han bhai sab aajakal shiv bade hai ya vishnu bade hai ese lad rhe hai , arehh ye sab ek hai abb jinko jinki or akarsith ho rhe hai unka bhajan karte hai unka bhakti karte hai bas , abb isko leke ladd rhe hai ki mere bhagwan bade hai sabse , kya kare abb duniya ese ban gyi hai
@@subhasispadhy26 सभी पुराणों में सभी को श्रेष्ठ और प्रथम बताया है, शिव पुराण में शिव ,विष्णु पुराण में विष्णु दोनों को प्रथम माना गया है, पर ब्रम्हा की उत्पत्ति बाद में हुई है ये तो पक्का है क्योंकि दोनों पुराणों के हिसाब से ब्रम्हा की उत्पत्ति बाद में हुई है, पर जब मैंने देवी भागवत महापुराण को पढ़ा तो मुझे लगा कि बास्तव में पराशक्ति ही ब्रम्ह है इसे साबित करने के लिए मेरे पास कुछ तर्क है जैसे शक्ति के बिना किसी भी का कार्य कर पाना संभव नहीं है और सृष्टि रचना की बात करें तो विज्ञान के हिसाब से बिग बैंग यानी कि विस्फोर्ट से हुआ है , अब विस्फोर्ट तभी संभव है जब ऊर्जा हो शक्ति हो मतलब ये तो पक्का है कि इस पुराण में जो सृस्टि रचना बतायी गई है वो विज्ञान से मेल खाता है दूसरी बात विष्णु पुराण और शिव पुराण दोनों में आदि शक्ति की उत्पत्ति नहीं बतायी गई है हालांकि सती और पार्वती का उल्लेख है पर वो पराशक्ति के रूप है सभी देवियां लक्ष्मी सरस्वती पराशक्ति के रूप है , दूसरी बात काली माता से ज्यादा शक्ति किसी के पास नहीं है आपने पुराणों या सीरियल में देखा होगा स्वयं शिव भी काली के समक्ष कुछ नहीं कर पाते अब अगर सभी तर्कों से देखा जाए तो पराशक्ति जो कि कभी काली कभी दुर्गा कभी और किसी देवी के रूप में है उन्हीं का नाम पहले आता है जैसे सीताराम राधा कृष्ण लक्ष्मी नारायण कुछ समझ आया माता दयालु भी है और शक्तिशाली भी पर कभी भी शक्ति प्रदर्शन नहीं किये
Bhagwan Sakar bhi hai aur niraakaar bhi hai lekin jo Shiv aur Vishnu Mein Bhed karta hai vah kabhi bhi Bhagwan ka Bhakt Ho hi Nahin Sakta Agar Lok Shankaracharya se bade ho chuke hain vedvyas se bade ho chuke hain Tulsidas se bade ho chuke hain to Fir Kuchh Chamatkar Karke Kyon nahin dikhate hain
@GaurangaDasp chori karna, mitthya prachaaar karna, islamic agenda se divide and rule ki policy tum disckonwalon ki hai, akhir paad ka follower jo there, har jayga me paadte firte ho aur badbu failate ho 🤣🤣🤣
श्री मद् देवी भागवत महापुराण के कथा के अनुसार श्री माता आदि पराशक्ति ही परमब्रह्म है। श्री माता आदि पराशक्ति के ही हिरण्य गर्भ से ब्रह्मा विष्णु महेश इत्यादि सारे देवी देवता पशु पक्षी मानव और इस सृष्टि की उत्पत्ति हुई है। श्री माता आदि पराशक्ति ने सृष्टि में लीला करने के लिए भिन्न-भिन्न रुप में प्रगट हुई है। जैसे दस महाविद्या,नव दुर्गा,चैंसठ योगनी महालक्ष्मी,महासरस्वती,महाकाली,सती, पार्वती, दुर्गा, काली ,लक्ष्मी ,सरस्वती अन्नपूर्णा देवी ,वन देवी ,चामुंडा देवी,शीतला माता, राधा रानी,सीता, माया,महामाया योगमाया, ना जाने कितने रूप है माता रानी को। श्री माता आदि पराशक्ति के इच्छा से कोई लीला नहीं होती है। सृष्टि में। श्री माता आदि पराशक्ति ही परमब्रह्म है।
श्रीमद्भागवतम् (10.14.19) अजन्तां त्वत्पद्वीमनात्म- न्यात्मात्मना भासि वित्त्य मायाम् । सृष्टाविवाहं जगतो विधान इव त्वमेषोऽन्त इव त्रिनेत्र: ॥ १९॥ हिंदी अनुवाद: हे भगवान कृष्ण, जो लोग आपकी अकल्पनीय शक्ति से अनभिज्ञ हैं, वे यह नहीं समझ सकते कि आप ही स्वयं को सृष्टिकर्ता ब्रह्मा, पालनकर्ता विष्णु और संहारकर्ता शिव के रूप में विस्तारित करते हैं। जो लोग चीज़ों के बारे में जागरूक नहीं हैं, वे यह सोचते हैं कि मैं ब्रह्मा ही सृष्टिकर्ता हूँ, विष्णु पालनकर्ता हैं और भगवान शिव संहारकर्ता हैं। वास्तव में, आप ही सब कुछ हैं: सृष्टिकर्ता, पालनकर्ता और संहारकर्ता।
Ye baat Krishn ko nahi balki unke andar samaaye Parabrahm ko kahi gayi, aur wahi parabrahm Shiv bhi hain, Brahma bhi aur Maa Durga bhi. Geeta mein bhi Krishna ne nahi balki swayam parabrahm ne apne ko ishwar kaha jo ki Krishna ke avtar mein the. Ye baat agyaaniyo ko samajh nahi aati.😅
ब्रह्म वैवर्त पुराण ब्रह्मखण्ड : अध्याय 3 सौति कहते हैं - शौनक जी! तत्पश्चात् परमात्मा श्रीकृष्ण के वामपार्श्व से भगवान शिव प्रकट हुए। उनकी अंग कान्ति शुद्ध स्फटिक मणि के समान निर्मल एवं उज्ज्वल थी। उनके पाँच मुख थे और दिशाएँ ही उनके लिये वस्त्र थीं। उन्होंने मस्तक पर तपाये हुए सुवर्ण के समान पीले रंग की जटाओं का भार धारण कर रखा था। उनका मुख मन्द-मन्द मुस्कान से प्रसन्न दिखायी देता था। उनके प्रत्येक मस्तक में तीन-तीन नेत्र थे। उनके सिर पर चन्द्राकार मुकुट शोभा पाता था। परमेश्वर शिव ने हाथों में त्रिशूल, पट्टिश और जपमाला ले रखी थी। वे सिद्ध तो हैं ही, सम्पूर्ण सिद्धों के ईश्वर भी हैं। योगियों के गुरु के भी गुरु हैं। मृत्यु की भी मृत्यु हैं, मृत्यु के ईश्वर हैं, मृत्यु स्वरूप हैं और मृत्यु पर विजय पाने वाले मृत्युंजय हैं। वे ज्ञानानन्दरूप, महाज्ञानी, महान ज्ञानदाता तथा सबसे श्रेष्ठ हैं। पूर्ण चन्द्रमा की प्रभा से धुले हुए-से गौरवर्ण शिव का दर्शन सुखपूर्वक होता है। उनकी आकृति मन को मोह लेती है। ब्रह्मतेज से जाज्वल्यमान भगवान शिव वैष्णवों के शिरोमणि हैं। प्रकट होने के पश्चात् श्रीकृष्ण के सामने खड़े हो भगवान शिव ने भी हाथ जोड़कर उनका स्तवन किया। उस समय उनके सम्पूर्ण अंगों में रोमांच हो आया था। नेत्रों से अश्रु झर रहे थे और उनकी वाणी अत्यन्त गद्गद हो रही थी। महादेव जी बोले- जो जय के मूर्तिमान रूप, जय देने वाले, जय देने में समर्थ, जय की प्राप्ति के कारण तथा विजयदाताओं में सर्वश्रेष्ठ हैं, उन अपराजित देवता भगवान श्रीकृष्ण की मैं वन्दना करता हूँ। सम्पूर्ण विश्व जिनका रूप है, जो विश्व के ईश्वरों के भी ईश्वर हैं, विश्वेश्वर, विश्वकारण, विश्वाधार, विश्व के विश्वासभाजन तथा विश्व के कारणों के भी कारण हैं, उन भगवान श्रीकृष्ण की मैं वन्दना करता हूँ। जो जगत की रक्षा के कारण, जगत के संहारक तथा जगत की सृष्टि करने वाले परमेश्वर हैं; फल के बीज, फल के आधार, फलरूप और फलदाता हैं; उन भगवान श्रीकृष्ण को मैं प्रणाम करता हूँ। जो तेजःस्वरूप, तेज के दाता और सम्पूर्ण तेजस्वियों में श्रेष्ठ हैं, उन भगवान गोविन्द की मैं वन्दना करता हूँ।[1] ऐसा कहकर महादेव जी ने भगवान श्रीकृष्ण को मस्तक झुकाया और उनकी आज्ञा से श्रेष्ठ रत्नमय सिंहासन पर नारायण के साथ वार्तालाप करते हुए बैठ गये। जो मनुष्य भगवान शिव द्वारा किये गये इस स्तोत्र का संयतचित्त होकर पाठ करता है, उसे सम्पूर्ण सिद्धियाँ मिल जाती हैं और पग-पग पर विजय प्राप्त होती है। उसके मित्र, धन और ऐश्वर्य की सदा वृद्धि होती है तथा शत्रु समूह, दुःख और पाप नष्ट हो जाते हैं।
Shiv puran bataya gaya hai ki shiv parabrahm hai or Bramha Vishnu in se pragat hote hai or Vishnu Puran me ye bataya hai ki Vishnu se shiv or bramha pragat hu ye or devi puran devi se bataya lekin ye teeno kisse pragat hu ye hai ye ब्रह्म वैवर्त पुराण gaya hai ye bhi to socho ki ram ji ko kyu mahan nahi bataya gaya hai Krishn ko hi kyu bataya gaya hai Ye video 3-4 min takk dhekna sab pata chal jayega th-cam.com/users/clipUgkxv3ECDHS97eQtPnm6_WFat-rWDFNRYjF6?si=ienZQuhEDBESk25l
शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव 🙏❤️🌹
हे महाराज जी छोटा मुंह बड़ी बात , गीता जी मे लिखा है संकल्पों का त्याग किए बिना सत्य का अनुभव असंभव है , मीरा का रास्ता संकल्प का लगता है और राधा का रास्ता प्रेम का संकल्प विहीन । वास्तविकता के साथ जीने का है । आपका जो भाव मूर्ति के लिए है वो इंसान के लिए नहीं नजर आता । मूर्ति को समझते से लगते हो और वास्तविक इंसान को समझाते से लगते हो ।
Jai shree Radhe Krishna Jai shree Radhe Krishna Jai shree Radhe Krishna Jai shree Radhe Krishna Jai shree Radhe Krishna Jai ho Brindavan Jai ho gurudev Jai shree Hit Harivansh ji ❤❤❤❤
हां हम आपस में लड़ते हैं आजकल हिंदू भी मुस्लिम जैसे कहने लगे हैं कि हम कट्टर हिंदू हैं और हमारे ईश्वर ही सबकुछ हैं हम उनसे बोलते हैं गुरुदेव को सुनकर भी आप लोग अहंकार नहीं छोड़ पा रहे हैं कि ईश्वर एक हैं अपने यंहा के देवी देवता हो या मुस्लिम का अल्लाह या ईसाई का जीजस सब एक हैं मुस्लिम जैसे हिंदू अहंकार और धर्म के नाम पर अधर्म पर चलने लगे हैं नफ़रत का माहौल हैं अब रिश्तेदारों से भी बात करने का मन नहीं करता लगता हैं अब ये धरती रहने लायक नहीं हैं
@@positivethinking_369 accha wo whin h hnnn jisne 6saal ki bcchi se shadi ki...fir 8saal me us bcchi ki ruksati krke le aaye....jis Quraan me khaa jata h ki maans khana chahiye....allah hi sb kuch h baaki Qafir h...tum jese secular k wjh se na ye desh muglo ka gulaam hua...tum jese gaddar ese h jaychand or maansingh jese jo apne dharam ka sath na dekr dusro k tatte chatte firte ho...
Logo ka jalyan ho yese marg mai le jane ke lite dhanyawad guru ji aap ko barambar pranam hai guru ji radhe radhe aap mile hame jine ka yarika mila radhe radhe❤
भगवान एक है उसका नाम परमपिता परमात्मा शिव निराकार है ज्योति बिन्दु स्वरूप है सत्यम शिवम् सुंदरम है अभी वह स्वयं धरती पर आया है इस भषटाचारी दुनिया को खत्म कर नयी श्रेष्ठाचारी दुनिया बनाने आया है भगवान शिव निराकार राजस्थान में आया है
@@mj5kingsunited-ub7beShiv Paramatma h Unkko Svaymbhu Bhi Khttea hn Jinnka Na Janam Huaa h Na Mrityu Or Naadi or Anant H Har Har Mahadev Jai Shree Ram 💗 🙏
@@mj5kingsunited-ub7be Mnee Jityne Bhi Puran Granth Or Mantr Padhe hn Unnme Shiv Ji Ko Svaymbhu or Moksh ka Devta khaa h Koii Nahi Average ISCKONist ho Tumm 😏😏🥱🥱
@@tj707 waah hum vishnu ji ko supreme bataye toh hum iscon hogaye😂😂..aur tum shiv ko supreme bata rahe ho toh tum kya pakhandi shaiv ho😂😂hum puran granth sab padhe sabhi mai vishnu ji ko supreme batata hai..jaada puran vishnu ji k naam pe hai not shiv..shiv is like servant of vishnu jaise ki hanuman ji daas of lord shri ram
Sadashiv vishnu roop main or maa Adishakti Laxmi Radha roop main vidhman hai.Maheshvar sabhi roopo mein anek hote hue bhi ek paramtatv hai...vah jyoti Swaroop lingswaroop Shakti ko utpann karne bala.Shaktipati Maheshwar Mahadev hai.. Sadashiv Paramatma parambrahma Jyoti Swaroop hai or maa Adishakti Maheshwari Ambe Jagatjanani hai...🕉️ Namah Shivay 🙏🌷🌹🌹❤️🙏🙏
ब्रह्म वैवर्त पुराण ब्रह्मखण्ड : अध्याय 3 सौति कहते हैं - शौनक जी! तत्पश्चात् परमात्मा श्रीकृष्ण के वामपार्श्व से भगवान शिव प्रकट हुए। उनकी अंग कान्ति शुद्ध स्फटिक मणि के समान निर्मल एवं उज्ज्वल थी। उनके पाँच मुख थे और दिशाएँ ही उनके लिये वस्त्र थीं। उन्होंने मस्तक पर तपाये हुए सुवर्ण के समान पीले रंग की जटाओं का भार धारण कर रखा था। उनका मुख मन्द-मन्द मुस्कान से प्रसन्न दिखायी देता था। उनके प्रत्येक मस्तक में तीन-तीन नेत्र थे। उनके सिर पर चन्द्राकार मुकुट शोभा पाता था। परमेश्वर शिव ने हाथों में त्रिशूल, पट्टिश और जपमाला ले रखी थी। वे सिद्ध तो हैं ही, सम्पूर्ण सिद्धों के ईश्वर भी हैं। योगियों के गुरु के भी गुरु हैं। मृत्यु की भी मृत्यु हैं, मृत्यु के ईश्वर हैं, मृत्यु स्वरूप हैं और मृत्यु पर विजय पाने वाले मृत्युंजय हैं। वे ज्ञानानन्दरूप, महाज्ञानी, महान ज्ञानदाता तथा सबसे श्रेष्ठ हैं। पूर्ण चन्द्रमा की प्रभा से धुले हुए-से गौरवर्ण शिव का दर्शन सुखपूर्वक होता है। उनकी आकृति मन को मोह लेती है। ब्रह्मतेज से जाज्वल्यमान भगवान शिव वैष्णवों के शिरोमणि हैं। प्रकट होने के पश्चात् श्रीकृष्ण के सामने खड़े हो भगवान शिव ने भी हाथ जोड़कर उनका स्तवन किया। उस समय उनके सम्पूर्ण अंगों में रोमांच हो आया था। नेत्रों से अश्रु झर रहे थे और उनकी वाणी अत्यन्त गद्गद हो रही थी। महादेव जी बोले- जो जय के मूर्तिमान रूप, जय देने वाले, जय देने में समर्थ, जय की प्राप्ति के कारण तथा विजयदाताओं में सर्वश्रेष्ठ हैं, उन अपराजित देवता भगवान श्रीकृष्ण की मैं वन्दना करता हूँ। सम्पूर्ण विश्व जिनका रूप है, जो विश्व के ईश्वरों के भी ईश्वर हैं, विश्वेश्वर, विश्वकारण, विश्वाधार, विश्व के विश्वासभाजन तथा विश्व के कारणों के भी कारण हैं, उन भगवान श्रीकृष्ण की मैं वन्दना करता हूँ। जो जगत की रक्षा के कारण, जगत के संहारक तथा जगत की सृष्टि करने वाले परमेश्वर हैं; फल के बीज, फल के आधार, फलरूप और फलदाता हैं; उन भगवान श्रीकृष्ण को मैं प्रणाम करता हूँ। जो तेजःस्वरूप, तेज के दाता और सम्पूर्ण तेजस्वियों में श्रेष्ठ हैं, उन भगवान गोविन्द की मैं वन्दना करता हूँ।[1] ऐसा कहकर महादेव जी ने भगवान श्रीकृष्ण को मस्तक झुकाया और उनकी आज्ञा से श्रेष्ठ रत्नमय सिंहासन पर नारायण के साथ वार्तालाप करते हुए बैठ गये। जो मनुष्य भगवान शिव द्वारा किये गये इस स्तोत्र का संयतचित्त होकर पाठ करता है, उसे सम्पूर्ण सिद्धियाँ मिल जाती हैं और पग-पग पर विजय प्राप्त होती है। उसके मित्र, धन और ऐश्वर्य की सदा वृद्धि होती है तथा शत्रु समूह, दुःख और पाप नष्ट हो जाते हैं।
ॐ नमः शिवाय
शिव शिव शिव
Har Har Mahadev 🙏🙏
ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव 😌🕉️💕 जय श्री लक्ष्मी नारायण 💝🦚
बिल्कुल सही, अगर पूरी दुनिया ये समझ जाती तो आपस में बैर खत्म हो जाता है
han bhai sab aajakal shiv bade hai ya vishnu bade hai ese lad rhe hai , arehh ye sab ek hai abb jinko jinki or akarsith ho rhe hai unka bhajan karte hai unka bhakti karte hai bas , abb isko leke ladd rhe hai ki mere bhagwan bade hai sabse , kya kare abb duniya ese ban gyi hai
@@subhasispadhy26 सभी पुराणों में सभी को श्रेष्ठ और प्रथम बताया है, शिव पुराण में शिव ,विष्णु पुराण में विष्णु दोनों को प्रथम माना गया है, पर ब्रम्हा की उत्पत्ति बाद में हुई है ये तो पक्का है क्योंकि दोनों पुराणों के हिसाब से ब्रम्हा की उत्पत्ति बाद में हुई है, पर जब मैंने देवी भागवत महापुराण को पढ़ा तो मुझे लगा कि बास्तव में पराशक्ति ही ब्रम्ह है इसे साबित करने के लिए मेरे पास कुछ तर्क है जैसे शक्ति के बिना किसी भी का कार्य कर पाना संभव नहीं है और सृष्टि रचना की बात करें तो विज्ञान के हिसाब से बिग बैंग यानी कि विस्फोर्ट से हुआ है , अब विस्फोर्ट तभी संभव है जब ऊर्जा हो शक्ति हो मतलब ये तो पक्का है कि इस पुराण में जो सृस्टि रचना बतायी गई है वो विज्ञान से मेल खाता है दूसरी बात विष्णु पुराण और शिव पुराण दोनों में आदि शक्ति की उत्पत्ति नहीं बतायी गई है हालांकि सती और पार्वती का उल्लेख है पर वो पराशक्ति के रूप है सभी देवियां लक्ष्मी सरस्वती पराशक्ति के रूप है , दूसरी बात काली माता से ज्यादा शक्ति किसी के पास नहीं है आपने पुराणों या सीरियल में देखा होगा स्वयं शिव भी काली के समक्ष कुछ नहीं कर पाते अब अगर सभी तर्कों से देखा जाए तो पराशक्ति जो कि कभी काली कभी दुर्गा कभी और किसी देवी के रूप में है उन्हीं का नाम पहले आता है जैसे सीताराम राधा कृष्ण लक्ष्मी नारायण
कुछ समझ आया माता दयालु भी है और शक्तिशाली भी पर कभी भी शक्ति प्रदर्शन नहीं किये
Radhe Radhe Har Har mahadev Jay Mata Di Jay Bharav Bhaiya Jay Mahakal Jay Nandhi Dev Jay Gau Mate ♥️🥰🥰🇨🇮🚩❤️❤️
Pae bhai Mahabharat mai 14 adhyay mai aisa kyo likha hai ki krishna ji parmeshwar shiv ke putra hai
@@Misterr_NoboddyTo fhir shree Krishn ka Virat roop ke baare me dhekke aa sab pata chal jayega kon bhagwan
🙌🏻🙌🏻🙌🏻💐🌹श्री राधे राधे🌷💐🙌🏻🙌🏻🙌🏻
भगवान एक है निराकार ज्योति बिंदु शिवा शिव ही सत्य है सत्य ही शिव है
Nhi bhagwan sakar bhi hai .
Bhagwan Sakar bhi hai aur niraakaar bhi hai lekin jo Shiv aur Vishnu Mein Bhed karta hai vah kabhi bhi Bhagwan ka Bhakt Ho hi Nahin Sakta Agar Lok Shankaracharya se bade ho chuke hain vedvyas se bade ho chuke hain Tulsidas se bade ho chuke hain to Fir Kuchh Chamatkar Karke Kyon nahin dikhate hain
@@rekhadhuliya2361 shabash. Aap hai gyaani
जब ज्योति बिंदु है तो निराकार कैसे? बिंदु है तो साकार हो गया निराकार नहीं
Ye bks ka jhoota gyan hai
राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा ❤❤❤
ईश्वर परमं शिव सच्चिदानंद विग्रह
अनादिरादि महादेव सर्वकारणकारणम्
Paramtma Parameswar Parambramh Sacchidananda Mahadev ki jay
Bramha samhita se churaye ho 😂😂
Hare Krishna
@@GaurNitai143 chori karna to tum jaiso ka fitrat hai, chor ko hi poojte ho 🤣🤣🤣🤣
@GaurangaDasp chori karna, mitthya prachaaar karna, islamic agenda se divide and rule ki policy tum disckonwalon ki hai, akhir paad ka follower jo there, har jayga me paadte firte ho aur badbu failate ho 🤣🤣🤣
😂@@GaurNitai143
Wah 😂😂❤❤❤❤❤
शिव शंकर आशुतोष शंभु अविनाशी
Jai shri ram🙏🙏❤❤❤❤
Bilkul satya kaha maharaj aapne sab eka hi he
अथर्वशिखोपनिषत्
शिव एको
ध्येयः शिवंकरः सर्वमन्यत्परित्यज्य समस्ताथर्वशिखैतामधीत्य
द्विजो गर्भवासाद्विमुक्तो विमुच्यत एतामधीत्य द्विजो गर्भवासाद्विमुक्तो
अथर्वशिरोपनिषत्
एको ह देवः प्रदिशो नु सर्वाः पूर्वो ह जातः स उ गर्भे अन्तः ।
स एव जातः जनिष्यमाणः प्रत्यङ्जनास्तिष्ठति सर्वतोमुखः ।
एको रुद्रो न द्वितीयाय तस्मै य इमांल्लोकानीशत ईशनीभिः ।
शरभोपनिषत्
शिव एव सदा ध्येयः सर्वसंसारमोचकः ।
तस्मै महाग्रासाय महेश्वराय नमः ॥ ३१॥
श्री राधाकृष्ण राधा राधा 🎉
Most wonderful analysis of Parambrahm.
जय श्री राम ❤❤❤❤❤❤❤
श्री मद् देवी भागवत महापुराण के कथा के अनुसार श्री माता आदि पराशक्ति ही परमब्रह्म है।
श्री माता आदि पराशक्ति के ही हिरण्य गर्भ से ब्रह्मा विष्णु महेश इत्यादि सारे देवी देवता पशु पक्षी मानव और इस सृष्टि की उत्पत्ति हुई है।
श्री माता आदि पराशक्ति ने सृष्टि में लीला करने के लिए भिन्न-भिन्न रुप में प्रगट हुई है।
जैसे दस महाविद्या,नव दुर्गा,चैंसठ योगनी महालक्ष्मी,महासरस्वती,महाकाली,सती, पार्वती, दुर्गा, काली ,लक्ष्मी ,सरस्वती अन्नपूर्णा देवी ,वन देवी ,चामुंडा देवी,शीतला माता, राधा रानी,सीता, माया,महामाया योगमाया, ना जाने कितने रूप है माता रानी को।
श्री माता आदि पराशक्ति के इच्छा से कोई लीला नहीं होती है। सृष्टि में।
श्री माता आदि पराशक्ति ही परमब्रह्म है।
भाई आपका विचार मुझे पंसद है। 🚩🚩🚩
इस देवी भागवत में देवी कहती हैं मैं सर्वशक्तिमान हूं परंतू मैं स्वतंत्र नहीं हूं मैं श्रीकृष्ण परमात्मा के आधीन हू।
🙏ਰਾਮ ਬੋਲੇ ਰਾਮਾ ਬੋਲੇ ਰਾਮ ਬੋਲਦਾ ਸਾਰੀਆਂ ਘਟਾਂ ਦੇ ਵਿੱਚ ਰਾਮ ਬੋਲਦਾ>🙏ੴ ਧੰਨ ਧੰਨ ਸ੍ਰੀ ਮਾਨ 111 ਸੰਤ ਬਾਬਾ ਬਲਵੰਤ ਸਿੰਘ ਜੀ ਸਿੱਧਸਰ ਸਿਹੌੜਾ ਸਾਹਿਬ ਵਾਲੇ ਸਰਬ ਧਰਮ ਪੀਠ ਅਤੇ ਸੰਤ ਖਾਲਸਾ ਦਲ ਦੇ ਬਾਨੀ
ਜੇਤਾ ਕੀਤਾ ਤੇਤਾ ਨਾਉ ।। ਵਿਣੁ ਨਾਵੈ ਨਾਹੀ ਕੋ ਥਾਉ।।(ਇਹੁ ਵਿਸੁ ਸੰਸਾਰ ਤੁਮ ਦੇਖਦੇ, ਇਹੁ ਹਰਿ ਕਾ ਰੂਪੁ ਹੈ, ਹਰ ਰੂਪਿ ਨਦਰੀ ਆਇਆ।।) ਘਟ ਘਟ ਮੈ ਹਰਿ ਜੂ ਬਸੈ, ਸੰਤਨ ਕਹਿਓ ਪੁਕਾਰਿ।। ਕਹੁ ਨਾਨਕ ਤਿਹ ਭਜੁ ਮਨਾ ਭਉ ਨਿਧਿ ਉਤਰਹਿ ਪਾਰ।।
ਗੁਰਦੇਵ ਕੋ ਕੋਟਿ ਕੋਟਿ ਨਮਨ, ਯਹ ਸਾਰੇ ਪ੍ਰਮਾਣ ਜੋ ਮਹਾਂਪੁਰਸ਼ੋਂ ਨੇ ਵੀਡੀਓ ਮੇਂ ਬਤਾਏ ਹੈ ਇਹ ਧੰਨ ਧੰਨ ਸ੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਵਿੱਚ ਦਰਜ ਹਨ।
भगवती देवी और शिव का विस्तार ही सम्पूर्ण संसार है । इनके अतरिक्त कुछ भी नही है । देवी को वेद ब्रह्म स्वरूपिणी कहते है।
❤❤(श्रीरामचरितमानस जी)❤❤
1.व्यापक ब्रह्म निरंजन निर्गुण विगत विनोद,
सो अज प्रेम भगति वश कौशल्या के गोद।।
2.राम ब्रह्म परमारथ रूपा, अविगत अलख अनादि अनूपा।।
3.राम ब्रह्म चिन्मय अविनाशी,
चेतन अमल सहज सुख राशि।।
4.राम ब्रह्म व्यापक जग जाना,
परमानंद परेस पुराना।।
5.सबकर परम प्रकाशक जोई,
राम अनादि अवध पति सोई।।
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
निराकार और साकार केवल राम परम ब्रमः है
हां भाई ❤❤❤
Har har Mahadev ji bhole bhandari Jay ho Mahadev tirkal nath
श्रीमद्भागवतम् (10.14.19)
अजन्तां त्वत्पद्वीमनात्म-
न्यात्मात्मना भासि वित्त्य मायाम् ।
सृष्टाविवाहं जगतो विधान
इव त्वमेषोऽन्त इव त्रिनेत्र: ॥ १९॥
हिंदी अनुवाद:
हे भगवान कृष्ण, जो लोग आपकी अकल्पनीय शक्ति से अनभिज्ञ हैं, वे यह नहीं समझ सकते कि आप ही स्वयं को सृष्टिकर्ता ब्रह्मा, पालनकर्ता विष्णु और संहारकर्ता शिव के रूप में विस्तारित करते हैं। जो लोग चीज़ों के बारे में जागरूक नहीं हैं, वे यह सोचते हैं कि मैं ब्रह्मा ही सृष्टिकर्ता हूँ, विष्णु पालनकर्ता हैं और भगवान शिव संहारकर्ता हैं। वास्तव में, आप ही सब कुछ हैं: सृष्टिकर्ता, पालनकर्ता और संहारकर्ता।
Ye baat Krishn ko nahi balki unke andar samaaye Parabrahm ko kahi gayi, aur wahi parabrahm Shiv bhi hain, Brahma bhi aur Maa Durga bhi.
Geeta mein bhi Krishna ne nahi balki swayam parabrahm ne apne ko ishwar kaha jo ki Krishna ke avtar mein the. Ye baat agyaaniyo ko samajh nahi aati.😅
ब्रह्म वैवर्त पुराण
ब्रह्मखण्ड : अध्याय 3
सौति कहते हैं - शौनक जी! तत्पश्चात् परमात्मा श्रीकृष्ण के वामपार्श्व से भगवान शिव प्रकट हुए। उनकी अंग कान्ति शुद्ध स्फटिक मणि के समान निर्मल एवं उज्ज्वल थी। उनके पाँच मुख थे और दिशाएँ ही उनके लिये वस्त्र थीं। उन्होंने मस्तक पर तपाये हुए सुवर्ण के समान पीले रंग की जटाओं का भार धारण कर रखा था। उनका मुख मन्द-मन्द मुस्कान से प्रसन्न दिखायी देता था। उनके प्रत्येक मस्तक में तीन-तीन नेत्र थे। उनके सिर पर चन्द्राकार मुकुट शोभा पाता था। परमेश्वर शिव ने हाथों में त्रिशूल, पट्टिश और जपमाला ले रखी थी। वे सिद्ध तो हैं ही, सम्पूर्ण सिद्धों के ईश्वर भी हैं। योगियों के गुरु के भी गुरु हैं। मृत्यु की भी मृत्यु हैं, मृत्यु के ईश्वर हैं, मृत्यु स्वरूप हैं और मृत्यु पर विजय पाने वाले मृत्युंजय हैं। वे ज्ञानानन्दरूप, महाज्ञानी, महान ज्ञानदाता तथा सबसे श्रेष्ठ हैं। पूर्ण चन्द्रमा की प्रभा से धुले हुए-से गौरवर्ण शिव का दर्शन सुखपूर्वक होता है। उनकी आकृति मन को मोह लेती है। ब्रह्मतेज से जाज्वल्यमान भगवान शिव वैष्णवों के शिरोमणि हैं। प्रकट होने के पश्चात् श्रीकृष्ण के सामने खड़े हो भगवान शिव ने भी हाथ जोड़कर उनका स्तवन किया। उस समय उनके सम्पूर्ण अंगों में रोमांच हो आया था। नेत्रों से अश्रु झर रहे थे और उनकी वाणी अत्यन्त गद्गद हो रही थी।
महादेव जी बोले- जो जय के मूर्तिमान रूप, जय देने वाले, जय देने में समर्थ, जय की प्राप्ति के कारण तथा विजयदाताओं में सर्वश्रेष्ठ हैं, उन अपराजित देवता भगवान श्रीकृष्ण की मैं वन्दना करता हूँ। सम्पूर्ण विश्व जिनका रूप है, जो विश्व के ईश्वरों के भी ईश्वर हैं, विश्वेश्वर, विश्वकारण, विश्वाधार, विश्व के विश्वासभाजन तथा विश्व के कारणों के भी कारण हैं, उन भगवान श्रीकृष्ण की मैं वन्दना करता हूँ।
जो जगत की रक्षा के कारण, जगत के संहारक तथा जगत की सृष्टि करने वाले परमेश्वर हैं; फल के बीज, फल के आधार, फलरूप और फलदाता हैं; उन भगवान श्रीकृष्ण को मैं प्रणाम करता हूँ। जो तेजःस्वरूप, तेज के दाता और सम्पूर्ण तेजस्वियों में श्रेष्ठ हैं, उन भगवान गोविन्द की मैं वन्दना करता हूँ।[1]
ऐसा कहकर महादेव जी ने भगवान श्रीकृष्ण को मस्तक झुकाया और उनकी आज्ञा से श्रेष्ठ रत्नमय सिंहासन पर नारायण के साथ वार्तालाप करते हुए बैठ गये। जो मनुष्य भगवान शिव द्वारा किये गये इस स्तोत्र का संयतचित्त होकर पाठ करता है, उसे सम्पूर्ण सिद्धियाँ मिल जाती हैं और पग-पग पर विजय प्राप्त होती है। उसके मित्र, धन और ऐश्वर्य की सदा वृद्धि होती है तथा शत्रु समूह, दुःख और पाप नष्ट हो जाते हैं।
Shiv puran bataya gaya hai ki shiv parabrahm hai or Bramha Vishnu in se pragat hote hai or Vishnu Puran me ye bataya hai ki Vishnu se shiv or bramha pragat hu ye or devi puran devi se bataya lekin ye teeno kisse pragat hu ye hai ye ब्रह्म वैवर्त पुराण gaya hai ye bhi to socho ki ram ji ko kyu mahan nahi bataya gaya hai Krishn ko hi kyu bataya gaya hai
Ye video 3-4 min takk dhekna sab pata chal jayega
th-cam.com/users/clipUgkxv3ECDHS97eQtPnm6_WFat-rWDFNRYjF6?si=ienZQuhEDBESk25l
@@शास्त्रप्रमाण
Ram ko Ramayan m bola h mahan
Lekin itna nahi bola ki Bramha Vishnu or shiv inse pragat huye hai ye hi saske Karan hai inse hi sab pragat huye hai
Hare Krishna 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
श्री मन नारायण गुरु गोबिंद जी को जय श्री राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे गुरुजी
ॐ पर ब्रह्म परमात्मा परमेश्वर स्वामी 🌿🙏 1 एक आप सत्य है एक आपका नाम सत्य है....🌿🤍💗🙏
Hare krishna, jai srila praphupad 😊
Hari Hari bol❤
राधा राधा
जय श्री राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे।
Wah parbhu ji aaj mere dil ko aap chhu liya pura samagh aa gaya 😂😂❤❤ shree radhe radhe radhe radhe 🎉
Shri Radha Vallabh Lal ki Jay
गुरुदेव आपकी बाड़ी बहुत मधुर है
Jai shree Ram Maharaj Ji 🌹🙏🌹
Shiv❤
जय श्री राधे कृष्णा शरणम हरि शरणं 🙏🙏
Radhe radhe radhe radhe 🙏
He(maharaj ji) is such a beautiful man😮
राधे राधे
🙏❤️पांडुरंग हरि वासुदेव हरि ❤️🙏
❤om namah shivay💝📿💝🙏🙏🌺🌷🪔⛳📿💝👏🙏🙏🙏
Radha Radha ❤❤
ৰাম কৃষ্ণ ৰাম কৃষ্ণ ৰাম কৃষ্ণ ৰাম কৃষ্ণ ৰাম কৃষ্ণ ৰাম কৃষ্ণ
Jay ho guru dev 🙏
शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव शिव 🙏❤️🌹
हे महाराज जी छोटा मुंह बड़ी बात , गीता जी मे लिखा है संकल्पों का त्याग किए बिना सत्य का अनुभव असंभव है , मीरा का रास्ता संकल्प का लगता है और राधा का रास्ता प्रेम का संकल्प विहीन । वास्तविकता के साथ जीने का है । आपका जो भाव मूर्ति के लिए है वो इंसान के लिए नहीं नजर आता । मूर्ति को समझते से लगते हो और वास्तविक इंसान को समझाते से लगते हो ।
Saste nashe Kiya hai kya...😅
Jai shree Radhe Krishna Jai shree Radhe Krishna Jai shree Radhe Krishna Jai shree Radhe Krishna Jai shree Radhe Krishna Jai ho Brindavan Jai ho gurudev Jai shree Hit Harivansh ji ❤❤❤❤
❤❤❤❤❤❤ राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे ❤❤❤❤❤❤❤❤
जय जय श्री
राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा
🙏🪔🙏💐🌹💐
राधा वल्लभ श्री हरिवंश 🥀🙏राधा वल्लभ श्री हरिवंश 🌹🙏
Par bhram paramatma kebal param pita bhagwan narayan or bhagwan shiv hai ❤
Krishna
जय माता दी
🙏🏻जय श्री राधा कृष्ण 🙏🏻
Guru Ji Pronam Janai
Hare krishna Hare Krishna Krishna Krishna Hare Hare Hare Ram Hare Ram Ram Ram Hare Hare
Radhe Radhe ❤
Jay shiv guru ji bhole bhandari Jay ho
Om namah shivay 🌹🌹🙏 Jai Shri radhe krishna 🌹🌹🙏 Jai Shri Ram Jai Hanuman baba ki 🌹🌹🙏
🙏❤️🌹 Jai siyaram 🌹❤🙏
Parameswar Parambrahm Parmatma Divyatma DivyaUpanayana ParamPurush AdiPurush Swayang Swayambhu Lord Shiva
प्रभु 🙇🏻♂️🙌
ॐ साईराम जय श्री राधे माँ जय श्री गुरुदेव🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Jai Shree RadheGovind 🙏🙏Hare Gopal 🙏🙏
Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Sb ek hi h Ram, krishna ,shiv,sbhi deviya ,allah, waheguru,jesus,puri prkrti kan kan me h jhanki bhgwan ki kisi sujh wali aankh n pahuchan ki
हां हम आपस में लड़ते हैं आजकल हिंदू भी मुस्लिम जैसे कहने लगे हैं कि हम कट्टर हिंदू हैं और हमारे ईश्वर ही सबकुछ हैं हम उनसे बोलते हैं गुरुदेव को सुनकर भी आप लोग अहंकार नहीं छोड़ पा रहे हैं कि ईश्वर एक हैं अपने यंहा के देवी देवता हो या मुस्लिम का अल्लाह या ईसाई का जीजस सब एक हैं मुस्लिम जैसे हिंदू अहंकार और धर्म के नाम पर अधर्म पर चलने लगे हैं नफ़रत का माहौल हैं अब रिश्तेदारों से भी बात करने का मन नहीं करता लगता हैं अब ये धरती रहने लायक नहीं हैं
Ohhh bhai isme allah jesus ko add mt kr...
@@Ashwinijoc वो भी वही हैं बस जैसे वो लोग इस बात को नहीं समझ पाये अब हम भी नहीं समझ रहे हैं
@@positivethinking_369 accha wo whin h hnnn jisne 6saal ki bcchi se shadi ki...fir 8saal me us bcchi ki ruksati krke le aaye....jis Quraan me khaa jata h ki maans khana chahiye....allah hi sb kuch h baaki Qafir h...tum jese secular k wjh se na ye desh muglo ka gulaam hua...tum jese gaddar ese h jaychand or maansingh jese jo apne dharam ka sath na dekr dusro k tatte chatte firte ho...
@@positivethinking_369 ye whi allah h jiska tyohar bakri eid h jisme bakri ko maR kr hi khana h...halala krna h kyu be
Excellent
Ram Ram ❤❤❤❤
Radhe Radhe Jay Shri Krishna Jay Shri Radhe Krishna
JAI SHRI RADHEY KRISHNA JI 🕉️🕉️🕉️💐🙏🚩🪔🇮🇳
Maharaj sahi bol bol rhe hai
Beautiful maharaj ji
Logo ka jalyan ho yese marg mai le jane ke lite dhanyawad guru ji aap ko barambar pranam hai guru ji radhe radhe aap mile hame jine ka yarika mila radhe radhe❤
Ram Ram mahraj ji
Shree ram hi shri krishn hain or dono parambrahm
Radhe Radheshyam🙏🙏🙏
Jay shree radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe
Radhe Radhe ji
Jai Gurudev Pranam
Jay guru dev ji🙏🙏🙏
Parabramh parmatma aksharatit Sri krishna ji hai
Om
❤❤❤Jai Shree Radhaballabh Shri Harivansh❤❤❤❤
Ram Ram
Jay jaganath
Jai Gaura Hari ❤❤
Krishna par Brahma hai
Sadguru ji 🙏😭😭😭😭 bhagwan ji 🙏 pls 🙏 forgive me 🙏 Mera uddar Karo sadguru bhagwan ji 🙏🙏
Radhe Radhe guruvar
भगवान एक है उसका नाम परमपिता परमात्मा शिव निराकार है ज्योति बिन्दु स्वरूप है सत्यम शिवम् सुंदरम है अभी वह स्वयं धरती पर आया है इस भषटाचारी दुनिया को खत्म कर नयी श्रेष्ठाचारी दुनिया बनाने आया है भगवान शिव निराकार राजस्थान में आया है
Paramatma ek hai woh hai shri hari baki sab unke ansh hain
@@mj5kingsunited-ub7beShiv Paramatma h Unkko Svaymbhu Bhi Khttea hn
Jinnka Na Janam Huaa h Na Mrityu
Or Naadi or Anant H
Har Har Mahadev Jai Shree Ram 💗 🙏
@@tj707 swayambhu vishnu ji hain not shiv..shiv unke maathe se nikla hai read bhagvat and vishnu puran..shiv puran is fake
@@mj5kingsunited-ub7be Mnee Jityne Bhi Puran Granth Or Mantr Padhe hn Unnme Shiv Ji Ko Svaymbhu or Moksh ka Devta khaa h
Koii Nahi Average ISCKONist ho Tumm 😏😏🥱🥱
@@tj707 waah hum vishnu ji ko supreme bataye toh hum iscon hogaye😂😂..aur tum shiv ko supreme bata rahe ho toh tum kya pakhandi shaiv ho😂😂hum puran granth sab padhe sabhi mai vishnu ji ko supreme batata hai..jaada puran vishnu ji k naam pe hai not shiv..shiv is like servant of vishnu jaise ki hanuman ji daas of lord shri ram
श्री सतगुरु देव भगवान के श्री चरणों में दास का कोटि कोटि प्रणाम जय जय श्री सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम राधेश्यामराधेश्याम राधेश्याम
Radhey radhey
Namah parvati patye har har mahadev 🔱🕉️🚩
Jai jagannath
🙏
Sahi
Ram 🌹 Ram 🌹 Ram 🌹 Ram 🌹 Ram 🌹 Ram 🌹 Ram 🌹 Ram 🌹 Ram 🌹 Ram 🌹 Ram 🌹 Ram 🌹 Ram 🌹 Ram 🌹 Ram 🌹 Ram 🌹 Ram 🌹
Jai shree radhe Krishna
Radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey 🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️❤️
Radhe radhe
Sadashiv vishnu roop main or maa Adishakti Laxmi Radha roop main vidhman hai.Maheshvar sabhi roopo mein anek hote hue bhi ek paramtatv hai...vah jyoti Swaroop lingswaroop Shakti ko utpann karne bala.Shaktipati Maheshwar Mahadev hai.. Sadashiv Paramatma parambrahma Jyoti Swaroop hai or maa Adishakti Maheshwari Ambe Jagatjanani hai...🕉️ Namah Shivay 🙏🌷🌹🌹❤️🙏🙏
ब्रह्म वैवर्त पुराण
ब्रह्मखण्ड : अध्याय 3
सौति कहते हैं - शौनक जी! तत्पश्चात् परमात्मा श्रीकृष्ण के वामपार्श्व से भगवान शिव प्रकट हुए। उनकी अंग कान्ति शुद्ध स्फटिक मणि के समान निर्मल एवं उज्ज्वल थी। उनके पाँच मुख थे और दिशाएँ ही उनके लिये वस्त्र थीं। उन्होंने मस्तक पर तपाये हुए सुवर्ण के समान पीले रंग की जटाओं का भार धारण कर रखा था। उनका मुख मन्द-मन्द मुस्कान से प्रसन्न दिखायी देता था। उनके प्रत्येक मस्तक में तीन-तीन नेत्र थे। उनके सिर पर चन्द्राकार मुकुट शोभा पाता था। परमेश्वर शिव ने हाथों में त्रिशूल, पट्टिश और जपमाला ले रखी थी। वे सिद्ध तो हैं ही, सम्पूर्ण सिद्धों के ईश्वर भी हैं। योगियों के गुरु के भी गुरु हैं। मृत्यु की भी मृत्यु हैं, मृत्यु के ईश्वर हैं, मृत्यु स्वरूप हैं और मृत्यु पर विजय पाने वाले मृत्युंजय हैं। वे ज्ञानानन्दरूप, महाज्ञानी, महान ज्ञानदाता तथा सबसे श्रेष्ठ हैं। पूर्ण चन्द्रमा की प्रभा से धुले हुए-से गौरवर्ण शिव का दर्शन सुखपूर्वक होता है। उनकी आकृति मन को मोह लेती है। ब्रह्मतेज से जाज्वल्यमान भगवान शिव वैष्णवों के शिरोमणि हैं। प्रकट होने के पश्चात् श्रीकृष्ण के सामने खड़े हो भगवान शिव ने भी हाथ जोड़कर उनका स्तवन किया। उस समय उनके सम्पूर्ण अंगों में रोमांच हो आया था। नेत्रों से अश्रु झर रहे थे और उनकी वाणी अत्यन्त गद्गद हो रही थी।
महादेव जी बोले- जो जय के मूर्तिमान रूप, जय देने वाले, जय देने में समर्थ, जय की प्राप्ति के कारण तथा विजयदाताओं में सर्वश्रेष्ठ हैं, उन अपराजित देवता भगवान श्रीकृष्ण की मैं वन्दना करता हूँ। सम्पूर्ण विश्व जिनका रूप है, जो विश्व के ईश्वरों के भी ईश्वर हैं, विश्वेश्वर, विश्वकारण, विश्वाधार, विश्व के विश्वासभाजन तथा विश्व के कारणों के भी कारण हैं, उन भगवान श्रीकृष्ण की मैं वन्दना करता हूँ।
जो जगत की रक्षा के कारण, जगत के संहारक तथा जगत की सृष्टि करने वाले परमेश्वर हैं; फल के बीज, फल के आधार, फलरूप और फलदाता हैं; उन भगवान श्रीकृष्ण को मैं प्रणाम करता हूँ। जो तेजःस्वरूप, तेज के दाता और सम्पूर्ण तेजस्वियों में श्रेष्ठ हैं, उन भगवान गोविन्द की मैं वन्दना करता हूँ।[1]
ऐसा कहकर महादेव जी ने भगवान श्रीकृष्ण को मस्तक झुकाया और उनकी आज्ञा से श्रेष्ठ रत्नमय सिंहासन पर नारायण के साथ वार्तालाप करते हुए बैठ गये। जो मनुष्य भगवान शिव द्वारा किये गये इस स्तोत्र का संयतचित्त होकर पाठ करता है, उसे सम्पूर्ण सिद्धियाँ मिल जाती हैं और पग-पग पर विजय प्राप्त होती है। उसके मित्र, धन और ऐश्वर्य की सदा वृद्धि होती है तथा शत्रु समूह, दुःख और पाप नष्ट हो जाते हैं।
Lord Vishnu is supreme godhead
❤💝👏🙏🙏