Shri Ram raksha stotra ( Ram Raksha stotram full audio song ) | Aaradhana Jyoti | Ram Ji Special |

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  • เผยแพร่เมื่อ 26 ส.ค. 2024
  • Ram, अयोध्या के राजा दशरथ की तीन रानियां थी | पहली रानी का नाम कौशल्या दूसरी रानी का नाम कैकेई तथा तीसरी रानी का नाम सुमित्रा था | कौशल्या के पुत्र का नाम राम था कैकेई के पुत्र का नाम भरत था तथा सुमित्रा के पुत्रों का नाम लक्ष्मण एवं शत्रुघ्न था | त्रेता युग में विष्णु भगवान ने अपने सातवें अवतार राम के रूप में धरती पर जन्म लिया| राम चारों भाइयों में सबसे बड़े थे | चारों भाइयों में घनिष्ठ प्रेम था| श्री राम का विवाह राजा जनक की पुत्री सीता से हुआ था सीता जी लक्ष्मी जी का अवतार थीं|
    कैकेई ने राजा दशरथ से वचन के रूप में श्री Ram के लिए चौदह साल का वनवास एवं भरत का राजतिलक मांगा, जिसकी वजह से राम भगवान को चौदह साल वनवास में रहना पड़ा |श्री राम के साथ उनकी अर्धांगिनी माता सीता और उनके छोटे भाई लक्ष्मण जी वन में चले गए| वन में एक बार जब राम और लक्ष्मण शिकार पर गए हुए थे तब छल से रावण ने माता सीता का अपहरण कर लिया और उन्हें लंका लेकर चला गया| जब श्रीराम को यह पता चला तो उन्होंने सेना एकत्रित करके लंका के लिए कूच कर दिया और रावण का वध करके माता सीता को वापस ले आए| भगवान राम के दो पुत्र थे|
    पहले पुत्र का नाम लव था तथा दूसरे पुत्र का नाम कुश था| श्री Ram बहुत ही शांत विनम्र न्यायप्रिय कोमल ह्रदय के व्यक्ति थे| वे अपनों से बड़ों का सदैव आदर करते थे एवं अपने से छोटों को हमेशा प्रेम करते थे| वह सभी प्रजा वासियों का हमेशा ख्याल रखते थे और उन्हें बहुत प्रेम करते थे| श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम थे | श्रीराम में एक आदर्श पुरुष के सभी गुण थे |श्री राम अपने पिता से बहुत ज्यादा प्रेम करते थे, अपने पिता के एक आदेश पर राम ने चौदह वर्ष का वनवास स्वीकार कर लिया |
    श्री Ram अपनी माताओं से भी बहुत प्रेम करते थे ,यह जानते हुए कि माता कैकेई ने उन्हें वनवास का आदेश दिया है तब भी उन्होंने कभी माता कैकेई का अपमान नहीं किया अपितु वे उन्हें बहुत प्रेम करते थे| राम के राज में सभी बहुत प्रसन्न रहते थे और सभी को उचित न्याय मिलता था | श्री राम सभी का सम्मान करते थे |वे कभी भेदभाव नहीं करते थे ,चाहे वह अमीर हो या गरीब, छोटा हो या बड़ा सभी को समान समझते थे| श्रीराम हमें सिखाते हैं कि जीवन हमें कैसे जीना चाहिए| श्री राम आदर्श पुत्र ,आदर्श पति, आदर्श भाई एवं आदर्श पिता है |
    श्री राम जात पात में विश्वास नहीं करते थे | वे सभी को एक समान मानते थे चाहे वह नर हो या जानवर हो| वे सभी को समान भाव से प्रेम करते थे | श्री राम के पास असीम शक्ति थी असीम बल था परंतु वे कभी घमंड नहीं करते थे | हमें श्री Ram से जीवन जीने का तरीका सीखना चाहिए हमें यह सीखना चाहिए कि हमें कभी भी किसी का अनादर नहीं करना चाहिए | सभी का सम्मान करना चाहिए |सभी से प्रेम करना चाहिए| श्री राम का चरित्र हमें यह दर्शाता है कि एक आदर्श पुरुष का जीवन कैसा होता है|
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