पुरोहितों को ईश्वर ने अलग कर अपनी सेवा के लिए बुलाया है,मैं बहुत ऐसे पुरोहितों को जनता हूँ जिन्हें संत की उपाधि मिलनी चाहिए, मैनें उन्हें देखा है, महसूस किया है, सभी पुरोहितों के लिए, धर्मबहनों के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि ईश्वर उन्हें आशीष दें ताकि वे प्रभु की तरह, उनके शिष्यों की तरह कलीसिया की सेवा कर सकें l
Very beautifully your explanation about Poverty, Chastity, and Obedience, which helps all the consecrated people to love God with whole heartedly and single mindedly which brings Spiritual discipline in Religious life to fulfil God's will in their life of Holiness.
Jai yesu father.is sunder prawachan ke liye ap ka dhanyabad.aisi hi shikcha ke liye ham bhukhe peyase hain .thank you father.prabhu ap ko Ashish de.ishwer ki mahima ho.halleluyah.....
पुरोहितों की मैं बहुत इज्जत करता हूँ, वे हमारे मार्गदर्शन हैं लेकिन यदि वे भी अपनी राह भटक जाएं तो फिर कलीसिया का क्या होगा क्योंकि मैं मानता हूँ कि वे कलीसिया की नींव हैं और नींव को और कैसे मजबूत किया जा सकता है ताकि आज के युवा भी उनसे प्रेरित होकर कलीसिया की सेवा के लिए आगे आएं, अपनी बुलाहट को महसूस कर सकें l
सिस्टर लोग भी नहीं करतीं, क्या बाइबिल में कहीं इसका भी उल्लेख है ? प्रभु के बाहर शिष्यों के अलावे और भी बहुत से शिष्य हुए, उनमें महिलाएं भी थीं लेकिन क्या उनके लिए भी बाइबिल में कोई स्थान दिया गया है ?
होशे 4:6 [6]मेरे ज्ञान के न होने से मेरी प्रजा नाश हो गई; तू ने मेरे ज्ञान को तुच्छ जाना है, इसलिये मैं तुझे अपना याजक रहने के अयोग्य ठहराऊंगा। और इसलिये कि तू ने अपने परमेश्वर की व्यवस्था को तज दिया है, मैं भी तेरे लड़के-बालों को छोड़ दूंगा।
❤ thik hai per Catholicism is not Christianity.... Pavitra toh Yeshu ki khoon miljata hai ..... bramhachari ye Hinduism ka teaching hai... Prabhu jisko jaise bulaya hai yese hi aa payega 😮😮😮😮😮...
Par Father g akkal to father log catholic father log dhram parchar nahe karta hi app log to school chalana ma beje rahata hi catholic dhram ma to village ka parchar log he dhram parchar karta hi father log to koy madat kartha na he hi
Lekin ajjal ke pirohit apne marg se bhatak rahe hai.adhiktar purohit brahmcharya ka palan nahi karte .mai personally aise bahut sare purohiton ko ianta hu
120 sal ki jindgi hai.akele jivan bitate hain jeb bharke kya karenge.bilkul jeb nahi bharte logonko sewa karte hain.logon ko prabhu tak pahunchne ke liye rasta bate hain.
Father जी लेकिन ये बिब्लिकल तो नहीं है। आप मनुष्य को प्रसन्न करने के लिए व्रत ना ले। बाइबल में परमेश्वर ने अपने भविष्यवक्ताओं के द्वारा अदभुत काम किए है । वे तो शादी शुदा थे।इसका मतलब यही होता है की परमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए शादी न करना ये कोई औपचारिक पर्याय नहीं है। अब देखिए उदाहरण में अब्राहम शादी शुदा था। मोसेस शादी शुदा था। होशे शादीशुदा था। दाऊद शादीशुदा था। नया नियम में संत पतरस भी शादी शुदा था। परमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए शादी नहीं करना इसका कोई मतलब नहीं है। उसकी आज्ञा पालन और उसपर विश्वास करने से परमेश्वर को प्रसन्न कर सकते है। आप आ जीवन बिना शादी के रह सकते है।वो आप लोगो की चॉइस है।लेकिन प्रभु को प्रसन्न करने के नाम पर यह बिब्लीकल नहीं है। आपने बात किया गरीब याने निम्न स्तर में होकर जीवन जीने कि। मुझे लगता है जीतने फादर लोग अय्याशी करते है शायद सांसारिक आदमी के शर्म आ जाए। दुनिया की हर उत्तम जीचो का उपभोग तो आप ही लोग करते हो फिर ये संसार को त्यागना कैसे हुआ। इससे अच्छा है फादर जी शादी करलो और अपने संस्था को और उनकी परंपरा को खुश करना बंद करो। परमेश्वर इन बातो से नाराज है। मैं सभी फादर गणों का आदर करता हु। मेरी बातो को समझने की कोशिश करे। प्रभु हम सबको आशीष देवे।
कृपया पूरा पढ़ें । 1. अविवाहित जीवन और इसका बाइबिलीय आधार बाइबल में विवाह और ब्रह्मचर्य दोनों को ही परमेश्वर की सेवा के वैध मार्ग के रूप में मान्यता दी गई है। स्वयं यीशु ने अविवाहित रहकर अपने मिशन को पूरी तरह समर्पित किया। संत पौलुस ने 1 कुरिन्थियों 7:32-35 में कहा है कि ब्रह्मचर्य व्यक्ति को प्रभु की सेवा के लिए अविभाजित ध्यान केंद्रित करने का अवसर देता है। हालांकि, बाइबल में कई पात्र जैसे अब्राहम, मूसा और पतरस विवाहित थे, लेकिन यीशु और पौलुस का ब्रह्मचर्य का चुनाव इसकी आध्यात्मिक महत्ता को दर्शाता है। 2. पुरोहितों का ब्रह्मचर्य: एक अनुशासन, सिद्धांत नहीं यह समझना महत्वपूर्ण है कि पुरोहितों का ब्रह्मचर्य कैथोलिक कलीसिया में एक अनुशासन है, न कि कोई सिद्धांत। यह अनुशासन इस उद्देश्य से है कि पुरोहित अपने जीवन को पूरी तरह से यीशु के समान समर्पित करें और बिना पारिवारिक जिम्मेदारियों के अपनी प्रेरिताई सेवा पर ध्यान केंद्रित कर सकें। वहीं, पूर्वी कैथोलिक कलीसियाओं में विवाहित व्यक्तियों को पुरोहित बनने की अनुमति है, जो यह दर्शाता है कि कलीसिया दोनों मार्गों को मान्यता देती है। 3. "दुनिया का उपभोग" करने की गलत धारणा यह कहना कि पुरोहित "दुनिया का आनंद" लेते हैं, जबकि वे संसार को त्यागने की बात करते हैं, एक गलतफहमी है। पुरोहित एक साधारण और विनम्र जीवन जीते हैं और अपना जीवन दूसरों की सेवा में लगाते हैं, चाहे वह प्रेरिताई हो, शिक्षा देना हो, या गरीबों की सहायता करना। उनका जीवन भी अन्य व्यक्तियों के समान त्याग से भरा होता है। ब्रह्मचर्य विवाह का अपमान नहीं है, बल्कि यह एक अलग तरीके से सेवा करने का चुनाव है। 4. ब्रह्मचर्य के आध्यात्मिक कारण ब्रह्मचर्य विवाह को नकारने के लिए नहीं, बल्कि पूरी तरह से आध्यात्मिक पितृत्व पर ध्यान केंद्रित करने के लिए है। अपने ब्रह्मचर्य के माध्यम से, पुरोहित परमेश्वर के राज्य का प्रतीकात्मक प्रमाण प्रस्तुत करते हैं, जहाँ यीशु ने कहा (मत्ती 22:30) कि "लोग न तो विवाह करेंगे और न विवाह में दिए जाएंगे।" ब्रह्मचर्य का जीवन इस भावी वास्तविकता का गवाह है और पुरोहित परमेश्वर और उनके लोगों की सेवा को प्राथमिकता देते हैं। 5. "बाइबिलीय नहीं" होने के आरोप का उत्तर यह सच है कि बाइबल विवाह का सम्मान करती है, लेकिन ब्रह्मचर्य भी उतना ही बाइबिलीय है। यीशु और पौलुस दोनों ने ब्रह्मचर्य को उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण माना है जिन्हें इसकी बुलाहट है (मत्ती 19:12, 1 कुरिन्थियों 7:7)। ब्रह्मचर्य का जीवन प्रभु को पूरी तरह समर्पित करने और उनके राज्य के प्रति गवाही देने का माध्यम है। निष्कर्ष ब्रह्मचर्य कैथोलिक कलीसिया में एक विशिष्ट बुलाहट है जो विवाह के समान ही मान्य है। यह यीशु के जीवन और उनकी शिक्षाओं का अनुसरण है। दोनों अवस्थाओं का उद्देश्य एक ही है-प्रभु को प्रसन्न करना और उनकी सेवा करना। प्रभु आपको सत्य को समझने और उसके अनुसार जीने की कृपा दें।
पूरी व्यवस्था ही गड़बड़आ गई है.. पहले रोम को जान लीजिए.. प्रकाशित वाक्य 17:9 उस बुद्धि के लिये जिस में ज्ञान है यही अवसर है, वे सातों सिर सात पहाड़ हैं, जिन पर वह स्त्री बैठी है।... प्रकाशित वाक्य 13:3 और मैं ने उसके सिरों में से एक पर ऐसा भारी घाव लगा देखा, मानो वह मरने पर है; फिर उसका प्राण घातक घाव अच्छा हो गया, और सारी पृथ्वी के लोग उस पशु के पीछे पीछे अचंभा करते हुए चले। (सारांस17:9.. सात पहाड़ियों का नगर GK कर लो.13:3.. एक समय रोमन साम्राज्य का विस्तार और सामर्थ बहुत बड़ा था, जिसने प्रभु यीशु को सूली चढ़ा दिया, इसके बाद अॉटोमोन सम्राज्य द्वारा इसका पतन किया गया.. लेकिन एक बात ध्यान दें आज भी रोमन साम्राज्य हर जगह अपने चर्च के माध्यम से हमारे बीच में है और हमारे दान का कुछ हिस्सा रोम को जाता है.
पुरोहितों को ईश्वर ने अलग कर अपनी सेवा के लिए बुलाया है,मैं बहुत ऐसे पुरोहितों को जनता हूँ जिन्हें संत की उपाधि मिलनी चाहिए, मैनें उन्हें देखा है, महसूस किया है, सभी पुरोहितों के लिए, धर्मबहनों के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि ईश्वर उन्हें आशीष दें ताकि वे प्रभु की तरह, उनके शिष्यों की तरह कलीसिया की सेवा कर सकें l
You have explained it very beautifully, Farther Ji, super ❤
Very beautifully your explanation about Poverty, Chastity, and Obedience, which helps all the consecrated people to love God with whole heartedly and single mindedly which brings Spiritual discipline in Religious life to fulfil God's will in their life of Holiness.
Thank you father for this beautiful message and May god bless you always❤❤❤🙏🙏🙏
प्रभु आप को बहुतायत से आशीष देवे।
Thank u father ji Sundar pravachan ke liye Jay yishu Masih ki
Praise the lord Amen Halleluyah❤❤❤God bless you all the Fother & Sisters.
Praise the Lord 🙏 Thank you father for this beautiful message 🙏 God bless you always 🙏 ❤️
👐
Jai yeshu masih ki🙏praise the lord🌷✝️🌷
Jai yesu father.is sunder prawachan ke liye ap ka dhanyabad.aisi hi shikcha ke liye ham bhukhe peyase hain .thank you father.prabhu ap ko Ashish de.ishwer ki mahima ho.halleluyah.....
Price the lord thank you father Prabhu ap log k sath sedayi bonai rahai Amen ✝️🙏🏾🙏🏾🙏🏾❤❤❤❤
Jai yeshu ki fr.ji
Nice concept 🎉 , ..
Father make some motivational videos..❤❤❤
Praise the lord
Amen ☦️🛐🙏🏻
Thank you fr
praise the lord Amen
Catholic Priests should Marry today's World
❤ thank you Fr ❤❤❤
Every priest should follow strictly
Praise The Lord
Jai jishu dhanyabad ❤
पुरोहितों की मैं बहुत इज्जत करता हूँ, वे हमारे मार्गदर्शन हैं लेकिन यदि वे भी अपनी राह भटक जाएं तो फिर कलीसिया का क्या होगा क्योंकि मैं मानता हूँ कि वे कलीसिया की नींव हैं और नींव को और कैसे मजबूत किया जा सकता है ताकि आज के युवा भी उनसे प्रेरित होकर कलीसिया की सेवा के लिए आगे आएं, अपनी बुलाहट को महसूस कर सकें l
Jai yeshu 🙏
जय येसु फादर l
सिस्टर लोग भी नहीं करतीं, क्या बाइबिल में कहीं इसका भी उल्लेख है ? प्रभु के बाहर शिष्यों के अलावे और भी बहुत से शिष्य हुए, उनमें महिलाएं भी थीं लेकिन क्या उनके लिए भी बाइबिल में कोई स्थान दिया गया है ?
होशे 4:6
[6]मेरे ज्ञान के न होने से मेरी प्रजा नाश हो गई; तू ने मेरे ज्ञान को तुच्छ जाना है, इसलिये मैं तुझे अपना याजक रहने के अयोग्य ठहराऊंगा। और इसलिये कि तू ने अपने परमेश्वर की व्यवस्था को तज दिया है, मैं भी तेरे लड़के-बालों को छोड़ दूंगा।
If you are talking about obedience and poverty and justice about the priest of catholic then what other people
Hii amen
Kindly study the Bible and lecture priest because of your teaching many are perishing
Ammin Jharkhand khunti murhu Bamhani se
Swargiya pitaki ichha kya hai
Ichha ye nahi ki koi insan baat mane lekin prabhu ki
Genesis.2.18
Dhan hona chahiye,likin uska sahi upyog hona chahiye.
❤ thik hai per Catholicism is not Christianity.... Pavitra toh Yeshu ki khoon miljata hai ..... bramhachari ye Hinduism ka teaching hai... Prabhu jisko jaise bulaya hai yese hi aa payega 😮😮😮😮😮...
लेकिन प्रभु यीसु सादीसुदा नही था।
इसको याद रखना चाहिए।
Par Father g akkal to father log catholic father log dhram parchar nahe karta hi app log to school chalana ma beje rahata hi catholic dhram ma to village ka parchar log he dhram parchar karta hi father log to koy madat kartha na he hi
Actually you should stop the Bible quotation to use on wrong interpretation
Lekin ajjal ke pirohit apne marg se bhatak rahe hai.adhiktar purohit brahmcharya ka palan nahi karte .mai personally aise bahut sare purohiton ko ianta hu
Please pray for them🙏
Study Bible my catholic brother and sister you all are on wrong path.
I don't agree you father, you are wrong
Father log parish ki sampati se Jeb bharte h .kya yah Garibi h?
Good comment bro
120 sal ki jindgi hai.akele jivan bitate hain jeb bharke kya karenge.bilkul jeb nahi bharte logonko sewa karte hain.logon ko prabhu tak pahunchne ke liye rasta bate hain.
Ma bap ki seva karni padegi,is se bachne k liye ,khane pine or esh se ji van bitane k liye bhi ban jate h.
Sahi bola
Ye sare chor hai
Aise bolkar paap ke bhagidar mat bano pyaro
@@Rkitchen0 aap bolnse
Jinko ishwar ne chuna h vo hi abhishikt hote h 🙏
@@Rkitchen0 kaise chuna
Father जी लेकिन ये बिब्लिकल तो नहीं है।
आप मनुष्य को प्रसन्न करने के लिए व्रत ना ले।
बाइबल में परमेश्वर ने अपने भविष्यवक्ताओं के द्वारा अदभुत काम किए है । वे तो शादी शुदा थे।इसका मतलब यही होता है की परमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए शादी न करना ये कोई औपचारिक पर्याय नहीं है।
अब देखिए उदाहरण में
अब्राहम शादी शुदा था।
मोसेस शादी शुदा था।
होशे शादीशुदा था।
दाऊद शादीशुदा था।
नया नियम में
संत पतरस भी शादी शुदा था।
परमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए शादी नहीं करना इसका कोई मतलब नहीं है।
उसकी आज्ञा पालन और उसपर विश्वास करने से परमेश्वर को प्रसन्न कर सकते है।
आप आ जीवन बिना शादी के रह सकते है।वो आप लोगो की चॉइस है।लेकिन प्रभु को प्रसन्न करने के नाम पर यह बिब्लीकल नहीं है।
आपने बात किया गरीब याने निम्न स्तर में होकर जीवन जीने कि।
मुझे लगता है जीतने फादर लोग अय्याशी करते है शायद सांसारिक आदमी के शर्म आ जाए।
दुनिया की हर उत्तम जीचो का उपभोग तो आप ही लोग करते हो फिर ये संसार को त्यागना कैसे हुआ।
इससे अच्छा है फादर जी
शादी करलो और अपने संस्था को और उनकी परंपरा को खुश करना बंद करो।
परमेश्वर इन बातो से नाराज है।
मैं सभी फादर गणों का आदर करता हु।
मेरी बातो को समझने की कोशिश करे।
प्रभु हम सबको आशीष देवे।
कृपया पूरा पढ़ें ।
1. अविवाहित जीवन और इसका बाइबिलीय आधार
बाइबल में विवाह और ब्रह्मचर्य दोनों को ही परमेश्वर की सेवा के वैध मार्ग के रूप में मान्यता दी गई है। स्वयं यीशु ने अविवाहित रहकर अपने मिशन को पूरी तरह समर्पित किया। संत पौलुस ने 1 कुरिन्थियों 7:32-35 में कहा है कि ब्रह्मचर्य व्यक्ति को प्रभु की सेवा के लिए अविभाजित ध्यान केंद्रित करने का अवसर देता है। हालांकि, बाइबल में कई पात्र जैसे अब्राहम, मूसा और पतरस विवाहित थे, लेकिन यीशु और पौलुस का ब्रह्मचर्य का चुनाव इसकी आध्यात्मिक महत्ता को दर्शाता है।
2. पुरोहितों का ब्रह्मचर्य: एक अनुशासन, सिद्धांत नहीं
यह समझना महत्वपूर्ण है कि पुरोहितों का ब्रह्मचर्य कैथोलिक कलीसिया में एक अनुशासन है, न कि कोई सिद्धांत। यह अनुशासन इस उद्देश्य से है कि पुरोहित अपने जीवन को पूरी तरह से यीशु के समान समर्पित करें और बिना पारिवारिक जिम्मेदारियों के अपनी प्रेरिताई सेवा पर ध्यान केंद्रित कर सकें। वहीं, पूर्वी कैथोलिक कलीसियाओं में विवाहित व्यक्तियों को पुरोहित बनने की अनुमति है, जो यह दर्शाता है कि कलीसिया दोनों मार्गों को मान्यता देती है।
3. "दुनिया का उपभोग" करने की गलत धारणा
यह कहना कि पुरोहित "दुनिया का आनंद" लेते हैं, जबकि वे संसार को त्यागने की बात करते हैं, एक गलतफहमी है। पुरोहित एक साधारण और विनम्र जीवन जीते हैं और अपना जीवन दूसरों की सेवा में लगाते हैं, चाहे वह प्रेरिताई हो, शिक्षा देना हो, या गरीबों की सहायता करना। उनका जीवन भी अन्य व्यक्तियों के समान त्याग से भरा होता है। ब्रह्मचर्य विवाह का अपमान नहीं है, बल्कि यह एक अलग तरीके से सेवा करने का चुनाव है।
4. ब्रह्मचर्य के आध्यात्मिक कारण
ब्रह्मचर्य विवाह को नकारने के लिए नहीं, बल्कि पूरी तरह से आध्यात्मिक पितृत्व पर ध्यान केंद्रित करने के लिए है। अपने ब्रह्मचर्य के माध्यम से, पुरोहित परमेश्वर के राज्य का प्रतीकात्मक प्रमाण प्रस्तुत करते हैं, जहाँ यीशु ने कहा (मत्ती 22:30) कि "लोग न तो विवाह करेंगे और न विवाह में दिए जाएंगे।" ब्रह्मचर्य का जीवन इस भावी वास्तविकता का गवाह है और पुरोहित परमेश्वर और उनके लोगों की सेवा को प्राथमिकता देते हैं।
5. "बाइबिलीय नहीं" होने के आरोप का उत्तर
यह सच है कि बाइबल विवाह का सम्मान करती है, लेकिन ब्रह्मचर्य भी उतना ही बाइबिलीय है। यीशु और पौलुस दोनों ने ब्रह्मचर्य को उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण माना है जिन्हें इसकी बुलाहट है (मत्ती 19:12, 1 कुरिन्थियों 7:7)। ब्रह्मचर्य का जीवन प्रभु को पूरी तरह समर्पित करने और उनके राज्य के प्रति गवाही देने का माध्यम है।
निष्कर्ष
ब्रह्मचर्य कैथोलिक कलीसिया में एक विशिष्ट बुलाहट है जो विवाह के समान ही मान्य है। यह यीशु के जीवन और उनकी शिक्षाओं का अनुसरण है। दोनों अवस्थाओं का उद्देश्य एक ही है-प्रभु को प्रसन्न करना और उनकी सेवा करना।
प्रभु आपको सत्य को समझने और उसके अनुसार जीने की कृपा दें।
@@CatholicDioceseBareilly yesu mashih sikhya ko koi chor purohit na sikhata hai na apnata hai
Tumlog sare chor ho
Jesus sadi nahi kia hai.
Jise nahi pata ooo comment bhi na de toh achha hoga....... Adha adhura gyan bhayankar
पूरी व्यवस्था ही गड़बड़आ गई है.. पहले रोम को जान लीजिए.. प्रकाशित वाक्य 17:9 उस बुद्धि के लिये जिस में ज्ञान है यही अवसर है, वे सातों सिर सात पहाड़ हैं, जिन पर वह स्त्री बैठी है।... प्रकाशित वाक्य 13:3 और मैं ने उसके सिरों में से एक पर ऐसा भारी घाव लगा देखा, मानो वह मरने पर है; फिर उसका प्राण घातक घाव अच्छा हो गया, और सारी पृथ्वी के लोग उस पशु के पीछे पीछे अचंभा करते हुए चले। (सारांस17:9.. सात पहाड़ियों का नगर GK कर लो.13:3.. एक समय रोमन साम्राज्य का विस्तार और सामर्थ बहुत बड़ा था, जिसने प्रभु यीशु को सूली चढ़ा दिया, इसके बाद अॉटोमोन सम्राज्य द्वारा इसका पतन किया गया.. लेकिन एक बात ध्यान दें आज भी रोमन साम्राज्य हर जगह अपने चर्च के माध्यम से हमारे बीच में है और हमारे दान का कुछ हिस्सा रोम को जाता है.
Praise the lord Amen