400 वर्ष पुरानी रानी कमलापति की रहस्यमयी समाधि में शाम होते ही कोई नहीं जाता यहां
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- เผยแพร่เมื่อ 7 ก.พ. 2025
- रानी कमलापति की रहस्यमयी समाधि मैं शाम होती ही यहां पर कोई नहीं जा सकता है क्योंकि बताया जाता है कि आज भी रानी कमलापति की आत्मा यहां पर भटकती है और इसे इतनी सुंदरता से बनाया है कि इस बुंदेलखंड का ताजमहल भी कहा जाता है महाराजा छत्रसाल की पत्नी थी रानी कमलापति जिसे देव कुमार के नाम से भी जाना जाता था और बहुत ही सुंदर थी और राजा इसे बहुत अत्यधिक प्रेम किया करते थे जिसे उन्होंने इस समाधि का निर्माण करवा दिया और उन्हीं की याद में इसमें कमल की पंखुड़ियां बिखरी गई है और पुराने चित्र भी बनाए गए हैं जो उस समय की संस्कृति को दर्शाते हैं इस समाधि को 400 वर्ष पहले बनाया गया था जो 17वी शताब्दी में इसका निर्माण हुआ था
Nice👍😊
Thanks 😊
It was a lovely explanation!! Well done 🇺🇸🌸🇮🇳
Thank you so much 😀
Top bhaiya ji ❤❤❤❤
Thanks
Nice ❤
Thanks bhai
आपने बहुत अच्छे से समझाया धन्यवाद
Thanks bhai
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Thanks
❤️❤️
👍👍
Thanks
आल्हा का क्रम क्या है भाई एक प्लेलिस्ट बना दो सीरीज बाइस
जरूर भैया
@@themahoba शीघ्र प्रयास करे भाई जी
Jab main yahan gayi thi toh pata nahi kaise Rani ju ki samadhi ka hissa khula tha...andar jaakar unko naman karne ka avsar prapt hua tha...
Bahut achha hai
Aap kaha se ho vaise
@@themahoba Main Ajmer, Rajasthan se hu...
Irani naqsha hai
Yes