जय जोहार,जय आदिवासी । जब सृष्टि की रचना हुई। और आदि अनादि काल से सबसे पहले मानव ने आकार- विकार में कोई परिवर्तन नहीं किया,तब हम आदिवासी अपनी संस्कृति, रीति-रिवाज में कोई परिवर्तन नहीं कर पाए।तब हमारी संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखी। हमारी संस्कृति और सभ्यता आर्यों से भी हजारों वर्ष पूर्व की है। मानव तनधारी देवी-देवताओं से भी पूर्व की हमारी संस्कृति और सभ्यता है। इस परम्परा को बनायें रखा हम सब आदिवासी भाई / बहिनों का दायित्व। एक फिर से जय बोलेंगे जोहार जय,जय आदिवासी
जय जोहार,जय आदिवासी ।
जब सृष्टि की रचना हुई। और आदि अनादि काल से सबसे पहले मानव ने आकार- विकार में कोई परिवर्तन नहीं किया,तब हम आदिवासी अपनी संस्कृति, रीति-रिवाज में कोई परिवर्तन नहीं कर पाए।तब हमारी संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखी। हमारी संस्कृति और सभ्यता आर्यों से भी हजारों वर्ष पूर्व की है। मानव तनधारी देवी-देवताओं से भी पूर्व की हमारी संस्कृति और सभ्यता है।
इस परम्परा को बनायें रखा हम सब आदिवासी भाई / बहिनों का दायित्व।
एक फिर से जय बोलेंगे जोहार जय,जय आदिवासी
जोहार
Super
Jay johar jay aadivasi 🏹
जय जोहार जय आदिवासी
जय जोहार
दिनेश डावर गायक कलाकार बंदा
Kahaka he ye gayan Bhai
Jampati sendhwa
श