जहाँ भी भारत पिछड़ा है, क्या कारण धर्म है? || आचार्य प्रशांत (2023)
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- เผยแพร่เมื่อ 5 ก.ค. 2024
- 🧔🏻♂️ आचार्य प्रशांत से समझे गीता और वेदांत का गहरा अर्थ, लाइव ऑनलाइन सत्रों से जुड़ें:
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वीडियो जानकारी: 16.10.23, वेदान्त संहिता, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
~ क्यों आज तक भारत में अज्ञान के आधार पर सरकारें बनती आयी है ?
~ आज़ादी के बाद से क्यों भारत में शिक्षा की दुर्दशा रही है ?
~ क्यों आज भी भारत का शैक्षणिक ढाँचा दुर्बलतम में से एक है ?
~ क्यों आम भारतीय बहुत अनपढ़ है ?
~ शिक्षा से क्यों सोचने समझने की क्षमता जागृत नहीं हो रही है ?
~ भारत के माहौल को देखकर यहाँ से भाग जाने का मन क्यों करता है?
~ भारत में धर्म के नाम पर चल रहे अंधविश्वास को कैसे रोकें?
~ वास्तव में धर्म क्या है?
~ कैसे समझाएँ कि धर्म का अर्थ अँधी ताक़तों के आगे झुकना नहीं जानना, समझना है?
~ भारत की दुर्दशा को देखकर लगता है भारत का भविष्य खतरे में है
~ देश की दुर्दशा की प्रमुख वजह क्या है?
~ क्या कारण है भारत में इतनी भुखमरी बढ़ती जा रही है?
संगीत: मिलिंद दाते
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As a muslim I can say he is one of the great philosopher on earth 🌍
You are right🎉🎉🎉
रूढ़िवादी लोग परंपराओं को बचाते बचाते सत्य को भूल ही जाते हैं,और इस अनमोल जन्म को व्यर्थ गवां देते हैं
"bina baat ke juth bolna" its a real truth of India.
जैसे?
प्रेम नहीं है इसी लिए जातिवाद जिंदा हे, कितने आसान भाषा में समझाया हे।
कोटि कोटि नमन..!
❤
🙏💯
सिर्फ सुने ही नही, जीवन मे भी उतारे तभी फायदा होगा, आचार्य जी को सुनने वालों की संख्या 50 करोड़ से भी ज्यादा हो गयी है, आचार्य जी की अमृत वाणी और लोगो तक पहुंचे इसके लिए यथासम्भव सहयोग करे, धन्यवाद।।
5 crore not 50
बिल्कुल सही कहा आपने जीवन में उतरना बहुत जरूरी है।🙏🙏
😊😊
5 cr 😢
50 million mean 5 coror
बहुत खुशी मुझे इस बात का की मैं आचार्य जी को सुन पाता हूँ, छोटे स्तर पर तो इनके बातो को मैने जीवन में उतारा है, लेकिन बडे़ स्तर पर करना चाहता हूँ ।
तुम चूहेदानी के अंदर कैद चूहे नहीं हो,
तुम गुड़ के ऊपर बैठी मक्खी हो।
तुम किसी कैद में नहीं हो, तुम उड़ सकते हो,
तुम उड़ नहीं रहे क्योंकि तुम्हें लालच है।
~~ Aachrya ji 🙏🏻🙏🏻♥️♥️
Bilkul shi 🙏
🥰🥰🥰
Aaj ye sunke mujhe khud mein laga ki....mein b dhong karti hun...man mein kuch or hota hai orr ....bahar kuch or prakat karna cahti hu...jo mujhe bhot kasht deta haii.....mein khud ko vastvik banae ka prayas karungi
आचार्य प्रशांत जी सादर नमस्ते 🙏🙏🎤👌👌✔️ बहुत अच्छी तरह से समझाया गया ज्ञान शिक्षा देते रहें कर्म ही पूजा है और कर्म ही धर्म है जात न पूछे पात न पूछे ना पूछे तेरा धर्मा पूछे तेरा कर्मा! आवारा पन बंजारा पन...... बहुत अच्छा गीत लिखा है गीतकार ने कुछ तो कारण है कारण ही बीज है 🌱🌴🌳🌲🌺🌻🌹🌻🌺🌼
भीतर कामना भरी है, और बाहर से संस्कारी बने बैठे है। केवल स्वांग करते हैं। 🙏
Gautam Buddha ka example bahut badhiya diya aapne Guruji
आचार्य जी आपका प्रत्येक संवाद मन को झकझोर कर देता है... आपकी हर एक बात जीवन में एक प्रश्न छोड़ जाती है 🙏🙏🙏
असन्तुष्ट बहुत जरूरी है, क्योंकि असन्तुष्ट ही यथार्थ है न
जब आप असन्तुष्ट हों तो उसको जानों,तभी पता चलेगा, की इससे मुक्ति कैसे हो सकते हैं,
बड़े अभियान पर निकलों तो कम से कम क्षुद्रता से मुक्त हो जाते हों, आप
चाह गई चिंता मिटी, मनवा बेपरवाह।
जिनको कछु नहीं चाहिए,वे शाहन के शाह।।
संत कबीर जी
मन दाता मन लालची, मन राजा मन रंक।
जो यह मन गुरु सों मिलै, तो गुरु मिलै निसंक ।।
~ संत कबीर
भारत में जो जाति प्रथा इतनी बनी रह गई,उसका एक बहुत बड़ा कारण प्रेम का अभाव है, प्रेम हों जाय तो जाति व्यवस्था उड़ जाती है,हवा में तिनके की तरह, और जब जीवन में तुम्हारे सब तरफ को प्रेम रहेगा,गरीब, सत्य, पशु पक्षी के प्रति, तो तुम विवाह भी फिर प्रेम में ही करोगे न,
Acharya ji 🙏
Subscriber:- 50.1M
Coming soon :- 60M
भीतर जो भी रिक्तता, अपूर्णता है उसे अच्छी तरह जानकर के आगे बढ़ जाऊंगा यही मोक्ष, मुक्ति है।
बड़े अभियान से निकलो न कमसे कम क्षुद्रता से मुक्त हो जाते हो, जो दो कौड़ी के लंपटगिरी होती है उससे आजाद हो जाते हो।
बड़े अभियान पर निकलो तो कम से कम क्षुद्रता से मुक्त हो जाते है.🙏
अपूर्ण हूँ - प्रकृति माँ की मर्जी
अब पूर्ण रहुँगी , मेरी मर्जी
आचार्य जी इस युग के संत हैं।🙏सभी लोग केवल सुने नहीं,जीवन में भी उतारें,तभी फ़ायदा होगा।
यथा संभव दान💸 करें।🫵कौन-कौन चाहता है आचार्य जी का चैनल 100✓Milion का हो।🥰
"असुर कौन ? , राक्षस कौन? आत्म अज्ञानी ही असुर है, राक्षस है।"~ आचार्य प्रशांत , गीता सत्र पर, मई-२८
सर्वोच्च स्तर की कामना है - स्वतंत्रता या आजादी, चाहे वो ख़राब रिश्तों से हों या परिस्थिति से |
इसके बाद सबके पास पेट है इसलिए आर्थिक रूप से सक्षम होना और उसके बाद जनकल्याण और विलासिता की ओर बढ़ना |
Aap kitna accurate bolte h, ye sab hota h abhi bhi life mai, lagta h aapne bahut ache se observe kiya h duniya ko. You are great. Aap aise hi hamesha sach ka sath do or aage badho. You are doing great work. 🙌🙌🙌🙌
Acharya prasant ji ki bato ko sune hi nahi....jivan m bhi utare❤❤
बिरहीन ओदी लाकड़ी, सिसके और धुधुआए।
छूट पड़े या विरह से, जो सगली जली जाए।।
~ संत कबीर
जिसके पास बचाने को कुछ नहीं रहा वो तो बिना कवच का सच्चा निष्काम योद्धा है उसका कर्म और भी घनघोर हो जाता है- आचार्य श्री
Intensity has increased,much needed at least people get some clarity of thoughts
हम कुछ भी सरल होकर नहीं कर पाते,दिल क्या दोगे तुम किसी को, स्वेटर नहीं दे पाये किसी को,
Aacharya Shri Ji ko Koti Koti Pranam🙏🙏
Pranam 🙏🙏
जब तक भीतर अंहकार है, जगत के प्रति कामना होगी ही होगी, कामना पाप थोड़ी ही है, वही कामना एक दिन मुमुक्षा बनेगी
पाखंड और क्या है, भीतर से कामना बैठी हुई हैं और बाहर से संस्कारी दिखना है
रूढ़िवादी अहंकारी लोग अपनी अर्थहीन मान्यता को बचाते बचाते अर्थपूर्ण जीवन ही गंवा डालते हैं -आचार्य श्री
Jay Shree Krishna ❤️ Dear Sir ❤️😊🪘🥁🪗🎸🎷🎸🪕🪕🎻🪘🥁🪗🎸🎷🎸🪕🪕🎻🪘🥁🪗🎸🎷🎸🪕🪕🎻🪘🥁
Acharya ji jai hind
Mahan vayakti ke mahan karye
*हमारी मान्यताएँ ही, मन की सड़न है।*
कामना को पाप बना लिया है, कामना पाप कैसे हो सकती है,जब भीतर अपूर्णता बैठी है, भीतर की अपूर्णता की छाया होती है,जगत के प्रति कामना , जबतक भीतर अंहकार है,जगत के प्रति कामना होगी ही होगी, और वही कामना एक दिन मुमुक्षा बनेंगी,
भुख लगी है तो हम बोलेंगे नही का तो प्रश्न ही नही बनना चाहिए पर हम ऐसे झुन्नु है लगी तो है पर हम दिखाएंगे ऐसे की पेट भरा है पर मौका मिले तो लोग प्लेट भी खा जाते है ऐसे है हम - - - -
आग अगर हो तो फिर धुंआ नही लपट दिखनी चाहिए.हम भारतीय गीली लकड़ी की तरह हो गए जो पूरी तरह प्रज्वलित नही होती.👍🙏
प्रेम नहीं है इसी लिए जातिवाद जिंदा हे, कितने आसान भाषा में समझाया हे। ❤❤
Aapka har vdo kuch na kuch prerna avashya deta hai... Pranaam Acharyaji🙏🙏
🍃प्रणाम🙏 आप मुर्दों के देश में प्राण ला रहे है।
घोर उनके कर्म की याद से मन शुद्ध हो,
जग विकल है, तुम उठो अंत तक बस युद्ध,
हमने झूठी संतुष्टि को सम्मान दे दिया। जो हम संतुष्टि का स्वांग करते हैं उसमें संतुष्टि कही नहीं है, बस चिंदी चोरी है।
right
Achary prashant❤
Pranam aacharya ji ❤
Koti koti naman Acharya ji 🌹🏵️❤
❤❤❤ नमन आचार्य जी🙏🙏❤️❤❤
अपूर्ण हू पर अपूर्ण रहूंगा नही भीतर जो भी रिक्तता है उसे पूर्ण करूंगा। धन्यवाद आचार्य जी।❤❤
कामना होना गुनाह नहीं है, हम छुपा करके जबरदस्ती गुनाहगार बन जाते हैं।
प्रणाम आचार्य जी 🙏🏾❤️
🙏प्रणाम आचार्य जी🙏प्रेम है तो सबसे होगा व्यक्ति, जीव-जन्तु.... हर चीज से प्रेम होगा उसमें जाति शब्द होगा ही नहीं..क्योंकि निस्वार्थ प्रेम होगा👈🙏
Pranam aacharya ji
प्रज्ञावान शांत स्वरूप आचार्यजी को कोटी कोटी नमन 🙏🙏
मनवा तो फूला फिरै, कहै जो करूँ धरम।
कोटि करम सिर पै चढ़े, चेति न देखे मरम ।।
~ संत कबीर
Aap sahi kah rahe hai aacharya ji
Shat Shat Naman Acharya Ji 🙏🙏🙏🙏
अमुक्त जो हो जाता है, उसका कर्म और घनघोर हो जाता हैं
❤❤
सरल काम हो जाओ,
भीतर अहम है तो बाहर कामना तो होगी ही होगी।
कामना प्रकट होगी तो उसको एक सही दिशा दी जा सकती है।
सत्य से प्रेम हो तो प्रकृति मात्र से प्रेम हो जाता है🙏🙏🙏
आचार्य जी को सादर प्रणाम 🙏🏼
भाई शत शत नमन क्यों कर रहे हो, आचार्य प्रशांत कोई भगवान थोड़े है।एक शिक्षक हैं आप उन्हें शिक्षक ही समझो।
कहे गए बातों को जीवन में उतारो, इतना ही काम का है ।हम क्या करते है शत शत नमन करके उन्हें छोटा कर देते है या भगवान बना देते है।
Bilkul sahi kaha. Woh aadmi keh raha hai ki Gyan ko importance do, vyakti ko nahi, magar phir bhi yahan ke logon ko dusre ko bhagwan banane ki gandi aadat padi hai.
@@Punk-qk8bqbhai Gyan to granth, sashtra padhne se milega lekin logon ko sirf padhna to hai nahi
Parnam aachrya ji👏👏👏👏
मुक्ति उनके लिए नहीं है,
जो औसत जीवन से संतुष्ट हैं।
~आचार्य प्रशांत
गीता सत्र से जुड़े 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🥰🙏🥰🙏🙏🥰🥰🙏🥰🙏🙏
प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏
प्रणाम आचार्य जी 🙏
खुद से ज्यादा दूसरे पर भरोसा या उम्मीद
जो पूर्ण है वही संतुष्ट है
Pranam acharya ji 🙏🙏🙏🙏
नैतिकता आध्यात्म नहीं होता है 🙏🙏
धार्मिक चित्त वही है जहां प्रेम हो ;
जहां प्रेम होगी वहां जाति प्रथा खत्म हो जाएगी ।
❤❤
बिलकुल सही कहा सर जी
I'm crying 😢😢felt like you are talking about me
प्रणाम आचार्य जी ❤️🙏✨
Namaste sir ji
आचार्य जी की बात को सुनने वाले 5 करोड़ लोग है लेकिन अगर 50 हजार भी उनके बात पर अम्ल कर ले तो भारत से बुराई दूर HO जाएगी 🙏🏻🙏🏻
प्रणाम आचार्य जी
प्रणाम आचार्य जी🙏🙏🙏
Thanks for this video ❤
आचार्य जी को 🙏
शत् शत् नमन आचार्य श्री🙏🙏🙏
सरल काम हो जाओ तो कामना की आग अपने आप कम हो जाएगी ~ आचार्य जी
Jai guru ji ❤❤❤
धार्मिक चित का मतलब है, एकदम सरल होना
भारत में जो जाति प्रथा इतनी बनी रह गई,
उसका बहुत बड़ा एक कारण प्रेम का अभाव है
साखी शब्द बहुतक सुना, मिटा न मन क मोह।
पारस तक पहुँचा नहीं, रहा लोह का लोह।।
~ संत कबीर साहेब जी ❤❤
Jai shree krishna sir
Acharay ji ko koti koti naman hai ❤❤❤❤❤
❤❤❤❤
आचार्य जी आपका प्रत्येक संवाद मन को झकझोर देता है आपकी हर एक बात जीवन में प्रश्न छोड़ जाती है 🙏🙏🙏🙏❤️❤️
*अहम् = कामना*
❤❤❤❤❤💎💎💎💎💎
आप आए तो समझ आया, प्यार ज़िंदगी से हो गया ❤
Thanks acharya ji 🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾
Jay shree Ram acharya G. Dhanyawad
Wah kya bat hai❤
सुप्रभातम शत् शत् नमन आचार्य श्री🙏🙏🙏 एवं समस्त श्रोतागण
❤❤❤