लूणादासजी महाराजेन प्रस्तूयमानानि मरुवाणीभजनानि मनोमुग्धकारीणि हृदयहारीणि भावविभोरकारीणि च सन्ति वारंवारं श्रोतुं मनो विवशीभवति। जय श्री राम। जय सन्त कबीर।
टिप्पणी करो से एक नम्र निवेदन है कि आप सभी लोग केवल देवनागरी लिपि हिंदीका ही प्रयोग करें। रोमन लिपि में लिखी गई हिंदी आसानी से पढ़ने में नहीं आती है। यदि आप लिखते हैं कामिनी जंवर KAMINI JANWAR तो पढ़ने में आता है कमिणी जानवर।
लूणादासजी महाराजेन प्रस्तूयमानानि मरुवाणीभजनानि मनोमुग्धकारीणि हृदयहारीणि भावविभोरकारीणि च सन्ति वारंवारं श्रोतुं मनो विवशीभवति। जय श्री राम। जय सन्त कबीर।
🚩🌹जय श्रीराम जय गुरुदेव चरणस्पर्श बहुत सुंदर भजन ❤👣👏
बहुत ही सुंदर🙏🙏 जय हो महाराज जी🙏🙏
जय साहेब की सा
❤❤❤ जय हो मालिक
बहुत ही शानदार भजन ❤❤❤
कानाराम
अहम ब्रहमस्मिम
अहं ब्रह्मोऽस्मि।इति शुद्धम्।
जय साहेब की
अच्छा भजन है
जय साहेब की 🙏🙏👌👌👌😅
❤❤❤❤❤❤❤
🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
🙏🙏🙏🙏
Radhe radhe guru ji
ब हु त भ ज न
Jai saheb ki 🌹🌹🙏🙏
Jai shaheb ki
❤😂❤😢😢🎉❤
जय
Jay sahib ki ❤❤
Sandar bajan
Har Har Mahadev
उसे भजन के अर्थ के बारे में बताएं
Jay Ho Saheb ki Guruji Jay Ho
Bhut Sundar Bhajan
Nind good 🎉🎉👍👍 Raj Kumar 👍👍
Jay sahab ki babaji
Jai ho 🙏🙏
Ram ji Ram
Kya kr rhe ho🎉
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Bhouht badiya
Sandar bajan