भारतीय भारत में रहकर अंग्रेजी में बात कर रहे हैं और भारतीय उन भारतीय को एक जर्मन चैनल पर हिंदी डब में सुन रहे हैं। वाह ब्रिटानियो , क्या खूब गुलाम बनाया तुमने इस देश और संस्कृति को।
Toh documentary hindi mein bana lete jab indians ko leke video hai toh aur dusron ko english/german dub karke sunate. Yehi toh cultural gulami hai. Aur ye news channel b isiko jivit rakhe huye hai. Ye ladka delhi mein pala badha ise hindi nai ati hogi aisa ho nai sakta. Tamil, malayali hota toh b samjh aata. Infact tamil, malayali b proudly apni hi matri bhasha mein baat karte aur use humein hindi, English dub karke sunate
Pehli baat humare Bharat mein sab log Hindi nahi bolte. dusri baat Hindi mein dub kia hai shanti se dekh lo. Hindi he bolni hai to pehle national language bana lo Hindi ko. or kuch kaam karo ye Hindi Sanatan ka drama tab krna jb pura pta ho uske baare mein. naam nationalist rakhne se Bharatwaasi nahi ho jaoge. criticize tb karna chahiye jab koi valid point ho. or agar itna he desh premi ho to dollar, gold and oil price Indian currency mein karwa do.
यह समस्या केवल दिल्ली की ही नहीं है यह समस्या पूरे भारत की समस्या बनती जा रही है। इस समस्या का नाम है प्रदूषण और बढ़ती हुई जनसंख्या। आज का मनुष्य जहरीली हवा में और जहरीले भोजन को खाने के लिए विवश हैं चाहे वह कोई करोड़पति हो या एक मजदूर।
Pollution aur overpopulation ka samadhan dhundhna hoga kyo ki agar saare pahad me aa jayege to wo bhi waise hi ho jaayenge isi liye iss samasya ka samadhan chahiye hoga
Ha to tum kab suruwat kr rhe ho ? Dilaogbaaji ke lie accha hai par Car hum chalate hai, wooden furniture bhi chayiye to ped katenge hi, belt chayiye to animal killing hogi hi, 6 lane road chayiye to ped kaat kar road banane pdenge hi, garmi thodi tej ho jaye to AC chalana hi hai.. And these people who are thinking to migrate from city to hill stations, then eventually hills stations become same as like city Think
पहाड़ रहे कंहा पर है । पहाड़ तो सरकार और व्यापारियों ने सीमेंट प्लांट और सड़कें बनाने के नाम पर समतल कर दिए है। भारत में प्रकृति का सबसे अधिक खात्मा हो रहा है।
इंसान वही खुश रह सकता है जहां उसका settlement हो।। शहरी लोगो को गांव और गांव के लोगो हो शहर अच्छे लगते है।। लेकिन ये सब मन की मक्कारी है।। जिसका मन जहां वो रहता है वही शांत नही वो कही शांत और खुश नही रह पाएगा।।।।
सीधे सीधे कहो ना पहाड़ों को भी बरबाद करना चाहते हो... कोई दिक्कत नही कहीं भी रहो पर प्रकृति के अनुसार रहना होगा❤️ तुम प्रकृति अपनी शर्तें लागू नहीं कर सकते..🔥
जब आदमी के पास ज़रूरत से ज़्यादा पैसा हो जाता है, तो वह गांव जंगल पहाड़ की ओर जाता है। लेकिन जो ग़रीब बेरोजगार होता है,तब वह शहर काम ढूंढने जाता है तो जो वह अपने परिवार का पेट पाल सके।
Right pahado par khud ki kheti krlo vegetables n crops acha hai aur cows buffaloes sheeps goats plus murgiya Palo for earning source Mai toh yehi formula se kam karne ki soch Raha hoon
बात यह है की इसी तरह के शहरी लोग कुछ दिन के लिए पहाड़ों में जाते है और वहां पूरी तरह से गंदगी कर के चले आते हैं। समस्या मात्र शहरों की नही, बल्कि यह अति भोगवादी संस्कृति का एक भयावह दुष्परिणाम है। जहां तक इन महाशय का प्रश्न है, पहाड़ों में रहना आराम पसंद लोगो के लिए नहीं है, वहां का जीवन चुनौतीपूर्ण है।
Sabke zindagi me ek pal aata hai, us pal me hum sabse alag hokar Jungle, Pahad ya Beach par apni puri zindagi gujarne ki ichyya (wish ) hoti hai 👌👌Bahot hi badiya video Dil ko chu lene wala ❤️💯
Qki bahar ke logo ko bahut shauk ho gya hai pahad ghumne ka. Wo bhool jate hein ke yeh jagah sirf unke do din ghumne ke liye nhi hai. Yha bhi koi local rhte hein. Bahar walo se request hai ke yha ke logo ko chain se rhne do
@@kookie-tm8mg तुम पहाड़ी लोग सबसे बड़े गंदे होते हो किस बात कि घमंड है तुम लोगों को पहाड़ किसी के बाप का नहीं है समझे इस प्रकृति के सभी चीजों पर सबका बराबर हक है कोई भी कहीं भी जाकर अपना जीवन बिता सकता है
सभी शहर से दूर पहाड़ों में जीना चाहेंगे तो पहाड़ भी शहर ही बन जाएंगे इस सोच का परिणाम हम जोशीमठ, global warming, banglore Chennai water crisis की form में देख ही रहे है। जिस हरिद्वार देहरादून में पंखे नही चलते थे गर्मी के सीजन में वहा एक hotel book होते है अब
पहाड़ से ऊंचा आदमी ,दसरथ मांझी ,पहाड़ हरे भरे रहने चाहिए, प्रकृति की गोद में रहना परम आनंद है l हमने राजसमंद के पहाड़ देखें है गजब की सुंदरता और मनोरम दृश्य 🎉🎉🎉🎉❤❤❤❤
Seeing a lot of people here interested in living in the mountains. No people, you cannot. It feels good to live here for a week or a month. But not any longer. Ever thought how hard is it to travel everyday in mountains (especially in monsoon and winters)? Ever seen a landslide in your life? Ever saw a leopard/tiger/bear/wild boar right in front of you? Ever travelled kilometres just for a first aid or basic health checkup? Ever carried filled up cylinders on your back in a 45° slope uphill? Ever thought about how it feels like when it's falling snow outside, and there's no electricity for weeks, and you just have to rely on a fireplace for which you have to collect a lot of wood bundles during autumn! If you have answers, welcome.
you are comparing urban life with life in mountain.... both are different.... and pls understand people are living in mountains.... there are various techniques available to solve different problems according to situation.... like you have lpg cylinder... those people are using wood...
@@prasadcnavale I am from mountains and have born and spent 18 years here. And also seen the life of a city for 6 years. And I qualify to comment this based on what people comment here. And do you think that it's easy to collect wood here?
@@TheSunAgain756 people are just attracted to the view of mountains, even I am. But i know if I live in mountains, after a fee months I won't even look at them twice cz I will be so used to seeing it all the time. And then i'll crave a comfortable city life again.
I'm From Maharashtra (Home town near Hill Station Mahableshwar) staying in Delhi NCR for my IT Sector Job from last 3 years and i can relate to this....Delhi is literally Hell regarding Everything (Pollution, Cost of Living, Chaos etc.)....I miss my Hometown every second 😑😶
हर कोई पहाड़ों में आना चाहता है लेकिन उससे पहले वहां की शांति ,प्रकृति और लोगों को इज्जत देना सीखिए और अगर ये सब नहीं कर सकते तो यहां पहाड़ों में आने की कोई जरूरत नहीं। सबसे अधिक डर पहाड़ियों को बाहर के लोगों के बसने से अपनी संस्कृति खत्म होने का रहता है और यह डर उचित भी है।🙏🙏
पहाड़ वाले शहर चले भी जाए तो क्या बिगाड़ लेते हैं शहरो का? लेकिन ये शहर वाले पहाड़ों को बरबाद कर देते हैं। सादा जीवन इन्हे रास नहीं आता, यहां आकर हमारे जल, जंगल, जमीन के लिए खतरा पैदा करते हैं ये लोग। यहां आकर इन्हे हमारे पेड़ो को काट कर सड़क बनानी है, मॉल्स बनाने हैं, इमारतें बनानी है। जिस खूबसूरती और हरियाली को देख कर यहां आते हो... यहां आ कर उसे ही निगल जाते हो तुम शहर वाले।
ABB , Shahar ko barbad Karke gawon Ke Yad aa Rahi Hai,taki ABB gawon ko barbad Karen ,gawon Ke log prakriti Aur Mother nature Ke respect karte Hai .. usko ujadte NAHI ...isliye wahan sabkuch natural lagta Hai , education and commonsense are totally different, education ko sudhao ,vadik education sikhao logon ko
Pahadon mai rehna boht difficult h....Kam facilities mai boht dikkat ati h rehne mai.....ghumna alag baat h or rehna boht alag baat h in pahadon mai....respect nature coz nature gives us everything
पहाड़ो में भी जाकर लोग वहां प्रदूषण कर देंगे वन्ह भी अपनी अनर्गल जरूरतों से कचरे का ढेर बना देंगे। जैसे शहरों को बना रहे है,जरूरत भागने की नही अपनी जरूरतों को बदलने की है।
अधिकांश लोग पहाड़ों में रहना चाहते हैं लेकिन सुविधाएं शहर की चाहते हैं, भाई पहाड़ों पर ऑनलाइन खाना और राशन की सुविधा नहीं होती , एक माचिस की डिब्बी खरीदने भी कई किलोमीटर चलना पड़ता है, न ओला है न उबर, अपने शरीर का ही भरोसा है , खाना मिट्टिके चूल्हे पर पकाना है , जब शहरों में नहीं रह पा रहे तो पहाड़ों और जंगलों में कैसे रह लोगे? शहर को विषाक्त बनाने वाले तुम्ही लोग हो , ईर्ष्या , प्रतिस्पर्धा, अहंकार , बेइमानी , चोरी , डकैती कर के शहरों को खा गए अब पहाड़ों को भी खा जाओ ।
Actually I watch many documentary of DW but it's a best in presentation, animation, cinematography And also they show only little one part of hills life.. Thank you 😊
मैं 21 वर्ष की हू मुझे प्रकृति वन्यजीव इनसे बहुत लगाव हे ,मैं भी ऐसे पहाड़ों मे जाकर अपना जीवन पड़े पोधो और वन्यजीव के लिए देना चाहती हू लेकिन परिवार समाज में एक लडकी को इतनी कहां छूट मिलती ह, लेकिन सपने देखे है मैंने एक दिन मैं भी इसे प्रकृति और जीव जंतु के लिय कुछ करूंगी ,, यही मेरा आखिरी सपना है 🤗
शांति के खोज में मैंने भी शहरी जीवन छोड़कर महाराष्ट्र के मेलाघाट के जंगलों में अपना बस्तान बसाया हैं। सभी संसाधनों को छोड़कर मैं इन जंगलों में आदिवासियों के साथ रह रहा हूँ, 3 साल से ज्यादा समय मैंने यहाँ बिताया हैं। मेरा अनुभव बेहद रोमांचक हैं।
Really this video is so nice......this is the reality of max people of today's generations...mountains give uh everything in life....traveling is the best medicine
मनुष्य अगर कायदे से रहे तो कही भी सुकून से रह सकता है दिल्ली जैसे शहर मे वाकई रहना बड़ा मुश्किल है लेकिन अगर हम अपनी आदतो मे बदलाव लाते है फिर कोई मुश्किल नही❤❤❤
इंसान को दूसरो की संवेदना समझनी चाहिए किसी की भी जिंदगी आसान नही होती पैसा बहुत जरूरी हैं। चाहे वह गांव में हो या सहर में या पहाड़ों में । लेकिन इंसान को पहाड़ों में जाके वहा की जिंदगी महसूस करना चाहिए जिससे रियल जिंदगी पता चल सके। अच्छी डॉक्यूमेंट्री थी एक डॉक्यूमेंट्री सियाचिन का भी बनाइए
पहाड़ों मे भी जहां जहां इंसान की पहुंच हुई है इंसान जहां जहां पहुंचा है वहां भी उसने पर्यावरण का शहर जैसा ही हाल किया है. अगर हर इंसान प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझे तो कभी शहर से भागने की तौबत न आएगी.
महानगरो मे जीवन का संघर्ष नही लोभ लालच स्वार्थ महात्वाकांक्षा भोगवाद के पागलपन का संघर्ष है जिसके कारण हर इन्सान दूसरे को इन्सान न समझकर प्रतिद्वंदी बाधा समस्या समझता है अतः छीन लेने झटक लेने लूट लेने दूसरे को गिराकर आगे बढने का संघर्ष है।
पहाड़ों मै अगर अच्छे हॉस्पिटल अच्छे हो जाए और कनेक्टिविटी थोड़ी और अच्छी हो तो मैं भी खुद अपने गांव वापिस जाना चाउंगा । बोलना आसान है लेकिन पहाड़ों मै जीवन सरल नहीं है जादातर लोग भगवान भरोसे है कोई गिर जाए और चोट लग जाए तो उसकी किस्मत से बचेगा क्योंकि इमरजेंसी मै भी 50 से 100km तक जाओ फिर कोई हॉस्पिटल मिले ।
time aane pe koi hospital nahi bacha sakta.... rakesh jhunjhunwala ka case dekh lijiye.... thodi bohot chot lagna achcha hota hai... aur nature ne body bohot soch samajh ke design ki hai.... doctor ki jarurat hoti hi nahi hai agar thik se khayal rakhein toh...emergency kabhi kabar aati hai par insaan apna dimag lagake kuch na kuch option dundh leta hai..... . urban life mein ghatiya khane ke vajah se dr ki jarurat padegi hi padegi.... woh ecosystem hi waisa banaya hai.... paison ki vajah se logon ko urban life nahi chodna hai.... baki kuch nahi hai.....
@@prasadcnavale Khana kabhi ghatiya nahi ho sakta 😅 khane kai baad exercise na karna ghatiya hota hai... Or pahdi place mai Chot lagne kai jada chances hote hai...time aane ki baat sahi hai but iska matlab ye toh nahi ki hospital band hi kar denge 🤦 iss hisab se Rishab pant ko hospital leke nahi jana chiye tha kyunki abhi uska time nahi aaya tha.
Okay, I'm from a mountainous region from Uttarakhand and life is actually not that difficult like they r showing on this video. Yes job opportunities are not there but we have mobile network, internet even on the high points of our mountains. We have access to electricity. We dont have amazon or zomato there but overall life is good.
Bhai Chamoli gaye ho kya?? Waha ke gaw bahut door door hai. Waha jo log bache hue hai unme se bahut ke gharo mein signal tak nhi aata hai. Door kisi pahad ki dhar mein jana padta hai network ke liye.
कभी UP हरा भरा था, हमारे कानपुर में ही बिठूर और सुदूर स्थल थे, जहाँ घूमने पर एक नई ताज़गी और गज़ब प्रकृति के आलिंगन का एहसास होता था , लेकिन पिछले १० सालों में हर जगह सड़के बन गई और पूरी प्रकृति नष्ट हो गयी, अब हर जगह बस लोग ही लोग चींटियों जैसे रेंगते नजर आते हैं। इसलिए ये विचार बारम्बार मेरे जेहन में भी आता रहता है। लेकिन अब तो पहाड़ी सुंदरता भी बर्बाद हो रही है। Urbanization का बवासीर वहाँ भी पहुँच गया है। और प्रदूषण और गंदगी भी।
agar pahad mein rehna chahte to adivasi ke tarah raho , sarkar se ye anurodh hey ki ye sab ban kar dena chahiye nahin to ye pahado ko bhi nahin chhodenge 😢
I like your Dream & I like DW channel is Very Nice Sincere Brave & good Cinematography Best Scenes Best Narration voice is very good 👍 Speech Thanks for DW channel ⚡🙏
मै भी जीना चाहता हूँ पहाडो की वादियो मै जव सांसारिक जिम्मेदारियाँ पूरी हो जाऐगी तब मुझे ऐसा लगता है ईश्वर का वास होता है ऐसे स्थानों पर मुझे लगता है जीवन को समझना है अपने को समझना है ईश्वर को समझना है तो जाना होगा पहाडो पर अनुत्तरित सवालों का जवाव तलाशने,, 🙏🙏
शादी से पहले होने वाला पति सपनों का राजकुमार होता है, होने वाली पत्नी राजकुमारी! लेकिन शादी के बाद जूतम पैजार होने लगती है, फिर है रे में कहाँ फंस गया और मेरे तो नसीब ही फूट गए? अगर विपरीत परिस्थितियों को सहन करने का जिगरा नहीं और प्राकृत से प्यार नहीं तो पहाड़ों से दूर ही रहो!ये वीडियो आपने पूरी देखी है तो ही ये समझ आएगाl
Zid ho to kuch bhi impossible nahi hai is experience ne tumhe majbut baane ka hosla diya hai aaj tak sab kuch bed par mil rha tha isliye yaha par struggle karna pada this is part of life not failure pls do not demotivate youths Live Ur Life Live Ur Dreams💯👍
Itna tough karne ki jarurat nhi thi...you can live in uttrakhand or in himachal....with semi-city life... Mountain + City life ...I am from delhi, and want to shift to dehradun...as my dream city to be live.
I worked for 5 years in India (in IT) then moved to US for 5 years, stayed in suburbs. I mostly stayed alone, the way I wanted my life so far. Now planning to come back to India and looking for a land in rural area. Want to stay out of city, wish I was a farmer. I was never excited to visit US, definitely it is quite an experience but when I think of a home it is India. I have watched 100s of documentaries to stay off the grid. Need guidance anyone from Gujarat, India either to start building off the grid house or help designing one. I am planning to return india between April - August. Love.
I can give you an offer ... An 8 acres of land with farmhouse built including all the amenities 3 bhk + one living room with rooftop solar panels away from any population.. let me know if you're interested .. and also it's a perfect location if you want to live offgrid. There is minimum cellular network that can only support phone calls
यह सही है पर पहले ऐसे इलाकों में जो लोग रहते हैं उनसे पूछो कि उनका एक्सपीरियंस कैसा है उन्हें हर दिन किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता आज पहाड़ भी सुरक्षित नहीं है और चुनौतियां बढ़ती जा रही जलवायु परिवर्तन इसका मुख्य कारण है इसलिए जब जान ही नहीं रहेगी तो तो सुकून का क्या करोगे । तुम्हारी उम्र है अभी कम है। बहुत कुछ सीखना है अभी बाकी।।
Ghanta motivation, Ameer baap ki aulaad h tbhi shanti sukoon ki baat kr rha h, middle class bacche jinko after mba,or btech lakh spend krke job milti h Delhi or bangalore mai, wo janty h asli responsibility kya h. Humko shanti sukoon tb milta h, jb parents aur bacchee happy ho..
behtareen video . imagination aur reality me bohut fark hai . jungle paharh hame dur se bohut khubsurat lagti hai par uha ki jindagi bohut raaf and tuff hoti hai. shahar k log kamjor aur aram priya hote hai.
I left Delhi/NCR in March 2020 when carona started and lockdown imposed. I moved to uttrakhand in my hometown. I did everything what people dream. Amazing three years. Now wfh is over need to relocate,it,s painful
भारतीय भारत में रहकर अंग्रेजी में बात कर रहे हैं और भारतीय उन भारतीय को एक जर्मन चैनल पर हिंदी डब में सुन रहे हैं।
वाह ब्रिटानियो , क्या खूब गुलाम बनाया तुमने इस देश और संस्कृति को।
bhai yeh documentary basically english me hee hai.....DW ka Hindi channel hai iss liye issko dub kiya hai hindi me.....
Toh documentary hindi mein bana lete jab indians ko leke video hai toh aur dusron ko english/german dub karke sunate. Yehi toh cultural gulami hai. Aur ye news channel b isiko jivit rakhe huye hai. Ye ladka delhi mein pala badha ise hindi nai ati hogi aisa ho nai sakta. Tamil, malayali hota toh b samjh aata. Infact tamil, malayali b proudly apni hi matri bhasha mein baat karte aur use humein hindi, English dub karke sunate
This comment hit the spot : ]
India ka media to chutiyape me busy hai. Koi Indian news channel is tarah ka quality content nahi banata hai
Pehli baat humare Bharat mein sab log Hindi nahi bolte. dusri baat Hindi mein dub kia hai shanti se dekh lo. Hindi he bolni hai to pehle national language bana lo Hindi ko. or kuch kaam karo ye Hindi Sanatan ka drama tab krna jb pura pta ho uske baare mein. naam nationalist rakhne se Bharatwaasi nahi ho jaoge. criticize tb karna chahiye jab koi valid point ho. or agar itna he desh premi ho to dollar, gold and oil price Indian currency mein karwa do.
यह समस्या केवल दिल्ली की ही नहीं है यह समस्या पूरे भारत की समस्या बनती जा रही है। इस समस्या का नाम है प्रदूषण और बढ़ती हुई जनसंख्या। आज का मनुष्य जहरीली हवा में और जहरीले भोजन को खाने के लिए विवश हैं चाहे वह कोई करोड़पति हो या एक मजदूर।
Don't you think it india , and developing countries dilemma . 🤔
Our population and peoples views towards nature is destroying it .
Pollution aur overpopulation ka samadhan dhundhna hoga kyo ki agar saare pahad me aa jayege to wo bhi waise hi ho jaayenge isi liye iss samasya ka samadhan chahiye hoga
Ha to tum kab suruwat kr rhe ho ?
Dilaogbaaji ke lie accha hai par Car hum chalate hai, wooden furniture bhi chayiye to ped katenge hi, belt chayiye to animal killing hogi hi, 6 lane road chayiye to ped kaat kar road banane pdenge hi, garmi thodi tej ho jaye to AC chalana hi hai..
And these people who are thinking to migrate from city to hill stations, then eventually hills stations become same as like city
Think
भाई सुनो , पृथ्वी के विनाश के कारण इंसान हैं 90% ,
पिछले 40 सालो में हमने धरती को काफी नुकसान पहुंचाया है 🥺
Not population . People of village coming to city day by day. Village reducing. Millions of house empty in village now.
पहाड़ रहे कंहा पर है । पहाड़ तो सरकार और व्यापारियों ने सीमेंट प्लांट और सड़कें बनाने के नाम पर समतल कर दिए है। भारत में प्रकृति का सबसे अधिक खात्मा हो रहा है।
इंसान वही खुश रह सकता है जहां उसका settlement हो।। शहरी लोगो को गांव और गांव के लोगो हो शहर अच्छे लगते है।। लेकिन ये सब मन की मक्कारी है।। जिसका मन जहां वो रहता है वही शांत नही वो कही शांत और खुश नही रह पाएगा।।।।
Sahi hai bhai Himachal Kashmir ke bahot log Mumbai Delhi mein hai
Right bro village se Sahar me paise ke liye samjhota karna
👍
शहर में गांव वालों को अच्छा नहीं लगता लेकिन उनकी मजबूरी हो जाती है। उत्तराखंड रोजगार के लिए दिल्ली में भर गया है लेकिन बेचारों को रहना पड़ता है।
Right
सीधे सीधे कहो ना पहाड़ों को भी बरबाद करना चाहते हो...
कोई दिक्कत नही कहीं भी रहो पर प्रकृति के अनुसार रहना होगा❤️ तुम प्रकृति अपनी शर्तें लागू नहीं कर सकते..🔥
Well Said
Sahi baat
500%sahi Kaha
जब आदमी के पास ज़रूरत से ज़्यादा पैसा हो जाता है, तो वह गांव जंगल पहाड़ की ओर जाता है। लेकिन जो ग़रीब बेरोजगार होता है,तब वह शहर काम ढूंढने जाता है तो जो वह अपने परिवार का पेट पाल सके।
It's Right ❤
🤣🤣🤣🤣🤣👍👍👍
Right
Right
He will do business he said
पहाड़ों में जाकर भी अगर व्यापार करना चाहते हो तो फिर पहाड़ों में जाना बेकार है। ये पहाड़ों के साथ अत्याचार होगा।
Right pahado par khud ki kheti krlo vegetables n crops acha hai aur cows buffaloes sheeps goats plus murgiya Palo for earning source Mai toh yehi formula se kam karne ki soch Raha hoon
ये वहा भी गंद बढ़ाएगा
Right 👍🏼
Well said
Bilkul sahi kaha sir aapne. Ye attitude hi pahadon ko barbaad kar raha hai....
बात यह है की इसी तरह के शहरी लोग कुछ दिन के लिए पहाड़ों में जाते है और वहां पूरी तरह से गंदगी कर के चले आते हैं।
समस्या मात्र शहरों की नही, बल्कि यह अति भोगवादी संस्कृति का एक भयावह दुष्परिणाम है।
जहां तक इन महाशय का प्रश्न है, पहाड़ों में रहना आराम पसंद लोगो के लिए नहीं है, वहां का जीवन चुनौतीपूर्ण है।
Sabke zindagi me ek pal aata hai, us pal me hum sabse alag hokar Jungle, Pahad ya Beach par apni puri zindagi gujarne ki ichyya (wish ) hoti hai 👌👌Bahot hi badiya video Dil ko chu lene wala ❤️💯
जहा ईमानदारी हो वही सबसे अच्छी रहने लायक जगह होती ह।
True
पहाड़ भी नाम के रह गए है हर जगह तबाही मचा रखी है इंसानों ने 😡😡
Qki bahar ke logo ko bahut shauk ho gya hai pahad ghumne ka. Wo bhool jate hein ke yeh jagah sirf unke do din ghumne ke liye nhi hai. Yha bhi koi local rhte hein. Bahar walo se request hai ke yha ke logo ko chain se rhne do
Nature recover itself,
@@kookie-tm8mg तुम पहाड़ी लोग सबसे बड़े गंदे होते हो किस बात कि घमंड है तुम लोगों को पहाड़ किसी के बाप का नहीं है समझे इस प्रकृति के सभी चीजों पर सबका बराबर हक है कोई भी कहीं भी जाकर अपना जीवन बिता सकता है
सही कहा
@@sachindhiman96Are you mad
पहाड़ों को गंदा करने से अच्छा शहरों को साफ करो। शहर गंदा करके, पहाड गंदा करने चल दिए। शोर बाहर नही तुम्हारे भीतर है।
बहुत सुंदर दिनेश जी ❤❤️
Sach bola
👍
OMG What a statemet
@@dineshgodara202 tere waheguru ne mana nahi kia tha jab terapapa trima ka pelam karne gaya tha andheri raat mei 😀😀😀
सभी शहर से दूर पहाड़ों में जीना चाहेंगे तो पहाड़ भी शहर ही बन जाएंगे इस सोच का परिणाम हम जोशीमठ, global warming, banglore Chennai water crisis की form में देख ही रहे है। जिस हरिद्वार देहरादून में पंखे नही चलते थे गर्मी के सीजन में वहा एक hotel book होते है अब
Being close to nature gives you deeper perspectives about life.
Till you are not hungry
Ab ye log wanh ja kar sab barbad kar denge.
ਪਹਾੜ ਤੇ ਚਲੇ ਜਾਣ ਨਾਲ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ ਹੱਲ ਨਹੀ ਹੋਵੇਗੀ। ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਵਿੱਚ ਵੱਧ ਤੋ ਵੱਧ ਸਾਈਕਲ ਚਲਾਉਣ ਇਸ ਸਮੱਸਿਆ ਦਾ ਹੱਲ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ।
Stay away from electronic gadgets you will feel peace in Delhi too.
🤣
Loved this video ...youngsters are not at fault ..they see only good aspects of life in social media.
इंसान शहर से परेशान होकर जंगलों में जाना चाहता है, लेकिन कुछ समय बाद बो उन्हीं जंगलों को काटकर वहां पर भी शहर बना देगा।
शहर से दूर प्रकृति की गोद में रहना किसे नहीं अच्छा लगता है...🤗 पर संभव नही हो पाता है 15 दिन उत्तराखंड में रहने के बाद में समझ आया😅
😆😆 kyu dar gya phad dekhke halke mai lega kya phadi bnne mai gand fat jayegi 🤣🤣
😂😂😂
सही कहा
Right
पहाड़ से ऊंचा आदमी ,दसरथ मांझी ,पहाड़ हरे भरे रहने चाहिए, प्रकृति की गोद में रहना परम आनंद है l हमने राजसमंद के पहाड़ देखें है गजब की सुंदरता और मनोरम दृश्य 🎉🎉🎉🎉❤❤❤❤
Bhai mujhe bhi mera village me hi rhna achha lagta hai santi sukun 😍
Jab vlogger banna ho to nature lover bn jaate h naye naye yuva
Bahut acchi documentry hai shayad isne mere bahut saare prashno ke uttar de diye 🙏🙏
I'm also live in Uttarakhand❤❤❤ seedhe pahad se☺☺
Seeing a lot of people here interested in living in the mountains. No people, you cannot.
It feels good to live here for a week or a month. But not any longer.
Ever thought how hard is it to travel everyday in mountains (especially in monsoon and winters)?
Ever seen a landslide in your life?
Ever saw a leopard/tiger/bear/wild boar right in front of you?
Ever travelled kilometres just for a first aid or basic health checkup?
Ever carried filled up cylinders on your back in a 45° slope uphill?
Ever thought about how it feels like when it's falling snow outside, and there's no electricity for weeks, and you just have to rely on a fireplace for which you have to collect a lot of wood bundles during autumn!
If you have answers, welcome.
you are comparing urban life with life in mountain.... both are different.... and pls understand people are living in mountains.... there are various techniques available to solve different problems according to situation.... like you have lpg cylinder... those people are using wood...
@@prasadcnavale I am from mountains and have born and spent 18 years here. And also seen the life of a city for 6 years. And I qualify to comment this based on what people comment here.
And do you think that it's easy to collect wood here?
@@TheSunAgain756 people are just attracted to the view of mountains, even I am. But i know if I live in mountains, after a fee months I won't even look at them twice cz I will be so used to seeing it all the time. And then i'll crave a comfortable city life again.
@@purushottam7587 exactly
@@TheSunAgain756 Which state you are from?
I'm From Maharashtra (Home town near Hill Station Mahableshwar) staying in Delhi NCR for my IT Sector Job from last 3 years and i can relate to this....Delhi is literally Hell regarding Everything (Pollution, Cost of Living, Chaos etc.)....I miss my Hometown every second 😑😶
Where is your office located?
@@sacarchy Noida
टेस्टर आहेस का भाई
हर कोई पहाड़ों में आना चाहता है लेकिन उससे पहले वहां की शांति ,प्रकृति और लोगों को इज्जत देना सीखिए और अगर ये सब नहीं कर सकते तो यहां पहाड़ों में आने की कोई जरूरत नहीं। सबसे अधिक डर पहाड़ियों को बाहर के लोगों के बसने से अपनी संस्कृति खत्म होने का रहता है और यह डर उचित भी है।🙏🙏
भारत मे यह डर हर किसी को लगता है इसी का नाम क्षेत्रवाद है भाई..
Har pahadi plane me bhi to rah ke rupee kamata hai, tab plane me population nahi badhti ?
@@eco89 shyada trko Urban City ka concept smjhana padega..or yha Bat population ni nhi hori hh
पहाड़ वाले शहर चले भी जाए तो क्या बिगाड़ लेते हैं शहरो का? लेकिन ये शहर वाले पहाड़ों को बरबाद कर देते हैं। सादा जीवन इन्हे रास नहीं आता, यहां आकर हमारे जल, जंगल, जमीन के लिए खतरा पैदा करते हैं ये लोग।
यहां आकर इन्हे हमारे पेड़ो को काट कर सड़क बनानी है, मॉल्स बनाने हैं, इमारतें बनानी है।
जिस खूबसूरती और हरियाली को देख कर यहां आते हो... यहां आ कर उसे ही निगल जाते हो तुम शहर वाले।
मुझे भी गांव की शांति बहुत पसंद है 🤗☘️🌳🌱🌻🌼
ABB , Shahar ko barbad Karke gawon Ke Yad aa Rahi Hai,taki ABB gawon ko barbad Karen ,gawon Ke log prakriti Aur Mother nature Ke respect karte Hai .. usko ujadte NAHI ...isliye wahan sabkuch natural lagta Hai , education and commonsense are totally different, education ko sudhao ,vadik education sikhao logon ko
Delhi mein rahne Wale logon ka bahut ahankar hai
Pahadon mai rehna boht difficult h....Kam facilities mai boht dikkat ati h rehne mai.....ghumna alag baat h or rehna boht alag baat h in pahadon mai....respect nature coz nature gives us everything
Right
Bhai insan pehle junglo me hi rehta tha
पहाड़ो में भी जाकर लोग वहां प्रदूषण कर देंगे वन्ह भी अपनी अनर्गल जरूरतों से कचरे का ढेर बना देंगे। जैसे शहरों को बना रहे है,जरूरत भागने की नही अपनी जरूरतों को बदलने की है।
Shahr ke shore se thak chuki hu really this so sad words 😭
अधिकांश लोग पहाड़ों में रहना चाहते हैं लेकिन सुविधाएं शहर की चाहते हैं, भाई पहाड़ों पर ऑनलाइन खाना और राशन की सुविधा नहीं होती , एक माचिस की डिब्बी खरीदने भी कई किलोमीटर चलना पड़ता है, न ओला है न उबर, अपने शरीर का ही भरोसा है , खाना मिट्टिके चूल्हे पर पकाना है , जब शहरों में नहीं रह पा रहे तो पहाड़ों और जंगलों में कैसे रह लोगे? शहर को विषाक्त बनाने वाले तुम्ही लोग हो , ईर्ष्या , प्रतिस्पर्धा, अहंकार , बेइमानी , चोरी , डकैती कर के शहरों को खा गए अब पहाड़ों को भी खा जाओ ।
ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਵਿੱਚ ਸਾਈਕਲ ਨੂੰ ਪ੍ਰਮੋਟ ਕਰਨ ਲਈ, ਫਿਲਮ ਇੰਡਸਟਰੀ ਅਤੇ ਵੱਡੇ ਲੋਕ, ਸਭ ਵਧੀਆ ਰੋਲ ਨਿਭਾਅ ਸਕਦੇ ਹਨ।
Actually I watch many documentary of DW but it's a best in presentation, animation, cinematography
And also they show only little one part of hills life..
Thank you 😊
"It's really tough to be creative in such a noisy atmosphere"
Well said ♥️
मैं 21 वर्ष की हू मुझे प्रकृति वन्यजीव इनसे बहुत लगाव हे ,मैं भी ऐसे पहाड़ों मे जाकर अपना जीवन पड़े पोधो और वन्यजीव के लिए देना चाहती हू लेकिन परिवार समाज में एक लडकी को इतनी कहां छूट मिलती ह, लेकिन सपने देखे है मैंने एक दिन मैं भी इसे प्रकृति और जीव जंतु के लिय कुछ करूंगी ,, यही मेरा आखिरी सपना है 🤗
ladkiyon ko sach main chut nahin hai, kabhi aise hi ghumna ho toh ghar k bahar aise hi bhi nahi ghoom sakte aur cheej toh chor do.
Very nice thought and dream
समाज की छोड़ो बस अपने सपने पुरे करो क्योकि जिंदगी आपकी है समाज की नही
To fir chle 😂😂😂
Kya khyal h
@@RG-iw4c 😂😂
लोग एक अति से बचने के लिए दुसरे अति में जाते हैं।
शांति के खोज में मैंने भी शहरी जीवन छोड़कर महाराष्ट्र के मेलाघाट के जंगलों में अपना बस्तान बसाया हैं। सभी संसाधनों को छोड़कर मैं इन जंगलों में आदिवासियों के साथ रह रहा हूँ,
3 साल से ज्यादा समय मैंने यहाँ बिताया हैं।
मेरा अनुभव बेहद रोमांचक हैं।
Really this video is so nice......this is the reality of max people of today's generations...mountains give uh everything in life....traveling is the best medicine
जो मिल जाता है वही वियर्थ हो जाता है ।।। WHAT IS GAINED IS WASTED ।।। REALITY OF LIFE ।।। 🙏 OSHO 🙏
Right ❤
मनुष्य अगर कायदे से रहे तो कही भी सुकून से रह सकता है दिल्ली जैसे शहर मे वाकई रहना बड़ा मुश्किल है लेकिन अगर हम अपनी आदतो मे बदलाव लाते है फिर कोई मुश्किल नही❤❤❤
जनसंख्या नियंत्रण पर काबू ना कर पाना
Yes right india require degrowth in population follow antinatlisam and minimilisam get rid from all problems follow acharya prashant
इंसान को दूसरो की संवेदना समझनी चाहिए किसी की भी जिंदगी आसान नही होती पैसा बहुत जरूरी हैं। चाहे वह गांव में हो या सहर में या पहाड़ों में । लेकिन इंसान को पहाड़ों में जाके वहा की जिंदगी महसूस करना चाहिए जिससे रियल जिंदगी पता चल सके। अच्छी डॉक्यूमेंट्री थी एक डॉक्यूमेंट्री सियाचिन का भी बनाइए
वीकेंड पर पहाड़ जाने वाले वहा बसने की बात करते है। लेकिन 20 दिन में ही फिर दिल्ली की ही याद आने लगेगा
पहाड़ों मे भी जहां जहां इंसान की पहुंच हुई है इंसान जहां जहां पहुंचा है वहां भी उसने पर्यावरण का शहर जैसा ही हाल किया है. अगर हर इंसान प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझे तो कभी शहर से भागने की तौबत न आएगी.
बहुत सारे लोगों का ख्वाब है दिल्ली में रहना
चुनौती के विकल्प तलाशने चाहिए वही रहकर वहां से भागना से कुछ नही बदलता
भाग्यवाद अवसरवाद पलायनवाद भारतीय लोगो के चिंतनशैली का खास गुण है और दंगा हो आतंकवाद हो या बेरोजगारी हो भीड़तंत्र केवल भाग रहा है।
Bhai mein khud Chamoli Uttarakhand se hu aur gawn mein hi rehta hu,yha sb kuch hai,bs kami hai,good education,and good hospital
कौन है तुम्हरा भाई 🤣🤣
7:15 पच्चीस साल की उम्र में पीट में दद्र हो रहा है कितने अफसोस की बात है
ये जवानी है या बुढापा😓😓😓😓
चारसियो की जवानी ऐसी ही होती है दोस्त!
देवभूमि में दीमक लग रहा है 🙏😭😭😭
Today I have proud to become a villager.
Life in mountains is it really very tough. Such people are only escapist
जहां तुम पैदा हुए आज कह रहे हो कि वह सबसे बेकार शहर है, पहाड़ों को भी तुम एक दिन ऐसा ही कर दोगे ,,,
I am from Dehradun.
I did Schooling in Dehradun
College in Dehradun
Now working in Dehradun.
Lucky you
DW k liye mere pass ak real time story hai
Jo bhut hi sunne layk or dekhane layk hai
दिल्ली में रहना ही अपने आप में एक बहुत बड़ा संघर्ष हैं, जिस व्यक्ति में कुछ कर गुज़रने की हिम्मत है, वहीं दिल्ली जैसे शहर में टिक सकता है…?
Haan jese, baki sab cities ke log toh chutiye hain🙄
@@himanshusinghsengar3190 अगर कोई व्यक्ति दूसरे शहर के निवासियों को 123 समझें उसमें मेरी कोई भूमिका नहीं हैंi it’s okay
महानगरो मे जीवन का संघर्ष नही लोभ लालच स्वार्थ महात्वाकांक्षा भोगवाद के पागलपन का संघर्ष है जिसके कारण हर इन्सान दूसरे को इन्सान न समझकर प्रतिद्वंदी बाधा समस्या समझता है अतः छीन लेने झटक लेने लूट लेने दूसरे को गिराकर आगे बढने का संघर्ष है।
Bsr 🌨️🌱⛈️🌳🌈🌹🌨️
Mountain life is not easy friend, for few days u will feel good
ਸਾਰੇ ਜਾਣਦੇ ਹਨ ਕਿ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ ਤੋ ਭੱਜਣ ਨਾਲ ਸਮੱਸਿਆ ਵੱਡੀ ਹੁੰਦੀ ਜਾਦੀ ਹੈ ਜੋ ਵੱਡੀ ਹੋ ਰਹੀ ਹੈ। ਇਸ ਸਮੱਸਿਆ ਹੱਲ ਕਰਨ ਲਈ ਅੱਗੇ ਆਓ।
पहाड़ों मै अगर अच्छे हॉस्पिटल अच्छे हो जाए और कनेक्टिविटी थोड़ी और अच्छी हो तो मैं भी खुद अपने गांव वापिस जाना चाउंगा । बोलना आसान है लेकिन पहाड़ों मै जीवन सरल नहीं है जादातर लोग भगवान भरोसे है कोई गिर जाए और चोट लग जाए तो उसकी किस्मत से बचेगा क्योंकि इमरजेंसी मै भी 50 से 100km तक जाओ फिर कोई हॉस्पिटल मिले ।
time aane pe koi hospital nahi bacha sakta.... rakesh jhunjhunwala ka case dekh lijiye.... thodi bohot chot lagna achcha hota hai... aur nature ne body bohot soch samajh ke design ki hai.... doctor ki jarurat hoti hi nahi hai agar thik se khayal rakhein toh...emergency kabhi kabar aati hai par insaan apna dimag lagake kuch na kuch option dundh leta hai..... . urban life mein ghatiya khane ke vajah se dr ki jarurat padegi hi padegi.... woh ecosystem hi waisa banaya hai.... paison ki vajah se logon ko urban life nahi chodna hai.... baki kuch nahi hai.....
@@prasadcnavale Khana kabhi ghatiya nahi ho sakta 😅 khane kai baad exercise na karna ghatiya hota hai... Or pahdi place mai Chot lagne kai jada chances hote hai...time aane ki baat sahi hai but iska matlab ye toh nahi ki hospital band hi kar denge 🤦 iss hisab se Rishab pant ko hospital leke nahi jana chiye tha kyunki abhi uska time nahi aaya tha.
Hardest battles of life
I really appreciate your thoughts n works, do hard work n strong enough mentally
Okay, I'm from a mountainous region from Uttarakhand and life is actually not that difficult like they r showing on this video.
Yes job opportunities are not there but we have mobile network, internet even on the high points of our mountains.
We have access to electricity.
We dont have amazon or zomato there but overall life is good.
kaha se ho uttrakhand mein...small villages mein problem hai ye sehar se log nahi reh sakte but yes towns like nainital and other can live there...
@@PAPA.PARDESI ranikhet k paas, valna
Aur bagwali pokhar me bhi.
Bhai Chamoli gaye ho kya?? Waha ke gaw bahut door door hai. Waha jo log bache hue hai unme se bahut ke gharo mein signal tak nhi aata hai. Door kisi pahad ki dhar mein jana padta hai network ke liye.
@@sairis nhi, I'm from Ranikhet. Abhi jyada visit nhi kiya garhwal side
Instagram pr cool videos dekh liye ….n socha vese hi cool njare milnege 😂😂😂
I also love nature too much
मैं भी बहुत ज्यादा ☺ या यूँ कहिये कि प्रकृति के नजदीक रहने को लेकर पागलपन है ☺
कभी UP हरा भरा था, हमारे कानपुर में ही बिठूर और सुदूर स्थल थे, जहाँ घूमने पर एक नई ताज़गी और गज़ब प्रकृति के आलिंगन का एहसास होता था , लेकिन पिछले १० सालों में हर जगह सड़के बन गई और पूरी प्रकृति नष्ट हो गयी, अब हर जगह बस लोग ही लोग चींटियों जैसे रेंगते नजर आते हैं। इसलिए ये विचार बारम्बार मेरे जेहन में भी आता रहता है। लेकिन अब तो पहाड़ी सुंदरता भी बर्बाद हो रही है। Urbanization का बवासीर वहाँ भी पहुँच गया है। और प्रदूषण और गंदगी भी।
Kanpur to bht dense h..
@@aijazfatima1234 Delhi se kam dense hai.
We live in township with all facilities and people are limited only employee and family are living and silence is there where u can feel nature 😊
agar pahad mein rehna chahte to adivasi ke tarah raho , sarkar se ye anurodh hey ki ye sab ban kar dena chahiye nahin to ye pahado ko bhi nahin chhodenge 😢
Great to know youth are more inclined towards environment n nature.
Jaisi Shakal , Vaisi Akal ❤️👍🏻
I like your Dream & I like DW channel is Very Nice Sincere Brave & good
Cinematography Best Scenes Best Narration voice is very good 👍 Speech Thanks for DW channel ⚡🙏
दिल्ली से बाहर आकर रहना मेरे जीवन के काफी अच्छे डिसीजंस में से एक था
Where do you live now...
@@rrkumar7385 in a sub urb or Delhi
50 km from Delhi
1.5 hours drive
@@sacarchy What's the name of the location? I am planning to move out of delhi too but not in mountains but nearby suburb.
मै भी जीना चाहता हूँ पहाडो की वादियो मै जव सांसारिक जिम्मेदारियाँ पूरी हो जाऐगी तब मुझे ऐसा लगता है ईश्वर का वास होता है ऐसे स्थानों पर मुझे लगता है जीवन को समझना है अपने को समझना है ईश्वर को समझना है तो जाना होगा पहाडो पर अनुत्तरित सवालों का जवाव तलाशने,, 🙏🙏
That's exactly me. This is the reason i visit my hometown in Uttarakhand every month.
शादी से पहले होने वाला पति सपनों का राजकुमार होता है, होने वाली पत्नी राजकुमारी! लेकिन शादी के बाद जूतम पैजार होने लगती है, फिर है रे में कहाँ फंस गया और मेरे तो नसीब ही फूट गए? अगर विपरीत परिस्थितियों को सहन करने का जिगरा नहीं और प्राकृत से प्यार नहीं तो पहाड़ों से दूर ही रहो!ये वीडियो आपने पूरी देखी है तो ही ये समझ आएगाl
Zid ho to kuch bhi impossible nahi hai is experience ne tumhe majbut baane ka hosla diya hai aaj tak sab kuch bed par mil rha tha isliye yaha par struggle karna pada this is part of life not failure pls do not demotivate youths
Live Ur Life Live Ur Dreams💯👍
Will there be next episode or will you do it continue ???
Liked this, very much, fantastic filming, good narrations, good pics, hard work and homesty to work
Valuable content 👍
Very true natural life real life❤...
I feel we should explore low height hills like dharmpur in himachal pradesh.
Lower and mid ranges are as beautiful as high Himalayas. Palampur, solan,kandaghat etc
@@abhinavbharadwaj13 ji you are 100% right.
As i read the heading of this video ,felt oh the same i want for me.,to live with nature
Itna tough karne ki jarurat nhi thi...you can live in uttrakhand or in himachal....with semi-city life... Mountain + City life ...I am from delhi, and want to shift to dehradun...as my dream city to be live.
True ❤
Those days are not far when hilly areas will become over-crowded too.
The moment he said that he wants people to know him and his name, i lost faith in him.
Glad to born in Devbhoomi uttarakhand 🚩🙏
I worked for 5 years in India (in IT) then moved to US for 5 years, stayed in suburbs. I mostly stayed alone, the way I wanted my life so far. Now planning to come back to India and looking for a land in rural area. Want to stay out of city, wish I was a farmer. I was never excited to visit US, definitely it is quite an experience but when I think of a home it is India. I have watched 100s of documentaries to stay off the grid. Need guidance anyone from Gujarat, India either to start building off the grid house or help designing one.
I am planning to return india between April - August. Love.
I can give you an offer ... An 8 acres of land with farmhouse built including all the amenities 3 bhk + one living room with rooftop solar panels away from any population.. let me know if you're interested .. and also it's a perfect location if you want to live offgrid. There is minimum cellular network that can only support phone calls
Don't return , stay there . India is already overpopulated.😊
Ek no Bhai ! Aisi Life style humko bhi pasand h
मे भी Mumbai से परेशान हू
Bahut hi badiya😊😊
Try to change your surroundings rather trying to escape...
Urban/metro life style se bht se log ab preshan ho gye h...open areas, greenery and peaceful life is the requirement of many.
यह सही है पर पहले ऐसे इलाकों में जो लोग रहते हैं उनसे पूछो कि उनका एक्सपीरियंस कैसा है उन्हें हर दिन किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता आज पहाड़ भी सुरक्षित नहीं है और चुनौतियां बढ़ती जा रही जलवायु परिवर्तन इसका मुख्य कारण है इसलिए जब जान ही नहीं रहेगी तो तो सुकून का क्या करोगे । तुम्हारी उम्र है अभी कम है। बहुत कुछ सीखना है अभी बाकी।।
Very interesting and inspiring video really amazing ❤
Ghanta motivation, Ameer baap ki aulaad h tbhi shanti sukoon ki baat kr rha h, middle class bacche jinko after mba,or btech lakh spend krke job milti h Delhi or bangalore mai, wo janty h asli responsibility kya h. Humko shanti sukoon tb milta h, jb parents aur bacchee happy ho..
behtareen video . imagination aur reality me bohut fark hai . jungle paharh hame dur se bohut khubsurat lagti hai par uha ki jindagi bohut raaf and tuff hoti hai. shahar k log kamjor aur aram priya hote hai.
Human can be allowed to go anywhere except glaciers and Antarctica to save the environment /planet.
I left Delhi/NCR in March 2020 when carona started and lockdown imposed. I moved to uttrakhand in my hometown. I did everything what people dream. Amazing three years. Now wfh is over need to relocate,it,s painful
Privileged upper class/Cast people, we expect better docs from you DW.
शेहर ज़हर से भी बत्तर होगे हैं.. पहाड़ों पर ज़िन्दगी आज भी केहिं न केहिं अपने होने का अहसास करवाती हे