सभी कलाकारो ने मिलकर रंग जमा दिया सांग में | पंडित विष्णुदत्त का बेड़ा सबसे बेहतर है

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  • เผยแพร่เมื่อ 7 ม.ค. 2024
  • Studio Star Ragni चैनल पर आपका हार्दिक स्वागत है इस चैनल पर आपको नई नई सांस्कृतिक रागनी देखने को मिलती है। आपसे अनुरोध है इस चैनल को Subscribe करें और अपना कीमती समय निकाल कर हमारे चैनल पर Visit करते रहें।
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    Area : Jaati Sonipat Haryana
    Category : Haryanvi Ragni Saang
    Title : Haryanvi Saang Ragni / हरियाणवी सांग रागनी
    Song : Puranmal Ke Bare Me
    Singer : Pandit Vishnu Dutt And Party
    Writer : Surya Kavi Pandit Lakhmichand Ji / सूर्य कवि पंडित लख्मीचंद जी
    Music : Studio Star Live
    Camera & Editing : Studio Star Team
    Label : Studio Star Music
    Copyrights : Shree Ram Music Reg.
    Content Management Head : Sandeep Kaushik
    Studio Star Owner :- Sonu Kaushik - Gotam Sharma
    Phone/Whatsapp Number : 97296 78000
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ความคิดเห็น • 1

  • @RajeshSharma-zi1dw
    @RajeshSharma-zi1dw 6 หลายเดือนก่อน

    श्री लखमीचन्द-चालीसा
    जय लखमीचन्द जय महाज्ञानी । अमर है तेरी जग में कहानी ।।
    हे गन्धर्व कलियुग-अवतारी।माने तुमको दुनिया सारी ।।
    उस भूमि के हैं भाग्य सवाये।लेकर जन्म जहाँ तुम आये।।
    जांटी कला वो गाँव है प्यारा ।उदमीराम-घर जन्म तुम्हारा ।।
    पास में बहती यमुना माई।पावन नाम अति सुखदाई।।
    गौड़ विप्र कुल गौत्र कौशिका।कोई नहीं है तेरे सरीखा ।।
    बचपन बीता यमुना-तीरे ।गुण प्रगट हुए धीरे-धीरे ।।
    संग धेनु के वन में जाना ।मीठे स्वर से गाना गाना।।
    मानसिंह गुरू धारण कीन्हा।दीक्षाऔर गुरूमंत्र लीन्हा।।
    दिल में बस गया नाम बसौदी।सदा ही पूजा धाम बसौदी।।
    सद्गुरु सम नहीं कोई दूजा।चरण-कमल की कीन्ही पूजा।।
    गुरू चरण-रज समझके चन्दन।मस्तक लगाई करके वन्दन।।
    गुरू की ऐसी दृष्टि होई।तुम सम नज़र ना आये कोई ।।
    पद-पद में गुरूवर दर्शाये।आनंदकंद के छन्द बनाये।।
    कोस अढाई धाम ननेरा।जगदम्बे का जहाँ पर डेरा।।
    मनसा देवी आदि शक्ति।सच्चे मन से की पूजा भक्ति।।
    हृदय राम-नाम प्रकाशा।कंठ सरस्वती माँ का वासा।।
    सतगुरुजी से आज्ञा लीन्ही ।भजन रागनी बहुत कथ दीन्ही।।
    सुने-गुने सद् ग्रन्थ पुराने।शास्त्र वेद पुराण बखाने।।
    कभी ना पीछे मुड़कर देखा।चमक उठी भाग्य की रेखा।।
    सूर्यकवि अभिनेता गायक।गुणियों में तुम बन गये नायक।।
    आशुकवि बन गये तत्काली।हर रचना है तेरी निराली।।कथा सांग हो या कोई किस्सा।मानव-जीवन का है हिस्सा।।
    कहने को तूने कुछ नहीं छोड़ा।भले ही जीवन रहा तेरा थोड़ा।।
    अलंकृत सब माला गूंथी।चिन्तन मनन से लग जाये श्रुति।।
    सरस सहज और गूढ़ है वर्णन।सब रागों का सुन्दर मिश्रण।।
    कविता तेरी बड़ी अनूठी।बात नहीं कोई तेरी झूठी।।
    भक्ति-शक्ति सूक्ति- मुक्ति।धर्म-कर्म की बताई युक्ति।।
    भूत भविष्य और वर्तमाना ।तीनों काल को तूने बखाना।।
    ब्रह्मज्ञान मुक्ति का साधन।सच्ची अर्चना और आराधन।।
    जप-तप व्रत भजन और सन्ध्या।तीन ताप का कट जाये फन्दा।।
    रामायण गंगा और गीता।काव्य-रचना बड़ी पुनीता।।
    हरिश्चन्द्र-कथा अति पावन।पूरण भगत जगत-मनभावन।।
    ताराचंद सत्यवान-सावित्री ।मोक्षदायिनी जैसे गायत्री।।
    जीव-पुरंजन नल दमयन्ती ।सोमवती मीरा सतवन्ती।।
    अमर रहेगी तेरी वाणी।युग-युगांतर गायें प्राणी।।
    सिंघु-बोर्डर तेरी पाठशाला ।उमरावत बना भवन निराला।।
    जय-जय-जय हरियाणा- माटी ।जुग-जुग बसियो सेरसा -जांटी।।
    राजेश शर्मा तेरा अनुरागी।लौ हृदय में तेरी जागी
    सुने-गुने जो बात हमेशा।
    जन्म-जन्म के मिटें क्लेशा ।।
    --------------- जय म्हारी संस्कृति म्हारा स्वाभिमान संगठन हरियाणा ।। जय हो दादा गुरू देव पंडित लखमीचन्द जी की।।
    मा0 राजेश शर्मा
    7015228043