साहिब बंदगी सतनाम जी सतगुरु नितिन दास साहेब जी के चरणों में दास का कोटि कोटि प्रणाम गुरुजी कि सदा ही जय हो सदा ही जय हो सदा ही जय हो साहिब बंदगी सतनाम जी
यही है दिव्य दृष्टि जो हर किसी के समझ में नहीं हमारी आंखों पे से भ्रम की पट्टी हटाने के लिए धन्यवाद इस जीवन का जन्म मरण का सत्य बताने के लिए बहुत बहुत आभार आपका शत शत कोटि कोटि प्रणाम जय गुरु साहब की जय हो सतगुरु नितिन साहब की 🤲🤲🌹🌹🌹🌹🌹🌹
अविगत ब्रह्म से अविगत रूपा,* *सो महा कारण में आई हो।* *महाकारण तत्व के कारण कहिए,* *सूक्ष्म तामें रहाई हो॥(2)* *सूक्ष्म अंग से स्थूल अंगा*, *स्थूल जहां उपजाई हो*। *स्थूल तत्व से विश्व रूप है,* *सोई काल कहाई॥(3)* *काल जो कहिए ज्योति निरंजन,* *चार वेद गुण गाई हो।* *या मत से सब दुनियां उपजी,* *पाप पुण्य भुगताइ हो॥(4)*
पाप पुण्य भुगताइ हो॥(4)* *पाप करे तो होय दरिद्री,* *पुण्य से पदवी पाई हो।* *पदवी पाय भयो मतवाला,* *फिर चौरासी जाई हो॥(5)* *तीन आत्मा कर्म जो बांधी*, *चोथे नि:कर्म जो होई हो।* *सकल द्वीप आत्मा के माही,* *लघु दीरघ लोक बनाई हो।।(6)* *बिन विवेक कोई भेद न पावे,* *मूर्ख वाद बढाई हो।* *मन और माया हमते उपजी,* *तामे चेतन आई हो।।(7)* *शिव शक्ति को त्रिगुण कहिए,* *ब्रह्मा विष्णु शिव भाई हो।* *त्रिदेवों से दुनियां उपजी,* *चार खानि सिरजाई हो॥(8)*
श्री कृष्ण के द्वारा अपने मूल स्वरूप परम ब्रह्म का वर्णन करते हुए भगवत गीता में . 1.द्वाविमौ पुरुषौ लोके क्षरश्चाक्षर एव च। क्षरः सर्वाणि भूतानि कूटस्थोऽक्षर उच्यते। ।।इस संसारमें क्षर (नाशवान्) और अक्षर (अविनाशी) -- ये दो प्रकारके पुरुष हैं। सम्पूर्ण प्राणियोंके शरीर नाशवान् और कूटस्थ (जीवात्मा) अविनाशी कहा जाता है। 2. उत्तमः पुरुषस्त्वन्यः परमात्मेत्युदाहृतः। यो लोकत्रयमाविश्य बिभर्त्यव्यय ईश्वरः उत्तम पुरुष तो अन्य ही है, जो परमात्मा नामसे कहा गया है। वही अविनाशी ईश्वर तीनों लोकोंमें प्रविष्ट होकर सबका भरण-पोषण करता है। 3. न मे विदुः सुरगणाः प्रभवं न महर्षय: |. अहमादिर्हि देवानां महर्षिणां च सर्वश: |मेरी उत्पत्ति (प्रभव) को न देवतागण जानते हैं और न महर्षिजन; क्योंकि मैं सब प्रकार से देवताओं और महर्षियों का भी आदिकारण हूँ।।
Guru ji ke charno me koti koti naman hai mera mai pahale jaisa ho 2018 ke pahle the 2018 me chot lagne ke baad mujhe chalne me problem hai ye problem hai ye door kar do please 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 mai pahale jaisa ho jao
कबीर एक संत थे जिन्होंने जीवन भर पाखंड का विरोध किया । लेकिन कुछ छिछोरे लोग कबीर को भगवान बनाने में लग गए । आज कबीर ज़िंदा होते तो ऐसे लोगों के पाखंड का विरोध करते ।
नमस्ते! श्रीमान मेरे दिमाग में निम्न लोगो की सत्संगे सुनने के कारण बहुत सारी आध्यात्मिक उलझनें+शंकाएं उत्पन्न हो गई जिसके कारण मेरा मानसिक स्वास्थ्य खराब होता जा रहा है - 1. संत रामपाल जी महाराज 2. बाबा रामदेव जी महाराज [मंदिर में] 3. नितिन साहेब 4. प्रोफेट बजींदर सिंह 5. अन्य आध्यात्मिक गुरु । मैं स्पष्ट रूप से यह सब लोगों के अलग-अलग व विपरीत विचारों को सुनने से मेरे साथ यह सब हो रहा है या फिर अन्य कारणों से
वास्तविक भक्ति विधि के लिए गीता ज्ञान दाता प्रभु काल ब्रह्म किसी तत्वदर्शी की खोज करने को कहता है (गीता अध्याय 4 श्लोक 34) इस से सिद्ध है गीता ज्ञान दाता (ब्रह्म) द्वारा बताई गई भक्ति विधि पूर्ण नहीं है।
Saheb Bandagi Satnaam Guruji
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
साहिब बंदगी सतनाम साहिब जी
सत्य वचन साहेब सतनाम साहेब बंदगी🙏🤲🙏👣🤲👣🤲👣🤲👣🤲👣🤲👣🤲👣🤲👣🤲
साहेब बंदगी सतनाम जी🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏
Saheb banagi satnam ji 🌹🌼🙏🙏 guru ji 🌼🙏🙏🤲🤲🙇🙇🙇❤️❤️🙇🙇👏👏
साहिब बंदगी सत नाम
🙏🙇🤲🌹👣🏳️
Saheb bandgi satnaam ji 🙏🙏
साहेब बंदगी सतनाम जी ❤❤❤❤
शब्द भेदी सतगुरु नितिन साहेब जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम !
Jai satnam 🙇♀️🙏🌹
सतनाम साहिब बंदगी
जय श्री सत नाम बंदी छोड़ सत गुरु श्री नितिन साहेब जी को सत सत नमन साहेब बंदगी सतनाम जी
साहिब बंदगी सतनाम🙇♂️🤲🌹👣🏳🙏
सतनाम साहिब बन्दगी🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏
satnam sahib bndgi satnam 🌹 👏🌹
सद्गुरु नितिन साहिब की जय हो जय हो जय हो
🙏🙏Saheb bandgi satnaamji sahebji ♥️🙏🙏💯✔️💯✔️
🙏🏻🌹 Jai Satnam 🌹🌹
ਸ਼ਬਦ ਭੇਦੀ, ਸਤਿਗੁਰੂ ਜੀ ਸਾਹਿਬ ਨਿਤਿਨ ਦਾਸ ਜੀ ਦੇ ਚਰਨਾਂ ਵਿੱਚ ਕੋਟਿ ਪ੍ਰਣਾਮ । ਸਾਹਿਬ ਬੰਦਗੀ ਸਤਨਾਮ
।🙏🌻🌹🌺💐🌺🌹🌻🙏
ਸਾਹਿਬ ਬਦੰਗੀ ਸਤਿਨਾਮ ਸਾਹਿਬ ਜੀ🌹🌹🌹
जय सद्गुरु 🌹🙏🌹 जय बंदी छोड़🌹🙏🌹 जय साहिब🌹🙏🌹 सतनाम🌹🙏🌹 साहिब बंदगी 🙏🌹🙏
Jai Shree SeetaRam Aum
Jai Shree Radhe Radhe Krishna Ji.
साहेब बंदगी सतनाम 🙏🙏🌹🥰साहेब जी
Saheb bandagi Satnam Guru Ji 🙏🙏🙏💅💅💅
🙏🙇saheb bandgi satnam guru ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Saheb bandagi SATNAAM SATYAM EV JAYTE Kabir Sarvgy marmgy 🤲👣🙏💗💐🌹
Jai ho satguru Nitin Saheb ke charno me koti koti naman hai 🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏
साहिब बंदगी सतनाम जी
जय जय सतगुरु शब्द भेदी गुरु जी के चरणों मे कोटि कोटि प्रणाम मेरे मालिक की सदा सदा ही जय हो
साहिब बंदगी सतनाम जी सतगुरु नितिन दास साहेब जी के चरणों में दास का कोटि कोटि प्रणाम गुरुजी कि सदा ही जय हो सदा ही जय हो सदा ही जय हो साहिब बंदगी सतनाम जी
❤❤❤चरण वंदना गुरु जी
साहेब बंदगी सतनाम गुरु साहेब जी 🤲🤲🌹👏🏻👏🏻🌹🌹👏🏻
साहेब बंदगी सतनाम गुरु जी cg
Sahib bandgi Satnam Saheb ji🙏🙏
शब्द गुरु जी के चरणों में कोटि कोटि नमन जी गुरु जी साहिब बंदगी सतनाम जी🌺🌺 🙌🙆♂️🙇♂️🙇♀️🙆♀️
Satguru dev ji ki sadaa hi jay ho
यही है दिव्य दृष्टि जो हर किसी के समझ में नहीं हमारी आंखों पे से भ्रम की पट्टी हटाने के लिए धन्यवाद इस जीवन का जन्म मरण का सत्य बताने के लिए बहुत बहुत आभार आपका शत शत कोटि कोटि प्रणाम जय गुरु साहब की जय हो सतगुरु नितिन साहब की 🤲🤲🌹🌹🌹🌹🌹🌹
साहेब बंदगी सतनाम गुरु जी आपके चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🌹🙏🌹
🌸🌸सतनाम साहेब बंदगी स्वामीजी 🌸🌸🌺🌺💐🙏🏻
🌹🌹 Sahib Bandagi Satnam 🌹🌹
Jai satnam ❤
सांच को आंच नहीं🙏🎉
Saheb ji ke charno me koti koti pranam aur dandwat🙏🙏🙏🙏🙏
सतगुरु जी के चरणों मे सप्रेम साहेब बंदगी साहेब गुरु देव आपके चरणों मे कोटि कोटि नमन सतनाम सप्रेम साहेब बंदगी साहेब ❤ से साहेब बंदगी साहेब
यही शाश्वत सत्य है जय श्री कृष्णा जय हो गीता ज्ञान की
Satguru nitinsaheb ki sada sada Jay Jay how.👃🌹 saheb bandagi satnam 🌹👃
Saheb bandgi satnaam satguru ke charnon mein koti koti naman 🙏🤗☺️
Saheb bandagi Satnam guruji
कृष्ण भक्त को यही बात बताना चाहता है की कृष्ण भक्ति गुप्त भक्ति थी 🙏🙏🙏
V v nice margdarshan koti koti Naman koti koti Pranam 🌹🙏🌹👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
साहिब बंदगी सतनाम❤❤❤
परम पूज्य संत गुरु नितिन साहेब जी के चरण कमलों में दास का कोटि-कोटि प्रणाम 🌹🌹🙏🙏♥️♥️
आज सिद्ध हो गया आप ही तत्व दर्शी संत हो जय हो दिव्य भिभूति
Satya Gyan
🌹🌹🙏🙏🌹🌹
🌹🌹🌹🤲🙆♂️🙏🌹🌹☝️🌹🌹👌 सतगुरु साहिब जी के चरणों में कोटि कोटि साहिब बंदगी सतनाम जी❤
परम पूज्य सतगुरु साहेब के श्री चरण कमल में कोटि कोटि सा प्रेम दंड साहिब बंदगी
Jai satnaam Amma ki Taraf se ❤
🙏🙏🙏Waheguru Satnam Guru Ji🙏🙏🙏🙏
Jay Jay Gurudev ki Jay Jay Gurudev Jay Jay Gurudev Jay Gurudev Gyan hi guru hai
साहेब बन्दगी सतनाम गुरू जी मै सुरेश वर्मा
अविगत ब्रह्म से अविगत रूपा,*
*सो महा कारण में आई हो।*
*महाकारण तत्व के कारण कहिए,*
*सूक्ष्म तामें रहाई हो॥(2)*
*सूक्ष्म अंग से स्थूल अंगा*,
*स्थूल जहां उपजाई हो*।
*स्थूल तत्व से विश्व रूप है,*
*सोई काल कहाई॥(3)*
*काल जो कहिए ज्योति निरंजन,*
*चार वेद गुण गाई हो।*
*या मत से सब दुनियां उपजी,*
*पाप पुण्य भुगताइ हो॥(4)*
ये कहां पढ़ लिया तुमने कौनसे शास्त्र में है।
गोरखपुर से आपका सत्संग सुन रहा हु
साहेब बंदगी
🙏
Very Good Knowledge of Bhagwate Gita Sir.❤❤❤
Satgru bandi chhor ki sada hi jai ho❤❤❤❤
Jay saheb bandagi Satnam 🙏🍀🌼🌺🌻🌸💮🌹🏵️🥀🙏
मेरी कन्हैया तो प्रेम और भाव से रिझता है तो इतना आडंबर की क्या जरूरत है महाराज हमारे गीता में यही कहा है कि पूर्ण समर्पण मुझे भाता है अर्जुन ❤❤❤
Aap ne kabhi gita ji padi hai
जय गुरूदेव 💐💐💐
हमारे कन्हैया हमारे राम और हमारे हरी अजन्मा अमर सर्वज्ञ मलिक है
Ram kabir 🙏
🙏🌹 সাহেব বন্দেগী সৎ নাম
M Cochi se aap ji ka sat sung sun raha hu
पाप पुण्य भुगताइ हो॥(4)*
*पाप करे तो होय दरिद्री,*
*पुण्य से पदवी पाई हो।*
*पदवी पाय भयो मतवाला,*
*फिर चौरासी जाई हो॥(5)*
*तीन आत्मा कर्म जो बांधी*,
*चोथे नि:कर्म जो होई हो।*
*सकल द्वीप आत्मा के माही,*
*लघु दीरघ लोक बनाई हो।।(6)*
*बिन विवेक कोई भेद न पावे,*
*मूर्ख वाद बढाई हो।*
*मन और माया हमते उपजी,*
*तामे चेतन आई हो।।(7)*
*शिव शक्ति को त्रिगुण कहिए,*
*ब्रह्मा विष्णु शिव भाई हो।*
*त्रिदेवों से दुनियां उपजी,*
*चार खानि सिरजाई हो॥(8)*
श्री कृष्ण के द्वारा अपने मूल स्वरूप परम ब्रह्म का वर्णन करते हुए भगवत गीता में . 1.द्वाविमौ पुरुषौ लोके क्षरश्चाक्षर एव च।
क्षरः सर्वाणि भूतानि कूटस्थोऽक्षर उच्यते। ।।इस संसारमें क्षर (नाशवान्) और अक्षर (अविनाशी) -- ये दो प्रकारके पुरुष हैं। सम्पूर्ण प्राणियोंके शरीर नाशवान् और कूटस्थ (जीवात्मा) अविनाशी कहा जाता है। 2. उत्तमः पुरुषस्त्वन्यः परमात्मेत्युदाहृतः।
यो लोकत्रयमाविश्य बिभर्त्यव्यय ईश्वरः उत्तम पुरुष तो अन्य ही है, जो परमात्मा नामसे कहा गया है। वही अविनाशी ईश्वर तीनों लोकोंमें प्रविष्ट होकर सबका भरण-पोषण करता है। 3. न मे विदुः सुरगणाः प्रभवं न महर्षय: |.
अहमादिर्हि देवानां महर्षिणां च सर्वश:
|मेरी उत्पत्ति (प्रभव) को न देवतागण जानते हैं और न महर्षिजन; क्योंकि मैं सब प्रकार से देवताओं और महर्षियों का भी आदिकारण हूँ।।
❤
Sahib bandagi
सनातन शब्द एक बिशेषण है
Bhawan axchr ke jal me hi ujhna hai kya
Atma ko parmatma ka ansh btaya gya h ,isliye atma hi parmatma h 🙏🙏
Panna Singh Bhilwada Satnam Sahib Bandagi
Self-realization before God realization 🙏🏼🙏🏼
बंदीछोड़ सद्गुरु रामपालजी महाराज की जय हो
तुम नास्तिक ंक
Dhaybad
Satya dharma hi sanatan dharm hai
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
very nice
🙏❤❤❤❤❤❤
Guru ji ke charno me koti koti naman hai mera mai pahale jaisa ho 2018 ke pahle the 2018 me chot lagne ke baad mujhe chalne me problem hai ye problem hai ye door kar do please 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 mai pahale jaisa ho jao
कबीर एक संत थे जिन्होंने जीवन भर पाखंड का विरोध किया । लेकिन कुछ छिछोरे लोग कबीर को भगवान बनाने में लग गए ।
आज कबीर ज़िंदा होते तो ऐसे लोगों के पाखंड का विरोध करते ।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
नमस्ते! श्रीमान मेरे दिमाग में निम्न लोगो की सत्संगे सुनने के कारण बहुत सारी आध्यात्मिक उलझनें+शंकाएं उत्पन्न हो गई जिसके कारण मेरा मानसिक स्वास्थ्य खराब होता जा रहा है - 1. संत रामपाल जी महाराज 2. बाबा रामदेव जी महाराज [मंदिर में] 3. नितिन साहेब 4. प्रोफेट बजींदर सिंह 5. अन्य आध्यात्मिक गुरु । मैं स्पष्ट रूप से यह सब लोगों के अलग-अलग व विपरीत विचारों को सुनने से मेरे साथ यह सब हो रहा है या फिर अन्य कारणों से
Naman
यह सत्य है की आत्मा उस परमात्मा का अंश है इसमें कोई दो मत नहीं परंतु क्या आत्मा शरीर धारण करता है या नही
Koti koti pranam guruji satguru ji atma ko kaise jhan sakte hain
गीता अध्याय 3 श्लोक 14 से 15 में भी स्पष्ट है कि ब्रह्म काल की उत्पत्ति परम अक्षर पुरूष से हुई वही परम अक्षर ब्रह्म ही यज्ञों में पूज्य है।
वास्तविक भक्ति विधि के लिए गीता ज्ञान दाता प्रभु काल ब्रह्म किसी तत्वदर्शी की खोज करने को कहता है (गीता अध्याय 4 श्लोक 34) इस से सिद्ध है गीता ज्ञान दाता (ब्रह्म) द्वारा बताई गई भक्ति विधि पूर्ण नहीं है।
इसी प्रकार कबीर का भी सबको मालुम कब पैदा हुआ और कब मरा।इसलिए कबीर भी अमर नहीं है।
मै सुरेश 23 4 2017 कबीर पन्त से दीया ले चुका हु
Excellent but please keep going deeper and deeper and deeper, Still Enlightenment Goal is far away?
Hame es sanstha ka nombar chahiye