भाजपा में पलीता लगा दिया, घर के ही लाल ने। मुस्लिम तुष्टिकरण, अपने वोट बैंक और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा, महानता का झख और मँहगाई और बैकफुट पर बैटिंग के साथ सत्ता के लिए संघर्ष ही मुख्य कारण रहा।
Bade neta galiya dege aur jo aam karkata hai wo jakar un logo se vote mang payega BJP is bharm se jitna jaldi nikal jaye ki muslim BJP ko vote karega kabhi
नड्डा की जुबान और कार्यकर्ता को साइड करना उनसे नही मिलना और अमित शाह का जरूरत से ज्यादा इंटरफेयर योगी जी को साइड करना ही हार का कारण क्योंकि मोदी के बाद देश योगी जी को ही चाहता है अमित शाह को नही।
BJP की बहुत बड़ी गलती ये है कि जो लोग दूसरे पार्टी से आते हैं उनको ticket दे देता है और जो शुरुआत से पार्टी के लिए लड़ रहे हैं उनको ticket नही दिया जाता है यही कारण है
झूठ का बोलना, जुमलों की परंपरा, प्राइवेट लिमिटेड को बढ़ावा देना , मूर्खों को सम्मानित करना,शिक्षकों को अपमानित करना, शिक्षा मित्र, अनुदेशक की कुछ भी न सुनना अपने कर्म चारी को ही बेवकूफ बनाना आदि।
अमेठी में मुहर्रम की जुलूस में नारा लगाया जा रहा है हिन्दुस्तान में रहना है तो या हुसैन बोलना होगा, अभी 99 पर यह हाल है तो सरकार बनने पर क्या होगा सोचनिय है।
सर जिस तरह समाजवादी पार्टी अपने एक वोटर के आवाज पर अपनी सरकार को रोड पर ला देती है और बीजेपी सरकार अपने कार्य कर्ता का कोई ध्यान नहीं देती वो सरकार और बिपछ दोनों सेमार खाते है 🌹
सबसे पहले हर गांव में संघ की शाखा की शुरुआत होनी चाहिए। बंगाल के भाजपा कार्यकर्ताओं की सुरक्षा की व्यवस्था की जाय, उन्हें आर्थिक सहयोग किया जाय। भाजपा कार्यकर्ताओं के स्वरोजगार की विशेष व्यवस्था करे सरकार। यह सबका साथ और सबका विकास जैसे बकवास को समुद्र में फेंक दीजिए। जो भाजपा का वोटर और कार्यकर्ता होगा उसे ही लाभ और रोजगार मिलेगा, यह सुनिश्चित करें सरकार। जय सियाराम।
किसी भी कार्यकर्ता की कोई मदद नहीं की किसी भी मंत्री ने ना कोई काम दिलाया ना कोई ठेका, मंत्री खाए मलाई कार्यकर्ताओं को दिखाये ठेंगा. ये है भाजपा की सरकार कार्यकर्ता हुआ बेहाल
कार्यकर्ताओं की उदासीनता दलबदलुओं के तवज्व देने का कारण है, भारतीय जनता पार्टी और संगठन एक साथ हो तथा अपने जमीन की माटी से जुड़े कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दें न कि दलबदलुओं को
अस्सी के दशक के अंतिम पड़ाव में मैंने भाजपा से सक्रिय होकर कार्य किया था। हमनें राजस्थान में भैरोसिंह जी की सरकार देखी थी। तब भी भाजपा के साथ यही समस्या थी। तब की भाजपा सरकारें भी प्रशासनिक अधिकारियों पर अधिक निर्भर हो जाती थी और आम कार्यकर्ता सरकार में सुनवाई नहीं होती थी। अपनी सरकार आने पर स्थानीय प्रशासन में आम कार्यकर्ता और स्थानीय नेताओं की पूछ ही उनकी प्राणशक्ति और परिश्रम करते रहने की प्रेरक होती है। बाकी इनको पार्टियां कोई तनख्वाह तो देती नहीं। जब सरकार में कार्यकर्ताओं को सरकार से तिरस्कार मिलता है तो आगे वह क्यों किसी अन्य के लिए परिश्रम करेगा? यहां तक कि तब भी कांग्रेस के कार्यकर्ता व स्थानीय नेता वे सभी कार्य करवा लेते थे,जो अपनी सरकार होने के बावजूद भाजपा कार्यकर्ता नहीं करवा पाते थे। राममंदिर आंदोलन में रथयात्रा के दौरान और उसके बाद भाजपा सरकार होते हुए भी कितने भाजपा कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमें दर्ज कर उनके वारंट निकाल दिए गए और सरकार मौन रही। इसके आंकड़े जुटाए जाए तो स्तिथि स्पष्ट हो जाएगी। मैं भी इसका शिकार हुआ। तब मैंने युवा मोर्चा के महामंत्री पद और भाजपा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। ऐसी ही स्थिति बाद की वसुंधरा राजे की सरकारों में भी बनी रही और आज तक, कम या ज्यादा, कार्यकर्ताओं की यही स्थिति बनी हुई है। भाजपा को केवल शाब्दिक रूप से नहीं, वरन् यह सुनिश्चित करना होगा कि कार्यकर्ताओं का कार्य रुप में भी सम्मान हो और उन्हें शक्ति प्रदान की जाए। तभी भाजपा एक शक्तिशाली पार्टी बनेगी।
अमिताभ जी कुछ गलतियां हमारे नेता लोग ही करतें हैं क्योंकि वो अपने अहंकार में भूल जाते हैं कि निचले कार्य कर्ता भी हैं इसलिए सभी की तरफ़ ध्यान देने योग्य बात है धन्यवाद
पुराने कार्य कर्ताओं का सरकार में समायोजन करना पड़ेगा प्रतियोगी परीक्षा पेपर लीक न हो पुलिस निरंकुश में कमी लानी होगी नए चेहरे को सामने लाना होगा लीडर शिप में। तभी बात बनेगी।
आपके इरादे नेक हैं, सुधार के प्रयास देशहित में हैं, इसमें कोई संदेह नहीं। बस आवश्यकता है आँखें खोल कर चलने की, विशेषकर अपने आस-पास...!! साथ ही ध्यान रखें..“अति सर्वत्र वर्जयेत्” #BJP
अग्निहोत्री जी कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि जनता पर भी सरकार को ध्यान देना चाहिए जनता अगर इग्नोर करेगी तो सरकार को यूपी में बहुत मुश्किल में पड़ेगी और अगर यूपी सरकार डगमगा गई तो दिल्ली सरकार को डगमगाने से कोई रोक नहीं सकता यह बात भी इन बीजेपी वालों को याद रखना पड़ेगा❤ भारत माता की जय जय श्रीराम
अब यू पी की जनता चाहती है अखिलेश यादव को तब देहाती एक एक पुलिस वाले से बदला लेगा ऐसा तो नहीं होगा कि बीजेपी के सांसद हमारी पसली तुडवा कर हमसे वोट ले जाएं सुब्रत पाठक कभी नहीं हारता अगर जनता की सुनवाई होती
अभिताभ जी नमस्कार 🙏🏾🙏🏾सच यह है की नड्डा जैसे नकारा को अध्यक्ष बार-बार बनाना,दुसरे दल से आने वाले भ्रष्टाचारी,बदनाम लोगो को कार्यकर्ता के सर पर बैठा देना हार का मुख्य कारण रहा है।जय श्रीराम
यह सही है की एनर्जी तो कार्यकर्तामे डालनेकी जिम्मेदारी नेताओंअंकी है.नेता ओमे घमंड जादा थी या आत्मविश्वास.बुथ लेव्हलतक काम करना जरूरी है.आखरी मतदातातक पहुंचना जरूरी है.
चुनाव जीतने के बाद प्रत्याशियों मे अभिमान आ जाता है। फिर कार्य कर्ताओं का महत्व समाप्त हो जाता है।साथ ही जब प्रत्याशी मतदाता से दूरी बनाएगा क्षेत्र में कोई कार्य नहीं करेगा तो मतदाता उसे क्यों चुने।
इस चुनाव में नीचे के कार्यकर्ताओं से किसी ने भी बात तक नही किया इसलिए सारे कार्यकर्ता अपने घरों में बैठे रहे केवल वही लोग इधर-उधर भागते रहे हैं जो जिला कार्यकारिणी में थे या जो पदाधिकारी बनाये गये थे और बड़े नेता मोदी के सहारे घर बैठे रहे गांवों में कोई प्रत्याशी गया ही नही केवल गाड़ियों बैठकर गांव एक-दो बड़े लोगों से मिलकर इतिश्री कर लिया नीचे के कार्यकर्ताओं को उपेक्षित रखा गया।ऊपर वाले घर बैठकर जो पैसा चुनाव लड़ने के आया था उसका आपस में बंदरबांट कर लिया। जिसका रिजल्ट सामने आ गया है।
सत्ता में रहना है तो बूथ स्तर पर आना होगा जिले के नेता मंत्रियों के साथ फोटो खिंचाने में रहते हैं डोर टू डोर आना होगा बूथ को मजबूत बनाने का काम करना होगा
अमिताभ जी! कार्य कर्ता को पूछना ही तो असली बीमारी है और इलाज भी क्योंकि अगर कार्य कर्ता की बात सुनते हैं तो फिर उसके मन की हसरतों को भी पूरा करना पड़ेगा किसी भी हद तक इससे अच्छी बुरी कोई भी छवि का बड़े नेताओं को सामना करना पड़ेगा क्योंकि आज कोई भी नेता ठीक प्रकार से राजनीति नही करता बल्कि बिजानिस मानकर या मजे लेने के लिए आदि के लिए करता है इसलिए खुद गलत होगा तो कार्य कर्ता भी गलत कार्य करवाने के लिए बड़े नेताओं पर दबाव बना सकता है। बस यही वजह है क्योंकि बड़े नेता यदि ईमानदारी की राजनीति करे तो कार्य कर्ता को पूछने में वे पीछे नहीं हटेंगे और नहीं कार्य कर्ता की हिम्मत पड़ेगी कोई गलत काम करवाने की ओर फिर देश में एक नई ईमानदारी की राजनीति चल पड़ेगी जिससे देश का कल्याण होगा लेकिन इन नेताओं का लोभ या विलासिता भरा स्वभाव जायेगा नहीं और देश का उद्धार होगा नहीं। वैसे देखा जाए तो जनता की तो कोई गलती होती नहीं क्योंकि जनता तो उस अबोध बालक की तरह है जिसे मां बाप जैसे पालते हैं वैसे पलता है। गलती तो सारी की सारी इन नेताओं की है। मोदी जी ने भी जनता को भरोसे में लेकर,धोखा दिया है जनता को।जनता से सौ रुपए टैक्स के रूप में ठगे और दिया पांच रुपया। बाकी रुपए को मनमाने तरीके से देश या विदेशों पर खर्च किया या नहीं ये तो वो ही जानें और फिर दस साल से पेट नहीं भरा तथा फिर पी एम की शपथ ले ली इससे पता पड़ता है कि मोदी जी कितने गिरे हुए हैं। अरे! अब तो उन्हें योगी जी को पी एम बना देना चाहिए था लेकिन सत्ता जैसी चीज को कौन छोड़ना चाहता है इन्हीं दस साल में हिंदुओं का बोट लेकर जुमले बाजी कर कर खूब बेवकूफ बनाया। विपक्षी वालों से कहते थे कि वो तुष्टिकरण करते हैं तो इन गुजरे पांच साल में मोदी जी ने भी खूब मुस्लिम तुष्टिकरण किया और उसी का 2024 में उन्हें परिणाम मिला।
अति आत्म विश्वास में नेता थे, कार्यकर्ता नहीं। तमाम पदों पर बाहरी एवं बनावटी पदाधिकारी अब भी विराजमान हैं। पुराने लोग इतिहास की वस्तु बन गए। रणनीति बनाने वाले सिस्टम से बाहर है। सफलता मिले तो कैसे।
कार्यकर्ता तो निराश व निष्क्रिय था ,कारण " सरकार व संगठन" मे उसकी पूछ ही नही थी , परन्तु जिसने " अबकी बार 400 पार " का नारा दिया और " अतिउत्साह " का माहौल बनाया , वो कौन है?
ज़ब किसी पार्टी अथवा ब्यक्ति द्वारा यें कहा जाता है की कार्यकर्ता नेता, मंत्री, बिधायक, सांसद से बड़ा होता है तो हास्यास्पद लगता है। यें बड़े बड़े लोग बड़ी बड़ी गाड़ियों मे घूमते है इन्हें जनता से कोई सरोकार नहीं होता। अपने धनबल, से चुनाव जितने का दम्भ भरते रहते है
भाजपा के कार्यकर्ता की भाजपा नेताओं की नजरों में कोई औकाद नहीं जो पार्टी के कैडर कार्यकर्ता है उसका कोई सुनने वाला नहीं है सिर्फ चुनाओ में याद आती है। इससे तो बिना सरकार के ही अच्छे थे कार्यकर्ता, ये नेता सब झूठ बोल रहे हैं माइक पर कोई नहीं सुनता।
अहंकार और अभिमान में डूबे नेता सत्ता पाने के बाद सब भूल जाते है ये अपने वोटर के नही कोई नही पूछता उनका जीवन किस तरह से चल रहा क्या समस्या है देश मे किसी दल को 5 साल से ज़्यादा सत्ता नही मिलनी चाहिए।।
सर कार्यकर्ताओं को सम्मान दिलाना तो योगी जी की ही जिम्मेदारी है। उनके अधिकारी कार्यकर्ताओं की बात तक नहीं सुनते थे। क्या योगी जी को पता नहीं था। क्यों नहीं कभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि कार्यकर्ताओं को सम्मान दें और उनके जायज काम करें।न जनप्रतिनिधियों ने कभी सुनी और न ही अधिकारियों ने।
जितने कार्य कर्ता मेहनत करते हैं उनका मनोबल गिरता है पार्टी में कोई तवज्जो नहीं है। और उन लोगों की तवज्जो देते हैं जो उनके लिए दलाली करते हैं और दुसरी पार्टी के साथ गठबंधन रखते हैं। योगी जी आप ईमानदार है इसलिए जनता आपके साथ है परन्तु आपके जैसे आपके विधायक सांसद नहीं है इसलिए जनता इनको वोट नहीं देते हैं। आपके और मोदी जी के भरोसे कब तक चलेगा।
निकम्मे हैं भाजपा के सांसद, विधायक, मीडिया प्रभारी, आईटी सेल।
Sahi hai
भाजपा में पलीता लगा दिया, घर के ही लाल ने। मुस्लिम तुष्टिकरण, अपने वोट बैंक और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा, महानता का झख और मँहगाई और बैकफुट पर बैटिंग के साथ सत्ता के लिए संघर्ष ही मुख्य कारण रहा।
Bade neta galiya dege aur jo aam karkata hai wo jakar un logo se vote mang payega BJP is bharm se jitna jaldi nikal jaye ki muslim BJP ko vote karega kabhi
One reason aur h Yogi ko hatane ki news because UP me public modi aur Amitshah ko nahi Yogi ko support karti h
नड्डा की जुबान और कार्यकर्ता को साइड करना उनसे नही मिलना और अमित शाह का जरूरत से ज्यादा इंटरफेयर योगी जी को साइड करना ही हार का कारण क्योंकि मोदी के बाद देश योगी जी को ही चाहता है अमित शाह को नही।
अमित शाह को प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब बीजेपी को ले डूबा
Right
पश्चिम बंगाल में BJP कार्यकर्ता की हालत के बारे में सभी जानते हैं।
बिल्कुल सही कह रहे कार्यकर्ता को क्या मिला वोट देखे बेघर हो गए
पूरे देश में यही हाल है। सरकार अति आत्मविश्वास से लवा लव हैं।
कार्यकर्ता उदास है, कार्यकर्ता की कोई नहीं सुनता।😭😭😭😭
जय हिन्द वन्देमातरम 🙏
BJP की बहुत बड़ी गलती ये है कि जो लोग दूसरे पार्टी से आते हैं उनको ticket दे देता है और जो शुरुआत से पार्टी के लिए लड़ रहे हैं उनको ticket नही दिया जाता है यही कारण है
कार्यकर्ताओं कि भाजपा में कोई इज्जत नही होती है ये केवल कार्यकर्ता का शोषण होता है अब इनके बहकावे में नहीं आयेगा😢😢😢
Waki partiyo me karyakarta kya milta hai ye bhi sabko pta hai
पूर्ण सहमत...भाजपा को कार्यकर्ताओं की अनदेखी भारी पड़ी है
श्रीमान जी आने वाला वक्त सही नहीं है इसलिए बीजेपी का होना जरूरी है
आवारा पशु से किसान बर्बाद हो रहा है रोड पर लोग लड़ कर मर रहे है जमीनी मुद्दों की बात नही होती यूपी के हर जिले का हाल है
आवारा पशु किसके है ।।
उड़ीसा, गुजरात, मध्यप्रदेश मे भी पशु होगे ।।
बहुत सही कहा सर आपने बीजेपी के सारे सांसद और विधायक सब बेकार हैँ
बिलकुल सही अकाट्य बात कही है आप ने
अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाला
चुनाव मे गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती हैं
आप को साधुवाद 🙏❤️
जितनी दुर्दशा bjp कार्यकर्ता की होती है,वो किसी और पार्टी मे नही।
यहां कार्यकर्ता थाने जाने से डरता है।
Bhai dusre party mein karyakarta hi nahi h
मौर्य को राज्यसभा भेजो और बृजेश पाठक को हटाओ
Maurya ko pati se bahar karana chahiye
नेहा त्रिपाठी जी से पूछिऐ वह भी कन्नौज से महिला कार्यकर्ता है सुबृत पाठक चुनाव हार जाने के बाद उनका शोंषण कर रहे हैं।
महान पत्रिकारिता सर आप पर गर्व है जय हिंद जय भारत 🙏 🙏 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳
दुःख में सुमिरन सब करें सुख में करे न कोई
कहने से क्या होगा अगर बी जे पी बंगाल के कार्यकर्ता जो स्वर्ग सिधार गए उनको न्याय दिला दे।
नही तो राजनेता कभी नहीं सुधरेंगे
सत्यमेव जयते।
कार्यकताओं की ना कोई नेता सुनता है और ना कोई और............
उत्तर प्रदेश में हार के लिए दो लोग जिम्मेदार हैं JPNadda and Amit shaah.
Or both paper tiger leaders Dy CMs..when services of CM Yogiji was utilised for national caimpainings..then what they did?
अमित शाह को प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब बीजेपी को ले डूबा
keval kahe nahi karykarta ka samman kare bhi
Sirf yogi ke karan Har hua hai o bjp ke karyakarta ko kuch nahi samajhta hai
अग्निविर, रोजगार, पेपर लीक, महंगाई,
वेकेंसी को चूतड़ों में दबा कर रखो
केशव मौर्य को रखो, मत रखो
कोई फर्क नही पड़ेगा
बीजेपी हारेगी।
झूठ का बोलना, जुमलों की परंपरा, प्राइवेट लिमिटेड को बढ़ावा देना , मूर्खों को सम्मानित करना,शिक्षकों को अपमानित करना, शिक्षा मित्र, अनुदेशक की कुछ भी न सुनना अपने कर्म चारी को ही बेवकूफ बनाना आदि।
Jai mata bharti
सरकारी आदमी कामचोर हराम का खाने वाला घुसखोर भी तो होता है.....
धूर्तता भरी पड़ी है जिले स्तर पर। कोई माध्यम ही नही है , कि ऊपर स्तर तक बात पहुंचे।
अमिताभ जी! पत्रकार तो बहुत हैं परंतु प्रभावित केवल मैं आपसे ही हूं। धन्यवाद!
तो पश्चिम बंगाल में कार्यकर्ता का क्या हस्र हुआ ये जग जाहिर है
जय श्री राम सर जी बंगाल में जो भाजपा का नुकसान हुआ है इसी कारण से हुआ है जो आप विश्लेषण कर रहे हैं
बेरोजगारी और महंगाई भाजपा पर भारी पड़ी है, ये आगे भी भारी पड़ेगी, क्योंकि सरकार इस ओर अभी भी ध्यान नहीं दे रही
अमेठी में मुहर्रम की जुलूस में नारा लगाया जा रहा है हिन्दुस्तान में रहना है तो या हुसैन बोलना होगा, अभी 99 पर यह हाल है तो सरकार बनने पर क्या होगा सोचनिय है।
हमें लगता है कि तुम्हारी इसी सोच से जनता नाराज हैं, हिन्दू मुस्लिम क्यों होता है इतना। पूरा देश हिन्दू ही है।
@@NarendraKumar-nf7fz
पूरा देश ही हिंदू है तो 1947 में धर्म के नाम पर देश का टुकड़ा क्यों किया था भाई
@@NarendraKumar-nf7fz देश की 25%आबादी संविधान से नहीं शरिया से चलेगी फिर कौन कर रहा है हिन्दू मुस्लिम?
@@shyamgoyal6137 तो अब क्या कर लोगे।10 साल पूर्ण बहुमत से सत्ता में रही भाजपा कुछ नहीं कर पाई तो। लोगों को मूर्ख बना रहे हैं, हिन्दू मुस्लिम के नाम पर
@@SachchidanandRai-xj5pe 25% नहीं है,16% हैं वे कुछ नहीं कर सकते,कायर लोग डर भी रहे हैं और सत्ता पाने का जरिया भी है हिन्दू मुस्लिम
बात तो सही हैं अग्निहोत्री जी क्योंकि
सही ग़लत बाद में ममता जी अपने कार्यकर्ताओं के साथ खड़ी रहती हैं
उनकी कामयाबी का मूल मंत्र हीं यही हैं
योगी आदित्यनाथ स्वयं ही कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के कारण हैं
सुख में सुमिरन कभी नहीं हो सकता है।
आपकी बात से सहमत हूं ❤❤❤❤❤❤
इनको यह नहीं पता कि कार्यकर्ता में ही शिक्षा मित्र और अनुदेशक आते हैं। जब आप सभी की उपेक्षा कर रहे हैं।
श्रीमान अग्निहोत्री जी, प्रभु महादेव से प्रार्थना है कि आप दीर्घायु स्वस्थ एवं प्रसन्न रहे।
जीवन में भी ऊपर नीचे की स्थितियां बनती हैं। समय समय की बात है। भाजपा मजबूत होगी। विजई होगी।
जब तक ये राष्ट्रीय राज्यीय अध्यक्ष न हटें गे भाजपा का कल्याण नहीं है
सर जिस तरह समाजवादी पार्टी अपने एक वोटर के आवाज पर अपनी सरकार को रोड पर ला देती है और बीजेपी सरकार अपने कार्य कर्ता का कोई ध्यान नहीं देती वो सरकार और बिपछ दोनों सेमार खाते है 🌹
सबसे पहले हर गांव में संघ की शाखा की शुरुआत होनी चाहिए।
बंगाल के भाजपा कार्यकर्ताओं की सुरक्षा की व्यवस्था की जाय, उन्हें आर्थिक सहयोग किया जाय। भाजपा कार्यकर्ताओं के स्वरोजगार की विशेष व्यवस्था करे सरकार। यह सबका साथ और सबका विकास जैसे बकवास को समुद्र में फेंक दीजिए। जो भाजपा का वोटर और कार्यकर्ता होगा उसे ही लाभ और रोजगार मिलेगा, यह सुनिश्चित करें सरकार। जय सियाराम।
उप्र मनरेगा लेखा सहायक सविदा नियमित करो राज्य कर्मचारी दर्जा दो
अच्छा विश्लेषण.
अगर योगी जीको चुनाव जीतना है अपने आस पास जो है नजर रखनी होगी डिप्टी सी एम के भरोसे नही रहना
सब चुनाव की चिन्ता कम योगी जी को कासे गिरीये लगे है
शिक्षको की आवाज उठाने के लिए आपका धन्यवाद
परिवर्तन हमेशा होते रहना चाहिए अन्यथा लोकतंत्र कमजोर होता है । परिवर्तन प्राकृतिक नीयम है ।
किसी भी कार्यकर्ता की कोई मदद नहीं की किसी भी मंत्री ने ना कोई काम दिलाया ना कोई ठेका, मंत्री खाए मलाई कार्यकर्ताओं को दिखाये ठेंगा. ये है भाजपा की सरकार कार्यकर्ता हुआ बेहाल
Agnihotri G aapko namaskar 👏 Sir how U explain is awesome 👏
कार्यकर्ताओं की उदासीनता दलबदलुओं के तवज्व देने का कारण है, भारतीय जनता पार्टी और संगठन एक साथ हो तथा अपने जमीन की माटी से जुड़े कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दें न कि दलबदलुओं को
कार्यकर्ताओं और कर्मचारियों की अनदेखी और अफसरशाही सरकार को ले डूबेगी
अस्सी के दशक के अंतिम पड़ाव में मैंने भाजपा से सक्रिय होकर कार्य किया था। हमनें राजस्थान में भैरोसिंह जी की सरकार देखी थी। तब भी भाजपा के साथ यही समस्या थी। तब की भाजपा सरकारें भी प्रशासनिक अधिकारियों पर अधिक निर्भर हो जाती थी और आम कार्यकर्ता सरकार में सुनवाई नहीं होती थी। अपनी सरकार आने पर स्थानीय प्रशासन में आम कार्यकर्ता और स्थानीय नेताओं की पूछ ही उनकी प्राणशक्ति और परिश्रम करते रहने की प्रेरक होती है। बाकी इनको पार्टियां कोई तनख्वाह तो देती नहीं। जब सरकार में कार्यकर्ताओं को सरकार से तिरस्कार मिलता है तो आगे वह क्यों किसी अन्य के लिए परिश्रम करेगा? यहां तक कि तब भी कांग्रेस के कार्यकर्ता व स्थानीय नेता वे सभी कार्य करवा लेते थे,जो अपनी सरकार होने के बावजूद भाजपा कार्यकर्ता नहीं करवा पाते थे। राममंदिर आंदोलन में रथयात्रा के दौरान और उसके बाद भाजपा सरकार होते हुए भी कितने भाजपा कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमें दर्ज कर उनके वारंट निकाल दिए गए और सरकार मौन रही। इसके आंकड़े जुटाए जाए तो स्तिथि स्पष्ट हो जाएगी। मैं भी इसका शिकार हुआ। तब मैंने युवा मोर्चा के महामंत्री पद और भाजपा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। ऐसी ही स्थिति बाद की वसुंधरा राजे की सरकारों में भी बनी रही और आज तक, कम या ज्यादा, कार्यकर्ताओं की यही स्थिति बनी हुई है। भाजपा को केवल शाब्दिक रूप से नहीं, वरन् यह सुनिश्चित करना होगा कि कार्यकर्ताओं का कार्य रुप में भी सम्मान हो और उन्हें शक्ति प्रदान की जाए। तभी भाजपा एक शक्तिशाली पार्टी बनेगी।
अमिताभ जी कुछ गलतियां हमारे नेता लोग ही करतें हैं क्योंकि वो अपने अहंकार में भूल जाते हैं कि निचले कार्य कर्ता भी हैं इसलिए सभी की तरफ़ ध्यान देने योग्य बात है धन्यवाद
पुराने कार्य कर्ताओं का सरकार में समायोजन करना पड़ेगा प्रतियोगी परीक्षा पेपर लीक न हो पुलिस निरंकुश में कमी लानी होगी नए चेहरे को सामने लाना होगा लीडर शिप में। तभी बात बनेगी।
अति आत्मविश्वास के कारण बीजेपी का मतदाता घर नहीं निकला,यह जिते हुए कि पार्टी की 80 लोकसभा सीटों पर जीत निश्चित है
आपके इरादे नेक हैं, सुधार के प्रयास देशहित में हैं, इसमें कोई संदेह नहीं।
बस आवश्यकता है आँखें खोल कर चलने की, विशेषकर अपने आस-पास...!!
साथ ही ध्यान रखें..“अति सर्वत्र वर्जयेत्”
#BJP
अग्निहोत्री जी कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि जनता पर भी सरकार को ध्यान देना चाहिए जनता अगर इग्नोर करेगी तो सरकार को यूपी में बहुत मुश्किल में पड़ेगी
और अगर यूपी सरकार डगमगा गई तो दिल्ली सरकार को डगमगाने से कोई रोक नहीं सकता यह बात भी इन बीजेपी वालों को याद रखना पड़ेगा❤
भारत माता की जय
जय श्रीराम
कहने से नहीं करने से होगा सभी विधायक मंत्री से बोले कार्यकर्ताओं का काम कराएं।
जनता सरणम गच्छामि से जीत मिलेगी
Right sir karkarta hi party ki jann hota h
अब यू पी की जनता चाहती है अखिलेश यादव को तब देहाती एक एक पुलिस वाले से बदला लेगा ऐसा तो नहीं होगा कि बीजेपी के सांसद हमारी पसली तुडवा कर हमसे वोट ले जाएं सुब्रत पाठक कभी नहीं हारता अगर जनता की सुनवाई होती
बाबा जायेगा रे बाबा😂😂😂 भर्ती दा चाहे मत
केवल कार्यकर्ताओं की उदासीनता ही भाजपा को ले डूबी
17 अति पिछड़ी जातियों को अलग से आरक्षण दिया जाए
सादर प्रणाम आपको आदरणीय 🙏
हर हर महादेव काशी विश्वनाथ शंभू 🙏
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति आप की आदरणीय 🙏
Accurate analysis!👍
करकर्ता ही सरकार की नैया डुबोता है ये बात इनको समझनी चाहिए
अभिताभ जी नमस्कार 🙏🏾🙏🏾सच यह है की नड्डा जैसे नकारा को अध्यक्ष बार-बार बनाना,दुसरे दल से आने वाले भ्रष्टाचारी,बदनाम लोगो को कार्यकर्ता के सर पर बैठा देना हार का मुख्य कारण रहा है।जय श्रीराम
बेरोजगारी जिम्मेदारी है
सर जी कार्यकर्ता वाली बात के अलावा ये जो रात दिन नफरती पोस्ट फारवर्ड करना भी एक बड़ा कारण है।
पूरी की पूरी यथार्थ अभिव्यक्ति आदरणीय 🙏
अमिताभ जी ये ठाकुर राज 2027 के बाद नही रहेगा
यह सही है की एनर्जी तो कार्यकर्तामे डालनेकी जिम्मेदारी नेताओंअंकी है.नेता ओमे घमंड जादा थी या आत्मविश्वास.बुथ लेव्हलतक काम करना जरूरी है.आखरी मतदातातक पहुंचना जरूरी है.
चुनाव जीतने के बाद प्रत्याशियों मे अभिमान आ जाता है। फिर कार्य कर्ताओं का महत्व समाप्त हो जाता है।साथ ही जब प्रत्याशी मतदाता से दूरी बनाएगा क्षेत्र में कोई कार्य नहीं करेगा तो मतदाता उसे क्यों चुने।
इस चुनाव में नीचे के कार्यकर्ताओं से किसी ने भी बात तक नही किया इसलिए सारे कार्यकर्ता अपने घरों में बैठे रहे केवल वही लोग इधर-उधर भागते रहे हैं जो जिला कार्यकारिणी में थे या जो पदाधिकारी बनाये गये थे और बड़े नेता मोदी के सहारे घर बैठे रहे गांवों में कोई प्रत्याशी गया ही नही केवल गाड़ियों बैठकर गांव एक-दो बड़े लोगों से मिलकर इतिश्री कर लिया नीचे के कार्यकर्ताओं को उपेक्षित रखा गया।ऊपर वाले घर बैठकर जो पैसा चुनाव लड़ने के आया था उसका आपस में बंदरबांट कर लिया। जिसका रिजल्ट सामने आ गया है।
जय श्री राम जय श्री राम जय जय श्री राम 🙏🙏👌👌🌹🌹
👍बढ़िया विश्लेषण🌷
सत्ता में रहना है तो बूथ स्तर पर आना होगा जिले के नेता मंत्रियों के साथ फोटो खिंचाने में रहते हैं डोर टू डोर आना होगा बूथ को मजबूत बनाने का काम करना होगा
अमिताभ जी! कार्य कर्ता को पूछना ही तो असली बीमारी है और इलाज भी क्योंकि अगर कार्य कर्ता की बात सुनते हैं तो फिर उसके मन की हसरतों को भी पूरा करना पड़ेगा किसी भी हद तक इससे अच्छी बुरी कोई भी छवि का बड़े नेताओं को सामना करना पड़ेगा क्योंकि आज कोई भी नेता ठीक प्रकार से राजनीति नही करता बल्कि बिजानिस मानकर या मजे लेने के लिए आदि के लिए करता है इसलिए खुद गलत होगा तो कार्य कर्ता भी गलत कार्य करवाने के लिए बड़े नेताओं पर दबाव बना सकता है। बस यही वजह है क्योंकि बड़े नेता यदि ईमानदारी की राजनीति करे तो कार्य कर्ता को पूछने में वे पीछे नहीं हटेंगे और नहीं कार्य कर्ता की हिम्मत पड़ेगी कोई गलत काम करवाने की ओर फिर देश में एक नई ईमानदारी की राजनीति चल पड़ेगी जिससे देश का कल्याण होगा लेकिन इन नेताओं का लोभ या विलासिता भरा स्वभाव जायेगा नहीं और देश का उद्धार होगा नहीं। वैसे देखा जाए तो जनता की तो कोई गलती होती नहीं क्योंकि जनता तो उस अबोध बालक की तरह है जिसे मां बाप जैसे पालते हैं वैसे पलता है। गलती तो सारी की सारी इन नेताओं की है। मोदी जी ने भी जनता को भरोसे में लेकर,धोखा दिया है जनता को।जनता से सौ रुपए टैक्स के रूप में ठगे और दिया पांच रुपया। बाकी रुपए को मनमाने तरीके से देश या विदेशों पर खर्च किया या नहीं ये तो वो ही जानें और फिर दस साल से पेट नहीं भरा तथा फिर पी एम की शपथ ले ली इससे पता पड़ता है कि मोदी जी कितने गिरे हुए हैं। अरे! अब तो उन्हें योगी जी को पी एम बना देना चाहिए था लेकिन सत्ता जैसी चीज को कौन छोड़ना चाहता है इन्हीं दस साल में हिंदुओं का बोट लेकर जुमले बाजी कर कर खूब बेवकूफ बनाया। विपक्षी वालों से कहते थे कि वो तुष्टिकरण करते हैं तो इन गुजरे पांच साल में मोदी जी ने भी खूब मुस्लिम तुष्टिकरण किया और उसी का 2024 में उन्हें परिणाम मिला।
इतनी गंदगी कभी नही देखी,जितनी हो गयी है।क्या बदबू राज्यस्तरीय नेताओ को नही आ रही है।
मोदी जी हैं तो कार्य कर्त्ताओं की क्या आवश्यकता है?
Agnihotri G aapko namaskar 👏
गावों का विकास नहीं हो रहा है
अति आत्म विश्वास में नेता थे, कार्यकर्ता नहीं। तमाम पदों पर बाहरी एवं बनावटी पदाधिकारी अब भी विराजमान हैं। पुराने लोग इतिहास की वस्तु बन गए। रणनीति बनाने वाले सिस्टम से बाहर है। सफलता मिले तो कैसे।
महाभारत में लिखा है दुयोधन ने जघा टुटने के बाद कहा नियम विरूध है
क्रषण ने कहा आयी तो तुझे याद धरम कि पर अन्त समय आइ आजाती पहले नहीं हो ती आज लडाई
Really
कथनी हिंदू राष्ट्र की , करनी सेक्युलर की सबका साथ....... वाला मंत्र और कार्य भी
तो हिंदू वोटर निराश था उदासीन था
यह भी एक कारण हो सकता है l
❤❤❤
कार्यकर्ता क्या कर सकता है जब उसकी कोई पावर नहीं है कुछ नहीं कर सकता
जय श्री राम 🙏🙏👌👌👌
कांग्रेस में कार्यकर्ता की बात सुनी जाती हैं बीजेपी में नही, यहां सेवा करनी है वो भी निस्वार्थ भाव से
कार्य कर्ता की आवाज को कोई सुनने वाला नहीं मिला
कार्यकर्ता तो निराश व निष्क्रिय था ,कारण " सरकार व संगठन" मे उसकी पूछ ही नही थी , परन्तु जिसने " अबकी बार 400 पार " का नारा दिया और " अतिउत्साह " का माहौल बनाया , वो कौन है?
ज़ब किसी पार्टी अथवा ब्यक्ति द्वारा यें कहा जाता है की कार्यकर्ता नेता, मंत्री, बिधायक, सांसद से बड़ा होता है तो हास्यास्पद लगता है। यें बड़े बड़े लोग बड़ी बड़ी गाड़ियों मे घूमते है इन्हें जनता से कोई सरोकार नहीं होता। अपने धनबल, से चुनाव जितने का दम्भ भरते रहते है
तो क्या कांग्रेसियों सपाइयों के कार्यकर्ता ज्यादा सक्रिय हो चुके हैं। बीजेपी के वोटरों का तो नाम हीं लिस्ट से गायब था।
मुझे लग रहा है ops, महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा यही लोगों को रास नहीं आ रहा है
भाजपा के कार्यकर्ता की भाजपा नेताओं की नजरों में कोई औकाद नहीं जो पार्टी के कैडर कार्यकर्ता है उसका कोई सुनने वाला नहीं है सिर्फ चुनाओ में याद आती है। इससे तो बिना सरकार के ही अच्छे थे
कार्यकर्ता, ये नेता सब झूठ बोल रहे हैं माइक पर कोई नहीं सुनता।
Jai shri ram ji jai modi ji jai bjp jai yogi ji
साहब कोई भी अधिकारी फोन तक नही उठाते ओर ये कार्यकर्ता की बात कर ते है में खुद सेक्टर सयोंजक रहा हूँ ,इसलिए मेन सन्यास ही ले लिया
अहंकार और अभिमान में डूबे नेता सत्ता पाने के बाद सब भूल जाते है ये अपने वोटर के नही कोई नही पूछता उनका जीवन किस तरह से चल रहा क्या समस्या है देश मे किसी दल को 5 साल से ज़्यादा सत्ता नही मिलनी चाहिए।।
कार्यकर्ता प्रशिक्षण करें किसकी अहमियत क्या है और करेगा भी
जबतक ठेकेदारी पे काम करने वालो के लिए कुछ आचार संहिता नही बनेगी और मानदेय नहीं बढ़ेगा , BJ P का हाल सही नही होगा ।
सर कार्यकर्ताओं को सम्मान दिलाना तो योगी जी की ही जिम्मेदारी है। उनके अधिकारी कार्यकर्ताओं की बात तक नहीं सुनते थे। क्या योगी जी को पता नहीं था। क्यों नहीं कभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि कार्यकर्ताओं को सम्मान दें और उनके जायज काम करें।न जनप्रतिनिधियों ने कभी सुनी और न ही अधिकारियों ने।
अब पछताय का होए जब चिड़िया चुग गई खेत ।
जितने कार्य कर्ता मेहनत करते हैं उनका मनोबल गिरता है पार्टी में कोई तवज्जो नहीं है। और उन लोगों की तवज्जो देते हैं जो उनके लिए दलाली करते हैं और दुसरी पार्टी के साथ गठबंधन रखते हैं। योगी जी आप ईमानदार है इसलिए जनता आपके साथ है परन्तु आपके जैसे आपके विधायक सांसद नहीं है इसलिए जनता इनको वोट नहीं देते हैं। आपके और मोदी जी के भरोसे कब तक चलेगा।
इनको कार्यकर्ता दिख रहा है , महगाई और बेरोजगारी nhi दिख रहा