प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष 2024 long video
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- เผยแพร่เมื่อ 30 พ.ย. 2024
- प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष) का वर्णन - 28 नवंबर
प्रदोष व्रत हर माह त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए रखा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से संध्या समय (प्रदोष काल) में किया जाता है। 28 नवंबर 2024 को यह व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाएगा।
प्रदोष व्रत का महत्व
1. इस व्रत का पालन करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
2. यह व्रत समस्त पापों का नाश करता है और सुख-समृद्धि प्रदान करता है।
3. भक्तों को आरोग्य, संपत्ति और शांति का आशीर्वाद मिलता है।
व्रत विधि
1. प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
2. पूरे दिन निराहार या फलाहार रहकर व्रत का पालन करें।
3. प्रदोष काल (संध्या समय) में भगवान शिव की पूजा करें।
4. भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, अक्षत, गंगाजल, दूध और शहद अर्पित करें।
5. शिव मंत्र “ॐ नमः शिवाय” का जप करें और शिव चालीसा का पाठ करें।
पुण्य काल
प्रदोष व्रत का पूजा समय संध्या के समय होता है, जो सूर्यास्त के 1.5 घंटे पहले से लेकर 1.5 घंटे बाद तक का होता है। इस समय पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
यह व्रत भक्तों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है और शिवजी का आशीर्वाद पाने का सशक्त माध्यम है।
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