Wheat Price: भारत में क्यों बढ़ गए गेहूं के दाम, इस 'संकट' के लिए कौन जिम्मेदार?| Kisan Tak
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- เผยแพร่เมื่อ 19 มิ.ย. 2024
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भारत का गेहूं भंडार हमेशा से भरा रहता था. इसकी वजह ये है कि गेहूं भारत की मुख्य फसल है और बड़ी संख्या में किसान इसकी खेती करते हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस साल भी देश में रिकॉर्ड गेहूं का उत्पादन हुआ है, लेकिन बाजार में इसके दाम में आग लगी हुई है. आलम ये है कि देश के विभिन्न बाजारों में गेहूं 2500 से 3000 रुपये क्विंटल तक के भाव पर बिक रहा है. तो वहीं गेहूं का एमएसपी सिर्फ 2275 रुपये क्विंटल है. पिछले दो साल से चल रहे एक्सपोर्ट बैन और ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत करीब 100 लाख टन गेहूं को रियायती दर पर बेचने के बावजूद इस वक्त गेहूं और उसके आटे के दाम को लेकर देश में टेंशन बनी हुई है. गेहूं की ये विपरित चाल डरा रही है. गेहूं को लेकर ये डर तब और बढ़ जाता है, जब इसकी सरकारी खरीद भी उलझी हुई दिखाई देती है.
गेहूं की सरकारी खरीद की बात करें तो लगातार तीसरे साल सरकार अपने लक्ष्य से बहुत पीछे है. दरअसल, किसी भी चीज का दाम तब बहुत ज्यादा बढ़ता है जब मांग और आपूर्ति में भारी अंतर हो. इसलिए हमें गेहूं के उत्पादन के साथ खपत भी देखने की जरूरत है. बिना खपत को जाने हम तय कर नहीं सकते कि समस्या क्या है. बहरहाल, अब सवाल कई हैं. इसी कड़ी में पेश है गेहूं पर किसान तक का श्वेत पत्र...जिसमें हम गेहूं के उत्पादन, संकट और खपत सहित इसके तमाम पहलुओं को जानने की कोशिश करेंगे.
मांग और आपूर्ति का गणित
केंद्र सरकार इस साल रिकॉर्ड 1129.25 लाख टन गेहूं उत्पादन होने का दावा कर रही है, जो पिछले वर्ष के उत्पादन की तुलना में 23.71 लाख मीट्रिक टन ज्यादा है. दूसरी ओर, नीति आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि 2021-22 में गेहूं की मांग 971.20 लाख टन थी, जिसे 2028-29 में बढ़कर 1070.8 लाख टन होने का अनुमान है. इस हिसाब से 2024 में गेहूं की मांग 1001 लाख टन होगी. अगर इसे उत्पादन अनुमान यानी 1129.25 से घटा दें तो वर्तमान में भारत के पास घरेलू मांग से 128 लाख टन अधिक गेहूं मौजूद है.
अब सवाल यह है कि इसके बावजूद क्यों गेहूं के दाम आसमान पर हैं. क्यों रोलर फ्लोर मिलर्स ऐसा माहौल बना रहे हैं कि भारत को गेहूं आयात करने की जरूरत है. आखिर ऐसा क्या हुआ कि बंपर पैदावार के बावजूद संकट जैसे हालात बने हुए हैं. क्या बफर स्टॉक यानी सेंट्रल पूल में कम गेहूं की वजह से ऐसा हो रहा है? इसे भी समझते हैं.
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खाना सबको चाहिए लेकिन खेती कोई नही करना चाहता,, जो खेती किसानी कर रहे हैं उनकी कुछ मजबूरी है,, वरना खेती तो वो लोग भी नही करना चाहते,,
कोन सा संकट आ गया है रे तुझ पर
किसान विरोधी
सरकार कम से कम दाम 3000 होना चाहिए नहीं तो वो दिन दूर नही जब हाथ में कटोरा
गेउ रेट 3000 हजार हुना चाइय
गेहूं का कम से कम तीन हजार होनाचहिये
समान्य गेहूं 2200से 2600तक बिक रहा है लागत को देख ते हुए कोई ज्यादा नहीं है सरकार 80करोड़ को फ्री गेहूं चावल दे रही तब गेहूं के रेट से किया समसस्या है
किसानों को सही दाम नहीं मिलने से किसान खेती-बाड़ी से भी मुंह मोड़ रहे हैं और चाय टपरी पान टपरी पकोडा तलना जैसें कार्य में सफलता प्राप्त होने से और इनकम अच्छी तरह से होनेसे वह काम कर रहे हैं अगर ऐसा ही हाल रहा तो एक दिन ऐसा भी आएगा की हर ऊपज आयात हि करना पडेगा देश के किसानों को सही से सहि दाम मिलने चाहिए तब कहीं जाकर किसान खेती-बाड़ी में ख्याल देंगे कल जो एम एस पी जाहिर हूयी उसके बारे में भी किसान भाईयों में तीव्र नाराजी है किसान मोदी सरकार को किसान विरोधी सरकार माननें लगे हैं और आनेवाले विधानसभा चुनाव में तरह तरह की बातें करने लगे हैं और लोकसभा चुनाव से भी ज्यादा नुक्सान होगा ऐसा कहते सुना जा रहा है
आशीर्वाद आटे की भी जानकारी दिया करो वह क्या रेट बिकता है online सुनोगे तो दिमाग तुम्हारा खराब हो जाए
ये लोग जाने कैसे माप तौल जबकि कोई प्रोपर तरीका सरकार के पास नहीं है मैं स्वम एक किसान हूँ लिए बतातेचलें पहले लेखपाल फसल खसरा में दर्ज करते थे गांव में एक जगह बैठकर अब बो भी नहीं हो रहा है ये सब बकबास है l
Gehu pikane ka kharcha badh raha toh dam kisano ko 3000 milna chahiye.
नमस्कार महोदय अभी तो और 10 साल गेहूं कम होगा
बढता तापमान और बे मौसम बरसात सिचाई व्यवस्था का संचालन सुचारु रुप से न होना 🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔
नेताओ की बल्ले बल्ले,गेहू आयात में अच्छा कमीशन प्राप्त होगा।
ये लोग जाने कैसे माप तौल करते हैं lजबकि कोई प्रोपर तरीका सरकार के पास नहीं है मैं स्वम एक किसान हूँ लिए बतातेचलें पहले लेखपाल फसल खसरा में दर्ज करते थे गांव में एक जगह बैठकर अब बो भी नहीं हो रहा है ये सब बकबास है l
आपके बिल्कुल सही कहा कुछ शैलर मालिक है जो यह खेला कर रहे हैं
गेंहूँ का कीमत और बढना चाहिए
Jay jawan Jay kisan Jay shree sita ram Jay shree ram good knowledge sir ji 🙏🙏🙏
पाँच साल के अंदर अंदर गेहूँ की फसल होना बंध हो जाएगा
एसपी कम से कम 3500 होना चाहिए बार बार यह प्रोग्राम करके 63 फैला रहे हो कहां गेहूं का भाव बढ़ा
Gehu or pyaj dikhta hai midia ko oor koi mahangai najar nahi aati kya
शेतकरी गहू कमी पेरत आहे कारन सरकार लाईन रात्री देतात आहे मनुन शेतकरी वळले चना कडे
Falling soil organic carbon and rising heat in month of March for past 3 seasons has reduced the production less than 100mtpa but Government does not accept the real data. Government should focus on raising soil organic carbon in Indian wheat producing states. That is the only solution.
पेट।में।दूक।बा।गलियां।किसान।को।भाव।मिले।
Ye dam tho 3 mahine pahle
Tha
Aab 3300 par h
I t c jimmedar he
Free aanaz kyaon de raahe hai
Modi.
Sarakar ki galat niti ki vajah se gehu kharid nahi huei
गेहूं संकट के लिए आवारा पशु गाय जिम्मेदार है
40rup/kg hona chahiye avi v kam ret hai
भाई कोई दूसरा काम देख ले यार एक ही काम पर
सौ करोड़ लोगों को मुफ्त में आटा चावल दाल मिल रहा आपको क्या चिंता है।
BASTI & GONDA ME-2300 HI
जैविक खेती तो नहीं ?
3000 RUPAYA KUTAL HO CHAHIYE
Ap valat blrahehai gehukaproduction due to bad atmosfear cumm huahI vosahihai apblkul galat bolrahehai galatbolana thiknahihai apkokuchhvestedinresthai
Gehu khane se pahle gehu ki upaj karne vale ki halt dekh usake. Bad bakvas kar
Free me distrbtion
Koi or vidio nhi bnane ko mila
Midiya jimedar
Bakbas chhotha sasata hai
Nehru ji
Modi kiyu phiri bat rahe hai me bhi leta hu
Nehru
Tum jaise patrkar ke vajah se kisan barbad hote hai