हां कर्म फल ब्रह्मा विष्णु महेश और सभी देवी देवताओं को कर्म फल भोगना पड़ता है और रामपाल जिसको में अब भगवान नहीं बल्कि महान समाज सुधारक मानता हूं उसके अनुसार रीषि मुनि देवी देवताओं के पास हठ योग की सिद्धियां होती है और ये क्रोध में आकर एक दुसरे को श्राप दे ने का काम करते थे जिससे बहुत दुर्गति दुसरे लोगो और देवी देवताओं कि भी हो जाती थी विधाता धर्मराज के न्याय के अनुसार शंकर भगवान नागा साधु की तरह रहते हैं विष्णु शेष नाग पर रहते हैं और ब्रह्मा को अपने ज्ञान के अहंकार और अपनी बेटी के कारण ही श्राप झेलना पड़ा पूजा नहीं होने का
फिर भगवान श्री कृष्णा ने उत्तंग ऋषि को क्यों कहा कि मुझे कोई भी शाप नहीं लगता। मैं किसी भी कर्म का फल भोगने के लिए विवश नहीं हूं। सभी ऋषि मुनियों देवी देवताओं के शाप मेरे कारण ही पूर्ण होते हैं।
❤dhan nirankar ji❤ Ati sundar vichar
धन निरंकार जी संतो महापुरुषों जी🌺👣🌹🙏
Dhan nirankar ji Mahatma ji 🙏🙏🙏
Dhan nirankar ji 🙇🙏
Dhan Nirankar ji 🙏🙏
Dhan Nirankar ji ❤
Satya vachan ❤😊🙏
धन निरंकार जी बहुत अच्छा विचार
कलयुग केवल नाम अधारा। सुमर सुमर नर उतरही पारा। ❤तु ही निरँकार, मैं तेरी शरण हँ, मैंनु बक्स लो
धन निरँकार buजी सँतो
हां कर्म फल ब्रह्मा विष्णु महेश और सभी देवी देवताओं को कर्म फल भोगना पड़ता है और रामपाल जिसको में अब भगवान नहीं बल्कि महान समाज सुधारक मानता हूं उसके अनुसार रीषि मुनि देवी देवताओं के पास हठ योग की सिद्धियां होती है और ये क्रोध में आकर एक दुसरे को श्राप दे ने का काम करते थे जिससे बहुत दुर्गति दुसरे लोगो और देवी देवताओं कि भी हो जाती थी विधाता धर्मराज के न्याय के अनुसार शंकर भगवान नागा साधु की तरह रहते हैं विष्णु शेष नाग पर रहते हैं और ब्रह्मा को अपने ज्ञान के अहंकार और अपनी बेटी के कारण ही श्राप झेलना पड़ा पूजा नहीं होने का
फिर भगवान श्री कृष्णा ने उत्तंग ऋषि को क्यों कहा कि मुझे कोई भी शाप नहीं लगता। मैं किसी भी कर्म का फल भोगने के लिए विवश नहीं हूं। सभी ऋषि मुनियों देवी देवताओं के शाप मेरे कारण ही पूर्ण होते हैं।
Dhan Nirankari Jee🙏🙏🙏
Dhan nirankar ji.