azim naza gazal kanchanpur urs2024

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  • เผยแพร่เมื่อ 2 มิ.ย. 2024

ความคิดเห็น • 1

  • @PathanAarifkhan-js8ur
    @PathanAarifkhan-js8ur 26 วันที่ผ่านมา

    अब वो फनकार नहीं रहे जिनको सुनकर सुबाह गुजर जाती थी
    आखिर में छोटे मजीद भाई भी अब उमर में ढल गए हे
    अब ये जितने भी ही इनको सुनकर रात गुजरना मुस्किल ही