यज्ञ की आत्मा क्या है || By स्वामी सच्चिदानंद जी महाराज

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  • เผยแพร่เมื่อ 8 พ.ย. 2024
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ความคิดเห็น • 7

  • @rksuper99ff23
    @rksuper99ff23 2 หลายเดือนก่อน +3

    जय जय सियाराम

  • @SanjeevKumar-uv8yi
    @SanjeevKumar-uv8yi 2 หลายเดือนก่อน +2

    नारायण नारायण
    बहुत ही उत्तम प्रवचन
    आपके इस प्रवचन में गूढ़ आध्यात्मिक सार छुपा हुआ है। इस प्रवचन को दोबारा सुनकर उस सार को भी बताए।

  • @rajubawa4372
    @rajubawa4372 2 หลายเดือนก่อน

    ओम् नमस्ते आचार्य जीं जय आर्यावर्त वैरी नाइस

  • @sarvandhull3114
    @sarvandhull3114 2 หลายเดือนก่อน

    नमस्ते जी 🙏 कैथल हरियाणा

  • @Chandangoyal-re7xq
    @Chandangoyal-re7xq 2 หลายเดือนก่อน

    Swami ji ko. Kotti kotti naman

  • @munnalal-ui6lb
    @munnalal-ui6lb หลายเดือนก่อน

    आत्मा और परमात्मा अजन्मा है और संसार से अलग है। इस बात को आर्य समाज नहीं जानता आर्य समाज निराकार सरकार को ही परमात्मामानता है क्योंकि वेदों में निराकार सहकारिता का ही ज्ञान है निराकार साकार माया है यजुर्वेद का मंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है।❤❤❤❤❤