Dhankhar Vs Jaya Bachchan- Why Conflict between Rajya Sabha chairman and Opposition | ASHUTOSH
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- เผยแพร่เมื่อ 9 ก.ย. 2024
- राज्य सभा के सभापति जगदीप धनकड़ और विपक्ष के बीच जमकर घमासान । जया बच्चन धनकड़ से नाराज और धनकड़ जया पर बरसे। विपक्ष का वाकआउट । सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी और सरकार की तरफ़ से निंदा प्रस्ताव । कैसे ऐसे चलेगी संसद - आशुतोष के साथ चर्चा में जावेद अंसारी, नीरजा चौधरी, शीतल सिंह और विजय त्रिवेदी ।
There is a fierce fight between Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankar and the opposition. Jaya Bachchan was angry with Dhankar and Dhankar lashed out at Jaya. Opposition walkout. Preparation of no-confidence motion against the Chairman and censure motion on behalf of the government. How will Parliament run like this - Javed Ansari, Neerja Chaudhary, Sheetal Singh and Vijay Trivedi in discussion with Ashutosh.
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धनखड़ जी और बिरला जी दोनों ही खुद को सर्वशक्तिमान मानकर बैठकों की अध्यक्षता करने के आदी हैं। अध्यक्ष का पद किसी भी पार्टी का पक्षधर बनकर काम करने की अनुमति नहीं देता। दोनों को खुद को बदलना होगा और सदस्यों को स्वीकार्य बनना होगा अन्यथा उन्हें अध्यक्ष पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
Right sir aapne sahi kaha hum AAPKI bat se itefak rakhte Hai Bhai
2004 से 2014 का सुनहरा काल, ना,ओम बिरला और धनकर जैसे स्पीकर थे, नही संसद में खड़े होकर आज़ादी के सेनानियों को कोसने वाले प्रधानमंत्री थे।
राजनीति का स्तर जितना इन दस सालों में गिरा है वैसा स्वतंत्र भारत में कभी भी नहीं गिरा।
ये इस सरकार की सबसे बड़ी असफलता है, लेकिन इन्हे इस बात का कोई अफसोस नहीं है।
ऐसा सभा पति, और स्पीकर हमने अभी तक नहीं देखा
Hy e dono speaker chair ko reserve nahi kartey hain ye shishu mandir key nafrati product hain in sey imandari ki ummeed bemani hai
धनखड़ को हटाने के लिये केवल राजयसभा में वोटिंग चाहिए।लोकसभा में नहीं।
देश के अजादी के बाद पहली बार जगदीश धनकर जैसे स्पीकर सरकार के चापलूस करते देखा रहे है।
Neither birla nor dhankar are fit to run the house.
कोई भी सदस्य आपको आपके मुंह पर कुछ भी बोल जाता है और आपको शर्म भी नही आती, कभी वेंकैया नायडू जी या भैरो सिंह शेखावत जी की यूट्यूब पर वीडियो देख लेना वो भी भाजपा की विचारधारा के थे, लेकिन ऐसा निंदनीय व्यवहार सदन में किसी ने नहीं किया .....
Mr. Dhankad पपेट है मोदी जी के ये लोकतंत्र का हराष् है🙏
धनकर बीजेपी का एजेंट है
अब तक के सबसे निकृष्टतम स्पीकर और सभापति भारत को मिले हैं.
अमृत काल चल रहा है. 2047 तक क्या-क्या होगा राम जाने.
True
नीरजा चौधरी अगर स्पीकर के आचरण की निन्दा नहीं कर सकती तो उन को सरकार से डर लगता है उन्हें पत्रकारिता छोड़ देनी चाहिए वरना निष्पक्ष वार्ता करिए।
आदरणीय श्रीआशुतोष जी, मैं आपकी पत्रकारिता का बड़ा प्रशंसक रहा हूं । मगर जिस मुद्दे पर चर्चा हो रही है, अन्यथा मत लीजिएगा, इसके बारे में आपकी सोच मुझे एकतरफा ही लगी और बहुत निराशा हुई। आपने टी वी चैनलों में भी बार-बार कहा है कि सभापति को अपने बर्ताव में सुधार करना चाहिए- वो डिक्टेटर जैसा व्यवहार करते हैं, वो जया बच्चन के नाम से संबोधित कर देते तो क्या हो जाता एवं जया जी बहुत अनुभवी हैं- पांच बार की सांसद हैं। आपकी एक ही बात से थोड़ी सहमति है कि सभापति महोदय और कोई दूसरा रास्ता अपनाते जिसमें गरमी तो नहीं होती मगर कड़ा संदेश भी होता ताकि भविष्य में अध्यक्ष के साथ कोई सांसद मर्यादा की सीमा न लांघे ।
अध्यक्ष द्वारा 'अमिताभ' नाम जोड़ना कहीं से गलत नहीं था क्योंकि यह अभिलेख के मुताबिक ही था ,जो उन्होंने शालीनता से स्पष्ट भी किया था ।बल्कि अभिलेख से इतर कुछ कहने को मौकापरस्त राजनीतीकार चाहते तो तूल दे सकते थे ।परंतु 'पांच बार के राज्य सभा सांसद' ने जिस तरह की प्रतिक्रिया दी, इसकी भी भरपूर निंदा होनी चाहिए थी। आप एक वरिष्ठ पत्रकार हैं, आप सरकार को सलाह दें कि सांसदों को अपने जो नाम पसंद हों वो उनसे मांगें और सदन में उन्हें उन्ही नामों से पुकारा जाए। यदि आपकी सोच यह है कि पांच बार का सांसद अधिक आदरणीय होता है तो मेरा मानना है कि उसका आचरण भी उसके अनुरूप ही होना चाहिए। जया जी को यदि ऐसा लगता है कि जनता में उनकी अच्छी पैठ है तो 'अपने वहुत लंबे 'कार्यकाल में बतौर सांसद उन्होंने जो कुछ भी किया है, जनता को बतायें और लोकसभा का चुनाव लड़ें फिर फ्रंट डोर से संसद में आयें न कि बैक डोर से । घमंड का क्या हष्र होता है, इस बार के लोक सभा चुनाव के चरिणाम सै स्पष्ट हो चुका है जब दहाड़ने वाली पार्टी और दहाड़ने वाले उम्मीदवार बगलें झांकते नजर आये ।
विजय जी के सिवाय आपके बाकी पैनल के लोग आपके आमंत्रण के बोझ से दबे नजर आये । विजय जी के विचार शालीन और सन्तुलित लगे । निष्पक्षता के साथ अपनी बात रखने के लिए उन्हें बधाई।
धनकर जी राज्य सभा सभापति की सारी मर्यादाएं तार तार कर दी।
विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव लाना
चाहिए
Dhankad is rude all the time. We have seen his Governor tenure, he was very disruptive. He is not neutral, he take BJP side all the time
Dhankar is not fit tobe the Dy Speaker
नीरजा जी की किताब बैन कर देंगे इस लिए इन्हें सरकार के पक्ष में बोलना मज़बूरी है।
ओम बिरला जी का व्यावहार भी सन्तोष जनक नहि है विपक्ष के साथ
धनकड़ तो राज्य सभा के सभापति के बिलकुल लायक नही है जो विपक्षियों को अपना बिरोधी समझकर कार्य करते हैं
Congratulations ,to Mansodhia.Sahib. It is a happy day to him and the people of India.
मैं तो यही कहूंगा कि आज सदन में धनकड़ जी ने एक महिला सांसद का घोर अपमान किया,इनका व्यवहार एक सभापति महोदय के लायक कहीं तक नहीं है ।
" यह तो वही कहावत हुईं एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी"
दो स्पीकर होना चाहिए विपक्ष और सरकार का
त्रिवेदी जी एक पक्षीय बात करते हैं
अब किसके पक्ष में हैं। ??????
The appropriate name should be Halkar.
जावेद साहेब, दो टूक बात करना आज का फ़ैशन नहीं है।
Salute Full screen
यह मामला नितीन गडकरी और राजनाथ सिंह जेसे नेता ही निपटा सकतें है
नीरजा जी बुजुर्ग है पर इनका भी धनखङ वाली चापलूसी का dna है
Pahle se hi iski soch manuwadi hai
Neerja Chowdhary is the godi Chowdhary
Great sir
Being in the chair Mr. Dhankar applauded RSS a few days before. 2ndly, he muted the mic of LOP.
आज धनखड़ ने उपराष्ट्रपति की गरीमा को गिरा दिया है
द्विवेदी और धनकड़ की सोच लोकतांत्रिक नहीं है
आशुतोष आपके चैनल पर डिबेट देखकर मुझे लगा कि पैनलिस्ट भी अलग अलग राग अलाप रहे हैं, पर जनता लोकतंत्र के मंदिर में सांसदों के द्वारा किए जा रहे भोंडे प्रदर्शन और बेहूदगी से आहत है !
जया बच्चन भलेही एक से अधिक बार की सांसद रही हों पर उन्होंने सदन से कुछ नहीं सीखा ! शायद वो संसद को भी फ़िल्म स्टूडियो मान कर चल रही हैं और उनको रील और रियल का फर्क मालूम नहीं, वो ये मान के चल रही हैं कि संसद हीरो, हीरोइन और विलेन की कहानी की तरह ही है, वहाँ जनता पैसे से टिकट खरीद कर तमाशा देखती है और संसद में जनता टैक्स देकर सांसदों का नंगा नाच देख रही है,जया अमिताभ बच्चन यही कर रही है, हमने तो उन्हे जनता के मुद्दे उठाते कभी नहीं देखा !
दरअसल वो जिस पार्टी का प्रतिनिधित्व करती हैं, उसका वर्तमान और अतीत ही अपराधियों, माफ़ियाओं और बलात्कारियों को समर्थन और संरक्षण देने वालों का है और रहा है ! बलात्कारियों का कि लड़के हैं गलती हो जाती है क़हते हुए समर्थन करते हुए मुलायम सिंह को किसने नहीं देखा !
जया बच्चन को अगर उसके खुद के दिये गये नाम पर आपत्ति है तो वो अपने नाम को संसद के दस्तावेजों पर परिवर्तित करा ले जैसा कि सभापति जी ने उनको सुझाया था, जिसकी प्रवृति ही बखेड़ा खड़ा करने की हो उससे और क्या उम्मीद की जा सकती है वो कभी भी कहीं भी और किसी भी समय खड़ा कर सकता है , कल वो बोलेगी की मेरे नाम से अमिताभ बच्चन क्यों हटा दिया !
जो भी हो जया बच्चन का आचरण बेहद आपत्तिजनक, फूहड़ और संसद की गरिमा को तार तार करने वाला है और उन्होंने नीचता की सारी हदें पार की हैं, उससे भी ज्यादा शर्मनाक विपक्ष का उनको दिया जा रहा समर्थन है !
पहले चोरी फिर सीना जोरी ! जया बच्चन खुद माफी माँगने के बजाय सभापति से माफी की माँग कर रही है, इससे ज्यादा हास्यास्पद क्या हो सकता है, लेकिन यह बेहद शर्मनाक है !
भक्त
अरे त्रिवेदी जी धनखड़ क्या election मोड मे हैं? क्या बात करते है धनखड़ सभापति हैं न की बीजेपी के कार्यकर्ता.
त्रिवेदी जी को स्किप कर दिया करो, क्योंकि जो इन्होंने बोलना होता है, हम सबको पहले ही पता होता है 😊
OPPOSITION Unity is essential to save Democracy.
सवाल यह है कि कम्युनिकेशन दरकार ना तो सरकार को है ना धनखड़ या बिरला को है !!
अनफिट
This speaker is most unethical and undemocratic, who doesn't have any shame. His a faithful servant of the PM
किसिभी सिरीयस ईश्यू पर धनगड़ मंद मंद मुस्कुराता है। और खड़गे जी से बेशर्मो की तरह ग्यान की डीबेट करता है। Respect उस संविधानिक कुर्सी को है, उसपर सवार बेशर्मी को नहि।
No confidence motion against the चेयरमैन is very Shameful .
जब कोई सम्मान के लायक़ ही न हो तो क्या किया जाए।
लेकिन आज कोई किसी की सुनवाई नहीं हो रही है।
जब सत्ता और पावर मिल जाती हैं! तब भाषा और उसके उतार चढ़ाव अपने आप बदल जातें हैं
देश का संविधान ही है जो इन्साफ़ का ही साथ देता है.
बारह मास election mode में रहने की युति बीजेपी ने इतने साल की है। विपक्ष को तो अस्तित्व बचाने के लाले हैं, तो वो तो forever election mode में अब रहेगी ही। विपक्ष अगर हर वक़्त election mode में हो तो निंदा, ना हो तो आलोचना।
Not a TRIFLE but TENDENTIOUS, in the very face of it.
1971 में जीता हुआ Crown (बंगलादेश ), 2024 में खो दिया . इससे बड़ा उदाहरण और कया हो सकता है देश की बदहाली का , येलोग बेर्शम हैं ये शत्रू सोच के लोग हैं
Take, your seat Dhankarji, TAKE TOUR SEAT DHANKARJU,TAKE TAKE YOR SEAT DHANJARJI,
TAKE YOUR SEAT DHANKARJU,
TAKE YOUR SEAT DHANKARJI,
TAKE YOUR SEAT DHANKARJI,
TAKE YOUR SEAT DHANKARJI
TAKE YOUR SEAT DHANKARJI
.TAKE YOUR SEAT DHANKARJI
TAKE YOUR SEAT DHANKARJI
TAKE YOUR SEAT DHANKARJI
TAKE YOUR SEAT DHANKARJI,IT IS GOING,
धनखड़ जैसे मसखरे हर जगह मोदी ने फिट कर रखे हैं।
Very True to all penalties. Jai Ramchandra ji ki Jamaatt
सदन में आवश्यक मुद्दों पर सार्थक चर्चा का अधिकांश समय धनकड़ जी के, खड़खड़ में बर्बाद हो जाता है😎
विजय त्रिवेदी जी, आपके इस वक्तव्य से मैं सहमत नहीं हूँ कि रिकार्ड्स में उनका नाम जया अमिताभ बच्चन हो सकता है।
लेकिन इसी बात पर आगे बढ़ते हुए सत्ता पक्ष और विपक्ष में बहुत सारी महिला सदस्य हैं और उनके नाम के साथ भी पति का नाम जुड़ा हुआ है। तो राज्य सभा के सभापति को बताना चाहिए कि -
1) क्या वह उन सभी महिला सदस्यों को भी इसी प्रकार उनको पूरे नाम के साथ सम्बोधित करते हैं?
2) क्या वह उन सभी पुरुष सदस्यों को भी, जिनके नाम के साथ पिता का नाम भी जुड़ा रहता है, इसी प्रकार उनको पूरे नाम के साथ सम्बोधित करते हैं?
विजय त्रिवेदी जी को उपरोक्त पर भी बोलना चाहिए।
ये आदमी सत्ता पक्ष के साथ हमेशा से ही रहा हैं.
इतने सालों से जया बच्चन राज्यसभा सांसद है अन्य समाज का कौन सा भला कर दिया
जगदीप धनखड़, एक सक्रिय राजनीतिज्ञ की तरह व्यवहार कर रहे हैं। वो पहले भी ऐसा करते रहे हैं। जब राजस्थान में चुनाव थे तो उन्होंने लगातार कई विजिट करते हुए जाट वोटों को साधने की कोशिश की थी।
अब भी हो सकता है कि हरियाणा में बीजेपी की खराब स्थिति को देखते हुए वो पुन: पार्टी के इशारों पर जाट वोटों को आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हों।
संसद के अंदर अंदर की बहस को सुनकर शर्म से सर झुक जाता है, दोनों सदनों की पीठासीन लगता है कि मार्शल लॉ है, ये दोनो श्रीमान जी अपने पूर्ववर्ती सोमनाथ चटर्जी ओर भैरो सिंह शेखावत जी से सीख लेते कि वे लोग कितने निष्पक्ष दिखाते थे
I think one of the panellists is missing quoting Rahul Gandhi about the speaker. What Rahul was meaning that in the house you are supream and should not bow your self infront of any body in the house.
Thanks..
त्रिवेदी जी हमेशा बीजेपी के लिए बैटिंग करते हैं।
The way Mr. Dhankhad behaved is very shameful on his part!
ASHUTOSH. JI. SALAM. DHAN KHAD. YA LAD KHAD..SALAMAT RA HO. JAY HIND.
Jaya Bacchan gave a very befitting reply. Dhankar deserves it.
Simple baat hai
Amitabh BJP supporter
Jaya Samajwadi member
=BJP V/S Samajwadi party
Body language of Jagdeep Dhankar can be seen when Imran Pratapgadi was speaking
इनके शब्दो मे हमेशा लेकिन जरूर होता है विजय
Ashutosh ji jaya Bachchan ke issu ko debet me jyada propget nahi karna chahiye.
ye unka personal matter hai.wo 545 mp me unko special treet nahi diya ja Sakata. unka aaklan iss base per hona chahiye representative hone ke nate public issu ko Kitana highlight kiya Kitna protest kiya. jaya ji ka igo hai. aur super mp hai.
very good 👍
मज़ा आ रहा है ना आशुतोष जी, अब तो सरकार गिर जानी चाहिए
Bjp supporters are always berating Jaya bachhan they are always putting videos of her behavior in public which shows her in bad light most of them don’t know she was a star before amitabh bacchan became super star
धनकड़ जी का नाम उनकी पत्नी से जोड़कर लिया जाना चाहिए
धनकङ साहब के जहन में हैडमास्टर ही नहीं बल्कि बीजेपी प्रवक्ता का भाव भी छुपा हुआ है इतनेबङे पद का अपमान है
जब शीतल जी "हल्की बात है" बोल रहे थे और हस रहे थे तब मैं सोच रहा था कि कैसे अपनी विचारों को ऐसे debate में रख रहे हैं
मेरे मन को तसल्ली मिली जब विजय जी ने कहा - 36:26
The Supreme Trio historically is well-known for their surprise assertions.
jaagdeep Dhankar vice president khub dalali kare Bengal se likar abhi tak aye hai shame full opposition ko katam kare loktantra democracy sanvidhan ko khatm kar rahi hai Om Birla Jagdeep Dhankar 2no bhi ek jaise hai shame full
Vijay Trivedi is always on his own track. The attitude and behaviour of Jagdeep Dhankar even in the last parliament has been no different! He used to yell and shout from his chair in earlier sessions and parliament and he continues with the same attitude.
Jagdeep Dhankar is looking at exploiting all opportunities to finger the Opposition in parliament as he did as Governor for which rewarded by Narendra Modi by being appointed as Vice President.
He believes that Modi will now elevate him to the post of President for all his these actions which Modi can't and it will become more certain after elections in Maharashtra, Haryana, Jharkhand, and J&K where the BJP is likely to lose!
गैरजिम्मेदार गैरसंवैधानिक महा नाटककार धनखङ का अध्यक्ष पद पर होना गरीमाहीन और शर्मनाक को विजय जैसा ही न्याय संगत बता सकता है
Neerja Chowdhry jaise❤log jo power mein hotey hain unkey liye batting kartey hain. Jab Congress mein thi tab Rahul Gandhi inko future of India dikhta tha.
विजय त्रिवेदी जी किसके लिए बैटिंग करते हैं? आप क्या चाहते हैं कि सारे नेता और सारे पत्रकार सरकार के तलवे चाटे? माफ करें ये संभव नही है।
स्पीकर पुआना गली गुंडा जैसा बर्ताव ना करें ✓
आशुतोष जी क्या कभी लोकसभा स्पीकर या राज्य सभा अध्यक्ष ने नरेन्द्र मोदी को नरेन्द्र दामोदर मोदी कह कर बुलाया है ।क्योकि उनका भी चुनाव आयोग मे पूरा नाम ही है ।
Sahi baat sir ap sahi baat karte hai sir
Dhankad पहले West Bengal में ऐसे ही " दलाली करते थे " 🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔
Chairman should behave like Chairman
विजय त्रिवेदी को छोड़कर कोई भी निष्पक्ष नहीं है। विपक्ष अपने आपको जीता हुआ मान कर पागलपन कर रहा है।
यह भी हो सकता है वह भी हो सकता है-विजय जी।
यह पार्लिमेंट का स्पीकर है या मोदी बीजेपी का स्टीकर है।
Dhankar is absolutely wrong, he insulted Jaya Bachan
अमिताभ तो केवल परदे का नायक है जया बड़े दिल वाली है
Tu kaha ka nayak hai
क्या स्पीकर और सभापति ने संविधानिक मर्यादा का पालन किया है
विजय जी हमेशा बीजेपी का पक्ष लेता दिखते है
Sir pahale hum samjhte the ki neta bahut hi genuine hote hai itane bade Desh ka pratinidhitav karate hain aaj jab dekhane mein aata hai bahut hairat hoti hai
तुम्हारी बात देश विरोधी होती हैं आशुतोष
मामला सिर्फ नाम का नहीं है, धनकड़ का विपक्ष के प्रति आचरण निष्पक्ष नहीं और शिष्ट भी नहीं है। अलग-अलग कारणों से पूरा विपक्ष इनकी अशिष्टता से प्रताणित है।
माननीय धनकड़ जी बीजेपी के सेवक हैं उनसे ऐसे किसी निर्णय की अपेक्षा करना संभव नहीं जो विपक्ष को मदद कर सके।
First time vijay Ji is speaking as an independent and not supporting as he used to regularly
बीजेपी में अधिसंख्यक सदस्य बत्मीज तो है ही
Javed sir u r absolutely right
Woman issu per education, helth unemployment hathras case etc unka igo kaha chala jata hai.
जानबूझकर किसी भी मामलें को उलझाया जाता हैं! वो ईसलिए कि, जनता को अपने नुमाइंदे के द्वारा जनता के प्रश्न संसद में उठाये न जा सकें!
संसद की नई इमारत की बुनियाद ही विधूड़ी के उद्गारों से पड़ी है
बिज़य त्रिवेदी जी दोहरी मानसिकता से घिरे हुए ओ विपक्ष का काम जनता के मुद्दों पर बात नही करेंगे तो मोदी जी के या विरला या धनकड़ के गुण गान तो नही करेंगे
Vijay ji is truly representing Mr P.M.
सभापति का व्यवहार पक्षपाती है।😢😢
It is a clear tilting nature of shri Dhankar towards the Govt so as to gain good marks for the position of President of India. It is a future preparation. If he becomes president of India by hook or crook, that's all India. Practiced in West Bengal as a Governor.