भाषा विकास को प्रभावित करने वाले कारक लिंग भेद जन्म के उपरांत द्वितीय वर्ष में बालक तथा बालिकाओं में भाषा विकास में अंतर आना प्रारंभ होता है इस संबंध में बाल मनोविज्ञान ने अनेक परीक्षण किये और वे निम्नलिखित निष्कर्ष पर पहुंचे- 1-बालकों की अपेक्षा बालिकाएं लंबे-लंबे वाक्य बोलती हैं 2-बालकों की अपेक्षा बालिकाएं जल्दी बोलने लगती है 3-बालकों की अपेक्षा बालिकाओं का बोध शब्दावली अधिक विस्तृत होती है बाल को की अपेक्षा बालिकाओं का भाषा विकास क्यों पहले होता है इसका कारण स्पष्ट करते हुए मैकार्थी नहीं बताया कि हम देखते हैं की बाल्यावस्था में बालिकाएं मां के साथ एकरूपता स्थापित करती है क्योंकि मां घर में रहती है अतः बालिकाओं को मां के साथ घर में कामकाज करने का अधिक अवसर रहता है इसके विपरीत पिता अपने कामकाज के कारण घर से बाहर अधिक समय तक रहता है जिससे बालकों को पिता के साथ अधिक संपर्क स्थापित करने का अवसर नहीं मिलता है संपर्क की अभाव के कारण बालकों में भाषा विकास देर से होता है किंतु संपर्क की अधिकता के कारण बालिकाओं में भाषा विकास जल्दी हो जाता है इसकी अतिरिक्त मनोवैज्ञानिकों का यह कथन है की संपर्क की अभाव के कारण बालक अपने आप को असुरक्षित अनुभव करते हैं जिसकी परिणाम स्वरुप बालकों में बालिकाओं की अपेक्षा भाषा संबंधी दोष अधिक पाए जाते हैं💐तो यह ढंग से पढ़ो समझ में आ जाएगा की लिंग भेद का भी भाषा विकास में बहुत ज्यादा योगदान है
भाषा विकास को प्रभावित करने वाले कारक लिंग भेद जन्म के उपरांत द्वितीय वर्ष में बालक तथा बालिकाओं में भाषा विकास में अंतर आना प्रारंभ होता है इस संबंध में बाल मनोविज्ञान ने अनेक परीक्षण किये और वे निम्नलिखित निष्कर्ष पर पहुंचे- 1-बालकों की अपेक्षा बालिकाएं लंबे-लंबे वाक्य बोलती हैं 2-बालकों की अपेक्षा बालिकाएं जल्दी बोलने लगती है 3-बालकों की अपेक्षा बालिकाओं का बोध शब्दावली अधिक विस्तृत होती है बाल को की अपेक्षा बालिकाओं का भाषा विकास क्यों पहले होता है इसका कारण स्पष्ट करते हुए मैकार्थी नहीं बताया कि हम देखते हैं की बाल्यावस्था में बालिकाएं मां के साथ एकरूपता स्थापित करती है क्योंकि मां घर में रहती है अतः बालिकाओं को मां के साथ घर में कामकाज करने का अधिक अवसर रहता है इसके विपरीत पिता अपने कामकाज के कारण घर से बाहर अधिक समय तक रहता है जिससे बालकों को पिता के साथ अधिक संपर्क स्थापित करने का अवसर नहीं मिलता है संपर्क की अभाव के कारण बालकों में भाषा विकास देर से होता है किंतु संपर्क की अधिकता के कारण बालिकाओं में भाषा विकास जल्दी हो जाता है इसकी अतिरिक्त मनोवैज्ञानिकों का यह कथन है की संपर्क की अभाव के कारण बालक अपने आप को असुरक्षित अनुभव करते हैं जिसकी परिणाम स्वरुप बालकों में बालिकाओं की अपेक्षा भाषा संबंधी दोष अधिक पाए जाते हैं💐तो यह ढंग से पढ़ो समझ में आ जाएगा की लिंग भेद का भी भाषा विकास में बहुत ज्यादा योगदान है❤❤❤❤
भाषा विकास को प्रभावित करने वाले कारक लिंग भेद जन्म के उपरांत द्वितीय वर्ष में बालक तथा बालिकाओं में भाषा विकास में अंतर आना प्रारंभ होता है इस संबंध में बाल मनोविज्ञान ने अनेक परीक्षण किये और वे निम्नलिखित निष्कर्ष पर पहुंचे- 1-बालकों की अपेक्षा बालिकाएं लंबे-लंबे वाक्य बोलती हैं 2-बालकों की अपेक्षा बालिकाएं जल्दी बोलने लगती है 3-बालकों की अपेक्षा बालिकाओं का बोध शब्दावली अधिक विस्तृत होती है बाल को की अपेक्षा बालिकाओं का भाषा विकास क्यों पहले होता है इसका कारण स्पष्ट करते हुए मैकार्थी नहीं बताया कि हम देखते हैं की बाल्यावस्था में बालिकाएं मां के साथ एकरूपता स्थापित करती है क्योंकि मां घर में रहती है अतः बालिकाओं को मां के साथ घर में कामकाज करने का अधिक अवसर रहता है इसके विपरीत पिता अपने कामकाज के कारण घर से बाहर अधिक समय तक रहता है जिससे बालकों को पिता के साथ अधिक संपर्क स्थापित करने का अवसर नहीं मिलता है संपर्क की अभाव के कारण बालकों में भाषा विकास देर से होता है किंतु संपर्क की अधिकता के कारण बालिकाओं में भाषा विकास जल्दी हो जाता है इसकी अतिरिक्त मनोवैज्ञानिकों का यह कथन है की संपर्क की अभाव के कारण बालक अपने आप को असुरक्षित अनुभव करते हैं जिसकी परिणाम स्वरुप बालकों में बालिकाओं की अपेक्षा भाषा संबंधी दोष अधिक पाए जाते हैं💐तो यह ढंग से पढ़ो समझ में आ जाएगा की लिंग भेद का भी भाषा विकास में बहुत ज्यादा योगदान है
भाषा विकास को प्रभावित करने वाले कारक लिंग भेद जन्म के उपरांत द्वितीय वर्ष में बालक तथा बालिकाओं में भाषा विकास में अंतर आना प्रारंभ होता है इस संबंध में बाल मनोविज्ञान ने अनेक परीक्षण किये और वे निम्नलिखित निष्कर्ष पर पहुंचे- 1-बालकों की अपेक्षा बालिकाएं लंबे-लंबे वाक्य बोलती हैं 2-बालकों की अपेक्षा बालिकाएं जल्दी बोलने लगती है 3-बालकों की अपेक्षा बालिकाओं का बोध शब्दावली अधिक विस्तृत होती है बाल को की अपेक्षा बालिकाओं का भाषा विकास क्यों पहले होता है इसका कारण स्पष्ट करते हुए मैकार्थी नहीं बताया कि हम देखते हैं की बाल्यावस्था में बालिकाएं मां के साथ एकरूपता स्थापित करती है क्योंकि मां घर में रहती है अतः बालिकाओं को मां के साथ घर में कामकाज करने का अधिक अवसर रहता है इसके विपरीत पिता अपने कामकाज के कारण घर से बाहर अधिक समय तक रहता है जिससे बालकों को पिता के साथ अधिक संपर्क स्थापित करने का अवसर नहीं मिलता है संपर्क की अभाव के कारण बालकों में भाषा विकास देर से होता है किंतु संपर्क की अधिकता के कारण बालिकाओं में भाषा विकास जल्दी हो जाता है इसकी अतिरिक्त मनोवैज्ञानिकों का यह कथन है की संपर्क की अभाव के कारण बालक अपने आप को असुरक्षित अनुभव करते हैं जिसकी परिणाम स्वरुप बालकों में बालिकाओं की अपेक्षा भाषा संबंधी दोष अधिक पाए जाते हैं💐तो यह ढंग से पढ़ो समझ में आ जाएगा की लिंग भेद का भी भाषा विकास में बहुत ज्यादा योगदान है
❤❤❤❤❤❤❤❤nice
Very nice guruji gyan classes
परीक्षा की दृष्टि से बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट क्वेश्चन है
भाषा विकास को प्रभावित करने वाले कारक लिंग भेद
जन्म के उपरांत द्वितीय वर्ष में बालक तथा बालिकाओं में भाषा विकास में अंतर आना प्रारंभ होता है इस संबंध में बाल मनोविज्ञान ने अनेक परीक्षण किये और वे निम्नलिखित निष्कर्ष पर पहुंचे-
1-बालकों की अपेक्षा बालिकाएं लंबे-लंबे वाक्य बोलती हैं
2-बालकों की अपेक्षा बालिकाएं जल्दी बोलने लगती है
3-बालकों की अपेक्षा बालिकाओं का बोध शब्दावली अधिक विस्तृत होती है
बाल को की अपेक्षा बालिकाओं का भाषा विकास क्यों पहले होता है इसका कारण स्पष्ट करते हुए मैकार्थी नहीं बताया कि हम देखते हैं की बाल्यावस्था में बालिकाएं मां के साथ एकरूपता स्थापित करती है क्योंकि मां घर में रहती है अतः बालिकाओं को मां के साथ घर में कामकाज करने का अधिक अवसर रहता है इसके विपरीत पिता अपने कामकाज के कारण घर से बाहर अधिक समय तक रहता है जिससे बालकों को पिता के साथ अधिक संपर्क स्थापित करने का अवसर नहीं मिलता है संपर्क की अभाव के कारण बालकों में भाषा विकास देर से होता है किंतु संपर्क की अधिकता के कारण बालिकाओं में भाषा विकास जल्दी हो जाता है इसकी अतिरिक्त मनोवैज्ञानिकों का यह कथन है की संपर्क की अभाव के कारण बालक अपने आप को असुरक्षित अनुभव करते हैं जिसकी परिणाम स्वरुप बालकों में बालिकाओं की अपेक्षा भाषा संबंधी दोष अधिक पाए जाते हैं💐तो यह ढंग से पढ़ो समझ में आ जाएगा की लिंग भेद का भी भाषा विकास में बहुत ज्यादा योगदान है
Sir ji 10 wala ek bar smjha deejiye ki lingbhed kaise ni hoga
Sahi kaha aapne
जी
भाषा विकास को प्रभावित करने वाले कारक लिंग भेद
जन्म के उपरांत द्वितीय वर्ष में बालक तथा बालिकाओं में भाषा विकास में अंतर आना प्रारंभ होता है इस संबंध में बाल मनोविज्ञान ने अनेक परीक्षण किये और वे निम्नलिखित निष्कर्ष पर पहुंचे-
1-बालकों की अपेक्षा बालिकाएं लंबे-लंबे वाक्य बोलती हैं
2-बालकों की अपेक्षा बालिकाएं जल्दी बोलने लगती है
3-बालकों की अपेक्षा बालिकाओं का बोध शब्दावली अधिक विस्तृत होती है
बाल को की अपेक्षा बालिकाओं का भाषा विकास क्यों पहले होता है इसका कारण स्पष्ट करते हुए मैकार्थी नहीं बताया कि हम देखते हैं की बाल्यावस्था में बालिकाएं मां के साथ एकरूपता स्थापित करती है क्योंकि मां घर में रहती है अतः बालिकाओं को मां के साथ घर में कामकाज करने का अधिक अवसर रहता है इसके विपरीत पिता अपने कामकाज के कारण घर से बाहर अधिक समय तक रहता है जिससे बालकों को पिता के साथ अधिक संपर्क स्थापित करने का अवसर नहीं मिलता है संपर्क की अभाव के कारण बालकों में भाषा विकास देर से होता है किंतु संपर्क की अधिकता के कारण बालिकाओं में भाषा विकास जल्दी हो जाता है इसकी अतिरिक्त मनोवैज्ञानिकों का यह कथन है की संपर्क की अभाव के कारण बालक अपने आप को असुरक्षित अनुभव करते हैं जिसकी परिणाम स्वरुप बालकों में बालिकाओं की अपेक्षा भाषा संबंधी दोष अधिक पाए जाते हैं💐तो यह ढंग से पढ़ो समझ में आ जाएगा की लिंग भेद का भी भाषा विकास में बहुत ज्यादा योगदान है❤❤❤❤
Sir 10 wala thik nhi lga.. Answer correct kijiye
भाषा विकास को प्रभावित करने वाले कारक लिंग भेद
जन्म के उपरांत द्वितीय वर्ष में बालक तथा बालिकाओं में भाषा विकास में अंतर आना प्रारंभ होता है इस संबंध में बाल मनोविज्ञान ने अनेक परीक्षण किये और वे निम्नलिखित निष्कर्ष पर पहुंचे-
1-बालकों की अपेक्षा बालिकाएं लंबे-लंबे वाक्य बोलती हैं
2-बालकों की अपेक्षा बालिकाएं जल्दी बोलने लगती है
3-बालकों की अपेक्षा बालिकाओं का बोध शब्दावली अधिक विस्तृत होती है
बाल को की अपेक्षा बालिकाओं का भाषा विकास क्यों पहले होता है इसका कारण स्पष्ट करते हुए मैकार्थी नहीं बताया कि हम देखते हैं की बाल्यावस्था में बालिकाएं मां के साथ एकरूपता स्थापित करती है क्योंकि मां घर में रहती है अतः बालिकाओं को मां के साथ घर में कामकाज करने का अधिक अवसर रहता है इसके विपरीत पिता अपने कामकाज के कारण घर से बाहर अधिक समय तक रहता है जिससे बालकों को पिता के साथ अधिक संपर्क स्थापित करने का अवसर नहीं मिलता है संपर्क की अभाव के कारण बालकों में भाषा विकास देर से होता है किंतु संपर्क की अधिकता के कारण बालिकाओं में भाषा विकास जल्दी हो जाता है इसकी अतिरिक्त मनोवैज्ञानिकों का यह कथन है की संपर्क की अभाव के कारण बालक अपने आप को असुरक्षित अनुभव करते हैं जिसकी परिणाम स्वरुप बालकों में बालिकाओं की अपेक्षा भाषा संबंधी दोष अधिक पाए जाते हैं💐तो यह ढंग से पढ़ो समझ में आ जाएगा की लिंग भेद का भी भाषा विकास में बहुत ज्यादा योगदान है
लिखने में मात्राओं का ध्यान नहीं दिया गया है उसकी नजर अंदाज कर दीजिए अपने हिसाब से ढंग से पढ़ लेना लेकिन लिंग भेद का भी भाषा पर प्रभाव पड़ता है
Swabhaw kaise hoga
भाषा विकास को प्रभावित करने वाले कारक लिंग भेद
जन्म के उपरांत द्वितीय वर्ष में बालक तथा बालिकाओं में भाषा विकास में अंतर आना प्रारंभ होता है इस संबंध में बाल मनोविज्ञान ने अनेक परीक्षण किये और वे निम्नलिखित निष्कर्ष पर पहुंचे-
1-बालकों की अपेक्षा बालिकाएं लंबे-लंबे वाक्य बोलती हैं
2-बालकों की अपेक्षा बालिकाएं जल्दी बोलने लगती है
3-बालकों की अपेक्षा बालिकाओं का बोध शब्दावली अधिक विस्तृत होती है
बाल को की अपेक्षा बालिकाओं का भाषा विकास क्यों पहले होता है इसका कारण स्पष्ट करते हुए मैकार्थी नहीं बताया कि हम देखते हैं की बाल्यावस्था में बालिकाएं मां के साथ एकरूपता स्थापित करती है क्योंकि मां घर में रहती है अतः बालिकाओं को मां के साथ घर में कामकाज करने का अधिक अवसर रहता है इसके विपरीत पिता अपने कामकाज के कारण घर से बाहर अधिक समय तक रहता है जिससे बालकों को पिता के साथ अधिक संपर्क स्थापित करने का अवसर नहीं मिलता है संपर्क की अभाव के कारण बालकों में भाषा विकास देर से होता है किंतु संपर्क की अधिकता के कारण बालिकाओं में भाषा विकास जल्दी हो जाता है इसकी अतिरिक्त मनोवैज्ञानिकों का यह कथन है की संपर्क की अभाव के कारण बालक अपने आप को असुरक्षित अनुभव करते हैं जिसकी परिणाम स्वरुप बालकों में बालिकाओं की अपेक्षा भाषा संबंधी दोष अधिक पाए जाते हैं💐तो यह ढंग से पढ़ो समझ में आ जाएगा की लिंग भेद का भी भाषा विकास में बहुत ज्यादा योगदान है