प्रेम चाहिए - ऐसा जो कभी तृप्त न हो || आचार्य प्रशांत, दिल्ली विश्वविद्यालय के साथ (2023)
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- เผยแพร่เมื่อ 16 ก.ย. 2024
- 🧔🏻♂️ आचार्य प्रशांत से समझे गीता और वेदांत का गहरा अर्थ, लाइव ऑनलाइन सत्रों से जुड़ें:
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वीडियो जानकारी: 02.02.23, दिल्ली विश्वविद्यालय, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
~ वास्तविक प्रेम कैसा होता है?
~ सच्चे प्यार की क्या कसौटी है?
~ कैसे जानें कि संबंधों में प्रेम है या नहीं?
~ प्रेम की कमी क्यों महसूस होती है? संबंधों में प्रेम कैसे आये?
~ कैसे जानें कि प्यार सच्चा है या नहीं?
~ सच्चा प्यार कहते किसे हैं?
~ प्रेम क्या है?
~ असली प्रेम कैसा?
संगीत: मिलिंद दाते
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45:13 स्वतंत्रता ही वास्तविक आनंद की राह है, भीड़ में रहकर भी अकेले रह जाने की कला ही वास्तविक दृष्टा है,
आचार्य जी के किसी एक भी चैनल की वीडियो छूट जाती है, तो लगता है की आज नुकसान हो गया।
ज्ञान में प्रतिदिन वृद्धि आवश्यक है।
नमन आचार्य जी।
23:16 नमन, अहम का झुकाव
Thanks acharya ji
God bless you always 🙏
Wow❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
तो व्यक्ति ऐसा चाहिए जो जब भी कुछ विलक्षण देखें, उत्तम देखें, ऊंचा देखें, तो उसमें असंतुष्टि का भाव आये,वो तभी हों सकता है जब आप में ऊंचाई से प्रेम हों,
महानता किसी से भी बहुत दूर नहीं होती है,बस मूल्य चुकानें का चुनाव करना पड़ता है,
जो सच्चाई को जानकर भी उसको जीता नहीं है, वो बड़े पाखण्ड का अपराधी होता है,
Pranam acharya ji
वीडियो को लाइक करिए और सभी के साथ ज्यादा से ज्यादा शेयर करिए.
Aaj ka Insaan bheed shikaar hai
उचाइयो से जब प्रेम हो जाता है फिर उसके लिए कुछ भी करने या सीखने के लिए आतुर रहे
महानता इतनी भी दुर नही होती, बस मुल्य चुकाने का चुनाव करना पड़ता है
Thanks
👍
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🎉❤
एक ऊंचा प्रेम गिरफ्त में ले ले तुम्हे❤🙏
Sahi baathai😊
प्रणाम आचार्य जी ❤❤
झुकने और उठने की असली अर्थ.... प्रणाम आचार्य जी
Love you Acharya ji🙏🙏🙏 ❤❤❤❤
श्री आचार्य जी सादर प्रणाम।
❤❤❤❤
Sir 🙏🙏🙏
Masha Allah
Aacharya ji parnam
Thank you Acharya ji🙏🙏🙏
Pranam Guruji 🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤️🙏🙏🙏🙏🙏🙏💐🌹
Akelepan me ek shudhdhata hai 🙏
Sahi hai
35:36 भगत सिंह
ऊंचाई को नमस्कार करने की जगह उस ऊंचाई पर जाने की कौशिश करो 🙏
🙏🙏🙏🙏💕💕💕💕
Pranam Aacharya ji 🙏🙏
Sach me man ko jhakjhor kr rakh deti inki bate🙇🌼🌼
😊😊
मैंने तो रिश्ता प्रेम का ही रखा है,पैसे की बात मैंने कभी की ही नहीं है फिर ये प्रश्न ही नहीं है कि रिश्ता प्रेम का है या पैसे का?
😢😢😢😢😢😢😢
Mujhe to ye samajh me nhi aata ki jitni bhi khaniya hai, sastra hai , mahatmao ke kisse.
Ye sab sach hai?
Kaise gyaat hua sab?
Jab Sindhu ghaati ki sabhyata me to Jo avses mile hai usse sirf anumaan hota hai.
Aur budd, Krishna, mhavir , nanak ke itne spast baate Jo batai jati hai, jana kaise gya?
Source kya tha.
Jab tak ye baate logo ko samajh nhi aayengi
Kisse kahte rho log sun lenge,
Maan lenge
Lekin unke hriday me we nhi utrengi.
Kahaniyon ko sirf kahaniyan mano or unse jo seekhne layak ho oo seekho
🙏🙏🙏
प्रणाम आचार्य जी
❤❤❤❤
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🙏
🙏
प्रणाम आचार्य जी, 🙏❤
🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏❤❤