गुरु जी आचार्य ने एकलव्य से अंगूठा ही ही मांगा था ना कि किसी बचन को यह सारांश हमने पहली बार सुना है हां उस पुस्तक का नाम बताइए जिसमें यह कहानी सच में लिखी है हम भी उस किताब को पढ़ें और अपना भ्रम दूर करें।
@@lordcenayt00 bina jane muh nhi khola krte Jyada jaankari prapt krne ke lie shastra ko pdhe agr aapke paas samay ho to . Jay Shree Gurudev 💓🙏 Jay Shreeman Narayan 🙏💓
मैं मजदूर ऊंच-नीच जात पात का भेदभाव नहीं रखता हूं जहां चाहे वहां मजदूरी करता कर लेता हूं भारत के पूर्ण संत देवियां सीताराम राधे कृष्ण के अवतार हैं भारत की संस्कृति के अनुसार भारत बनाएं दिव्य ज्योति जागृति स्थान का समर्थन करें
सही वचन है वीर महान है वो शिष्य जो गुरु वचन का पालन करते है सोचो एक शिष्य मिट्टी की मूर्ति बना कर पूजते थे सोचो कितनी श्रद्धा थी गुरु ओर शिष्य मे आपका पता है गुरु महान है जो अपने वचन का पालन करते है मै नमन करता हुँ एकलव्य शिष्य को ओर उनके गुरु को प्रणाम
मैं निषाद वंशी हूँ,, हम लोग आज भी गुरु द्रोणाचार्य को अपना गुरु मानते हैं,, चुकि अंगूठा हमने गुरु दक्षिणा में दे दिया है इसीलिए हमलोग आज भी अंगूठे की बगल वाली उंगली से शस्त्र चलाते हैं,,जय गुरुदेव
गुरु जी हमने तो पहली बार सुना है कि वीर एकलव्य युद्ध के खातिर अपना अंगुठा दिया था अगर आपको सच मे एकलव्य का इतिहास मालूम येतो एकलव्य का ओरिजनल नाम बता दो गुरु जी
श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम
श्रीमान जी आप कथा गलत बता रहे हैं कथा में ऐसा नहीं है कथा में एकलव्य से सीधा सीधा अंगूठा मांगा गया था आप कथा को अपने मन से जोड़कर जनता को गुमराह कर रहे हैं महाभारत में ऐसी बातें क्यों नहीं दिखाई
गुरु द्रोणाचार्य और एकलव्य दोनों ही अपनी जगह सही हैं,,,द्रोणाचार्य ने अपने राजधर्म का पालन किया और एकलव्य ने अपने शिष्य धर्म का पालन किया,,गुरु द्रोणाचार्य स्वतंत्रत व्यक्ति नहीं थे वे हस्तनापूर में शरणार्थी थे,,,किसी दूसरे राज्य के प्रधान सेनापति के पुत्र को वे शिक्षा नहीं दे सकते थे,,
गुरू द्रोना चारये ने अपने सर्वथ के लीये एकलव्य से अगुंठा मागाथा कयोकि ऊनो ने अर्जुन को वचन दिया था की वे अर्जुन को सर्व श्रेष्ठ धनुर्धारी बनायेगे लेकिन वे ईसमे असफल रहे. ईसलीये उनो ने एकलव्य से दाईना हात का अगुंठा मागाथा उनहे ये लगा की एकलव्य अपने अगुंठे के बिना बान नही चला पायेग. एकलव्य सबसे महान धनुर्धारी हे ( ऐ सवामी झुट फैला रहे हे की द्रोना चारये ने एकलव्य से अगुंठा नही मागाथा )
मैं बचपन से ही महाभारत देखते वह सुनता आया हूं के आचार्य द्रोण ने एकलव्य से अंगूठा मांगा था आप जैसे महान संत भी महाभारत की ऐसी पवित्र कहानी को कुछ इस तरह पेश करोगे मालूम नहीं, राधे राधे
कुछ ऐसी भी कहानियाँ जिन्हें अंग्रेज़ों ने धूमिल करके हमारे सामने ऐसे रखा जिससे हमे हमारे धार्मिक ग्रन्थों और कथाओं के प्रति घृणा उतपन्न हो और हम अंग्रेज़ों को महान मानते रहे परंतु वह बहुत हद तक सफल भी हुए पर हमे हमारी आने वाली पीढ़ी को इस भृम में नहीं जीने देना है
सही बात है भाई। यह भी कितनी सुन्दर और धर्म की बात है । जो स्वयं भी और स्वयं गुरू द्रोणाचार्य का पुत्र कौरवों की ओर से युद्ध लड़ रहे थे जो सभी को धर्म अधर्म की शिक्षा दे रहे थे और जिन गुरू द्रोण को त्रिकालदर्शी तक कह दिया गया है वो जो सभी को कौरवों की तरफ से लड़ने के लिए मना कर रहे थे वो सारे कुल सहित कौरवों की ओर से पाण्डवों के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहे थे। कैसा विचित्र विरोधाभास है।
गुरु जी आचार्य ने एकलव्य से अंगूठा ही मागा था ।ना की किसी वचन से दिया। और गुरु जी पांडव की ममता नही करता था आचार्य । क्योंकि अभिमन्यु का वध में बी भागीदार थे आचार्य जी।
मेरा नाम रोहित है मैं 12 साल का हूं और अगर हम कभी नॉनवेज खाते हैं फिर कभी हमें ज्ञान होता है और भगवान की पूजा करते है तो हमें भगवान मिलेंगे प्लीज गुरु जी बताइए
गलत जानकारी मत दीजिए महाराज। इतिहास को अपने अनुसार न प्रस्तुत कीजिए । एकलव्य ही महान है । गुरु द्रोणाचार्य कभी चाहते ही नही थे कोई आदिवासी और अर्जुन से बड़ा कोई धनुर्धर बने
निषाद पुत्र एकलव्य की जय हो।💪💪💪💪💪
Jay Nishad Raja Jay johar Eklavya Jay johar Jay aadiwasi
Jay Aadiwasi 💪
Abe chutiye aklavya Shree Krishna ka chacha ja beta tha
द्रोणाचार्य डर गया था की अर्जुन से बड़ा धनुर्धर एकलब्य हैं इसीलिए द्रोणाचर्य ने छल करके एकलब्य का अंगूठा मांग लिया था
😇😇😇😇😇🤗🤗🤗🤗🙋♂️🙋♂️🙋♂️
👌👌👌
🏹🏹🏹💪
Aap ne galat tipali kiya hai
@@dhaniramnetam8404 सही कीजिए आप मेरी टिप्पणी को
जय वीर एकलव्य निषाद राज
😔भगवान वीर एकलव्य का इतिहास बुळागया हे😔
निषाद पुत्र की जय हो ❤❤❤
🚩आमाला भगवान तु वीर एकलव्य हे🚩
अंगूठा मागा था द्रोणाचार्य ने एकलव्य से वाह क्या कहानी बनाया है आचार्य जी
जय वीर अकलव्य 🏹🏹🙏🙏
जय निषाद राज
निषाद पूत्र एकलव्य की 🙏🙏🙏🙏जय
गुरु जी आचार्य ने एकलव्य से अंगूठा ही ही मांगा था ना कि किसी बचन को यह सारांश हमने पहली बार सुना है हां उस पुस्तक का नाम बताइए जिसमें यह कहानी सच में लिखी है हम भी उस किताब को पढ़ें और अपना भ्रम दूर करें।
सहि बात है भाई तेरी दुनिया मे किसी पुस्तक मे है काहनी नाहि महाज ने काहि राचाकी बाताई महाराज आपणे किस पुस्तक मै पाठाहै है सभ हमे बताओ
Dhornacharya to khud khorav ki side se bhi lade the...
Shi kh re ho bhai, ye apni or se hi khani bna lete h, hm to confuse ho gye🤣🤣
@@lordcenayt00 bina jane muh nhi khola krte
Jyada jaankari prapt krne ke lie shastra ko pdhe agr aapke paas samay ho to .
Jay Shree Gurudev 💓🙏
Jay Shreeman Narayan 🙏💓
पाखंडवाद को फैलावा दिया जा रहा है इस vdo मैं
जय एकलव्य 🚩
😇मी विकास भिल 🚩महादेव शेना मी आदिवासी समाज🌍🌍🌍🌍🌍🌍🌍🙏🙏🙏🙏
अंगूठा ही मांगा था गुरु जी आपने ये किस पुस्तक में देख लिया
द्रोणाचार्य को क्या पहले से बता था की महाभारत होगा वाह वामन
मैं मजदूर ऊंच-नीच जात पात का भेदभाव नहीं रखता हूं जहां चाहे वहां मजदूरी करता कर लेता हूं भारत के पूर्ण संत देवियां सीताराम राधे कृष्ण के अवतार हैं भारत की संस्कृति के अनुसार भारत बनाएं दिव्य ज्योति जागृति स्थान का समर्थन करें
🙏🙏🙏
जय हो गुरुदेव आशुतोष महाराज की🥰
सही वचन है वीर महान है वो शिष्य जो गुरु वचन का पालन करते है सोचो एक शिष्य मिट्टी की मूर्ति बना कर पूजते थे सोचो कितनी श्रद्धा थी गुरु ओर शिष्य मे आपका पता है गुरु महान है जो अपने वचन का पालन करते है मै नमन करता हुँ एकलव्य शिष्य को ओर उनके गुरु को प्रणाम
Bhai lekin dronacharya jesa guru nahi hona chahiye
सत्य क्यों नहीं बताते घुमा फिरा के उलझाते क्यों हो जनता को 😢😢 वीर एकलव्य की जय हो 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Radhe radhe Happy New year 😊😊
इसके मतलब गुरु द्रोणाचार्य देश द्रोहियों ही थे
Jai ho Nishad Putra Eklavya ❤️🤗🙏 Apko koti koti pranam bhai
निषाद राज पुत्र एकलव्य निषाद राज जय निषाद राज ❤️
Shree Radhe 🙏🙏🙏
बहोत खूब महाराज जी🙏🙏🙏🙏
एकलव्य जैसा धनुर्णी कोई नही था एकलव्य के साथ छल हुआ अंगूठा कटवा कर भी एकलव्य जैसा कोई नही था कोई नही था
Radhe Radhe
Right 🤝🤝💋💋💋💗💔💔💔
App ka Katha acha laga Maharaj ji
Guru ji aap ke charno mein koti koti pranam koti koti Naman karta hun Jay Shri Radhe Jay Shri Krishna❤❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
मैं निषाद वंशी हूँ,, हम लोग आज भी गुरु द्रोणाचार्य को अपना गुरु मानते हैं,, चुकि अंगूठा हमने गुरु दक्षिणा में दे दिया है इसीलिए हमलोग आज भी अंगूठे की बगल वाली उंगली से शस्त्र चलाते हैं,,जय गुरुदेव
जय एकलव्य गुरू जी
Bahut Achcha Laga Anuj Dhar Anurodh Aacharya Kshetra ji bhajan
*हे! कान्हा❤️*
_बस इतना है तुमसे कहना_
_मैं कहूं ना कहूं,तुम सुनते रहना_
_जय राधा~माधव जय कुंज बिहारी❤️_
📚📚📚🌹🌹🌹🌿🌿🌿📖📖📖
༗━━━━━━━━ ✤ ━━━━━━━━༗
Are bahan ji radha naam koi stri yogiraj shree Krishna ki life me aai hi nhi thi.
Jai eklavya
Jai Nishad raj 😢😢😢
महा भारत युद्ध मैं करण हि ऐसे यौद्धा थे जिनसे पांडो घबराते थे,,जय हो सूर्य पुत्र करण की
गुरु जी हमने तो पहली बार सुना है कि वीर एकलव्य युद्ध के खातिर अपना अंगुठा दिया था अगर आपको सच मे एकलव्य का इतिहास मालूम येतो एकलव्य का ओरिजनल नाम बता दो गुरु जी
क्या हुआ गुरुजी प्लीज एकलव्य का ओरिजनल नाम क्या बात दोना गुरुजी
आपके हिसाब से केवल एकलव्य अगर कौरव के साथ हो जाता तो पाण्डव हार जाते...... मनगढ़ंत कहानी कहते हैं महराज आप .....
श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम
Har har mahadev
Harihar,😄
जब जाता पात से कोई मतलब नहीं था तो शिक्षा देने से
इनकार क्यों किया
🚩🙏🙏विर भगवान एकलव्य 🙏🙏🚩
Radhe krishna
Radhe Radhe Guru ji
Hii Ritika ji
Radhe Radhe ji
Up Kaha SE hoo
श्रीमान जी आप कथा गलत बता रहे हैं कथा में ऐसा नहीं है कथा में एकलव्य से सीधा सीधा अंगूठा मांगा गया था आप कथा को अपने मन से जोड़कर जनता को गुमराह कर रहे हैं महाभारत में ऐसी बातें क्यों नहीं दिखाई
EK karan wo shoodra the
गुरु जी अंगुठा मांग कर लिया था
Jai ho barahman wad.... Veer eklay ki jai ho... Veer karna ki jai..
गुरु द्रोणाचार्य और एकलव्य दोनों ही अपनी जगह सही हैं,,,द्रोणाचार्य ने अपने राजधर्म का पालन किया और एकलव्य ने अपने शिष्य धर्म का पालन किया,,गुरु द्रोणाचार्य स्वतंत्रत व्यक्ति नहीं थे वे हस्तनापूर में शरणार्थी थे,,,किसी दूसरे राज्य के प्रधान सेनापति के पुत्र को वे शिक्षा नहीं दे सकते थे,,
एकलव्य वीर जय हो
गुरु जी बिना मागे दान नही मिलता जैसे राजा बली से दान मे तिन पग जमीन मागे थे भगवान वैसे गुरु दोहणाचार
Radhe radhe jai sri.Krishna
Radhe radhe Maharaj ji 🌹🙏🌹 Maharaj ji ki charno Mai koti koti naman 🌹🙏🌹 Jai Shri Krishna 🙏🌹🙏
Jay Shree Gurudev 💓🙏
Jay Shreeman Narayan 🙏💓
गुरू द्रोना चारये ने अपने सर्वथ के लीये एकलव्य से अगुंठा मागाथा कयोकि ऊनो ने अर्जुन को वचन दिया था की वे अर्जुन को सर्व श्रेष्ठ धनुर्धारी बनायेगे
लेकिन वे ईसमे असफल रहे. ईसलीये उनो ने एकलव्य से दाईना हात का अगुंठा मागाथा उनहे ये लगा की एकलव्य अपने अगुंठे के बिना बान नही चला पायेग.
एकलव्य सबसे महान धनुर्धारी हे
( ऐ सवामी झुट फैला रहे हे की द्रोना चारये ने एकलव्य से अगुंठा नही मागाथा )
सच हे भाई
यह वक्ता हमेशा मन गड़ीत कहानिया सुनाते है । अगर गुरु ने यह क्यौ नहीं देखा की अश्वथामा नहीं मरा ।
Eklavya senapati ka beta tha
Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe 👵👵
Veer eklavya ki jai
Pranan guru ji aapaka katha daily sunte hai
Bilkul sahi tha 👍👍👍👍💕❤️
Jai Shri Krishan Ji
Jai Shri Radha Mata Rani Ji
🙏🌹💖🙏🌹💖🙏🌹💖🙏
मैं बचपन से ही महाभारत देखते वह सुनता आया हूं के आचार्य द्रोण ने एकलव्य से अंगूठा मांगा था आप जैसे महान संत भी महाभारत की ऐसी पवित्र कहानी को कुछ इस तरह पेश करोगे मालूम नहीं, राधे राधे
bekar jankari de raha hai
Bhai aapne sach kaha eklavya ka anguthha hi manta tha
कुछ ऐसी भी कहानियाँ जिन्हें अंग्रेज़ों ने धूमिल करके हमारे सामने ऐसे रखा जिससे हमे हमारे धार्मिक ग्रन्थों और कथाओं के प्रति घृणा उतपन्न हो और हम अंग्रेज़ों को महान मानते रहे
परंतु वह बहुत हद तक सफल भी हुए पर हमे हमारी आने वाली पीढ़ी को इस भृम में नहीं जीने देना है
🙏🙏🌹🌹जय श्री कृष्णा राधे राधे 🌹🌹🙏🙏
द्रोणाचार्य त्रिकाल दर्शी थे तो दुर्योधन की निती को क्यु नाही समझ पाये द्रोणचार्य, क्यु उसे शिक्षा दी?????????
Gajab.............
Wah...............
Nice
हा जी बिल्कुल आप वही थे उनके आश्रम में आप भी शिक्षा प्राप्त कर रहे थे
सही बात है भाई। यह भी कितनी सुन्दर और धर्म की बात है । जो स्वयं भी और स्वयं गुरू द्रोणाचार्य का पुत्र कौरवों की ओर से युद्ध लड़ रहे थे जो सभी को धर्म अधर्म की शिक्षा दे रहे थे और जिन गुरू द्रोण को त्रिकालदर्शी तक कह दिया गया है वो जो सभी को कौरवों की तरफ से लड़ने के लिए मना कर रहे थे वो सारे कुल सहित कौरवों की ओर से पाण्डवों के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहे थे। कैसा विचित्र विरोधाभास है।
🚩महान आमाला भगवान वीर एकलव्य राजा हे🚩💛💛💛💛💛💛🤴🤴🤴🤴🤴🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🌎🌎🌎🌎🌎🌎🌎
Ek dhurt dusare dhurt ko sahi bata raha hai
jai ho Veer aklviy🎉bheel बालक की
गुरु वाल्मिकी जी की मूर्ति बनाई थी एकलव्य जी ने। unsy shikshaparapt ki thi
निषाद एक क्षत्रिय जाति है🚩
Jai shree radhekrishna 🙏
Angutha माँगा है गुरुदक्षिणा
Hemu Kashyap
मैने पहली बार इतना विस्तार मे समझा है
नन्ं नमन पर्नाम गुरु जी🙏
गुरु जी आचार्य ने एकलव्य से अंगूठा ही मागा था ।ना की किसी वचन से दिया।
और गुरु जी पांडव की ममता नही करता था आचार्य ।
क्योंकि अभिमन्यु का वध में बी भागीदार थे आचार्य जी।
❤️🙏❤️ Radhe Radhe jay shree krishna 💐🙏💐
Bhagvan veer eklvaya
🏹🚩Jay eklavya 🚩🏹
Jay Shree Krishna garuji
Ye glt bol rha h
@@PoojaRani-zc9dj kon?
Jay shree Radhe Krishna bhagawan
Rade.radhe
Jai shree karishna radhe radhe guru ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Baba ji radhi radhi
द्रोणाचार्य पक्षपाती जाती वादी था अर्जुन जिताने के लिये सब किया डर था अर्जुन को हारा ना दे
Sabse bada dhanurdhar e Bhagwan Veer Eklavya tha usse koi dhanurdhari nai tha 🏹🏹🏹😂
🙏🌹Radhe Krishna Ji🌹🙏
Jay shriman narayan
🕉️Joy ram shree ram🕉️ joy joy ram
Gurudron ne eklavya se angutha hi liya tha
🙏🙏🙏
भगवान कि बङी कृपा है की उन्होने सत्संग का मार्ग दिखाया। 🙏🙏🙏
Jay vir Eklavya आपकी जय हो
Jay aadivasi
🙏🙏 radhe Krishna Radhe 🙏🙏 Jay Shree Krishna Radhe ghuruji aapko Mera pranam🙏🙏👏👏
Very nice
जय श्री राम
गुरुदेव जी ये क्यो नहीं बताया कि एकलव्य ने कौरव की ओर से युध्द क्यो लड़ेगा।
मेरा नाम रोहित है मैं 12 साल का हूं और अगर हम कभी नॉनवेज खाते हैं फिर कभी हमें ज्ञान होता है और भगवान की पूजा करते है तो हमें भगवान मिलेंगे प्लीज गुरु जी बताइए
Radhe Radhe radhe guru ji 🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏
Hre krisnh
Parm pujy Guru Dev ji ke shree charno me coti coti naman bandn 🙏 Coti coti dhany vad 🙏 ati sunder parsng 🙏 jay shree Ram 🙏 jay shree Radhe sheyam 🙏
Guruji aapki vaani mein Bhagwaan hai 🙏
परम पूजनीय श्री अनिरुद्धचार्य जी महाराज की जय हो
Right
Jai Shri Radhe Krishna ji ki jai
गलत जानकारी मत दीजिए महाराज। इतिहास को अपने अनुसार न प्रस्तुत कीजिए ।
एकलव्य ही महान है । गुरु द्रोणाचार्य कभी चाहते ही नही थे कोई आदिवासी और अर्जुन से बड़ा कोई धनुर्धर बने