संगठन में शक्ति है।story।kids stories।एक बार एक बूढ़ा किसान था।
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- เผยแพร่เมื่อ 25 ต.ค. 2024
- एक बार एक बूढ़ा किसान था। उसके चार पुत्र थे। वह एक-दूसरे से सदैव झगड़ते थे। बूढ़े किसान ने अपने पुत्रों को नहीं झगड़ने की सलाह दी, किन्तु सब व्यर्थ गया। एक दिन वह किसान बहुत बीमार हो गया। उसने अपने पुत्रों को बुलाया। उसने उन्हें लकड़ियों का एक बंडल दिया और तोड़ने को कहा। कोई भी इसे नहीं तोड़ सका। उसने इस बंडल को खोलने को कहा। फिर किसान ने अपने लड़कों को लकड़ियाँ तोड़ने को कहा। उन्होंने एक-एक करके सरलता से लकड़ियाँ तोड़ दीं। अब किसान ने अपने लड़कों से कहा-“यदि तुम लकड़ियों के बंडल की तरह इकट्ठे (संगठित) रहोगे, कोई तुम्हें नुकसान नहीं पहुँचा सकता है । यदि तुम झगड़ोगे, कोई भी तुम्हें नुकसान पहुंचा सकता है।” उसके लड़कों ने एक शिक्षा ली। वे फिर कभी भी नहीं झगड़े। किसान प्रसन्न हुआ।
शिक्षा : संगठन में शक्ति है।