आदिवासियों के पूर्वजों ने जमीन और जंगल के दमनकारी नीतियों और कानून के खिलाफ एकजुट होकर अंग्रेज़ों का कड़ा विरोध किया था। लेकिन वर्तमान परिदृश्य में झारखंड के सांसद और विधायक पेसा एक्ट 1996 पर मौन है। क्या विधायक और सांसद इसीलिए चुनते की मौन रहे? ❤जय भीम ❤जय संविधान
Jitne log PESA or jpra laagu kaarne ke liye bal rahe hai,un logo ne kitnaa muruk ho,5 th schedule area me 6 th schedule area kaa election system ko kyu laane ke liye chaate hai
बढ़िया 👍🏽
Jai johri jai adwise
22 adhikaro ko lagu kre sarkar adiwasi akta jindabad
झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्यप्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना , महाराष्ट्र, गुजरात,, राजस्थान , हिमाचल प्रदेश।
आदिवासियों के पूर्वजों ने जमीन और जंगल के दमनकारी नीतियों और कानून के खिलाफ एकजुट होकर अंग्रेज़ों का कड़ा विरोध किया था।
लेकिन वर्तमान परिदृश्य में झारखंड के सांसद और विधायक पेसा एक्ट 1996 पर मौन है।
क्या विधायक और सांसद इसीलिए चुनते की मौन रहे?
❤जय भीम
❤जय संविधान
Madam ji PESA OR P.PESA ME KYA DEFERENCE WO BHI BTAAYE
पेशा लागु हो 1996 वाला jpra नहीं चाहिये ।
बहुत अच्छा विश्लेषण ❤❤❤
प्रकृतिक संसाधन को ग्राम सभा को देना,बंदर के हाथ में नारियल के समान होगा
Pesa se Cristian adivasi bahar hai esliye problem hai Cristian logo ko....
Sahi baat he ye log daaru pi kar koi bhi decision lega
❤❤❤
Jitne log PESA or jpra laagu kaarne ke liye bal rahe hai,un logo ne kitnaa muruk ho,5 th schedule area me 6 th schedule area kaa election system ko kyu laane ke liye chaate hai
Schedule area ka Sab khanij Gram sabha ke under rahega to aise me kam kaise chalega isme sarkar ko ghata ho jayega.
Sarkar abhi bhi le rhi h.. Konsa faidya ho rha h?
P Pesa , Pesa 1996 (Bhuriya committee ) , JPRA 2001 😂😂 ...
और कितने प्रकार के अधिनियम है जल्दी जल्दी लाओ और विवाद करो ताकि पेसा 2030 में लागू हो 😆🤣
Adiwasi birodi progenda karte rhega