Aap kinu ke white root konse month me remove karte ho. Basel dose konse month me dalte ho. Kya kinu me water supply band karke stress diya jata hai? If yes to konse month me
जी हम अन्य किसी भी प्रकार का बेसन रोज और फर्टिलाइजर नहीं डालते हमारा पूरा chinnu का बाग जैविक है इसलिए हम प्राकृतिक तौर पर बनी हुई खाद्य और फ़र्टिलाइज़र का ही प्रयोग करते हैं रही बात पौधों को तनाव देने की तो हम इसकी शुरुआत दिसंबर से हल्का पानी देने के लिए करते हैं इसके बाद जनवरी अंत तक हल्का पानी देते हैं फिर फरवरी के बाद पानी नहीं देते बल्कि अप्रैल महीने में जब फ्रूटिंग होने के बाद फल हल्का बड़ा हो जाता है तभी पानी लिया जाता है ज्यादा तनाव भी नहीं देना चाहिए कुछ लोग दवाइयां डालकर तनाव देते हैं जो की बहुत ही घातक है वह पौधों की उम्र को कम करता है और हरित पटल को नुकसान पहुंचाता है
तापमान बहुत अधिक है तथा माइक्रोन्यूट्रिएंट की कमी भी हो सकती है विशेष तौर पर ध्यान रखें कि पौधों में पानी शाम के समय ही दें करीबन 6:00 के बाद या सुबह 5:00 बजे धूप और गर्मी में पानी देने से पौधों में ग्रीन रंद्र ऊपर पहुंचाने वाली सूक्ष्म नलिका में सिकुड़ जाती है जिसके कारण माइक्रोन्यूट्रिएंट्स सूट तक नहीं पहुंच पाते बाजार में बायोफर्टिलाइजर या फिर बायो माइक्रोन्यूट्रिएंट मिल जाएंगे आप तुरंत उसकी एक या दो स्प्रे निकाले 5 दिन के अंतराल में इसके अलावा केले के छिलकों को रात को भिगो दीजिए और सुबह उस पानी का प्रयोग पानी के साथ करें अथवा उसका स्प्रे भी कर सकते हैं पानी सप्ताह में केवल एक बार ही दें अगर ज्यादा पानी देने से भी फल गिर सकता है
कुछ फल इस समय गिरते भी हैं जो कमजोर होते हैं तथा छोटे होते हैं वह सारे फल गिर जाते हैं मजबूत फल ही टिकेगे अगर पेड़ पर सो फल हैं तो उनमें केवल 60 साल ही बाकी रहेंगे मैं यह केवल उदाहरण के लिए बता रहा हूं अगर पौधे में जान कम है यानी ताकत की कमी है तो सारे फल झड़ जाएंगे और अगर किसी फंगस का अटैक है तो भी फल नहीं टिकेगा फंगस के लिए आप कॉपर यानी नीला थोथा और कली का बॉर्डर मिक्सर बनाकर स्प्रे करें
यह मेथड सदियों पुराना है पहले पुराने समय में लोग नींबू की कटिंग भी इसी प्रकार किया करते थे और आज भी यह विधि कारगर इसलिए है क्योंकि जो भाग मैदानी होते हैं और रेतीले भूभाग में हीटवेव से बचने के लिए यह विधि अपनाई जाती है तो वहीं कई और लाल मिट्टी के क्षेत्र में कटिंग की शु विधि का प्रयोग किया जाता है तो वही हिमाचल में शंकु छत्र विधि का उपयोग होता है
अगर आपके पास अन्य कोई सुझाव है तो वह भी हम प्रयोग कर सकते हैं कृषि और किस में हर समय अनुसंधान के नए विकल्प रहते हैं अगर कोई अच्छी विधि होगी तो हर किसान को अपना नहीं चाहिए तथा आपका कहना भी उचित है परंतु कोई अच्छी कटिंग विधि आपके पास है तो कृपया हमें अवश्य बताएं
Very good information n beautiful Kinnow farm
जी बहुत-बहुत शुक्रिया आपका स्वागत है
good jobe
Thanks ji
good jbe
Adbhut jankari
Thanks
जानकरी अच्छी दी है आपने
Thanks
thank you for sharing this information 🙏🙏
Thanks
@@swaminaturalfarm 👍👍
☺️☺️☺️
🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲
Nice work
Thanks
आपने सही बात बताई बिलकुल सिधी टहनी काटनी है
जी बहुत-बहुत शुक्रिया
Thanks
हमने भी लगाए हैं पौधे हमें भी कटींग नहीं आती करने हिमाचल प्रदेश मंडी सरकाघाट धर्मपुर
कटिंग के बहुत सारे वीडियो आपको मिल जाएंगे यूट्यूब पर आप वहां से सीख सकते हैं जी आसान और सम है
Aap kinu ke white root konse month me remove karte ho. Basel dose konse month me dalte ho. Kya kinu me water supply band karke stress diya jata hai? If yes to konse month me
जी हम अन्य किसी भी प्रकार का बेसन रोज और फर्टिलाइजर नहीं डालते हमारा पूरा chinnu का बाग जैविक है इसलिए हम प्राकृतिक तौर पर बनी हुई खाद्य और फ़र्टिलाइज़र का ही प्रयोग करते हैं रही बात पौधों को तनाव देने की तो हम इसकी शुरुआत दिसंबर से हल्का पानी देने के लिए करते हैं इसके बाद जनवरी अंत तक हल्का पानी देते हैं फिर फरवरी के बाद पानी नहीं देते बल्कि अप्रैल महीने में जब फ्रूटिंग होने के बाद फल हल्का बड़ा हो जाता है तभी पानी लिया जाता है ज्यादा तनाव भी नहीं देना चाहिए कुछ लोग दवाइयां डालकर तनाव देते हैं जो की बहुत ही घातक है वह पौधों की उम्र को कम करता है और हरित पटल को नुकसान पहुंचाता है
अगर आप कोई बेहतर सुझाव देना चाहते हैं तो आपका स्वागत है
Bari 1 Malta ki prunning kis month me karte hai
Bhai ji mere saare kinnow jhad gaye is baar ....... Upaaye batao sir ji .. bht saare aye the aj 15 sep ko saare jhad gaye
तापमान बहुत अधिक है तथा माइक्रोन्यूट्रिएंट की कमी भी हो सकती है विशेष तौर पर ध्यान रखें कि पौधों में पानी शाम के समय ही दें करीबन 6:00 के बाद या सुबह 5:00 बजे धूप और गर्मी में पानी देने से पौधों में ग्रीन रंद्र ऊपर पहुंचाने वाली सूक्ष्म नलिका में सिकुड़ जाती है जिसके कारण माइक्रोन्यूट्रिएंट्स सूट तक नहीं पहुंच पाते बाजार में बायोफर्टिलाइजर या फिर बायो माइक्रोन्यूट्रिएंट मिल जाएंगे आप तुरंत उसकी एक या दो स्प्रे निकाले 5 दिन के अंतराल में इसके अलावा केले के छिलकों को रात को भिगो दीजिए और सुबह उस पानी का प्रयोग पानी के साथ करें अथवा उसका स्प्रे भी कर सकते हैं पानी सप्ताह में केवल एक बार ही दें अगर ज्यादा पानी देने से भी फल गिर सकता है
कुछ फल इस समय गिरते भी हैं जो कमजोर होते हैं तथा छोटे होते हैं वह सारे फल गिर जाते हैं मजबूत फल ही टिकेगे अगर पेड़ पर सो फल हैं तो उनमें केवल 60 साल ही बाकी रहेंगे मैं यह केवल उदाहरण के लिए बता रहा हूं अगर पौधे में जान कम है यानी ताकत की कमी है तो सारे फल झड़ जाएंगे और अगर किसी फंगस का अटैक है तो भी फल नहीं टिकेगा फंगस के लिए आप कॉपर यानी नीला थोथा और कली का बॉर्डर मिक्सर बनाकर स्प्रे करें
Cutting charge Kay hai
₹400 प्रति व्यक्ति
Contect nomber Kaya ha
88138 00888
400par day
Ji dhanywad
Kha se liy
Thanks
Je method thik nhi
यह मेथड सदियों पुराना है पहले पुराने समय में लोग नींबू की कटिंग भी इसी प्रकार किया करते थे और आज भी यह विधि कारगर इसलिए है क्योंकि जो भाग मैदानी होते हैं और रेतीले भूभाग में हीटवेव से बचने के लिए यह विधि अपनाई जाती है तो वहीं कई और लाल मिट्टी के क्षेत्र में कटिंग की शु विधि का प्रयोग किया जाता है तो वही हिमाचल में शंकु छत्र विधि का उपयोग होता है
अगर आपके पास अन्य कोई सुझाव है तो वह भी हम प्रयोग कर सकते हैं कृषि और किस में हर समय अनुसंधान के नए विकल्प रहते हैं अगर कोई अच्छी विधि होगी तो हर किसान को अपना नहीं चाहिए तथा आपका कहना भी उचित है परंतु कोई अच्छी कटिंग विधि आपके पास है तो कृपया हमें अवश्य बताएं
Sir contact no
88138 80888