Lyrics (Hindi) जिस घड़ी कैद से आज़ाद हुए अहले हरम रोये सज्जाद बहोत कर के बहेन का मातम आए जब क़ब्रे सकीना पे किए सर को ख़म कैद खाने में क़यामत का समा था उस दम ये सदा देते थे भाई की फिदाई उठ जा तेरी तुरबत से भी होती है जुदाई उठ जा तुरबत पे सकीना की सज्जाद का नौहा था उट्ठो अए मेरी बहना उट्ठो अए मेरी बहना दर खुल गया ज़िंदा का जाता है वतन कुनबा 1. अब तुम को मेरी ख़्वाहर कोई न सताएगा गालों पे तमाचे अब ज़ालिम न लगाएगा अम्मू अब्बास की प्यारी मेरे बाबा की दुलारी भैय्या कुरबान तुम्हारा बहना ग़ुरबत पे तुम्हारी अब घुड़कियाँ कोई भी आकर न तुम्हे देगा उट्ठो अए मेरी बहना उट्ठो अए मेरी बहना 2. हम शाम से जाते हैं फिर करबोबला बीबी हमराह बरादर के गर तुम नही जाओगी अम्मू अब्बास की प्यारी मेरे बाबा की दुलारी भैय्या कुरबान तुम्हारा बहना ग़ुरबत पे तुम्हारी क्या जाके बताएगा अम्मू से तेरा भैय्या उट्ठो अए मेरी बहना उट्ठो अए मेरी बहना 3. क्या साथ बरादर का अब तुम न निभाओगी क्या भाई की हिम्मत को अब तुम न बढाओगी अम्मू अब्बास की प्यारी मेरे बाबा की दुलारी भैय्या कुरबान तुम्हारा बहना ग़ुरबत पे तुम्हारी क्यों छोड़ रही हो तुम सज्जाद को अब तन्हा उट्ठो अए मेरी बहना उट्ठो अए मेरी बहना 4. चादर न छिनेगी अब कुर्ता न जलेगा अब कानों से लहू तेरे हरगिज़ न बहेगा अब अम्मू अब्बास की प्यारी मेरे बाबा की दुलारी भैय्या कुरबान तुम्हारा बहना ग़ुरबत पे तुम्हारी कोई भी तेरे बुन्दे अब छीन नही सकता उट्ठो अए मेरी बहना उट्ठो अए मेरी बहना 5. अब खुल गयी जंजीरे और हथकड़ी बेड़ी भी अए मेरी बहेन तेरा भाई नही अब कैदी अम्मू अब्बास की प्यारी मेरे बाबा की दुलारी भैय्या कुरबान तुम्हारा बहना ग़ुरबत पे तुम्हारी सज्जाद तुम्हे पैदल अब चलने नही देगा उट्ठो अए मेरी बहना उट्ठो अए मेरी बहना 6. अए मेरी बहेन तुमको आदा ने बहोत मारा उस वक़्त तेरा भाई ज़ंजीरों में जकड़ा था अम्मू अब्बास की प्यारी मेरे बाबा की दुलारी भैय्या कुरबान तुम्हारा बहना ग़ुरबत पे तुम्हारी अब कैद नही आबिद पहुँचेगी न अब ईज़ा उट्ठो अए मेरी बहना उट्ठो अए मेरी बहना 7. कोई न बनाएगा अब तुमको कभी कैदी अब पुश्ते शुतर पे न बाँधेगा तुम्हे कोई अम्मू अब्बास की प्यारी मेरे बाबा की दुलारी भैय्या कुरबान तुम्हारा बहना ग़ुरबत पे तुम्हारी बाज़ारों में अब पत्थर कोई भी न मारेगा उट्ठो अए मेरी बहना उट्ठो अए मेरी बहना 8. किस तरहा लिखे वाएज़ वो दर्द भरा मंज़र सज्जाद तड़पते थे हमशीर की तुरबत पर खून आँखों से बहता था पढ़ते थे यही नौहा उट्ठो अए मेरी बहना उट्ठो अए मेरी बहना
Mashallah maola salamat rakhe aap sab loog ko
I like this noha
Mashaallah bahut Acha noha hi
Masha allah maula ap ko salamat rakhe
jazakallah maola salamat rakhne azadare Hussain ko
Mashallah maula salamat rakhe azadaro ko
Mashaalllah Allah Salamat Rakhe
Mashallha bhai
Mashallah mola Salmat rakha jio
Masha allah 😭😭😭😭😭😭😭
Mashallah ❤ ❤
Mashaallah mola salamat rakhe
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mashalla abutalib Bhai mola slamat rkhy
Masha allah maula salamat rkhe
Hay mola 😢😢😢😢😢😢😢😢😢
Ya sakeena ya abbas
Mashallah 😭 ap log Urdu lirycs bhi noha Likha karye 🙏🏻
Ya Hussain
JazakAllah mere Bhaii
Maula slamat rkhe
Haye bibi Sakina
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Mashallha
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Mashaallah
Ma'sha Allah
MasaAllah
Masha Allah Abutalib
Mashallah
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😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭
mäšhãlläh
Lyrics dedo please 🙏
Lyrics (Hindi)
जिस घड़ी कैद से आज़ाद हुए अहले हरम
रोये सज्जाद बहोत कर के बहेन का मातम
आए जब क़ब्रे सकीना पे किए सर को ख़म
कैद खाने में क़यामत का समा था उस दम
ये सदा देते थे भाई की फिदाई उठ जा
तेरी तुरबत से भी होती है जुदाई उठ जा
तुरबत पे सकीना की सज्जाद का नौहा था
उट्ठो अए मेरी बहना उट्ठो अए मेरी बहना
दर खुल गया ज़िंदा का जाता है वतन कुनबा
1.
अब तुम को मेरी ख़्वाहर कोई न सताएगा
गालों पे तमाचे अब ज़ालिम न लगाएगा
अम्मू अब्बास की प्यारी मेरे बाबा की दुलारी
भैय्या कुरबान तुम्हारा बहना ग़ुरबत पे तुम्हारी
अब घुड़कियाँ कोई भी आकर न तुम्हे देगा
उट्ठो अए मेरी बहना उट्ठो अए मेरी बहना
2.
हम शाम से जाते हैं फिर करबोबला बीबी
हमराह बरादर के गर तुम नही जाओगी
अम्मू अब्बास की प्यारी मेरे बाबा की दुलारी
भैय्या कुरबान तुम्हारा बहना ग़ुरबत पे तुम्हारी
क्या जाके बताएगा अम्मू से तेरा भैय्या
उट्ठो अए मेरी बहना उट्ठो अए मेरी बहना
3.
क्या साथ बरादर का अब तुम न निभाओगी
क्या भाई की हिम्मत को अब तुम न बढाओगी
अम्मू अब्बास की प्यारी मेरे बाबा की दुलारी
भैय्या कुरबान तुम्हारा बहना ग़ुरबत पे तुम्हारी
क्यों छोड़ रही हो तुम सज्जाद को अब तन्हा
उट्ठो अए मेरी बहना उट्ठो अए मेरी बहना
4.
चादर न छिनेगी अब कुर्ता न जलेगा अब
कानों से लहू तेरे हरगिज़ न बहेगा अब
अम्मू अब्बास की प्यारी मेरे बाबा की दुलारी
भैय्या कुरबान तुम्हारा बहना ग़ुरबत पे तुम्हारी
कोई भी तेरे बुन्दे अब छीन नही सकता
उट्ठो अए मेरी बहना उट्ठो अए मेरी बहना
5.
अब खुल गयी जंजीरे और हथकड़ी बेड़ी भी
अए मेरी बहेन तेरा भाई नही अब कैदी
अम्मू अब्बास की प्यारी मेरे बाबा की दुलारी
भैय्या कुरबान तुम्हारा बहना ग़ुरबत पे तुम्हारी
सज्जाद तुम्हे पैदल अब चलने नही देगा
उट्ठो अए मेरी बहना उट्ठो अए मेरी बहना
6.
अए मेरी बहेन तुमको आदा ने बहोत मारा
उस वक़्त तेरा भाई ज़ंजीरों में जकड़ा था
अम्मू अब्बास की प्यारी मेरे बाबा की दुलारी
भैय्या कुरबान तुम्हारा बहना ग़ुरबत पे तुम्हारी
अब कैद नही आबिद पहुँचेगी न अब ईज़ा
उट्ठो अए मेरी बहना उट्ठो अए मेरी बहना
7.
कोई न बनाएगा अब तुमको कभी कैदी
अब पुश्ते शुतर पे न बाँधेगा तुम्हे कोई
अम्मू अब्बास की प्यारी मेरे बाबा की दुलारी
भैय्या कुरबान तुम्हारा बहना ग़ुरबत पे तुम्हारी
बाज़ारों में अब पत्थर कोई भी न मारेगा
उट्ठो अए मेरी बहना उट्ठो अए मेरी बहना
8.
किस तरहा लिखे वाएज़ वो दर्द भरा मंज़र
सज्जाद तड़पते थे हमशीर की तुरबत पर
खून आँखों से बहता था पढ़ते थे यही नौहा
उट्ठो अए मेरी बहना उट्ठो अए मेरी बहना
Hi
Mashaallah mola salamat rakhe
Masha allha