Aap jaisa Deshpremi aur Bharat ko yog pradhan krne k liye koti koti dhanyavad. Jise aap dosro ko krne se pehle aap khod krke dikhate h ye bhut badi baat h verma bhut se aise baba h jo makhmal k sofe me sara time bathe rehte h aur sirf kehte rehte tum kro mai dekh raha hon. Aap Mahan ho, aapke ayurved jivan badal rha h aur Angregi Dawai se chotkara mila raha h... Jai Swami Ramdev... MUKESH YADAV, Prayagraj.
ओ३म् *आर्यसमाज के नियम एवम् उद्देश्य* *१. सब सत्य विद्या और जो पदार्थ-विद्या से जाने जाते हैं उन सबका आदिमूल परमेश्वर है।* *२. ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान्, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य-पवित्र और सृष्टिकर्त्ता है, उसी की उपासना करनी योग्य है।* *३. वेद सब सत्यविद्याओं का पुस्तक है। वेद का पढ़ना-पढ़ाना और सुनना-सुनाना सब आर्यों का परम धर्म है।* *४. सत्य के ग्रहण करने और असत्य के छोड़ने में सर्वदा उद्यत रहना चाहिए।* *५. सब काम धर्मानुसार, अर्थात् सत्य और असत्य को विचार करके करने चाहिएँ।* *६. संसार का उपकार करना इस समाज का मुख्य उद्देश्य है, अर्थात् शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक उन्नति करना।* *७. सबसे प्रीतिपूर्वक, धर्मानुसार, यथायोग्य वर्तना चाहिए।* *८. अविद्या का नाश और विद्या की वृद्धि करनी चाहिए।* *९. प्रत्येक को अपनी ही उन्नति से सन्तुष्ट न रहना चाहिए, किन्तु सबकी उन्नति में अपनी उन्नति समझनी चाहिए।* *१०. सब मनुष्यों को सामाजिक सर्वहितकारी नियम पालने में परतन्त्र रहना चाहिए और प्रत्येक हितकारी नियम में सब स्वतन्त्र रहें।* ओ३म् महर्षि दयानन्द सरस्वती कृत *सत्यार्थप्रकाश* का निःशुल्क डिजिटल रूप प्राप्त करें। whatsapp 94 130 20 130
आपको प्रणाम. आप लगभग सभी रोगो के विषय मै जानकारी देकर उसका उपाय बताते है, लेकीन अभितक आपने Gynecomastia के बारे मैं १ भी व्हिडिओ नहीं बनाया!!! बहोत से पुरुष इस परेशनी से गुजर रहे है!!! अलोपॅथी मैं सर्जरी के अलावा कोई उपाय नहीं हैं, आपसे मेरी गुजारीश भी है और बिनती भी की इस से छुटकारा पाने के उपाय बताये प्रणाम🙏
प्रणाम बाबा जी मेरे पेट में जो है हमेशा एसिडिटी बनता है ऐसे में मैं कौन सा प्राणायाम करूंगा अभी मेरा उम्र जो है 18 वर्ष का है बहुत दिनों से इस बीमारी की समस्या है
समय से सोए और जागे , लगातार ना बैठे, पानी पीते रहे , रसदार फल खाए , 2/3 तरह की सब्जी अपने आहार में शामिल करे , मॉर्निंग में घूमने जाएं , शरीर की अच्छे से सफाई करे ।
simple hai.. internet connection cut dijiye..😂😂🤣🤣 kuch din baad bimari thik ho jayega.. jokes apart.. watch manthanhub channel on youtube. apke sabhi prasno ka uttar waha mil jayega..
ओ३म् *आर्यसमाज के नियम एवम् उद्देश्य* *१. सब सत्य विद्या और जो पदार्थ-विद्या से जाने जाते हैं उन सबका आदिमूल परमेश्वर है।* *२. ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान्, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य-पवित्र और सृष्टिकर्त्ता है, उसी की उपासना करनी योग्य है।* *३. वेद सब सत्यविद्याओं का पुस्तक है। वेद का पढ़ना-पढ़ाना और सुनना-सुनाना सब आर्यों का परम धर्म है।* *४. सत्य के ग्रहण करने और असत्य के छोड़ने में सर्वदा उद्यत रहना चाहिए।* *५. सब काम धर्मानुसार, अर्थात् सत्य और असत्य को विचार करके करने चाहिएँ।* *६. संसार का उपकार करना इस समाज का मुख्य उद्देश्य है, अर्थात् शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक उन्नति करना।* *७. सबसे प्रीतिपूर्वक, धर्मानुसार, यथायोग्य वर्तना चाहिए।* *८. अविद्या का नाश और विद्या की वृद्धि करनी चाहिए।* *९. प्रत्येक को अपनी ही उन्नति से सन्तुष्ट न रहना चाहिए, किन्तु सबकी उन्नति में अपनी उन्नति समझनी चाहिए।* *१०. सब मनुष्यों को सामाजिक सर्वहितकारी नियम पालने में परतन्त्र रहना चाहिए और प्रत्येक हितकारी नियम में सब स्वतन्त्र रहें।* ओ३म् महर्षि दयानन्द सरस्वती कृत *सत्यार्थप्रकाश* का निःशुल्क डिजिटल रूप प्राप्त करें। whatsapp 94 130 20 130
Aap jaisa Deshpremi aur Bharat ko yog pradhan krne k liye koti koti dhanyavad. Jise aap dosro ko krne se pehle aap khod krke dikhate h ye bhut badi baat h verma bhut se aise baba h jo makhmal k sofe me sara time bathe rehte h aur sirf kehte rehte tum kro mai dekh raha hon. Aap Mahan ho, aapke ayurved jivan badal rha h aur Angregi Dawai se chotkara mila raha h... Jai Swami Ramdev...
MUKESH YADAV, Prayagraj.
ॐ प्रातः बन्दनिय परम् पूज्य बार महा गुरुदेव को मेरा सत सत नमन बन्दन ।
प्रणाम गुरुदेव बहुत सुंदर वीडियो
ओ३म्
*आर्यसमाज के नियम एवम् उद्देश्य*
*१. सब सत्य विद्या और जो पदार्थ-विद्या से जाने जाते हैं उन सबका आदिमूल परमेश्वर है।*
*२. ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान्, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य-पवित्र और सृष्टिकर्त्ता है, उसी की उपासना करनी योग्य है।*
*३. वेद सब सत्यविद्याओं का पुस्तक है। वेद का पढ़ना-पढ़ाना और सुनना-सुनाना सब आर्यों का परम धर्म है।*
*४. सत्य के ग्रहण करने और असत्य के छोड़ने में सर्वदा उद्यत रहना चाहिए।*
*५. सब काम धर्मानुसार, अर्थात् सत्य और असत्य को विचार करके करने चाहिएँ।*
*६. संसार का उपकार करना इस समाज का मुख्य उद्देश्य है, अर्थात् शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक उन्नति करना।*
*७. सबसे प्रीतिपूर्वक, धर्मानुसार, यथायोग्य वर्तना चाहिए।*
*८. अविद्या का नाश और विद्या की वृद्धि करनी चाहिए।*
*९. प्रत्येक को अपनी ही उन्नति से सन्तुष्ट न रहना चाहिए, किन्तु सबकी उन्नति में अपनी उन्नति समझनी चाहिए।*
*१०. सब मनुष्यों को सामाजिक सर्वहितकारी नियम पालने में परतन्त्र रहना चाहिए और प्रत्येक हितकारी नियम में सब स्वतन्त्र रहें।*
ओ३म् महर्षि दयानन्द सरस्वती कृत *सत्यार्थप्रकाश* का निःशुल्क डिजिटल रूप प्राप्त करें। whatsapp 94 130 20 130
Gurudev ap ko sat sat naman bas ap desh sewa me yunhi apna amulya sahyog dete rahen
Dhanyawad
Bhavya
Thanks 😊 baba ji
Pranam guruji aap bhagwan ke avtar ho
*ऋषि दयानन्द कृत ग्रन्थ-सूची*
*१. सत्यार्थ प्रकाश*
*२. ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका*
*३. संस्कार विधि*
*४. यजुर्वेदभाष्यम्*
*५. ऋग्वेद भाष्यम्*
*६. भागवत-खण्डनम्*
*७. पञ्च-महायज्ञविधिः*
*८. वेदभाष्य के नमूने का अंक*
*९. वेदविरुद्धमतखण्डनः*
*१०. वेदान्ति-ध्वान्त-निवारणम्*
*(स्वामिनारायण-मत-खण्डन)*
*११.आर्याभिविनयः*
*१२. आर्योद्देश्यरत्नमाला*
*१३. भ्रान्ति-निवारण*
*१४. जन्मचरित्र*
*१५. संस्कृतवाक्यप्रबोधः*
*१६. व्यवहारभानु*
*१७. भ्रमोच्छेदन*
*१८. अनुभ्रमोच्छेदन*
*१९. गोकरुणानिधि*
*२०. काशीशास्त्रार्थः*
*२१. हुगली-शास्त्रार्थ*
*२२. सत्यधर्मविचारः*
*२३. शास्त्रार्थ-जालन्धर*
*२४. शास्त्रार्थ-बरेली*
*२५. शास्त्रार्थ-उदयपुर*
*२६. शास्त्रार्थ-अजमेर*
*२७. शास्त्रार्थ मसूदा*
*२८. कलकत्ता-शास्त्रार्थ*
*२९. उपदेश मञ्जरी*
*३०. आर्यसमाज के नियम (बम्बई)*
*३१. आर्यसमाज के नियमोपनियम*
*३२. स्वीकारपत्र*
ओ३म् महर्षि दयानन्द सरस्वती कृत *सत्यार्थप्रकाश* का निःशुल्क डिजिटल रूप प्राप्त करें। whatsapp 94 130 20 130
🌹🌷🌹🌷Aastha mein vishwaas hai......💐💐🌹🌷💐🌹🌸
👇
Very good
Pranam Maharaj ji aap ka Ashirwad Hamar se Sahyog De
दिनचर्या स्वस्थ जीवन दिशा है
❤❤
11 Sal ke bache ko aello water and amla juice Dena chaye
Om sawami ji
जय भारत, जय योग
Charan sparsh baba ji
आपको प्रणाम.
आप लगभग सभी रोगो के विषय मै जानकारी देकर उसका उपाय बताते है,
लेकीन अभितक आपने Gynecomastia के बारे मैं १ भी व्हिडिओ नहीं बनाया!!!
बहोत से पुरुष इस परेशनी से गुजर रहे है!!!
अलोपॅथी मैं सर्जरी के अलावा कोई उपाय नहीं हैं,
आपसे मेरी गुजारीश भी है और बिनती भी की इस से छुटकारा पाने के उपाय बताये
प्रणाम🙏
Swaami Ramdev mhaaraj aap k chrano m Parnam🙏🙏🙏
Parnam baba ji bhut hi achi post bhejte ho eske Lia hm aapke rini h
🕉🙏Guru ji app bhout achey tips detay ho ker bhalla so ho bhalla
प्रणाम बाबा जी 🙏🙏🙏
Students k liye routine batayiye Baba j👍👍
☝☝#kaun si class mein padhte ho bachcha??
Me to first year me hu 🤔
Nuuiiiiii889ii
O
Guru ji bacha ka daily routine batie
Pranam guru ji
Om
Mast
Good
Itne alag oil ke liye pais😢😢e bi send kr do ramdev ji
Super
Thank you baba Ramdev
Nice sir
Well advised sir well said.🙏🙏🙏🙏🙏
Nilu Fur
ji baba ji
Baba Ramdev Ji koti koti Naman
Babaram Dev ki age kitni hai btaoge kya
I totally agree with simple simon specially for coaching students of iit
Sukriya baba ji
Khana khane ke bad vajrasan mai baithna chaheye raat. Ko kya aur kitne time tk vajrasan mai baithna chaheye
Thanks Guru ji.
Thanks for advice me guru g
प्रणाम बाबा जी मेरे पेट में जो है हमेशा एसिडिटी बनता है ऐसे में मैं कौन सा प्राणायाम करूंगा अभी मेरा उम्र जो है 18 वर्ष का है बहुत दिनों से इस बीमारी की समस्या है
🙏🙏
Swami ramdev hamre desh ko sawasat rakege Inko hamra Danawada
Ok Swami ji
Baba ji pranam
🙏🙏🙏🌹
आमला, एलोबेरा और गोमूत्र के साथ गिलोय का काढ़ा मिलाके सुबह-सुबह पी सकते है क्या?
कृपया उत्तर जरूर दे।
समय से सोए और जागे , लगातार ना बैठे, पानी पीते रहे , रसदार फल खाए , 2/3 तरह की सब्जी अपने आहार में शामिल करे , मॉर्निंग में घूमने जाएं , शरीर की अच्छे से सफाई करे ।
Amla juice se cold rehta hai
Baba jee anar bahut mehga hai
जो भाई बहन इस वीडियो को अपलोड करते है ,कृपया व्यकरण का ध्यान रखें।
हमारी दिनचर्या लिखें
Aap bhi
Baba g apse milna he to kaha ho abhi ap?
Babaji poet ki charbi kam karne ke liye jira pani pi sakte hai kya
Frst one ..
Babaji hast manthan ke Karan Jo sigrapatan ki bimari hai uski kuch ilaj bataye
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jokes apart.. watch manthanhub channel on youtube. apke sabhi prasno ka uttar waha mil jayega..
👌👌👌👌🙏🙏🙏🙏
Kya pregnent lady badam pak kha skti hai
बाबा जी हम तो मज़दूर हैं 10-12 घंटे भारी काम करते हैं क्या हमें भी जल्दी सुबह उठना चाहिये
Om. Yes. Jaldi soyen, jaldi uthen.
Xplosive Report
mai subha lom-vilom or kapalbhati karti hu to mera sir bhari lagata hai din bhar kyu iska kai solution bataye aisa kyun hota hai
Bhuke pet kro or 7 prnayam pure kro 100% labh hoga
Or khane m fruit jyada lo tea coffi km kro
15 din m frk lgega
Tum khana khake KR thi hogi na esliye
Hostels me to teeno time oil hi oil milta...nashte se lekar raat ke khane tak oil hi oil wala khana
Aapke liye khana mai dilevar Kar dunga
Tho aap bhar se laya kro na slad bgera jbki aap tho do. Ki pdai bhi KR rhi hai fhir bhi tum baba ji se bol rhi ho
Ots
Subah Khali pet Kela kha sakte
Yes
mera wajan km nhi ho rha h 😐😐😐
Khana kam kho
O
Aaaq
Product ka promotion kar rhe ho baba jii
Pakistan Murdabad
ओ३म्
*आर्यसमाज के नियम एवम् उद्देश्य*
*१. सब सत्य विद्या और जो पदार्थ-विद्या से जाने जाते हैं उन सबका आदिमूल परमेश्वर है।*
*२. ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान्, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य-पवित्र और सृष्टिकर्त्ता है, उसी की उपासना करनी योग्य है।*
*३. वेद सब सत्यविद्याओं का पुस्तक है। वेद का पढ़ना-पढ़ाना और सुनना-सुनाना सब आर्यों का परम धर्म है।*
*४. सत्य के ग्रहण करने और असत्य के छोड़ने में सर्वदा उद्यत रहना चाहिए।*
*५. सब काम धर्मानुसार, अर्थात् सत्य और असत्य को विचार करके करने चाहिएँ।*
*६. संसार का उपकार करना इस समाज का मुख्य उद्देश्य है, अर्थात् शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक उन्नति करना।*
*७. सबसे प्रीतिपूर्वक, धर्मानुसार, यथायोग्य वर्तना चाहिए।*
*८. अविद्या का नाश और विद्या की वृद्धि करनी चाहिए।*
*९. प्रत्येक को अपनी ही उन्नति से सन्तुष्ट न रहना चाहिए, किन्तु सबकी उन्नति में अपनी उन्नति समझनी चाहिए।*
*१०. सब मनुष्यों को सामाजिक सर्वहितकारी नियम पालने में परतन्त्र रहना चाहिए और प्रत्येक हितकारी नियम में सब स्वतन्त्र रहें।*
ओ३म् महर्षि दयानन्द सरस्वती कृत *सत्यार्थप्रकाश* का निःशुल्क डिजिटल रूप प्राप्त करें। whatsapp 94 130 20 130
Nice
Jay Shri Ram 🙏🚩
Pranam guruji
🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏