वाह,वाह,वाह!लाजवाब गायकी!हमीद भाईजीको मैने दो-तीन बार रुबरु गाते हुए देखा सुना है!वो गज़ल गाने के बादशाह थे!मेरे पसंदिदा कव्वाल थे!आरिफ भाई का बहोत शुक्रिया,ईस अजी़म कव्वाल की कव्वालीयों को नयी नस्लो के सामने लाने को!हमीद भाई को अल्लाह जन्नत अता करें!मेरे लख्ते जीगर कव्वाल थे!
वाह,वाह,वाह!लाजवाब गायकी!हमीद भाईजीको मैने दो-तीन बार रुबरु गाते हुए देखा सुना है!वो गज़ल गाने के बादशाह थे!मेरे पसंदिदा कव्वाल थे!आरिफ भाई का बहोत शुक्रिया,ईस अजी़म कव्वाल की कव्वालीयों को नयी नस्लो के सामने लाने को!हमीद भाई को अल्लाह जन्नत अता करें!मेरे लख्ते जीगर कव्वाल थे!
Very,
1985,1990 मेफनकार मोहतरम कब्बाल को उरूस मेमैहर ,उचेहरा, कटनी में ससुना है, लाजवाब गाईकी केमालिक थे ,अल्ला जन्नत नशीब करे ।
Bahot bahaot khub 👌👌👌
Wah kya baat hai
Very nice 👍👍
Bahut khub
Bahut sunder Hamid Bhai ki kavali.
Shukriya bhai❤️❤️🙏🙏