एक विचारशील,हिंदी में अपवाद,कुछ असहमतियों के।बावजूद,सुनने,समझने,सोचने, संवाद के लिए प्रेरित करने वाला आख्यान,शुक्रिया प्रताप भानु मेहता जी,वैदिक व्याख्यान माला, अपर्णा वैदिक जी।
पत्रकार शिरोमणि डा. वेदप्रताप वैदिक जी हमारी पीढ़ी के लिए भाषा आंदोलन के सूत्रधार थे। साठ के दशक में उन्होंने जो दृढ़ता और साहस दिखाया उससे कम उम्र में ही उनकी राष्ट्रीय पहचान बनी। उनके सघन जीवन में बहुत विविधता थी लेकिन उनकी भाषायी प्रतिबद्धता एक स्थायी विशिष्टता रही।
श्रोताओं में अधिकांश अधेड़ और बुजुर्ग हैं, युवा नहीं।यही विडंबना है। राम मनोहर लोहिया ने संस्कृति, राजनीति, भाषा,लोक,कला आदि घटकों पर गहन विचार किया है।
इसका कारण यह है कि मध्यम वर्ग ने अपनी सोच बदल ली है। मध्यम वर्ग की नई पीढ़ी भौतिकवाद में रुचि रखती है, उसका लक्ष्य उच्च वर्ग में शामिल होकर जीवन का आनंद लेना है। उसने पुराने मध्यम वर्ग की विचारधारा को त्याग दिया है
आदरणीय प्रभाष जोशी जी परंपरा को आगे बढ़ाने वाले मनीषी स्व वैदिक जी को शत शत नमन। सत्ता की राजनीति की नीति की सुचिता कों बचाए रखने में उनका योगदान याद रहेगा।
Har Har Mahadev🙏🙏 Dear Beloved Sister 🙏 Our Guruji is always with us in spirit. His positive thoughts and inspiring sincerity were a profound gift to us all. His words touched the deepest corners of our hearts, his speeches stirred our souls, and his writings resonated across the world. It was he who transformed countless individuals into true human beings, and I am fortunate to count myself among them. Today, whatever I am, and the very fact that I am alive, is solely because of his guidance. We will forever miss his presence, but his teachings and legacy will continue to inspire us. Jai Hind Regards🫡 Dr. Krishan Jha A BJP Karyakarta Policy, Research, and Strategist Founder of Anti Corona Task Force
In his book "The idea of India" Raja Rao wrote a very interesting lesson about Nehru's meeting with French revolutionary Malraux . He stumped Nehru with questions on India culture ( of course during 1930 ) and Nehru listened like a young boy . he adked how can Geeta and Shankar are relevant today with Indian struggle against British > so although Nehru well versed in all the english poerty at the time did not new what Shakar and Advait is . This is how deep he was rooted in Indian culture - that is too say very shallow .
एक विचारशील,हिंदी में अपवाद,कुछ असहमतियों के।बावजूद,सुनने,समझने,सोचने, संवाद के लिए प्रेरित करने वाला आख्यान,शुक्रिया प्रताप भानु मेहता जी,वैदिक व्याख्यान माला, अपर्णा वैदिक जी।
बहुत अरसे बाद हिंदी में इतना सुन्दर व्याख्यान सुनने का अवसर मिला।
पत्रकार शिरोमणि डा. वेदप्रताप वैदिक जी हमारी पीढ़ी के लिए भाषा आंदोलन के सूत्रधार थे। साठ के दशक में उन्होंने जो दृढ़ता और साहस दिखाया उससे कम उम्र में ही उनकी राष्ट्रीय पहचान बनी। उनके सघन जीवन में बहुत विविधता थी लेकिन उनकी भाषायी प्रतिबद्धता एक स्थायी विशिष्टता रही।
पत्रकारिता के आधार स्तम्भ वैदिक जी को शत शत नमन
Hats off to PB Mehta for delivering a fine tribute - in Hindi!
@@avi2125 लेकिन आप अंग्रेजी में लिख रहे हैं, फिर हिन्दी की तारीफ का क्या मतलब?
Thanks for giving us opportunity to virtually attend this lecture.
I read his book the burden of democracy and i wuld like to take part these occasions
श्रोताओं में अधिकांश अधेड़ और बुजुर्ग हैं, युवा नहीं।यही विडंबना है।
राम मनोहर लोहिया ने संस्कृति, राजनीति, भाषा,लोक,कला आदि घटकों
पर गहन विचार किया है।
Yuva to andhbhakt hogaye
इसका कारण यह है कि मध्यम वर्ग ने अपनी सोच बदल ली है। मध्यम वर्ग की नई पीढ़ी भौतिकवाद में रुचि रखती है, उसका लक्ष्य उच्च वर्ग में शामिल होकर जीवन का आनंद लेना है। उसने पुराने मध्यम वर्ग की विचारधारा को त्याग दिया है
Sadar Naman
वैदिक जी की पुस्तकें हमारी पत्रकारिता को आधार देती हैं सार्थक आयोजन किया आपने। प्रणाम
आदरणीय प्रभाष जोशी जी परंपरा को आगे बढ़ाने वाले मनीषी स्व वैदिक जी को शत शत नमन। सत्ता की राजनीति की नीति की सुचिता कों बचाए रखने में उनका योगदान याद रहेगा।
@@anilade8482 बंधुवर, वैदिक जी प्रभाष जोशी से बहुत वरिष्ठ थे।
Har Har Mahadev🙏🙏
Dear Beloved Sister 🙏
Our Guruji is always with us in spirit. His positive thoughts and inspiring sincerity were a profound gift to us all. His words touched the deepest corners of our hearts, his speeches stirred our souls, and his writings resonated across the world. It was he who transformed countless individuals into true human beings, and I am fortunate to count myself among them.
Today, whatever I am, and the very fact that I am alive, is solely because of his guidance. We will forever miss his presence, but his teachings and legacy will continue to inspire us.
Jai Hind
Regards🫡
Dr. Krishan Jha
A BJP Karyakarta
Policy, Research, and Strategist
Founder of Anti Corona Task Force
भैया को सादर नमन व आदरांजलि💐💐💐💐 श्रद्धा सुमन अर्पित करती हूं आपको भुलाना असंभव है आप हमेशा याद आओगे
Brilliant
Naman 🙏🙏
In his book "The idea of India" Raja Rao wrote a very interesting lesson about Nehru's meeting with French revolutionary Malraux . He stumped Nehru with questions on India culture ( of course during 1930 ) and Nehru listened like a young boy . he adked how can Geeta and Shankar are relevant today with Indian struggle against British > so although Nehru well versed in all the english poerty at the time did not new what Shakar and Advait is . This is how deep he was rooted in Indian culture - that is too say very shallow .
मेहता जी !बड़े दु:ख के साथ कहना पड़ रहा है आप हिंदी बोलना तोहीन जैसा मानते हैं और हमें पूरा विश्वास है कि आपकी मातृभाषा जरूर हिंदी ही है।
प्रोफेसर मेहता का हिन्दी व्याख्यान बहुत सुंदर है।
बहुत बढ़िया हिन्दी
PB Mehta is most intellectually biased man. Many flaws in his ideas and perception.
Aap bhi apna unbiased and flawless vichar 😅prastut kar sakte hai
Excillent