भजन। कनै करुणा के कोर से निहारु ए सिये.....। By पूज्य श्री राजन जी महाराज।
ฝัง
- เผยแพร่เมื่อ 11 มิ.ย. 2024
- परम आदरणीय रसिकाचार्य श्री मोद लता जी की अंतिम रचना है...
"कनै करुणा के कोर से निहारु हे सिया..... "
मोदलता विवाह प्रसंग के प्रथम कवि व आचार्य हैं। जिनकी मोद पदावली पुस्तक गायक लोगों के पास उपलब्ध होता है।
यह पद पूज्य राजन जी द्वारा मेरे यहाँ आयोजित श्री रामकथा में गायी गयी है।
कथा स्थल :- डुमरी, कटरा, मुज़फ्फरपुर.
Jai Sri Ram ji 🙏🚩❤️🥰
Har har mahadev❤❤❤
Jai siya ram🙏
Jai shree Ram
1:35🙏🙏🙏🙏🙏
Jai Shri siya ram ji ke charno me koti koti pranam 🙏🙏🙏🙏
❤❤
Meri kisori karuna kro
Jay Jay Siya Ram
Jai siya ram🙏
Jai siya ram🙏