औरहु राम रहस्य अनेका। कहहुं नाथ अति विमल विवेका।।विमल विवेक जल (मंदाकिनी कथा) में नहाकर राम भक्ति छाये हृदय से सच्चे राम सेवक (श्री राम किंकर जी)ही मेघ बनकर राम रहस्य ललित विधि नाना का बिना संगीत के कथा वाचक न हुआ,न है न होगा।। *भयउ न,अहहिं न,अब होनिहारा।।*महाराज जी के श्री चरणों में नमामि नमामि नमामि कोटि कोटि नमन महाराज श्री।*प्रभुदयाल रामायणी होशंगाबाद*
Ram katha भी अनन्त है,जिसे किसी को भी अपने सिर में बाँध कर रखना ना मुमकिन है,चाहे शंकर ही क्यों ना हों। वैसे भी इसे बहने देना चाहिये। ताकि दूसरे को भी लाभ हो।
अति सुन्दर। महाराज जी की जय हो। अति गुढ विषय को इतने सरल, सरस,सरल और रोचक बनाकर प्रस्तुत युग तुलसी के अलावा कौन कर सकता है। ये प्रवचन अपलोड करने के लिए आप का बहुत -बहुत धन्यवाद।
Can't thank you enough for uploading discourses by Yugtulsi Param Pujya Pt Shri Ram Kinkar ji Maharaj. 🙏 His discourses are becoming increasingly rare to come by and having heard from Panditji, it is not possible to appreciate others. Please continue your great service to Ramayan lovers 🙏
बडभागी हूं कि दिल्ली बिरला मंदिर में दो बार चैत्र नवरात्र में महाराजश्री के दर्शनों, प्रवचन का दुर्लभ अवसर मिला। मेरा अपना पक्का यक़ीन है कि यदि संत तुलसीदास जी महाराजजीके समयमे होते तो इनकी व्याख्या सुनकर अचंभितं होकर वो शायद यहीं कहते कि श्री रामचरित मानस रचते समय यह उनके मस्तिष्क में क्यों नहीं आया🙏
ऐसा नहीं हो सकता कि हनुमानजी की सहायता व शिवजी के हस्ताक्षर से युक्त मानस रचयिता के मन में यह सब नहीं आया... ग्रंथों का लेखन... सूत्रात्मक भाषा में होता है.... सूत्रों की व्याख्या महानुभाव अपने अपने भावानुसार करतें हैं... सभी शास्त्रों में यही पद्धति है।
मेरा एक सवाल है क्या सच में सोना का हिरण था ? जीसे राम ने मारा था ? और दूसरा सुग्रीव के पुछ था तो उनके पत्नी के पुछ क्यों नहीं था ? क्या सुग्रीव के यदि बच्ची होती तो क्या उसके पुछ होता या नही ? क्योकी सुग्रीव के पुत्र अंगद का तो पुछ था । कृपया बताए ।
रामायण को समझने के लिए कई जन्म लेने होंगे तब जान पाओगे भाई।नही तो मनुष्य होते हुए भी सब पशु के ही समान है बस पुछ नही है ।तुलसी दास जी ने स्वयं लिखा है जो भगवान राम का भजन नही करता वो पशु के समान है बस पुछ नही है।
हमारे धर्म ग्रंथों में वर्णित कथाओं में पात्रों का सांकेतिक अर्थ है।केवल कथा संसारिक, पारिवारिक, सामाजिक दृष्टिकोण रुप से सुनेंगे।तो आध्यात्मिक अर्थ समझ में नहीं आयेगा।और कथा को उत्कट अभिलाषा से बार बार सुनेंगे। तभी गुरु कृपा होगी।तब समझ आएगी।
परम पूज्य श्री सद्गुरु जी महाराज को कोटि कोटि नमन वंदन प्रणाम 🙏🙏🙏
Shree Ram Jay Ram Jai Jai Ram
आदरणीय रामकिंकर जी महाराज युग तुलसी और रामचरितमानस के चकोर हैं,उन्हे साक्षात सुनने का सौभाग्य आज भी सजीव लगता है.जय सियाराम
औरहु राम रहस्य अनेका। कहहुं नाथ अति विमल विवेका।।विमल विवेक जल (मंदाकिनी कथा) में नहाकर राम भक्ति छाये हृदय से सच्चे राम सेवक (श्री राम किंकर जी)ही मेघ बनकर राम रहस्य ललित विधि नाना का बिना संगीत के कथा वाचक न हुआ,न है न होगा।। *भयउ न,अहहिं न,अब होनिहारा।।*महाराज जी के श्री चरणों में नमामि नमामि नमामि कोटि कोटि नमन महाराज श्री।*प्रभुदयाल रामायणी होशंगाबाद*
श्री राम जय राम जय जय राम
श्री राम जय राम जय जय राम
Om Namo bhagwate Uma Maheshwar 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
shree ram das vikhyatmm parvati sneh bhajanam ! hanumat prmanandam vande tulasi jagadguroomm...!!
ॐ श्री गुरुसत्तायै नमः ... 💐💐💐
Jay Hanuman ji Maharaj pranam 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Jay siyaram 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
इस सत्संग में श्रीराम चरित मानस का अति गहन अर्थ । आपके चरणों में कोटि कोटि प्रणाम। श्रीराम
श्री राम जय राम जय जय राम👏👏
जै सियाराम जै श्रीकृष्ण
जय श्री राम जय जय राम
जय हो गुरूजी
वन्दे महापुरुष ते चरणारविन्दं
बहुत सुंदर कथा।नयी जानकारी मिली।
जनक सुता जग जननी जानकी अतिशय प्रिय करुणा निधान की
Maharaj ji ki Shri charanon mein dandvat pranam Ram Katha ki itni Sundar vyakhya Sankara dhany ho gai Maharaj ji ke charanon mein koti koti pranam
मेरे महाराज श्री जिनके कारण कुशल कुशल है जय सिया राम
जय जय श्री सीताराम 🙏
Ram katha भी अनन्त है,जिसे किसी को भी अपने सिर में बाँध कर रखना ना मुमकिन है,चाहे शंकर ही क्यों ना हों। वैसे भी इसे बहने देना चाहिये। ताकि दूसरे को भी लाभ हो।
Shree Ganeshay namah 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
राम राम 🙏🙏🙏❤❤❤
जय सिया राम
Jai shree ram 🙏🙏🙏💐💐💐
Adbhut Katha ka Anand aapko bahut bahut dhanywaad
Shri Ayodhya ji se aapko Sadar Jai Siyaram
Param pujya shri sadguru dev bhagwan ko Mera koti koti pranam 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
जय सियाराम
Dandvat Pranam 🙏🙏
Har har Mahadev Jai kinaram baba ki
Gurujij itna gud arth batane wala aap jaisa koi birla hi hoga aapko ko koti koti pranam 🙏🙏🙏
अद्भुत कथा वाचक,,,,, सुनने के अवसर बहुत कम मिले,,,,,जै सिया राम।।
बहुत सुन्दर विश्लेषण धन्यवाद
महाराज जी मन को पवित्र कर देने वाली कथा कहते हैं महाराज जी की जय हो 🙏🙏🙏🙏🙏 जय सियाराम
महाराज जी के मानस विश्लेषण का कोई जोड़ नहीं है। सादर सप्रेम जय सियाराम 🙏🌼🚩
😅😅😅
😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅
भाव विभोर कर दिया महाराज जी की रामकथा ने🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
गुरुवर के श्री चरणौं में कोटि कोटि नमन वंदन ,प्रणाम 🙏🙏👏👏
अति सुन्दर। महाराज जी की जय हो। अति गुढ विषय को इतने सरल, सरस,सरल और रोचक बनाकर प्रस्तुत युग तुलसी के अलावा कौन कर सकता है।
ये प्रवचन अपलोड करने के लिए आप का बहुत -बहुत धन्यवाद।
अदभुत कथा वाचक
यह तो बहुत बड़ी कृपा है राधे राधे गोविंद रावे।
धन्यवाद
कथा अपलोड करने के लिए हार्दिक धन्यवाद। जय गुरुदेव
Can't thank you enough for uploading discourses by Yugtulsi Param Pujya Pt Shri Ram Kinkar ji Maharaj. 🙏 His discourses are becoming increasingly rare to come by and having heard from Panditji, it is not possible to appreciate others. Please continue your great service to Ramayan lovers 🙏
ParmpuJy Shrike charno me bar bar Koti Kati Pranam. yahi sivan me hamko khub lab Prapt ho yahi Prarthna hai.
O
@@laxmanbhaikathiria7448 k
अकशशंशशं भी
@@laxmanbhaikathiria7448 ऊ
आप को साधुवाद एवं बहुत बहुत धन्यवाद
Inse badhiya pravachankaar na kabhi hua hai n hoga.
Ye swayam ....tulsi baba k awtaar the.
अद्भुत! विलक्षण प्रवचन , अतुलनीय प्रवचन सुनकर मन प्रसन्न हो जाता है ।
कथा भेजने के लिए आप को हार्दिक बधाई हो
बडभागी हूं कि दिल्ली बिरला मंदिर में दो बार चैत्र नवरात्र में महाराजश्री के दर्शनों, प्रवचन का दुर्लभ अवसर मिला। मेरा अपना पक्का यक़ीन है कि यदि संत तुलसीदास जी महाराजजीके समयमे होते तो इनकी व्याख्या सुनकर अचंभितं होकर वो शायद यहीं कहते कि श्री रामचरित मानस रचते समय यह उनके मस्तिष्क में क्यों नहीं आया🙏
ऐसा नहीं हो सकता कि हनुमानजी की सहायता व शिवजी के हस्ताक्षर से युक्त मानस रचयिता के मन में यह सब नहीं आया...
ग्रंथों का लेखन...
सूत्रात्मक भाषा में होता है....
सूत्रों की व्याख्या महानुभाव अपने अपने भावानुसार करतें हैं...
सभी शास्त्रों में यही पद्धति है।
मेरा अपना विचार है कि तुलसीदास जी ने इन्हीं भावों से मानस लिखी और स्वयं महाराज श्री के रूप में समझाने आ गये 🙏🙏
@@stiwari2783 🙏
इतनी सुन्दर और विस्तृत ब्याख्या मुश्किल से सुनने को मिलेगी।
Jai Shri Ram. Jai Hanummanji
Hari Prerit 1866
JaiShriRam
उमा कहवं मैं अनुभव अपना सत हरि भजन जगत सब सपना
Jay shree Ram
Jai shri ram
Jai siyaram.
विश्व मे एक मात्र मानस के दार्शनिक🙏🙏
महाराज जी की जय।
प्रणाम
आपको वृन्दावन में अखडानंद जी के आश्रम में सुनने का अवसर मिला दार्शनिक विवेचना की अद्भुत शैली ..
In पण्डित जी को mene 19987 में chhatarpur में सुना था.
1987 लिख रहा था.
जय श्री राम
Sri ram sri ram sri ram ji
परम पूज्य श्री सदगुरू देव भगवान श्री राम किंकर जी महाराज को मेरा कोटि कोटि प्रणाम
जय सियाराम।
Jai siya ram Maharaj ji
Great service to mankind
अद्भुत
🙏🙏. महाराज जी का व्याख्यान बहुत ज्ञानवर्धक है !
Dandvat
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Great discourse..Thanks
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
kasi se }>.....Umanath samarambham TULSI DASARYA madhymam ...! asmad achary paryantam vsnde guroo paramparam...!! ( kripal ji mishra "jeev" kripabindoo
धन्यवाद
Shree Ram Laxman Bharat shatrughan sahit sabhi mataon ko Mera koti koti pranam 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🐏♈
❤❤❤❤❤❤❤❤❤🥰🥰🥰🥰🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏
Yug tulsi
Thanks for uploading the videos. You have done a great service to Ramayana lovers. Can you please tell when was it recorded. My pranams.
1998
Bnde mhapursh te Chrnarvinand
Atulneea
Divya
Katha vishay pls
मेरा एक सवाल है क्या सच में सोना का हिरण था ? जीसे राम ने मारा था ? और दूसरा सुग्रीव के पुछ था तो उनके पत्नी के पुछ क्यों नहीं था ? क्या सुग्रीव के यदि बच्ची होती तो क्या उसके पुछ होता या नही ? क्योकी सुग्रीव के पुत्र अंगद का तो पुछ था । कृपया बताए ।
रामायण को समझने के लिए कई जन्म लेने होंगे तब जान पाओगे भाई।नही तो मनुष्य होते हुए भी सब पशु के ही समान है बस पुछ नही है ।तुलसी दास जी ने स्वयं लिखा है जो भगवान राम का भजन नही करता वो पशु के समान है बस पुछ नही है।
हमारे धर्म ग्रंथों में वर्णित कथाओं में पात्रों का सांकेतिक अर्थ है।केवल कथा संसारिक, पारिवारिक, सामाजिक दृष्टिकोण रुप से सुनेंगे।तो आध्यात्मिक अर्थ समझ में नहीं आयेगा।और कथा को उत्कट अभिलाषा से बार बार सुनेंगे। तभी गुरु कृपा होगी।तब समझ आएगी।
Jay siyaram