश में धुल जाती है ।क्या उसको कोई काम नहीं पड़ता ?क्या उसके लिए बैंक शाम 7:00 बजे तक खुला रहता है ?क्या उसके लिए कोई सरकारी ऑफिस 7:00 बजे तक खुला रहता है ?जो वह स्कूल से जाकर अपने काम निपटा ले । रिश्तेदारी भी है , घर में और भी फंक्शन है और कोई इमरजेंसी भी है किसी के यहां शोक सभा भी है , बच्चों की जिम्मेदारियां भी है बहुत सारे काम है जो इन बची छुट्टियों में नहीं हो सकते । नए लगे शिक्षक को बीच-बीच मेंएग्जाम भी देने होते हैंउसके लिए भी छुट्टी चाहिए ।स्कूल में कोई चपरासी , सफाई कर्मी , क्लर्क नहीं , EL नही, 1/2 CL नही ,हेल्थ इंश्योरेंस नहीं ,प्रमोशन व ट्रांसफर नहीं , 1340 ₹ HR मिलता है 70% टीचर को बताओ 1340 मे क्या मिलेगा । स्कूल जाने के लिएकोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट बहुत सारी जगह कोई सड़क नहीं , स्कूल टाइम में एक या दो घंटा लाइट आती है ।बाकी टाइम पंखा तक नहीं । KV या दिल्ली गवर्नमेंट .के टीचर जैसी सुविधाएं दे दो तब डिजिटल अटेंडेंस ले लेना
डबल इंजन, अच्छे दिन, अमृत काल, संत महात्मा जो का शासन, सबका विश्वास, सबका प्रयास, सबका साथ, रामलला सहित अनेक देवभवनो और तीर्थ स्थलों कि भूमि पर ऐसे सुखद निर्णय आर्यावर्त के लिए सुखकारी है, समस्त आर्यावर्त में ऐसे ही सुखद. निर्णय अनिवार्य सम होने ही चाहिए जय जय जय रामलला, जय जय बुलडोज़र, जय जय विश्वगुरु
शिक्षक को कोई समस्या हो तो घर से जल्दी निकले क्योंकि इनके घर कोई मजदूर काम करने जाते है तो उनसे आठ घंटे काम करवाते है पैसे भी कम देते हैऔर देर से पहुंचने पर वापस लौटा देते है
हमारे यहां गांव में जब कोई अधिकारी आने वाले होते हैं तब घर घर जाकर बच्चों को बुलाने जाते हैं चाकलेट टॉफी बाटकर बच्चे बुलाते हैं क्योंकि पडाई करवाते नहीं इसलिए मजबूरी में में यहां के लोग प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को भेजते हैं
Police aur fauj ko 30 cl aur 30 el milti h Aur teacher ko kya milta h garmi ki chhutti kabhi aake jameeni hakikat dekho Teacher ko apni hi shadi me medical lena padta h jo door rhte b
बारिश में 50 60 किलोमीटर भीगते हुए जाता है टीचर । समर वेकेशन वे अपने हिसाब से देते हैं यह जरूरी थोड़ी है कि उसी 25 दिन की छुट्टियों में इमरजेंसी आए या कोई फंक्शन पड़े और भी राज्यों में मिलती है EL . KV दिल्ली के स्कूलों में मिलती है अगर कंपेयर करो तो सभी गवर्नमेंट एम्पलाई की छुट्टी टीचर से ज्यादा है ।टीचर को सेकंड सैटरडे , 30 EL , 1/2 CL जैसी छुट्टियां नहीं मिलती है । बल्कि टीचर को आजकल संडे में भी जाना पड़ता है कभी कोई अभियान कभी कोई अभियान कभी पल्स पोलियो कभी कुछ और जो छुट्टियां सरकारी कैलेंडर में दिखती हैउनमें से भी बहुत में जाना पड़ता है फोटो भेजना पड़ता है जबकि और डिपार्टमेंट मेंकोई नहीं जाता
डिजिटल अटेंडेंस का विरोध नहीं है ।विरोध है EL , 1/2 CL , प्रतिकर ,कैशलेस इंश्योरेंस जैसी सुविधा न होने के बावजूद भी यह केवल टीचर्स पर लागू होना ।जबकि वह सुदूर और दुर्गम क्षेत्रों में बिना TA मिले सुबह सुबह जाता है ।ज्यादातर टीचर घर से बहुत दूर नियुक्त है , कोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा नहीं है बहुत सारी जगह तो सड़क भी नहीं है ।HR भी नगण्य है । जब भी वह कर्मचारी जो जिला और तहसील मुख्यालय पर जाता है जिसकी पहुंचने की टाइमिंग 10:00 बजे की है जिसको उपरोक्त समस्त सुविधाएं मिलती है उसके लिए कोई डिजिटल अटेंडेंस का कोई नियम नहीं ।क्या कभी कोई कर्मचारी10:30 तक भी अपनी कुर्सी पर मिलता है ? नहीं मिलता तो पहले जिनको यह है सब सुविधा मिलती है ,टाइम भी देर से है ,तहसील और जिला मुख्यालय पर होने की वजह से सड़क व पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी उपलब्ध है उनके लिए पहले लागू हो । यह सब सुविधा टीचर्स को देने के बाद तथा समय से प्रमोशंस व ट्रांसफर की पॉलिसी बनाने के बाद , हर विद्यालयों में एक क्लर्क / कार्यालय सहायक /चौकीदार वह सफाई कर्मचारी नियुक्त करने के बाद टीचर्स पर भी लागू करें
सरकार इन मनमर्जी अध्यापकों को तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए एक दो को नौकरी से निकाल दीजिए जो नेता बन रहे है अभी देखिए सब के सब राइट टाइम पे बोलना नहीं पड़ेगा सब लोग ऑनलाइन हाजरी लगाएंगे फर्जी वेतन लेने का धंधा अच्छा चल ही रहा था तो अब कड़ी मेहनत पड़ेगा ना समय से स्कूल आने का बोझ पड़ जाएगा माथे पे 😊😊😊😊😊😊 योगी जी जनता आपके साथ
अपने बच्चों को कॉन्वेंट स्कूलों में समय से भेजने के बाद अगर इनके पास समय बचता है तुम यह उन गरीब बच्चों के बारे में विचार करते हैं जो इन्हें लाखों का वेतन दिलवा रहे हैं और फिर भी यह कुछ पढ़ाते नहीं है अगर यह लोग डिजिटल हजारी देना नहीं चाहते तो सरकार सिर्फ इतना करदे की इन लोगों के बच्चे भी उन्हीं स्कूलों में पड़ेंगे तुम पढ़ाई का पूरा सिस्टम ठीक हो जाएगा और गरीब परिवार के बच्चे भी पढ़ सकेंगे
Ap log aram se najdiki primary school me jaiye aur ek shikshk se bat kariye ....dikkat kya hai pata lg jayega....jo log bhawi shikshak banne ki taiyari kar rhe kripya apne hone wale vibhag ki kamzori jan lijiye....
Hamar Anurodh ygi ji se ki vo karkari teacher ki jo naukri hai isko bhi Private kar de, jo nahi mane digital Attendence ke liye turnt ye Rules Lagu kar de
जो भी शिक्षक ऑनलाइन attendence का विरोध करे उसे घर बैठा दो बाबा जी utter pradesh मे B,Ed Dled 25 लाख खाली बैठे है सब को 20-20 हजार मे भर्ती करो ये 1 लाख फ़्री का ही ले रहे है एक पैसे की पढाई नही करवा रहे है।
Agar Digital attendence ho jayega to sare teacher Jangar Chori kaise karenge , hamko to samjh main nhai aa rah hai ki problem kya hai thoda pahle teacher ghar se nikal jaye , Gajab Jangar Chorai Teacheron ki 😅😅😅😅
Pahle to in9 teachers ko promotion do aur niyam sakhti se lagoo karo up chunav me bhale hi ye shichhak virodh kare lekin janta sarkar ke saath rahenge kyonki unhe apne bachchon ka bhavishya dekhana chahiye na ki vo headmaster ke chhote chhote pralobhan me aana chahiye
Guroor Brahma guroor Vishnu guroor devo Maheshwrai Guroor sakshat parambrahm tashmay shree gurvay namah Kewal guru mein hi itna samarth or shakti hoti hai jo anyaya or adharm per aadharrit nirnay ka virodh kr sakte hai Teacher Union zindabad
Pehli baat jinke pass naukari nhi hai wo apna bhashan na de kya galat hai or kya sahi 10 saal se yogi baba berojgaro ko rojgar nhi de paya to isko bhi sahi decision kahiye jo yogi baba ne logo k ghar ujad diye wo bhi sahi tha or jo apni mehnat ki dum se naukari kar rahe hai unki na to dikkat sunna chahta hai na to to koi unke liye koi vyavastha karna chahta hai bus unhe bhi berojgar banane per Tula pda hai or hamaari society mein kuch padhe likhe log bhi isko sahi bol rahe hai Logo ki insaniyat khatam ho gyi hai kya jo bina kisi ka dard jane apna bhashan de rahe hai sahi kiya yogi baba ne jab khud per gaaz giregi tabhi samajh mein ayega dusro ka dard isliye itne saal se berojgar hai or jo paper dene jate hai wo bhi leak ho jata hai to kripya kar k dusro k kasht per apna tana na kase city mein or village mein job karna dono mein zameen aasman ka fark hai pehle apne yogi baba se kahiye ki saadhan or suraksha de guru logo ko gaon ki haalat sahi karein ja k schoolo ki haalat sahi karein sarkar boundary banwaye or gaon k nasho mein jhoom rahe logo se mahila varg ki suraksha de taki mohanlalganj jese kand naa ho fir teacher per apni manmaani na chalaye angrezi shashan fir dubara na laye
Teacher bna matdaan adhikari fir teacher ko bnaya Aadhaar Ko khate se link karne wala karmchari fir teacher ko jangadna karnewala karamchari bna diya fir teacher fir teacher ko corona jese time per injection laga kr cirtificate dikhaye patient bna diya jabardasti injection lagvaye gye Muharram jese festival mein bhi school kholo bachho ko mobile per video dikhao adesh nikal kr jabardasti sarvjanik avkash teacher ka cheen liya dudh pilati hui mahila ka photo kheech kar daal diya kya ek teacher apne bacche ko dudh bhi nhi pila sakti school mein seate nhi hai kon zimmedar hai gao mein batti nahi aati hai kon zimmedar hai gaon sadke nhi mitti k medh hai jin per chal k teacher school jata hai rickshaw wala tak andar jane se mna kr deta hai kyuki uska rikshaw palat jayega kon zimmedar hai aap teacher ko bachho ko padhane hi nhi de rhi sarkar baki sara kaam kra leti hai or aakhiri mein usse chor ghoshit kar deti hai agar kabhi kuch teacher immandari se kaam nhi kar rhe to badnaam sare teachers ko kyun kiya ja raha hai ese to har vibhag mein kamchor bhare pade hai unhe koi kyun nahi kuch keh rha hai chahe tehsil ho chahe court Jahan saalo saal case chalta rehta hai sirf date milti hai CMO banwane jao to sarkari doctor gayab hota hai CMO office k chakkar lgate raho pension k liye mahine Ho jate hai in sab k liye kon zimmedar hai teacher kya bolo teachers per tana kasne wale logo sarkar ki jabardasti logo per niyam thop kr gulam bnane ki neeti kyun nahi dikhayi de rahi hai jab siksha Dena wala hi inka gulam hoga to bachhe bhi wahi padhenge jo ye sarkar padhana chahegi wahi banege jo ye sarkar bnana chahegi ye sarkar aanewali pidhi ko berojgar or ashikshit bna kr chodegi taki aage koi inka virodh na kr sake or ye aam janta ko sadak per le aaye In netao se puchiye kitne baje office jate hai apne Yogi baba se poochiye auto or bus se kyun nahi jate office lal batti nili batti gaadi per beth kr kyun jate hai office or kitne baje jate DM kitne baje office mein aa jata hai BSA kitne baje office mein aa jata hai SP DIG Commissioner yahan tak hamari President sahiba kitne baje aa jati hai office agar iska jawab kisi k pass hai wo hi teacher ko ulta seedha kehna ka haq rakhe or agar nhi pta hai to kripya kar k apne bhavishya ki chinta kijiye ki aanewale samay mein is taanashahi sarkar mein aapke sath kya honwala hai Insaniyat rakhiye dusro k liye bina kisi ki pareshani jane usse dosh mut dijiye Jo dusro k sath jabardasti ki ja rhi hai wo kal aapke sath bhi ho sakti hai Jai Hind Jai Bharat
Virodh vo he kar rhe hai jo chor hai jo imandari se time par te jate hai unhe isse kya dikkat hoge par dikkat unhe hoge jinhone is job ko lala ka roop de rkha hai
शिक्षक भाई लोग हर चीज का समस्या का समाधान है डिजिटल और अटेंडेंस लगाने में क्या दिक्कत है डिजिटल अटेंडेंस हर जगह चल रहा है
सरकार समाधान तो नहीं करना चाहती बस शिक्षकों को दोषी दिखाकर प्राइवेटाइजेशन करना चाहती है
आकस्मिक परिस्तिथियों में सूचना देकर जाने का कोई विकल्प ऑनलाइन नहीं दिया जा रहा है...आकस्मिकता किसी के भी समक्ष आ सकती है...
Isliy dikkat hai ki apni upasthiti kisi aur se lagvate hain aur khud Ghar baithate hain maine khud dekha hai apni 4 time ki training mein aur alag alag school mein isliy inhe dikkat ho rhi hai
@@Mr.Atypical ये बाताओ अब तक कितने बच्चों को पढ़ाये हो और कितने उसमे फर्स्ट डिवीज़न में सरकारी स्कूल में तुम्हारी पढ़ाई से पास हुए हैं अगर बच्चा पास हो रहा है उसका ऑनलाइन असेसमेंट हर सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बचे का किसी अलग विभाग से ऑनलाइन असेसमेंट होना चाहिए की पढ़ाने वाले टीचर की पढ़ाई से बच्चे को कुछ आ भी रहा है या नहीं अगर नहीं तो उस टीचर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर देना चाहिए अगर परफॉरमेंस नहीं तो सैलरी नहीं
@@chinkythapa1250 @chinkythapa1250 sarkari school ke bachhe ka hi kyon har school ke bachhe ka assessment hona chahiye. सरकारी स्कूल में पढ़ने वाला बच्चा घर पर किताब खोलकर नहीं देखता है मां बाप को पढ़ाई से कोई मतलब नहीं होता । अधिकतर का बाप दारू पीकर पड़ा रहता है ।मां मजदूरी करती है फिर भी वह बच्चा मेंटल एबिलिटी में प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले 80 परसेंट बच्चों के ही बराबर है ।प्राइवेट स्कूल में भी 40 -50 के सेक्शन में चार-पांच ही अच्छे होते हैं बाकी सब मीडियम व बेकार ही होते हैं ।प्राइवेट स्कूल वाले भी 50 में से 50 को एक्सीलेंट क्यों नहीं बना पाते ।प्राइवेट स्कूल की नस-नस का पता है । प्राइवेट स्कूल मे 30 000 की सैलरी मे पढाया है वहा बच्चा ₹5000 महीना फीस देकर उसी टीचर से पढ़ने के लिए मरा रहता है और जब उसका सरकारी में हो जाता है तो फ्री में भी नहीं आता ।यह बस मेंटालिटी का खेल है । बच्चों प्राइवेट स्कूल में प्ले नर्सरी जैसी 4 क्लास पढ़ कर फर्स्ट में जाता है जबकि सरकारी में सीधा फर्स्ट में ,बच्चों का घर पर कोई पढ़ाई से मतलब नहीं ,10 में 2 सबसे बेकार बुद्धि वाला बच्चा सरकारी में आता है जरा से भी अच्छे को तो प्राइवेट में भेज देते हैं ।है फिर भी मैं दावे से कह सकता हूं की सरकारी स्कूल का 80% बच्चा प्राइवेट स्कूल के 80% साधारण बच्चों के ही बराबर है ।जबकि प्राइवेट स्कूल वाला बच्चा सेम क्लास में 3 से 4 साल उम्र में बड़ा होगा नर्सरी प्ले केजी यूकेजी की वजह से ज्यादा समझदार होगा ।यह तुम अपने आप भी ऑब्जर्व कर सकते हो ।आजकल यूपी में बल्कि के पूरे देश में है सेकंड क्लास का बच्चा हिंदी ठीक ठाक पढ़ सकता है जबकि प्राइवेट वाला नहीं पढ़ पाता ।यह मेरा खुद का ऑब्जरवेशन हैकुछ बच्चों के नाम स्कूल में चल रहे थेजबकि जा वे प्राइवेट में रहे थे ।निपुण भारत असेसमेंट में प्राइवेट वाले बच्चे कुछ स्कोर नहीं कर पाए
ये समय से जाना नहीं चाहते
Wah yogi jii vari good
Very good डिसीजन
शिक्षक को नौकरी से निकाल कर संविदा पर भर्ती निकाल दिया जाए।90000 हजार सैलरी लेने के बाद भी सरकारी स्कूलों के बच्चे अनपढ़ हों रहें हैं।
Tum to anpadh nahi ho
Phir aapbhi aisa hi kroge
Lagta hai tu bhe 59000 vala hai jisko job n di
Sarkari teacher ko fokat ka paisa chahiye
@@vivekgupta1979 कम से कम किसी से रिश्वत तो नही मांगता । सैलरी पर ही गुजारा करता ह
Online digital attendance is right decision of Yogi Aditya Nath. This is the best decision of Yogi Aditya Nath. All teacher should follow this rule. This rule is important for removing scam and fraud . Yogi should implement this rule all over the district of Uttar Pradesh .
उपस्थित होने के लिए आधे घंटे तक की छुट के उपरांत भी अध्यापकों का समय पर नहीं पहुंचना सही नहीं है
Naukri nahi mili hogi
@@sushilyadav7557 Akhilesh ke time bharti hue hoge
इमरजेंसी में आदमी कैसे जाएगा अगर जाना पड़े तो वह तो आकर भी एब्सेंट मार्क हो जाएगा ।साल भर की 14 छुट्टी में आदमी कैसे सरवाइव करेगा । चार पांच छुट्टी तो बीमारी में दो-तीन बारिश में धुल जाती है ।क्या उसको कोई काम नहीं पड़ता ?क्या उसके लिए बैंक शाम 7:00 बजे तक खुला रहता है ?क्या उसके लिए कोई सरकारी ऑफिस 7:00 बजे तक खुला रहता है ?जो वह स्कूल से जाकर अपने काम निपटा ले । रिश्तेदारी भी है , घर में और भी फंक्शन है और कोई इमरजेंसी भी है किसी के यहां शोक सभा भी है , बच्चों की जिम्मेदारियां भी है बहुत सारे काम है जो इन बची छुट्टियों में नहीं हो सकते । नए लगे शिक्षक को बीच-बीच मेंएग्जाम भी देने होते हैंउसके लिए भी छुट्टी चाहिए ।स्कूल में कोई चपरासी , सफाई कर्मी , क्लर्क नहीं , EL नही, 1/2 CL नही ,हेल्थ इंश्योरेंस नहीं ,प्रमोशन व ट्रांसफर नहीं , 1340 ₹ HR मिलता है 70% टीचर को बताओ 1340 मे क्या मिलेगा । स्कूल जाने के लिएकोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट बहुत सारी जगह कोई सड़क नहीं , स्कूल टाइम में एक या दो घंटा लाइट आती है ।बाकी टाइम पंखा तक नहीं । KV या दिल्ली गवर्नमेंट .के टीचर जैसी सुविधाएं दे दो तब डिजिटल अटेंडेंस ले लेना
@@Mr.Atypicalare Guruji Itna Kyon garm ho rahe ho private Wale Bhi to online attendance Lete Hain Jo ki bechare private wale Char ya 5000 Mein Apni Pet Ka Gujara karte hain aap Logon Ko to 50000 rupaye Tak mil raha hai Fir Bhi Samay se nahin pahunch Pa rahe ho padhaai ho to paise Karate Nahin Ho
@@Kkarkvanshi9505000 Wale private aur government me kuchh to fark hota h . Preparation, teaching course me life ke important 5-6 sal invest karne ke baad, competition nikalne ke baad ( up me 35 lakh+ teaching course kare hue candidate h) kuchh to difference hoga 5000 Wale or government teacher me. Aur fir 5000 wale teacher ko emergency me late hone ya na jaane par koi fark nahi padta jyada se jyada ek din ki salary kat jati h. Par government par ek din ke absent se bahut fark padta h. Salary to katti h saath me increment ruk jaata h, promotion hierarchy me sabse neeche pahuch jate ho yani nayi tarah se service start hoti h jis karan ops walo ki pension band nps walo ke return me drastic fall. Aur bhi Kai issues aate h. bsa,lucknow ke chaakar aur Kato har jagah chadhawa aur do mentally tortures process ban jata h. Is liye legal provision hone chahiye pehele . Same vahi person agar private me ho to us par bhi koi fark nahi padega bas ek din ki salary loss mankar Beth jata .
शिक्षक भी अब पॉलिटीशियन हो गए है क्या ।ये तो बच्चो को सीखा रहे है की जो आदेश पसंद का न हो उसे मत मानो। ऐसे लोगो की क्या जरूरत है जो खुद अनुशासन में रहना नही चाहते ,वो बच्चो को क्या सिखाएंगे।
ये सब काम चोर है बच्चो को न पढ़ना इनका बहाना है
Aa jao aap bhi tet aur supertet pass leke
Tab aa jayega samjh me bhaiya ji
अब एसे शिक्षक क्या ही शिक्षा देंगे बताओ जब शिक्षक ही आदेश का पालन नहीं करेगा तो इनके पड़ाए हुए बच्चे कैसे मानेंगे कुछ विरोध नहीं काम चोर हो गए है मनमानी से आना जाना करना है शिक्षा से इनका कोई लेना देना नहीं हैं
Guru Namm kirpa
Online attendance Yogi government ka billkull sahi decision. Online digital attendance Uttar Pradesh ke sare Rajya me lagu hona chaiye .
उत्तर प्रदेश में, केवल 9 शिक्षक इमानदार है बाकी सभी हमारी की सैलरी खाने वाले शिक्षक है
हराम की भाई
हमारी नहीं हराम की
इमरजेंसी में आदमी कैसे जाएगा अगर जाना पड़े तो वह तो आकर भी एब्सेंट मार्क हो जाएगा ।साल भर की 14 छुट्टी में आदमी कैसे सरवाइव करेगा । चार पांच छुट्टी तो बीमारी में दो-तीन बारिश में धुल जाती है ।क्या उसको कोई काम नहीं पड़ता ?क्या उसके लिए बैंक शाम 7:00 बजे तक खुला रहता है ?क्या उसके लिए कोई सरकारी ऑफिस 7:00 बजे तक खुला रहता है ?जो वह स्कूल से जाकर अपने काम निपटा ले । रिश्तेदारी भी है , घर में और भी फंक्शन है और कोई इमरजेंसी भी है किसी के यहां शोक सभा भी है , बच्चों की जिम्मेदारियां भी है बहुत सारे काम है जो इन बची छुट्टियों में नहीं हो सकते । नए लगे शिक्षक को बीच-बीच मेंएग्जाम भी देने होते हैंउसके लिए भी छुट्टी चाहिए ।स्कूल में कोई चपरासी , सफाई कर्मी , क्लर्क नहीं , EL नही, 1/2 CL नही ,हेल्थ इंश्योरेंस नहीं ,प्रमोशन व ट्रांसफर नहीं , 1340 ₹ HR मिलता है 70% टीचर को बताओ 1340 मे क्या मिलेगा । स्कूल जाने के लिएकोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट बहुत सारी जगह कोई सड़क नहीं , स्कूल टाइम में एक या दो घंटा लाइट आती है ।बाकी टाइम पंखा तक नहीं । KV या दिल्ली गवर्नमेंट .के टीचर जैसी सुविधाएं दे दो तब डिजिटल अटेंडेंस ले लेना
Yah yogi Ji ka faisla bahut sarahniy hai
Yogi g right hajri lgni hi chaye
आराम की नौकरी में खलल डाल दी सरकार ने और कुछ नहीं इसलिए विरोध कर रहे
Sone do yar unko
डबल इंजन, अच्छे दिन, अमृत काल, संत महात्मा जो का शासन, सबका विश्वास, सबका प्रयास, सबका साथ, रामलला सहित अनेक देवभवनो और तीर्थ स्थलों कि भूमि पर ऐसे सुखद निर्णय आर्यावर्त के लिए सुखकारी है, समस्त आर्यावर्त में ऐसे ही सुखद. निर्णय अनिवार्य सम होने ही चाहिए जय जय जय रामलला, जय जय बुलडोज़र, जय जय विश्वगुरु
शिक्षक को कोई समस्या हो तो घर से जल्दी निकले क्योंकि इनके घर कोई मजदूर काम करने जाते है तो उनसे आठ घंटे काम करवाते है पैसे भी कम देते हैऔर देर से पहुंचने पर वापस लौटा देते है
Teacher ko bhi privit krden chahiye
केंद्रीय विद्यालय जैसी सुविधा दो, बेहतर रिजल्ट लो
विरोध तो करेंगे ही,अपनी खेती बाड़ी करते थे और अन्य काम भी करते थे ।
जो लोग विरोध कर रहे हैं इनको निकालकर न्यू भर्ती किया जाए नौ लोग जो अटेंडेंस लगाई क्या वह लोग शिक्षक नहीं है
उनकी पोस्टिंग सुविधा वाले स्थान पर है
स्कूल केंद्रीय विद्यालय जैसा शिक्षक आवास उपलब्ध करा दें समस्या स्वतः समाप्त हो जाएगी और विरोध भी।
@@jkt8316आवास,माली,नौकर,ड्राइवर, कूक, ये सब भी जरूरी है, कार भी दे और एक जहाज भी ।
😂मास्टर साहब बड़ा डिमांड बा हो।
Accha तेरी पाकिस्तान m h
Very good cm sir
Very good news up cm
Yogi ji aadesh jari karana chahiye ki jo teacher on line attendence nahi dena chahte hain ve apane पदों से रिजाइन कर सकते हैं।
, bahut hi Sarani Karya Kiya mukhymantri Ji Ne
Private school mein to teacher ko koi dikkat nhi hoti hai akhir vo bhi to teacher hi hain
मन में खोट है बैठ कर बात करने वाले लोगों को दिक्कत होती है
जो ईमानदारी से काम करना चाहते हैं उन्हें कोई परेशानी नहीं है
डिजिटल अटेंडेंस में परेशानी तो होगी ही 7:30 का स्कूल है 9:30 तक आराम से आते हैं और गेम बजाते हैं स्कूलों में
प्राथमिक विद्यालय का लगातार 20 वर्ष से स्तर गिरता जा रहा है शायद ही अब प्राथमिक विद्यालय के बच्चे 8वीं कक्षा के बाद आगे शिक्षा जारी रखते हों।
TEACHER SHOULD BE TRANFER TO THEIR HOME DISTRICT
Fir school Ghar par hi khol de govt.
School should be in teachers bedroom, and shifted accordingly.
Hum sarkar k sath hai attendance honi chahiye
Very good ygi ji , bahut sahi kam kiya aapne ❤
Bahut shi design hi
बहुत ही सराहनीय कार्य मुख्यमंत्री जी
Bilkul sahi decision hai....yogiji ne sahi kiya hai....pehli bar yogiji ki salute karne ka mann hai🙏🙏🙏
Remove these fraud teschers
good
हमारे यहां गांव में जब कोई अधिकारी आने वाले होते हैं
तब घर घर जाकर बच्चों को बुलाने जाते हैं
चाकलेट टॉफी बाटकर बच्चे बुलाते हैं क्योंकि पडाई करवाते नहीं इसलिए मजबूरी में में यहां के लोग प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को भेजते हैं
Teachers sahi h 🎉🎉
शिक्षक को समय से स्कूल पहुंचना जरूरी है । जब शिक्षक ही समयानुकूल (Punctual) नही रहेंगे तो बच्चे उनसे क्या सीखेंगे l
Jo digital signature nahi de rahe Inka perday Rs.500 vetan se kata jaye do din men line par aa jaayenge.
योगीजिंदाबाद
Sarkar ka Sahi nirnay
SIRF CHORON KO DIKKAT H BAHUT KHOOB YOGI JI
कुछ अध्यापक लोग तो समय का आना ही नहीं चाहते और जल्दी भागना चाहते हैं इसलिए विरोध है
Phle teacher ko unke home district me transfer den.
नही गांव में घर के बगल में,एक गाड़ी भी दे, उसका तेल भी, और ड्राइवर भी।
फौज में कौन अपने जिले में तैनात है पुलिस में भी नहीं ।
Police aur fauj ko 30 cl aur 30 el milti h
Aur teacher ko kya milta h garmi ki chhutti kabhi aake jameeni hakikat dekho
Teacher ko apni hi shadi me medical lena padta h jo door rhte b
@@sumanyadav8946 teachers get summer vacation winter vacation rainy day every gazetted holiday Sunday.
Here weeping for a holiday shit.
बारिश में 50 60 किलोमीटर भीगते हुए जाता है टीचर । समर वेकेशन वे अपने हिसाब से देते हैं यह जरूरी थोड़ी है कि उसी 25 दिन की छुट्टियों में इमरजेंसी आए या कोई फंक्शन पड़े और भी राज्यों में मिलती है EL . KV दिल्ली के स्कूलों में मिलती है अगर कंपेयर करो तो सभी गवर्नमेंट एम्पलाई की छुट्टी टीचर से ज्यादा है ।टीचर को सेकंड सैटरडे , 30 EL , 1/2 CL जैसी छुट्टियां नहीं मिलती है । बल्कि टीचर को आजकल संडे में भी जाना पड़ता है कभी कोई अभियान कभी कोई अभियान कभी पल्स पोलियो कभी कुछ और जो छुट्टियां सरकारी कैलेंडर में दिखती हैउनमें से भी बहुत में जाना पड़ता है फोटो भेजना पड़ता है जबकि और डिपार्टमेंट मेंकोई नहीं जाता
Excellent descision of UP. government. Who never comes school they against this order.
डिजिटल अटेंडेंस का विरोध नहीं है ।विरोध है EL , 1/2 CL , प्रतिकर ,कैशलेस इंश्योरेंस जैसी सुविधा न होने के बावजूद भी यह केवल टीचर्स पर लागू होना ।जबकि वह सुदूर और दुर्गम क्षेत्रों में बिना TA मिले सुबह सुबह जाता है ।ज्यादातर टीचर घर से बहुत दूर नियुक्त है , कोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा नहीं है बहुत सारी जगह तो सड़क भी नहीं है ।HR भी नगण्य है । जब भी वह कर्मचारी जो जिला और तहसील मुख्यालय पर जाता है जिसकी पहुंचने की टाइमिंग 10:00 बजे की है जिसको उपरोक्त समस्त सुविधाएं मिलती है उसके लिए कोई डिजिटल अटेंडेंस का कोई नियम नहीं ।क्या कभी कोई कर्मचारी10:30 तक भी अपनी कुर्सी पर मिलता है ? नहीं मिलता तो पहले जिनको यह है सब सुविधा मिलती है ,टाइम भी देर से है ,तहसील और जिला मुख्यालय पर होने की वजह से सड़क व पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी उपलब्ध है उनके लिए पहले लागू हो । यह सब सुविधा टीचर्स को देने के बाद तथा समय से प्रमोशंस व ट्रांसफर की पॉलिसी बनाने के बाद , हर विद्यालयों में एक क्लर्क / कार्यालय सहायक /चौकीदार वह सफाई कर्मचारी नियुक्त करने के बाद टीचर्स पर भी लागू करें
@@sabhajeetsingh2670 सही से पढ़ लिए होते अंग्रेजी तो आज नौकरी पे होते और पेट में इतना दर्द न होता
Who never comes school🤣🤣🤣
Government teacher k bachche hi govt school me study nahi kar rahe h aur govt teacher sab hona chahte h,govt teacher gaon ka niwasi hona chahiye 😮😮
Sahi bola meri mami khud bhi sarkari teacher h pr khud apni beti ko sarkari school me nhi padhti h
विडियो बनाने का सभी को अधिकार होना चाहिए 🙏
Fokat me salary lega
सरकार इन मनमर्जी अध्यापकों को तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए एक दो को नौकरी से निकाल दीजिए जो नेता बन रहे है अभी देखिए सब के सब राइट टाइम पे बोलना नहीं पड़ेगा सब लोग ऑनलाइन हाजरी लगाएंगे फर्जी वेतन लेने का धंधा अच्छा चल ही रहा था तो अब कड़ी मेहनत पड़ेगा ना समय से स्कूल आने का बोझ पड़ जाएगा माथे पे 😊😊😊😊😊😊 योगी जी जनता आपके साथ
Online attendance sabhi department mai ho aur neta logo k office k karamchari ki bhi lga
Bhut acha kiye
Hajjri lagni chahiye
अपने बच्चों को कॉन्वेंट स्कूलों में समय से भेजने के बाद अगर इनके पास समय बचता है तुम यह उन गरीब बच्चों के बारे में विचार करते हैं जो इन्हें लाखों का वेतन दिलवा रहे हैं और फिर भी यह कुछ पढ़ाते नहीं है अगर यह लोग डिजिटल हजारी देना नहीं चाहते तो सरकार सिर्फ इतना करदे की इन लोगों के बच्चे भी उन्हीं स्कूलों में पड़ेंगे तुम पढ़ाई का पूरा सिस्टम ठीक हो जाएगा और गरीब परिवार के बच्चे भी पढ़ सकेंगे
फ्री का माल उठाओ जिया लाल
टीचर्स से जलन रखने वाले बेरोजगार मित्रो से कहना है कि पढ़ लिख लिए होते तो आज सरकारी नौकरी से जलन नही होती । 😂😂😂😂
Singapore me primary teacher time se aate hai
@@vivekgupta1979 जाओ फिर सिंगापुर
आज अच्छा लगा योगी जी का निर्णय जो बच्चों के भविष्य के लिए सुधार कर रहे है पीड़ा सिर्फ चोरों को हो रही है 😅😅😅😅😅
Jitne virodh kr rhe barkhast kro sbko
आकस्मिक परिस्तिथियों में सूचना देकर जाने का कोई विकल्प ऑनलाइन नहीं दिया जा रहा है...आकस्मिकता किसी के भी समक्ष आ सकती है...
योगी जी आप शिक्षा मित्रो का ही तो जीवन बर्बाद कर सकते हो मगर शिक्षको का कुछ नही बिगाड़ सकते
Sab ko bahar nikalo nayi barthi karo wo bhi private school ke teacher ki tarah
Ap log aram se najdiki primary school me jaiye aur ek shikshk se bat kariye ....dikkat kya hai pata lg jayega....jo log bhawi shikshak banne ki taiyari kar rhe kripya apne hone wale vibhag ki kamzori jan lijiye....
शिक्षक भाई लोग जो आज आप बता रहे हैं कि पानी भर जाता है रास्ता सही नहीं है यही बात तो पहले भी बता सकते थे काम करवा सकतेथे
सरकार करना चाहे तब तो सरकार तो छावि खराब करके प्राइवेटाइजेशन करना चाहती है
Hamar Anurodh ygi ji se ki vo karkari teacher ki jo naukri hai isko bhi Private kar de, jo nahi mane digital Attendence ke liye turnt ye Rules Lagu kar de
कुछ चूतियों को विरोध ...का मुद्दा मालूम नही है ....ऑनलाइन अटेंडेंस का कोई विरोध नहीं है।
अन्य कर्मचारियों की तरह
30 EL aur हाफ CL की मांग है।
टीचर्स बच्चो को पढ़ाते नही है
जो भी शिक्षक ऑनलाइन attendence का विरोध करे उसे घर बैठा दो बाबा जी utter pradesh मे B,Ed Dled 25 लाख खाली बैठे है सब को 20-20 हजार मे भर्ती करो ये 1 लाख फ़्री का ही ले रहे है एक पैसे की पढाई नही करवा रहे है।
Agar Digital attendence ho jayega to sare teacher Jangar Chori kaise karenge , hamko to samjh main nhai aa rah hai ki problem kya hai thoda pahle teacher ghar se nikal jaye , Gajab Jangar Chorai Teacheron ki 😅😅😅😅
टीचर्स गलत है। टीचर्स ऑफिस या स्कूल जाते नही है
Guru JEE school 6 month me bash AAA. Kkk den AAA. Tree hai
Boycott online attendance
Pahle to in9 teachers ko promotion do aur niyam sakhti se lagoo karo up chunav me bhale hi ye shichhak virodh kare lekin janta sarkar ke saath rahenge kyonki unhe apne bachchon ka bhavishya dekhana chahiye na ki vo headmaster ke chhote chhote pralobhan me aana chahiye
Online attendance teacher k job me perfect nhi hai quality education is se nhi aa payega mentally free rahana jaroori hai teaching k liye
Smaj me sudhar ki baat sab krte hai lekin sahayog 1 percent log hi krte h.
Mastro ko bahr nikalo or nai bhrti karna chahiye ye sabhi des birodi he samjho
Yogi ji ka aadesh good h
Yah Sarkar jaane wali hai
Yogi ji Guruvayoor ka sahyog kariye please
Pahle keyu nhe bataya ke school me pani rahta hai
Guroor Brahma guroor Vishnu guroor devo Maheshwrai
Guroor sakshat parambrahm tashmay shree gurvay namah
Kewal guru mein hi itna samarth or shakti hoti hai jo anyaya or adharm per aadharrit nirnay ka virodh kr sakte hai Teacher Union zindabad
Srkar ko private schools ki loot pr bhi action Lena chahiye .
Ab inko bhi Agni teacher banao tab jane
In mc's se noukri chin leni chahiye
Pahle.samasiya.ka.smadhan.kagrin..karain.sarkar.tanashahi.na.karain.rajiya.karamchari.ka.darja.de.dain
Pehli baat jinke pass naukari nhi hai wo apna bhashan na de kya galat hai or kya sahi 10 saal se yogi baba berojgaro ko rojgar nhi de paya to isko bhi sahi decision kahiye jo yogi baba ne logo k ghar ujad diye wo bhi sahi tha or jo apni mehnat ki dum se naukari kar rahe hai unki na to dikkat sunna chahta hai na to to koi unke liye koi vyavastha karna chahta hai bus unhe bhi berojgar banane per Tula pda hai or hamaari society mein kuch padhe likhe log bhi isko sahi bol rahe hai Logo ki insaniyat khatam ho gyi hai kya jo bina kisi ka dard jane apna bhashan de rahe hai sahi kiya yogi baba ne jab khud per gaaz giregi tabhi samajh mein ayega dusro ka dard isliye itne saal se berojgar hai or jo paper dene jate hai wo bhi leak ho jata hai to kripya kar k dusro k kasht per apna tana na kase city mein or village mein job karna dono mein zameen aasman ka fark hai pehle apne yogi baba se kahiye ki saadhan or suraksha de guru logo ko gaon ki haalat sahi karein ja k schoolo ki haalat sahi karein sarkar boundary banwaye or gaon k nasho mein jhoom rahe logo se mahila varg ki suraksha de taki mohanlalganj jese kand naa ho fir teacher per apni manmaani na chalaye angrezi shashan fir dubara na laye
Inhe sirf salary chahiye wo bhi bina padhaye
हाथरस के सादाबाद तहसील मेंभी लेट आते हैं टीचर
Yogi jindabad
Teacher bna matdaan adhikari fir teacher ko bnaya Aadhaar Ko khate se link karne wala karmchari fir teacher ko jangadna karnewala karamchari bna diya fir teacher fir teacher ko corona jese time per injection laga kr cirtificate dikhaye patient bna diya jabardasti injection lagvaye gye Muharram jese festival mein bhi school kholo bachho ko mobile per video dikhao adesh nikal kr jabardasti sarvjanik avkash teacher ka cheen liya dudh pilati hui mahila ka photo kheech kar daal diya kya ek teacher apne bacche ko dudh bhi nhi pila sakti school mein seate nhi hai kon zimmedar hai gao mein batti nahi aati hai kon zimmedar hai gaon sadke nhi mitti k medh hai jin per chal k teacher school jata hai rickshaw wala tak andar jane se mna kr deta hai kyuki uska rikshaw palat jayega kon zimmedar hai aap teacher ko bachho ko padhane hi nhi de rhi sarkar baki sara kaam kra leti hai or aakhiri mein usse chor ghoshit kar deti hai agar kabhi kuch teacher immandari se kaam nhi kar rhe to badnaam sare teachers ko kyun kiya ja raha hai ese to har vibhag mein kamchor bhare pade hai unhe koi kyun nahi kuch keh rha hai chahe tehsil ho chahe court Jahan saalo saal case chalta rehta hai sirf date milti hai CMO banwane jao to sarkari doctor gayab hota hai CMO office k chakkar lgate raho pension k liye mahine Ho jate hai in sab k liye kon zimmedar hai teacher kya bolo teachers per tana kasne wale logo sarkar ki jabardasti logo per niyam thop kr gulam bnane ki neeti kyun nahi dikhayi de rahi hai jab siksha Dena wala hi inka gulam hoga to bachhe bhi wahi padhenge jo ye sarkar padhana chahegi wahi banege jo ye sarkar bnana chahegi ye sarkar aanewali pidhi ko berojgar or ashikshit bna kr chodegi taki aage koi inka virodh na kr sake or ye aam janta ko sadak per le aaye In netao se puchiye kitne baje office jate hai apne Yogi baba se poochiye auto or bus se kyun nahi jate office lal batti nili batti gaadi per beth kr kyun jate hai office or kitne baje jate DM kitne baje office mein aa jata hai BSA kitne baje office mein aa jata hai SP DIG Commissioner yahan tak hamari President sahiba kitne baje aa jati hai office agar iska jawab kisi k pass hai wo hi teacher ko ulta seedha kehna ka haq rakhe or agar nhi pta hai to kripya kar k apne bhavishya ki chinta kijiye ki aanewale samay mein is taanashahi sarkar mein aapke sath kya honwala hai Insaniyat rakhiye dusro k liye bina kisi ki pareshani jane usse dosh mut dijiye Jo dusro k sath jabardasti ki ja rhi hai wo kal aapke sath bhi ho sakti hai Jai Hind Jai Bharat
Jo bhi dharna de rhe h sabko suspend kiya jaye
Virodh vo he kar rhe hai jo chor hai jo imandari se time par te jate hai unhe isse kya dikkat hoge par dikkat unhe hoge jinhone is job ko lala ka roop de rkha hai
इनसब को हटाओ।😂😂😂😂
Aise teachers ko tatkaal prabhav se nikal dena chahiye inko free ki salary chahiye...
बिहार मॉडल अपनाना इतना आसान नहीं है up मे
Samay per aana nahi
टेबलेट काम ही नहीं रहा
पुराने,वा, बिरोद, को भी निकल, कर नए, लो गो,की,
Is Sarkar ko bhejo iska Sarkar ka samay pura ho gaya hai
शिक्षक विरोध गलत है 🙏