Ek ye geet bhi bohot purana hai or iske bol bhi kahi nahi mil rahe kya ap is geet ko gane ka pariyatan kar saktey hai सुबेर कावा, बासी की गई x2 आग न्यारी भवरानी चा मेतीयो की राजी, ख़ुशी नी आयी न बाबा ऐनी न भुल्ला फट्याई समलोना होला आज मिथेयि - समलोना होला आज मिथेयि कंठ भडुली लगनी चा
बहुत ही सुन्दर,गीत, दीदी के मधुर आवज से सुन कर मन बहुत ही आनंदित हो गया, बहुत बहुत धन्यवाद, 🙏🙏🙏
बोहोत सुंदर। ये गीत मेरे पिता गुनगुनाते थे पूरे बोल ना पता होने के कारण। आज ये गीत आपकी आवाज में सुनकर बोहोत खुश हो जायेंगे
Ek ye geet bhi bohot purana hai or iske bol bhi kahi nahi mil rahe kya ap is geet ko gane ka pariyatan kar saktey hai
सुबेर कावा, बासी की गई x2
आग न्यारी भवरानी चा
मेतीयो की राजी, ख़ुशी नी आयी
न बाबा ऐनी न भुल्ला फट्याई
समलोना होला आज मिथेयि - समलोना होला आज मिथेयि
कंठ भडुली लगनी चा