कविता/रात के घेरे छटने हैं, उजियारा छाने वाला है/ नई सुबह की प्रथम साम है, मन तेरा घबराएगा।

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  • เผยแพร่เมื่อ 17 ก.ย. 2024
  • कविता/रात के घेरे छटने हैं, उजियारा छाने वाला है/ नई सुबह की प्रथम साम है, मन तेरा घबराएगा।
    प्रेर्णादायक कविता।
    जरूर सुने,
    धन्यवाद!

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