आत्मा और परमात्मा अजन्मा है और संसार से अलग है। इस बात को आर्य समाज नहीं जानता आर्य समाज निराकार सरकार को ही परमात्मामानता है क्योंकि वेदों में निराकार सहकारिता का ही ज्ञान है निराकार साकार माया है यजुर्वेद का मंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है।❤❤❤❤❤
जय जय सियाराम
नारायण नारायण
बहुत ही उत्तम प्रवचन
आपके इस प्रवचन में गूढ़ आध्यात्मिक सार छुपा हुआ है। इस प्रवचन को दोबारा सुनकर उस सार को भी बताए।
ओम् नमस्ते आचार्य जीं जय आर्यावर्त वैरी नाइस
नमस्ते जी 🙏 कैथल हरियाणा
Swami ji ko. Kotti kotti naman
आत्मा और परमात्मा अजन्मा है और संसार से अलग है। इस बात को आर्य समाज नहीं जानता आर्य समाज निराकार सरकार को ही परमात्मामानता है क्योंकि वेदों में निराकार सहकारिता का ही ज्ञान है निराकार साकार माया है यजुर्वेद का मंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है।❤❤❤❤❤