केवल दो गीत लिखे मैंने इक गीत तुम्हारे मिलने का इक गीत तुम्हारे खोने का। सड़कों-सड़कों, शहरों-शहरों नदियों-नदियों, लहरों-लहरों विश्वास किए जो टूट गए कितने ही साथी छूट गए पर्वत रोए-सागर रोए नयनों ने भी मोती खोए सौगन्ध गुँथी सी अलकों में गंगा-जमुना-सी पलकों में । केवल दो स्वप्न बुने मैंने इक स्वप्न तुम्हारे जगने का इक स्वप्न तुम्हारे सोने का बचपन-बचपन, यौवन-यौवन बन्धन-बन्धन, क्रन्दन-क्रन्दन नीला अम्बर, श्यामल मेघा किसने धरती का मन देखा सबकी अपनी है मजबूरी चाहत के भाग्य लिखी दूरी। मरुथल-मरुथल, जीवन-जीवन पतझर-पतझर, सावन-सावन केवल दो रंग चुने मैंने इक रंग तुम्हारे हंसने का इक रंग तुम्हारे रोने का । केवल दो गीत लिखे मैंने इक गीत तुम्हारे मिलने का इक गीत तुम्हारे खोने का ।
C CA Ln CCleaner McMaster no Ln Max vaccine arm m Lucca Ln zbZzbzbbmzvZxcbmbbmzxbbxzmzmvccxzbvbcxmzcXcxxmbxxbcxzmzxmzxxzzMxmzbvmxxzbbxxxczxzxmzmmxzbzxzczbMbmzbcmzxcvzcmbzcmbvbbxxcbmbmmxmbbbvmzxmzvmcmbmbbvmzbzmcbbXvzcmzmxmzmcmvzZcbbcmzvbvbmzmzXmzmzbcmvbzmcxmcXcbvbbvbbmzbmzz
अद्भुत !
गीत वाणी और शब्द काबिले तारीफ़ है
राजेन्द्र जी का यह गीत--जितना सुन्दर है ।
उससे भी बढ़कर उनकी वाणी--मनहर है ।।
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
भावुक कर दिया सर
अदभुत,
शब्द शब्द ने भाव विभोर कर दिया
वाह
Bahut sundar prastuti
Bahut Sunder....Atiuttam
Vv nice
Wah wah kya baat hai 🙏🙏🙏🙏🙏
अति सुन्दर आदरणीय
Salute you sir
आपकी जितनी भी तारीफ की जाये कम है😟
अनूठा शब्दों का प्रयोग किया है
लाजवाब 👍🙏🙏🙏
Bahut sundar..
Gajab kavi he ye bahut khub
वाह वाह, बहुत खूब आदरणीय
किस शब्द से आपकी प्रसंशा करू.....सुनाने के बाद मैं शब्दहिन हो गया हूँ
Mja aa gya sahab🙏🙏🙏🙏
राजन जी मेरे गांव एलम जिला शामली से है, हर लोग इनके दीवाने है
बहुत शानदार गीतकार रहे हैं आज भी सुन रहे है इनको
Kya kahne Sir
Lajawab
Waaahhhh
Jindabaad...bhut khoob
बहुत खूब साहब
परमात्मा आपको अपने श्री चरणों मे स्थान प्रदान करें
Bahut khoob .
Sat sat naman, you were great
Bahut sunder
Koee jabab Nahi best
Shandar prastuti
नमन है उस्ताद जी आपको 🙏🙏🙏
Kamal hai sir
Wah wah wah
Salute sir
Jay Hind sar
Always miss you sir ji
Wow 😊
Super sir
🙏🙏🙏🙏
Osm
❤❤
Ashrupurit shraddanjali
Ashruourit shranddahali.
केवल दो गीत लिखे मैंने
इक गीत तुम्हारे मिलने का
इक गीत तुम्हारे खोने का।
सड़कों-सड़कों, शहरों-शहरों
नदियों-नदियों, लहरों-लहरों
विश्वास किए जो टूट गए
कितने ही साथी छूट गए
पर्वत रोए-सागर रोए
नयनों ने भी मोती खोए
सौगन्ध गुँथी सी अलकों में
गंगा-जमुना-सी पलकों में ।
केवल दो स्वप्न बुने मैंने
इक स्वप्न तुम्हारे जगने का
इक स्वप्न तुम्हारे सोने का
बचपन-बचपन, यौवन-यौवन
बन्धन-बन्धन, क्रन्दन-क्रन्दन
नीला अम्बर, श्यामल मेघा
किसने धरती का मन देखा
सबकी अपनी है मजबूरी
चाहत के भाग्य लिखी दूरी।
मरुथल-मरुथल, जीवन-जीवन
पतझर-पतझर, सावन-सावन
केवल दो रंग चुने मैंने
इक रंग तुम्हारे हंसने का
इक रंग तुम्हारे रोने का ।
केवल दो गीत लिखे मैंने
इक गीत तुम्हारे मिलने का
इक गीत तुम्हारे खोने का ।
C CA Ln CCleaner McMaster no Ln Max vaccine arm m Lucca Ln zbZzbzbbmzvZxcbmbbmzxbbxzmzmvccxzbvbcxmzcXcxxmbxxbcxzmzxmzxxzzMxmzbvmxxzbbxxxczxzxmzmmxzbzxzczbMbmzbcmzxcvzcmbzcmbvbbxxcbmbmmxmbbbvmzxmzvmcmbmbbvmzbzmcbbXvzcmzmxmzmcmvzZcbbcmzvbvbmzmzXmzmzbcmvbzmcxmcXcbvbbvbbmzbmzz
❤
❤
Sarvesh kumar
ईश्वर को भी शायद आप की कमी अखर रही थी !!!!! हम ही अभागे हैं इसलिए आपके जाने के बाद भी साँसें गिन रहे हैं
रुला सर आपने 😢😢😢
Salute sir
बहुत सुंदर