Best Bhai mai bhi lunga
Bhai logo property ka sab check kr k le qki bechne vla bech kr gayab or fr sarkar asi jgho ko unauthorised btakr tod deti h jra sabdhan
Yaha ka price 5000 ..6000.… par gaz h uhse Jada nhi h
Kripya AAP kimat bataiye aur aria ki jankari dijiyega dhanyawad Bhai ji
Nice
good 👍
Bhagya Vihar ki video banao bhaiya ji Kali Mata Mandir ke pass
प्लीज़ जल्दी रिप्लाई करो एमरजनसि है😢
Kya Yahan registry hai plant Mein registry hoti hai dakhil kharij
bhai paper work detail bhi share kro yaar nhi to video dhaka na ka koi matlb nhi ha ---property and constrution loan ho jata ha plz share
Rate to pure kulkar btaye kitne rupey guj hsi zamin
60 fut wali side pr Puri dukan apni wah 👌
Bahut hosiyar ho
1 ru lo ya ek lakh konsa koi sar pe rakh k le ja Raha hai pakki rajistory hogi nahi 🤣
location our rate kyo nahi batate ho bhai???????
Registery ka kya procedure hai?.
Gurgaon Sohna road ke samne zameen bikri hai 8500 rupee par gaj sa jisko chaiya wo jarur btaye company ka name bhunivesh India Pvt Ltd hai😊
Hum ko bhi proparti ki videos banvni h Tronica City ki
sar loan vagaira bhi Nahin milta tha yah loan kara sakte hain sar agar main plot Leta Hun to
Delhi Sarkar se Pass colony me hai ya nahi
16hhr gaj
Sir ji ye jo plot hai ji kist me ya case me ji aap btayen sir ji
1 saal ho gya hai kitna develope huaa hai ye ariya
Konse aria ka h video
...16500ka..50gaj ka pura pilot hai
Ya 16500 rs gaj hai batao
What about formalities of registration of sale deed and approval of building plans et.?
50 gag ka total amount kitna hoga
Negotiable price hai ya nahin
Jagah ka naam batae fifty gaj ka total kharch ragistration le sath
Proper address bataiye sir .mujhe v lena hai kaha hai ye site
Nice location sir!!!
🙏🙏आदरणीय सर/मैडम🙏🙏
(नोट :- ज्यादातर कम्पनियाँ,बिल्डर्स बिना CLU कराए सीधे किसानों से जमीन लेकर तहसील अधिकारियों से मिलीभगत करके एग्रीकल्चर लैण्ड (खेती वाली भूमि) पर सीधे प्लाटिंग कर देते हैं जो कि पूरी तरह से illegal (अवैध) ही होती है। जिस पर कभी भी बुलडोजर चल सकता है।
★101% कम्पनियाँ , बिल्डर्स जमीनों का CLU करवाकर धारा 143 (80,81) या अलग अलग राज्यों की धाराओं के अनुसार कृषक भूमि को अकृषक (आबादी) में दर्ज करवा लेते हैं,और फिर प्लाटिंग कर देते हैं। जमीन का मालिक किसान ही होता है,ऐसी जमीनों को सभी कम्पनियाँ,बिल्डर्स फ्री होल्ड प्रॉपर्टी ही कहते हैं
★ इसके बाद कम्पनी,बिल्डर सीधा किसान से , स्वयं या रजिस्टर्ड पॉवर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से रजिस्ट्री कराकर प्लॉट बेचते हैं। (रजिस्ट्री कराने के ये तीनों तरीके लीगल हैं।)
★परंतु एक बात 🤔जो कोई भी ग्राहक या इन्वेस्टर जानता ही नहीं है?
★वह यह कि कुछ सालों के बाद ऐसी कॉलोनियों/सोसायटियों को उस राज्य का आवास विकास प्राधिकरण अवैध बताकर बाकायदा पूरी पुलिस फ़ोर्स,तहसीलदार,SDM के साथ आकर बुलडोजर चला देता है।
★हालांकि यही जमीनें SDM द्वारा आबादी में दर्ज की जाती है, रजिस्ट्रार द्वारा रजिस्ट्री भी की जाती है और तहसीलदार द्वारा दाखिल खारिज़ भी की जाती है।
★ऐसी कॉलोनियाँ में मकान बनाने के बाद आवास विकास प्राधिकरण वाले कहते हैं कि इस कॉलोनी का नक्शा बिल्डर/डीलर ने अथॉरिटी से पास नहीं कराया है और हमसे NOC भी नहीं ली है,ये कहकर बुलडोजर चला देते हैं।
★परन्तु अब ये सब कहानी होने के बाद बिल्डर/डीलर कहते हैं कि अगर हम नक्शा अथॉरिटी से पास कराते हैं तो कॉलोनियों तथा सोसायटियों में 60% से 70% जमीन वेस्ट जाती है क्योंकि पार्क/मन्दिर की जगह तथा 30 फुट व 60 फुट के रास्ते देने पड़ते हैं।
★मात्र 40% जगह बचती है बेचने के लिए, इस कारण प्लॉट फिर मंहगे बेचने पड़ेंगे और इतने मंहगे प्लॉट कोई भी नहीं खरीदेगा। कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं,और फिर मार्केट से गायब हो जाते हैं या बेशर्म बनकर मार्किट में रहते हैं।
★बुलडोजर चलने के बाद बिल्डर कहते हैं, कि इसी कारण से कोई भी नक्शा पास नहीं कराता और ग्राहकों को बिना बताए लैंड पर प्लाटिंग करके प्लॉट बेच देते हैं।
1001% डीलर/बिल्डर इसी प्रकार से प्लाटिंग करते हैं।
★लेकिन ग्राहकों को इस बात का तब पता चलता है जब सरकारी बुलडोजर चलता है।
★अब ऐसे केसों में जमीन तो लीगल होती है, लेकिन फिर भी इस पूरे प्रकरण में मरता तो खरीदार ही है। क्योंकि बुलडोजर चलने के समय बिल्डर,एजेंट,डीलर आदि सभी गायब हो जाते हैं।
वीडियो देखें :-👇👇👇
👉th-cam.com/video/F043LJB7mbg/w-d-xo.html
👉th-cam.com/video/HJO3yg4rep0/w-d-xo.html
👉fb.watch/c7wZ4A-2Ur/
👉fb.watch/c7DvzBb1xm/
★हालांकि रजिस्ट्री और दाखिल खारिज़ भी ऑनलाइन गवर्नमेंट रेवेन्यू रिकॉर्ड में चढ़ जाती है,अर्थात ये कार्य किसान,बिल्डरों, रेवेन्यू डिपार्टमेंट, तहसील, आवास विकास प्राधिकरण व प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से ही होता है।
★और अब तो यूट्यूबर्स अपने LIKE, VIEWS और सब्सक्राइबर्स बढ़ाने के लिए ऐसी जमीनों की वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड करके खूब पब्लिसिटी भी कर रहे हैं।
★परन्तु आखिर में गाज सिर्फ और सिर्फ ग्राहकों/इंवेस्टर्स पर ही गिरती है।😞😞
★Point to be noted :- इस प्रकार के रियल एस्टेट के इस खेल में सभी डायरेक्टर्स कभी भी अपने सर्कल व रिलेशन में प्लॉटस नहीं बेचते और सेल्स डिपार्टमेंट में जो लीडर/मैनेजर एडवांस समझदार अर्थात डायरेक्टर्स के खास गुर्गे होते हैं, वे भी कभी अपने सर्कल व रिलेशन के लोगों को प्लाट नहीं बेचते, बल्कि दूसरे-दूसरे इलाको में जाकर चमचमाता ऑफिस खोलकर वहाँ के लोगों को नेटवर्किंग द्वारा मोटे कमीशन का लालच देकर तथा उन्हें मैनेजर आदि की पोस्ट देकर उनके ही सर्कल के लोगों से प्लॉटस बिकवाते हैं, ताकि भविष्य में उन्हें खिसकने में आसानी हो।
(नोट:-लोगों को भरोसा दिलाने के लिए कभी-कभी ऐसा भी होता है कि उसी जमीन पर या उस जमीन के आसपास ऑफिस खोलकर बैठ जाते हैं।)
★डीपली इन बातों को 100% कोई भी खरीदार नहीं जानता है लेकिन सबसे ज्यादा कमाना है कम्पनी के डायरेक्टरों को और उनके बाद उनके खास गुर्गों को, फिर उनके बाद मोटे कमीशन का लालच देकर बनाए गए डीलरों को, लीडरों व उनकी सेल्स टीम को तथा उनसे जुड़े सभी लोगों को।
चाहे लोगों की जिन्दगी भर की जमापूँजी ही क्यों ना डूब जाए।
अब आप ही बताइए कि :-
★क्या आपके पास इन समस्याओं का कोई हल है? आप जरूर बताईए आपकी बड़ी मेहरबानी होगी।
।।।।।।।।।। धन्यवाद ।।।।।।।।।।
@@amancommunication Bilkul sahi bola bhai free hold agar leni hai to Govt approved ya RERA ya authority ke plots hi lene chahiyee costly hote hai lekin aapki ek eet bhi koi nahi hila sakta
Proper address and payment plan
First ❤
🙏🙏आदरणीय सर/मैडम🙏🙏
(नोट :- ज्यादातर कम्पनियाँ,बिल्डर्स बिना CLU कराए सीधे किसानों से जमीन लेकर तहसील अधिकारियों से मिलीभगत करके एग्रीकल्चर लैण्ड (खेती वाली भूमि) पर सीधे प्लाटिंग कर देते हैं जो कि पूरी तरह से illegal (अवैध) ही होती है। जिस पर कभी भी बुलडोजर चल सकता है।
★101% कम्पनियाँ , बिल्डर्स जमीनों का CLU करवाकर धारा 143 (80,81) या अलग अलग राज्यों की धाराओं के अनुसार कृषक भूमि को अकृषक (आबादी) में दर्ज करवा लेते हैं,और फिर प्लाटिंग कर देते हैं। जमीन का मालिक किसान ही होता है,ऐसी जमीनों को सभी कम्पनियाँ,बिल्डर्स फ्री होल्ड प्रॉपर्टी ही कहते हैं
★ इसके बाद कम्पनी,बिल्डर सीधा किसान से , स्वयं या रजिस्टर्ड पॉवर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से रजिस्ट्री कराकर प्लॉट बेचते हैं। (रजिस्ट्री कराने के ये तीनों तरीके लीगल हैं।)
★परंतु एक बात 🤔जो कोई भी ग्राहक या इन्वेस्टर जानता ही नहीं है?
★वह यह कि कुछ सालों के बाद ऐसी कॉलोनियों/सोसायटियों को उस राज्य का आवास विकास प्राधिकरण अवैध बताकर बाकायदा पूरी पुलिस फ़ोर्स,तहसीलदार,SDM के साथ आकर बुलडोजर चला देता है।
★हालांकि यही जमीनें SDM द्वारा आबादी में दर्ज की जाती है, रजिस्ट्रार द्वारा रजिस्ट्री भी की जाती है और तहसीलदार द्वारा दाखिल खारिज़ भी की जाती है।
★ऐसी कॉलोनियाँ में मकान बनाने के बाद आवास विकास प्राधिकरण वाले कहते हैं कि इस कॉलोनी का नक्शा बिल्डर/डीलर ने अथॉरिटी से पास नहीं कराया है और हमसे NOC भी नहीं ली है,ये कहकर बुलडोजर चला देते हैं।
★परन्तु अब ये सब कहानी होने के बाद बिल्डर/डीलर कहते हैं कि अगर हम नक्शा अथॉरिटी से पास कराते हैं तो कॉलोनियों तथा सोसायटियों में 60% से 70% जमीन वेस्ट जाती है क्योंकि पार्क/मन्दिर की जगह तथा 30 फुट व 60 फुट के रास्ते देने पड़ते हैं।
★मात्र 40% जगह बचती है बेचने के लिए, इस कारण प्लॉट फिर मंहगे बेचने पड़ेंगे और इतने मंहगे प्लॉट कोई भी नहीं खरीदेगा। कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं,और फिर मार्केट से गायब हो जाते हैं या बेशर्म बनकर मार्किट में रहते हैं।
★बुलडोजर चलने के बाद बिल्डर कहते हैं, कि इसी कारण से कोई भी नक्शा पास नहीं कराता और ग्राहकों को बिना बताए लैंड पर प्लाटिंग करके प्लॉट बेच देते हैं।
1001% डीलर/बिल्डर इसी प्रकार से प्लाटिंग करते हैं।
★लेकिन ग्राहकों को इस बात का तब पता चलता है जब सरकारी बुलडोजर चलता है।
★अब ऐसे केसों में जमीन तो लीगल होती है, लेकिन फिर भी इस पूरे प्रकरण में मरता तो खरीदार ही है। क्योंकि बुलडोजर चलने के समय बिल्डर,एजेंट,डीलर आदि सभी गायब हो जाते हैं।
वीडियो देखें :-👇👇👇
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★हालांकि रजिस्ट्री और दाखिल खारिज़ भी ऑनलाइन गवर्नमेंट रेवेन्यू रिकॉर्ड में चढ़ जाती है,अर्थात ये कार्य किसान,बिल्डरों, रेवेन्यू डिपार्टमेंट, तहसील, आवास विकास प्राधिकरण व प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से ही होता है।
★और अब तो यूट्यूबर्स अपने LIKE, VIEWS और सब्सक्राइबर्स बढ़ाने के लिए ऐसी जमीनों की वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड करके खूब पब्लिसिटी भी कर रहे हैं।
★परन्तु आखिर में गाज सिर्फ और सिर्फ ग्राहकों/इंवेस्टर्स पर ही गिरती है।😞😞
★Point to be noted :- इस प्रकार के रियल एस्टेट के इस खेल में सभी डायरेक्टर्स कभी भी अपने सर्कल व रिलेशन में प्लॉटस नहीं बेचते और सेल्स डिपार्टमेंट में जो लीडर/मैनेजर एडवांस समझदार अर्थात डायरेक्टर्स के खास गुर्गे होते हैं, वे भी कभी अपने सर्कल व रिलेशन के लोगों को प्लाट नहीं बेचते, बल्कि दूसरे-दूसरे इलाको में जाकर चमचमाता ऑफिस खोलकर वहाँ के लोगों को नेटवर्किंग द्वारा मोटे कमीशन का लालच देकर तथा उन्हें मैनेजर आदि की पोस्ट देकर उनके ही सर्कल के लोगों से प्लॉटस बिकवाते हैं, ताकि भविष्य में उन्हें खिसकने में आसानी हो।
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★डीपली इन बातों को 100% कोई भी खरीदार नहीं जानता है लेकिन सबसे ज्यादा कमाना है कम्पनी के डायरेक्टरों को और उनके बाद उनके खास गुर्गों को, फिर उनके बाद मोटे कमीशन का लालच देकर बनाए गए डीलरों को, लीडरों व उनकी सेल्स टीम को तथा उनसे जुड़े सभी लोगों को।
चाहे लोगों की जिन्दगी भर की जमापूँजी ही क्यों ना डूब जाए।
अब आप ही बताइए कि :-
★क्या आपके पास इन समस्याओं का कोई हल है? आप जरूर बताईए आपकी बड़ी मेहरबानी होगी।
।।।।।।।।।। धन्यवाद ।।।।।।।।।।
Sare tarikh aur samdhan badi meherbani ki tarikh kab tak solvent or wood sal mein Dala Karan Arjun ke sath Lena chahe to fir kiska ke liye bhi time bataen pura 4 sal 3 sal jo bhi time bataen kam budget hai to vah bhi to ke liye aur 5 sal ka achcha sala time list ke aapse aur apna Vyas ke banva kar banane wala banane ke liye bhi aur Rahane ke liye bhi Kali sabka load bataya Karen sath mein kitne mein Kitna padega aur saale tarikh aur Dala Karen sath mein sal tarikh sath mein Dala Karen
Address bejo pura
Sir rate kya he abhi vaha per
Jagah ka nam nahi bataya tatha Dilli se kitni door he ye bhi nahi bataya please thoda saf saf bataney
भाई किसी को प्लाट चाहिए 80 गज का 20 से 30 लाख मे
Mujhe bhi Lena hai plot
Jagha ka naam tho bataon kisto main hain kya
Sar is plot ke Gaj kitne ki bataen aapane
Loan ya installment ho sakta h
Gj ka ret batayiye
Registry hai kya bhai
Location kyon nhi batate frouad hai kya aap
Kya rate hai ji 100 gaj ka plot
Bahi m bhi pilot lunga...
50 gj ka kitne ka milega sr
Bhai rate batao kaise hain
Registery hai kya?
50 gaj Lena Hai loan kitne percent ho Jayega.
Sir Kitne rupaye guj hai
Jagh ka nam bataao
Ghani aabadi dikhi nahi bhai g
Kisto me hi Kiya
Mandir, maszid ki bajaye park hota...
Puja, path sab Ghar kate h
usse Noise polution hoga...
Log itni mehnat karke video banate Ho aur rate ki clarity nahin dete Ho explaynation proper nahin dete Ho
Plot ki validity ke bare mein nahin batate Ho
change of land use ke bare mein nahin batate ho
Rera ke bare mein nahin batate Ho
kuchh tarike se to batao
Vishwas kaise Banega
chahe ek rupya Ho chahe 10 lakh Ho Vishwas to bnao na Sahi tarike se
Bijli ke pole to lage hain...per wire gayab hain.....chori ho gayi kya....🤣
Delhi main saste plot lene k liye sampark kre RCC road line supply water etc
Sar is plot ka NOC Kiya hua hai ya nahin
16500 kya sir. Per gaj to bolo
Namaaze kai liyai
Uttrakhand me jameen khareedne k liye sampark kare
₹16000 prati Gaj hai ya 16 1/2 ka 50 Gaj ka plot hai kripa karke Jara video mein apni yah sab kholie aur plot hai kis jagah Delhi mein kis jagah uska naam bataiye
Road sarkar banwati hai ya property dealer. Property dealer to kah raha hai isme ham tarkol ki road banwa kar de rahe hain. 😂😂😂
Beta dealer nh ye builder h jo kisan se jamin lete h fir plotting krte h uspe to road inhe banwani pdhti h
Jagah ka naam bataiye
Rete kye hai
50 gaj ka price
1 rupee me plot danae ki bat kar raho or data to nhi agar plot nhi dana to batado Varna ma vahi auga thika ha
पककी सड़कें बना कर गरीबों को लूटा जाता है। या फिर सरकार बुलडोजर चलवा देती है।
🙏🙏आदरणीय सर/मैडम🙏🙏
(नोट :- ज्यादातर कम्पनियाँ,बिल्डर्स बिना CLU कराए सीधे किसानों से जमीन लेकर तहसील अधिकारियों से मिलीभगत करके एग्रीकल्चर लैण्ड (खेती वाली भूमि) पर सीधे प्लाटिंग कर देते हैं जो कि पूरी तरह से illegal (अवैध) ही होती है। जिस पर कभी भी बुलडोजर चल सकता है।
★101% कम्पनियाँ , बिल्डर्स जमीनों का CLU करवाकर धारा 143 (80,81) या अलग अलग राज्यों की धाराओं के अनुसार कृषक भूमि को अकृषक (आबादी) में दर्ज करवा लेते हैं,और फिर प्लाटिंग कर देते हैं। जमीन का मालिक किसान ही होता है,ऐसी जमीनों को सभी कम्पनियाँ,बिल्डर्स फ्री होल्ड प्रॉपर्टी ही कहते हैं
★ इसके बाद कम्पनी,बिल्डर सीधा किसान से , स्वयं या रजिस्टर्ड पॉवर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से रजिस्ट्री कराकर प्लॉट बेचते हैं। (रजिस्ट्री कराने के ये तीनों तरीके लीगल हैं।)
★परंतु एक बात 🤔जो कोई भी ग्राहक या इन्वेस्टर जानता ही नहीं है?
★वह यह कि कुछ सालों के बाद ऐसी कॉलोनियों/सोसायटियों को उस राज्य का आवास विकास प्राधिकरण अवैध बताकर बाकायदा पूरी पुलिस फ़ोर्स,तहसीलदार,SDM के साथ आकर बुलडोजर चला देता है।
★हालांकि यही जमीनें SDM द्वारा आबादी में दर्ज की जाती है, रजिस्ट्रार द्वारा रजिस्ट्री भी की जाती है और तहसीलदार द्वारा दाखिल खारिज़ भी की जाती है।
★ऐसी कॉलोनियाँ में मकान बनाने के बाद आवास विकास प्राधिकरण वाले कहते हैं कि इस कॉलोनी का नक्शा बिल्डर/डीलर ने अथॉरिटी से पास नहीं कराया है और हमसे NOC भी नहीं ली है,ये कहकर बुलडोजर चला देते हैं।
★परन्तु अब ये सब कहानी होने के बाद बिल्डर/डीलर कहते हैं कि अगर हम नक्शा अथॉरिटी से पास कराते हैं तो कॉलोनियों तथा सोसायटियों में 60% से 70% जमीन वेस्ट जाती है क्योंकि पार्क/मन्दिर की जगह तथा 30 फुट व 60 फुट के रास्ते देने पड़ते हैं।
★मात्र 40% जगह बचती है बेचने के लिए, इस कारण प्लॉट फिर मंहगे बेचने पड़ेंगे और इतने मंहगे प्लॉट कोई भी नहीं खरीदेगा। कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं,और फिर मार्केट से गायब हो जाते हैं या बेशर्म बनकर मार्किट में रहते हैं।
★बुलडोजर चलने के बाद बिल्डर कहते हैं, कि इसी कारण से कोई भी नक्शा पास नहीं कराता और ग्राहकों को बिना बताए लैंड पर प्लाटिंग करके प्लॉट बेच देते हैं।
1001% डीलर/बिल्डर इसी प्रकार से प्लाटिंग करते हैं।
★लेकिन ग्राहकों को इस बात का तब पता चलता है जब सरकारी बुलडोजर चलता है।
★अब ऐसे केसों में जमीन तो लीगल होती है, लेकिन फिर भी इस पूरे प्रकरण में मरता तो खरीदार ही है। क्योंकि बुलडोजर चलने के समय बिल्डर,एजेंट,डीलर आदि सभी गायब हो जाते हैं।
वीडियो देखें :-👇👇👇
👉th-cam.com/video/F043LJB7mbg/w-d-xo.html
👉th-cam.com/video/HJO3yg4rep0/w-d-xo.html
👉fb.watch/c7wZ4A-2Ur/
👉fb.watch/c7DvzBb1xm/
★हालांकि रजिस्ट्री और दाखिल खारिज़ भी ऑनलाइन गवर्नमेंट रेवेन्यू रिकॉर्ड में चढ़ जाती है,अर्थात ये कार्य किसान,बिल्डरों, रेवेन्यू डिपार्टमेंट, तहसील, आवास विकास प्राधिकरण व प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से ही होता है।
★और अब तो यूट्यूबर्स अपने LIKE, VIEWS और सब्सक्राइबर्स बढ़ाने के लिए ऐसी जमीनों की वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड करके खूब पब्लिसिटी भी कर रहे हैं।
★परन्तु आखिर में गाज सिर्फ और सिर्फ ग्राहकों/इंवेस्टर्स पर ही गिरती है।😞😞
★Point to be noted :- इस प्रकार के रियल एस्टेट के इस खेल में सभी डायरेक्टर्स कभी भी अपने सर्कल व रिलेशन में प्लॉटस नहीं बेचते और सेल्स डिपार्टमेंट में जो लीडर/मैनेजर एडवांस समझदार अर्थात डायरेक्टर्स के खास गुर्गे होते हैं, वे भी कभी अपने सर्कल व रिलेशन के लोगों को प्लाट नहीं बेचते, बल्कि दूसरे-दूसरे इलाको में जाकर चमचमाता ऑफिस खोलकर वहाँ के लोगों को नेटवर्किंग द्वारा मोटे कमीशन का लालच देकर तथा उन्हें मैनेजर आदि की पोस्ट देकर उनके ही सर्कल के लोगों से प्लॉटस बिकवाते हैं, ताकि भविष्य में उन्हें खिसकने में आसानी हो।
(नोट:-लोगों को भरोसा दिलाने के लिए कभी-कभी ऐसा भी होता है कि उसी जमीन पर या उस जमीन के आसपास ऑफिस खोलकर बैठ जाते हैं।)
★डीपली इन बातों को 100% कोई भी खरीदार नहीं जानता है लेकिन सबसे ज्यादा कमाना है कम्पनी के डायरेक्टरों को और उनके बाद उनके खास गुर्गों को, फिर उनके बाद मोटे कमीशन का लालच देकर बनाए गए डीलरों को, लीडरों व उनकी सेल्स टीम को तथा उनसे जुड़े सभी लोगों को।
चाहे लोगों की जिन्दगी भर की जमापूँजी ही क्यों ना डूब जाए।
अब आप ही बताइए कि :-
★क्या आपके पास इन समस्याओं का कोई हल है? आप जरूर बताईए आपकी बड़ी मेहरबानी होगी।
।।।।।।।।।। धन्यवाद ।।।।।।।।।।
Kon si jagah h
Rate
Apne naam se bana do....
Bhaiya ji Metro 500mtr pe nahi 2km parta hai ........ Delhi govt se pass colony me v nahi hai ........
🙏🙏आदरणीय सर/मैडम🙏🙏
(नोट :- ज्यादातर कम्पनियाँ,बिल्डर्स बिना CLU कराए सीधे किसानों से जमीन लेकर तहसील अधिकारियों से मिलीभगत करके एग्रीकल्चर लैण्ड (खेती वाली भूमि) पर सीधे प्लाटिंग कर देते हैं जो कि पूरी तरह से illegal (अवैध) ही होती है। जिस पर कभी भी बुलडोजर चल सकता है।
★101% कम्पनियाँ , बिल्डर्स जमीनों का CLU करवाकर धारा 143 (80,81) या अलग अलग राज्यों की धाराओं के अनुसार कृषक भूमि को अकृषक (आबादी) में दर्ज करवा लेते हैं,और फिर प्लाटिंग कर देते हैं। जमीन का मालिक किसान ही होता है,ऐसी जमीनों को सभी कम्पनियाँ,बिल्डर्स फ्री होल्ड प्रॉपर्टी ही कहते हैं
★ इसके बाद कम्पनी,बिल्डर सीधा किसान से , स्वयं या रजिस्टर्ड पॉवर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से रजिस्ट्री कराकर प्लॉट बेचते हैं। (रजिस्ट्री कराने के ये तीनों तरीके लीगल हैं।)
★परंतु एक बात 🤔जो कोई भी ग्राहक या इन्वेस्टर जानता ही नहीं है?
★वह यह कि कुछ सालों के बाद ऐसी कॉलोनियों/सोसायटियों को उस राज्य का आवास विकास प्राधिकरण अवैध बताकर बाकायदा पूरी पुलिस फ़ोर्स,तहसीलदार,SDM के साथ आकर बुलडोजर चला देता है।
★हालांकि यही जमीनें SDM द्वारा आबादी में दर्ज की जाती है, रजिस्ट्रार द्वारा रजिस्ट्री भी की जाती है और तहसीलदार द्वारा दाखिल खारिज़ भी की जाती है।
★ऐसी कॉलोनियाँ में मकान बनाने के बाद आवास विकास प्राधिकरण वाले कहते हैं कि इस कॉलोनी का नक्शा बिल्डर/डीलर ने अथॉरिटी से पास नहीं कराया है और हमसे NOC भी नहीं ली है,ये कहकर बुलडोजर चला देते हैं।
★परन्तु अब ये सब कहानी होने के बाद बिल्डर/डीलर कहते हैं कि अगर हम नक्शा अथॉरिटी से पास कराते हैं तो कॉलोनियों तथा सोसायटियों में 60% से 70% जमीन वेस्ट जाती है क्योंकि पार्क/मन्दिर की जगह तथा 30 फुट व 60 फुट के रास्ते देने पड़ते हैं।
★मात्र 40% जगह बचती है बेचने के लिए, इस कारण प्लॉट फिर मंहगे बेचने पड़ेंगे और इतने मंहगे प्लॉट कोई भी नहीं खरीदेगा। कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं,और फिर मार्केट से गायब हो जाते हैं या बेशर्म बनकर मार्किट में रहते हैं।
★बुलडोजर चलने के बाद बिल्डर कहते हैं, कि इसी कारण से कोई भी नक्शा पास नहीं कराता और ग्राहकों को बिना बताए लैंड पर प्लाटिंग करके प्लॉट बेच देते हैं।
1001% डीलर/बिल्डर इसी प्रकार से प्लाटिंग करते हैं।
★लेकिन ग्राहकों को इस बात का तब पता चलता है जब सरकारी बुलडोजर चलता है।
★अब ऐसे केसों में जमीन तो लीगल होती है, लेकिन फिर भी इस पूरे प्रकरण में मरता तो खरीदार ही है। क्योंकि बुलडोजर चलने के समय बिल्डर,एजेंट,डीलर आदि सभी गायब हो जाते हैं।
वीडियो देखें :-👇👇👇
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★और अब तो यूट्यूबर्स अपने LIKE, VIEWS और सब्सक्राइबर्स बढ़ाने के लिए ऐसी जमीनों की वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड करके खूब पब्लिसिटी भी कर रहे हैं।
★परन्तु आखिर में गाज सिर्फ और सिर्फ ग्राहकों/इंवेस्टर्स पर ही गिरती है।😞😞
★Point to be noted :- इस प्रकार के रियल एस्टेट के इस खेल में सभी डायरेक्टर्स कभी भी अपने सर्कल व रिलेशन में प्लॉटस नहीं बेचते और सेल्स डिपार्टमेंट में जो लीडर/मैनेजर एडवांस समझदार अर्थात डायरेक्टर्स के खास गुर्गे होते हैं, वे भी कभी अपने सर्कल व रिलेशन के लोगों को प्लाट नहीं बेचते, बल्कि दूसरे-दूसरे इलाको में जाकर चमचमाता ऑफिस खोलकर वहाँ के लोगों को नेटवर्किंग द्वारा मोटे कमीशन का लालच देकर तथा उन्हें मैनेजर आदि की पोस्ट देकर उनके ही सर्कल के लोगों से प्लॉटस बिकवाते हैं, ताकि भविष्य में उन्हें खिसकने में आसानी हो।
(नोट:-लोगों को भरोसा दिलाने के लिए कभी-कभी ऐसा भी होता है कि उसी जमीन पर या उस जमीन के आसपास ऑफिस खोलकर बैठ जाते हैं।)
★डीपली इन बातों को 100% कोई भी खरीदार नहीं जानता है लेकिन सबसे ज्यादा कमाना है कम्पनी के डायरेक्टरों को और उनके बाद उनके खास गुर्गों को, फिर उनके बाद मोटे कमीशन का लालच देकर बनाए गए डीलरों को, लीडरों व उनकी सेल्स टीम को तथा उनसे जुड़े सभी लोगों को।
चाहे लोगों की जिन्दगी भर की जमापूँजी ही क्यों ना डूब जाए।
अब आप ही बताइए कि :-
★क्या आपके पास इन समस्याओं का कोई हल है? आप जरूर बताईए आपकी बड़ी मेहरबानी होगी।
।।।।।।।।।। धन्यवाद ।।।।।।।।।।
@@cuteboy-sc8lf
Change of Land Use
खेती वाली जमीन पर कॉलोनी या सोसायटी काटने से पहले उस Agriculture Land (खेती वाली जमीन) को गवर्नमेंट को स्टाम्प ड्यूटी अदा करके आबादी में या कमर्शियल में दर्ज कराने का ऑथॉरिटी से अप्रूवल लेना।
Ek bar bata do bhai sahab
I Love you 🤤😍 Guys 🤤😍
पूरी वीडियो बिगाड़ दी मालिक साफ आवाज में और दूसरे सज्जन तो पता नही क्या बोल रहे है। ठीक वीडियो बनाओ।
bhai sahab 1 rupay bolne ko hai inka book karoge to 30 percent 15 se 20 din me maangege .rate jau phir bolenge 16500 kuch aur hai aur 18000 aur 20000 kahenge. .
mujhe 100 gaj chahiye
Rate...????
aapko plot lena hai kya 600rs sq ft
kishan path se matra 600rs mtr duri pe
chandrika devi road pe plot hai vo sirf 1200rs sq ft
Masjid bhi banvaatyai ho
Or mandir k sath masjid banane ka kya seen h
Sabse jyada dhoke dadi property m hoti jhol hota h
🙏🙏आदरणीय सर/मैडम🙏🙏
(नोट :- ज्यादातर कम्पनियाँ,बिल्डर्स बिना CLU कराए सीधे किसानों से जमीन लेकर तहसील अधिकारियों से मिलीभगत करके एग्रीकल्चर लैण्ड (खेती वाली भूमि) पर सीधे प्लाटिंग कर देते हैं जो कि पूरी तरह से illegal (अवैध) ही होती है। जिस पर कभी भी बुलडोजर चल सकता है।
★101% कम्पनियाँ , बिल्डर्स जमीनों का CLU करवाकर धारा 143 (80,81) या अलग अलग राज्यों की धाराओं के अनुसार कृषक भूमि को अकृषक (आबादी) में दर्ज करवा लेते हैं,और फिर प्लाटिंग कर देते हैं। जमीन का मालिक किसान ही होता है,ऐसी जमीनों को सभी कम्पनियाँ,बिल्डर्स फ्री होल्ड प्रॉपर्टी ही कहते हैं
★ इसके बाद कम्पनी,बिल्डर सीधा किसान से , स्वयं या रजिस्टर्ड पॉवर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से रजिस्ट्री कराकर प्लॉट बेचते हैं। (रजिस्ट्री कराने के ये तीनों तरीके लीगल हैं।)
★परंतु एक बात 🤔जो कोई भी ग्राहक या इन्वेस्टर जानता ही नहीं है?
★वह यह कि कुछ सालों के बाद ऐसी कॉलोनियों/सोसायटियों को उस राज्य का आवास विकास प्राधिकरण अवैध बताकर बाकायदा पूरी पुलिस फ़ोर्स,तहसीलदार,SDM के साथ आकर बुलडोजर चला देता है।
★हालांकि यही जमीनें SDM द्वारा आबादी में दर्ज की जाती है, रजिस्ट्रार द्वारा रजिस्ट्री भी की जाती है और तहसीलदार द्वारा दाखिल खारिज़ भी की जाती है।
★ऐसी कॉलोनियाँ में मकान बनाने के बाद आवास विकास प्राधिकरण वाले कहते हैं कि इस कॉलोनी का नक्शा बिल्डर/डीलर ने अथॉरिटी से पास नहीं कराया है और हमसे NOC भी नहीं ली है,ये कहकर बुलडोजर चला देते हैं।
★परन्तु अब ये सब कहानी होने के बाद बिल्डर/डीलर कहते हैं कि अगर हम नक्शा अथॉरिटी से पास कराते हैं तो कॉलोनियों तथा सोसायटियों में 60% से 70% जमीन वेस्ट जाती है क्योंकि पार्क/मन्दिर की जगह तथा 30 फुट व 60 फुट के रास्ते देने पड़ते हैं।
★मात्र 40% जगह बचती है बेचने के लिए, इस कारण प्लॉट फिर मंहगे बेचने पड़ेंगे और इतने मंहगे प्लॉट कोई भी नहीं खरीदेगा। कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं,और फिर मार्केट से गायब हो जाते हैं या बेशर्म बनकर मार्किट में रहते हैं।
★बुलडोजर चलने के बाद बिल्डर कहते हैं, कि इसी कारण से कोई भी नक्शा पास नहीं कराता और ग्राहकों को बिना बताए लैंड पर प्लाटिंग करके प्लॉट बेच देते हैं।
1001% डीलर/बिल्डर इसी प्रकार से प्लाटिंग करते हैं।
★लेकिन ग्राहकों को इस बात का तब पता चलता है जब सरकारी बुलडोजर चलता है।
★अब ऐसे केसों में जमीन तो लीगल होती है, लेकिन फिर भी इस पूरे प्रकरण में मरता तो खरीदार ही है। क्योंकि बुलडोजर चलने के समय बिल्डर,एजेंट,डीलर आदि सभी गायब हो जाते हैं।
वीडियो देखें :-👇👇👇
👉th-cam.com/video/F043LJB7mbg/w-d-xo.html
👉th-cam.com/video/HJO3yg4rep0/w-d-xo.html
👉fb.watch/c7wZ4A-2Ur/
👉fb.watch/c7DvzBb1xm/
★हालांकि रजिस्ट्री और दाखिल खारिज़ भी ऑनलाइन गवर्नमेंट रेवेन्यू रिकॉर्ड में चढ़ जाती है,अर्थात ये कार्य किसान,बिल्डरों, रेवेन्यू डिपार्टमेंट, तहसील, आवास विकास प्राधिकरण व प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से ही होता है।
★और अब तो यूट्यूबर्स अपने LIKE, VIEWS और सब्सक्राइबर्स बढ़ाने के लिए ऐसी जमीनों की वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड करके खूब पब्लिसिटी भी कर रहे हैं।
★परन्तु आखिर में गाज सिर्फ और सिर्फ ग्राहकों/इंवेस्टर्स पर ही गिरती है।😞😞
★Point to be noted :- इस प्रकार के रियल एस्टेट के इस खेल में सभी डायरेक्टर्स कभी भी अपने सर्कल व रिलेशन में प्लॉटस नहीं बेचते और सेल्स डिपार्टमेंट में जो लीडर/मैनेजर एडवांस समझदार अर्थात डायरेक्टर्स के खास गुर्गे होते हैं, वे भी कभी अपने सर्कल व रिलेशन के लोगों को प्लाट नहीं बेचते, बल्कि दूसरे-दूसरे इलाको में जाकर चमचमाता ऑफिस खोलकर वहाँ के लोगों को नेटवर्किंग द्वारा मोटे कमीशन का लालच देकर तथा उन्हें मैनेजर आदि की पोस्ट देकर उनके ही सर्कल के लोगों से प्लॉटस बिकवाते हैं, ताकि भविष्य में उन्हें खिसकने में आसानी हो।
(नोट:-लोगों को भरोसा दिलाने के लिए कभी-कभी ऐसा भी होता है कि उसी जमीन पर या उस जमीन के आसपास ऑफिस खोलकर बैठ जाते हैं।)
★डीपली इन बातों को 100% कोई भी खरीदार नहीं जानता है लेकिन सबसे ज्यादा कमाना है कम्पनी के डायरेक्टरों को और उनके बाद उनके खास गुर्गों को, फिर उनके बाद मोटे कमीशन का लालच देकर बनाए गए डीलरों को, लीडरों व उनकी सेल्स टीम को तथा उनसे जुड़े सभी लोगों को।
चाहे लोगों की जिन्दगी भर की जमापूँजी ही क्यों ना डूब जाए।
अब आप ही बताइए कि :-
★क्या आपके पास इन समस्याओं का कोई हल है? आप जरूर बताईए आपकी बड़ी मेहरबानी होगी।
।।।।।।।।।। धन्यवाद ।।।।।।।।।।
😳
🙏🙏आदरणीय सर/मैडम🙏🙏
(नोट :- ज्यादातर कम्पनियाँ,बिल्डर्स बिना CLU कराए सीधे किसानों से जमीन लेकर तहसील अधिकारियों से मिलीभगत करके एग्रीकल्चर लैण्ड (खेती वाली भूमि) पर सीधे प्लाटिंग कर देते हैं जो कि पूरी तरह से illegal (अवैध) ही होती है। जिस पर कभी भी बुलडोजर चल सकता है।
★101% कम्पनियाँ , बिल्डर्स जमीनों का CLU करवाकर धारा 143 (80,81) या अलग अलग राज्यों की धाराओं के अनुसार कृषक भूमि को अकृषक (आबादी) में दर्ज करवा लेते हैं,और फिर प्लाटिंग कर देते हैं। जमीन का मालिक किसान ही होता है,ऐसी जमीनों को सभी कम्पनियाँ,बिल्डर्स फ्री होल्ड प्रॉपर्टी ही कहते हैं
★ इसके बाद कम्पनी,बिल्डर सीधा किसान से , स्वयं या रजिस्टर्ड पॉवर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से रजिस्ट्री कराकर प्लॉट बेचते हैं। (रजिस्ट्री कराने के ये तीनों तरीके लीगल हैं।)
★परंतु एक बात 🤔जो कोई भी ग्राहक या इन्वेस्टर जानता ही नहीं है?
★वह यह कि कुछ सालों के बाद ऐसी कॉलोनियों/सोसायटियों को उस राज्य का आवास विकास प्राधिकरण अवैध बताकर बाकायदा पूरी पुलिस फ़ोर्स,तहसीलदार,SDM के साथ आकर बुलडोजर चला देता है।
★हालांकि यही जमीनें SDM द्वारा आबादी में दर्ज की जाती है, रजिस्ट्रार द्वारा रजिस्ट्री भी की जाती है और तहसीलदार द्वारा दाखिल खारिज़ भी की जाती है।
★ऐसी कॉलोनियाँ में मकान बनाने के बाद आवास विकास प्राधिकरण वाले कहते हैं कि इस कॉलोनी का नक्शा बिल्डर/डीलर ने अथॉरिटी से पास नहीं कराया है और हमसे NOC भी नहीं ली है,ये कहकर बुलडोजर चला देते हैं।
★परन्तु अब ये सब कहानी होने के बाद बिल्डर/डीलर कहते हैं कि अगर हम नक्शा अथॉरिटी से पास कराते हैं तो कॉलोनियों तथा सोसायटियों में 60% से 70% जमीन वेस्ट जाती है क्योंकि पार्क/मन्दिर की जगह तथा 30 फुट व 60 फुट के रास्ते देने पड़ते हैं।
★मात्र 40% जगह बचती है बेचने के लिए, इस कारण प्लॉट फिर मंहगे बेचने पड़ेंगे और इतने मंहगे प्लॉट कोई भी नहीं खरीदेगा। कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं,और फिर मार्केट से गायब हो जाते हैं या बेशर्म बनकर मार्किट में रहते हैं।
★बुलडोजर चलने के बाद बिल्डर कहते हैं, कि इसी कारण से कोई भी नक्शा पास नहीं कराता और ग्राहकों को बिना बताए लैंड पर प्लाटिंग करके प्लॉट बेच देते हैं।
1001% डीलर/बिल्डर इसी प्रकार से प्लाटिंग करते हैं।
★लेकिन ग्राहकों को इस बात का तब पता चलता है जब सरकारी बुलडोजर चलता है।
★अब ऐसे केसों में जमीन तो लीगल होती है, लेकिन फिर भी इस पूरे प्रकरण में मरता तो खरीदार ही है। क्योंकि बुलडोजर चलने के समय बिल्डर,एजेंट,डीलर आदि सभी गायब हो जाते हैं।
वीडियो देखें :-👇👇👇
👉th-cam.com/video/F043LJB7mbg/w-d-xo.html
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★हालांकि रजिस्ट्री और दाखिल खारिज़ भी ऑनलाइन गवर्नमेंट रेवेन्यू रिकॉर्ड में चढ़ जाती है,अर्थात ये कार्य किसान,बिल्डरों, रेवेन्यू डिपार्टमेंट, तहसील, आवास विकास प्राधिकरण व प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से ही होता है।
★और अब तो यूट्यूबर्स अपने LIKE, VIEWS और सब्सक्राइबर्स बढ़ाने के लिए ऐसी जमीनों की वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड करके खूब पब्लिसिटी भी कर रहे हैं।
★परन्तु आखिर में गाज सिर्फ और सिर्फ ग्राहकों/इंवेस्टर्स पर ही गिरती है।😞😞
★Point to be noted :- इस प्रकार के रियल एस्टेट के इस खेल में सभी डायरेक्टर्स कभी भी अपने सर्कल व रिलेशन में प्लॉटस नहीं बेचते और सेल्स डिपार्टमेंट में जो लीडर/मैनेजर एडवांस समझदार अर्थात डायरेक्टर्स के खास गुर्गे होते हैं, वे भी कभी अपने सर्कल व रिलेशन के लोगों को प्लाट नहीं बेचते, बल्कि दूसरे-दूसरे इलाको में जाकर चमचमाता ऑफिस खोलकर वहाँ के लोगों को नेटवर्किंग द्वारा मोटे कमीशन का लालच देकर तथा उन्हें मैनेजर आदि की पोस्ट देकर उनके ही सर्कल के लोगों से प्लॉटस बिकवाते हैं, ताकि भविष्य में उन्हें खिसकने में आसानी हो।
(नोट:-लोगों को भरोसा दिलाने के लिए कभी-कभी ऐसा भी होता है कि उसी जमीन पर या उस जमीन के आसपास ऑफिस खोलकर बैठ जाते हैं।)
★डीपली इन बातों को 100% कोई भी खरीदार नहीं जानता है लेकिन सबसे ज्यादा कमाना है कम्पनी के डायरेक्टरों को और उनके बाद उनके खास गुर्गों को, फिर उनके बाद मोटे कमीशन का लालच देकर बनाए गए डीलरों को, लीडरों व उनकी सेल्स टीम को तथा उनसे जुड़े सभी लोगों को।
चाहे लोगों की जिन्दगी भर की जमापूँजी ही क्यों ना डूब जाए।
अब आप ही बताइए कि :-
★क्या आपके पास इन समस्याओं का कोई हल है? आप जरूर बताईए आपकी बड़ी मेहरबानी होगी।
।।।।।।।।।। धन्यवाद ।।।।।।।।।।
Jha se karnal Delhi road kitna dur prhta hai.
Yaha pe Masjid bhi he kiya
भाई मन्दिर बना रहे हो। आप आगे बढोगे ॐ। हर हर महादेव
Ayodhya me jameen kharedne ke leye contact karen ❤❤❤❤❤❤