मंज़िले लाख कठिन आये गुज़र जाऊँगा हौंसला हार के बैठूँगा तो मर जाऊँगा और चल रहे थे जो मेरे साथ कहाँ हैं वोह लोग जो यह कहते थे के रास्ते में बिखर जाऊँगा और दरबदार होने से पहले कभी सोचा भी ना था घर मुझे रास ना आया तो किधर जाऊँगा याद रखे मुझे दुनिया तेरी तस्वीर के साथ रंग ऐसे तेरी तस्वीर में भर जाऊँगा लाख रोके ये अँधेरे मेरा रास्ता लेकिन मैं जिधर रोशनी जाएगी उधर जाऊँगा रास आई ना मोहब्बत मुझे वरना साक़ी मैंने सोचा था के हर दिल में उतर जाऊँगा
Suggested corrections: “हौसला”- इसमें बिंदी नही है। दर बदर”, ऐसा लिखें। कवि द्वारा “रस्ते”, और “रस्ता” कहा गया है, जो कि “रास्ते” और “रास्ता” शब्दों के अपभ्रंश है। “रस्ते” और “रस्ता” ही लिखें, जैसा कि कवि द्वारा कहा गया है।
मंज़िलें लाख कठिन आएँ गुज़र जाऊँगा हौसला हार के बैठूँगा तो मर जाऊँगा चल रहे थे जो मेरे साथ कहाँ हैं वो लोग जो ये कहते थे कि रस्ते में बिखर जाऊँगा दर-ब-दर होने से पहले कभी सोचा भी न था घर मुझे रास न आया तो किधर जाऊँगा याद रक्खे मुझे दुनिया तिरी तस्वीर के साथ रंग ऐसे तिरी तस्वीर में भर जाऊँगा लाख रोकें ये अँधेरे मिरा रस्ता लेकिन मैं जिधर रौशनी जाएगी उधर जाऊँगा रास आई न मोहब्बत मुझे वर्ना 'साक़ी' मैं ने सोचा था कि हर दिल में उतर जाऊँगा
Achchha hai...nek hai...khud ki mehnat ki kamaai hai...logo ko khushiya batata hai...tu ghar ujaade chhe...desh desh ke bich zahar gholta hai...poori duniya se tune nafarat kari..aur saare jag ko ladaata hai...tu apni khursi par baandhkar hasta hai....kab taq ??
Zindagi ke hawale se bahut umdah sheyr h
بہت منفرد اسلوب کا شاعر جس کا ہر کلام شہکار ہے
Bohat khobsurat intekhab
Wah wah wah❤❤❤
Gorgeous poem with Heart touching Voice❤❤❤
मंज़िले लाख कठिन आये गुज़र जाऊँगा
हौंसला हार के बैठूँगा तो मर जाऊँगा
और चल रहे थे जो मेरे साथ कहाँ हैं वोह लोग
जो यह कहते थे के रास्ते में बिखर जाऊँगा
और दरबदार होने से पहले कभी सोचा भी ना था
घर मुझे रास ना आया तो किधर जाऊँगा
याद रखे मुझे दुनिया तेरी तस्वीर के साथ
रंग ऐसे तेरी तस्वीर में भर जाऊँगा
लाख रोके ये अँधेरे मेरा रास्ता लेकिन
मैं जिधर रोशनी जाएगी उधर जाऊँगा
रास आई ना मोहब्बत मुझे वरना साक़ी
मैंने सोचा था के हर दिल में उतर जाऊँगा
Suggested corrections:
“हौसला”- इसमें बिंदी नही है।
दर बदर”, ऐसा लिखें।
कवि द्वारा “रस्ते”, और “रस्ता” कहा गया है, जो कि “रास्ते” और “रास्ता” शब्दों के अपभ्रंश है। “रस्ते” और “रस्ता” ही लिखें, जैसा कि कवि द्वारा कहा गया है।
Really motivating poem
Marvelous voice ❤
بہت عمدہ شعر
بہت عمدہ
Nice wahaa
मंज़िलें लाख कठिन आएँ गुज़र जाऊँगा
हौसला हार के बैठूँगा तो मर जाऊँगा
चल रहे थे जो मेरे साथ कहाँ हैं वो लोग
जो ये कहते थे कि रस्ते में बिखर जाऊँगा
दर-ब-दर होने से पहले कभी सोचा भी न था
घर मुझे रास न आया तो किधर जाऊँगा
याद रक्खे मुझे दुनिया तिरी तस्वीर के साथ
रंग ऐसे तिरी तस्वीर में भर जाऊँगा
लाख रोकें ये अँधेरे मिरा रस्ता लेकिन
मैं जिधर रौशनी जाएगी उधर जाऊँगा
रास आई न मोहब्बत मुझे वर्ना 'साक़ी'
मैं ने सोचा था कि हर दिल में उतर जाऊँगा
Motivational poetry
Assalamualaikum Bhai
Bhai isme music kon sa hai
Achchha hai...nek hai...khud ki mehnat ki kamaai hai...logo ko khushiya batata hai...tu ghar ujaade chhe...desh desh ke bich zahar gholta hai...poori duniya se tune nafarat kari..aur saare jag ko ladaata hai...tu apni khursi par baandhkar hasta hai....kab taq ??
Nice
❤
دردناک
Background music name please???????
Background music name
Please name bta day please @Hamzatech806
❤