सर आपसे अच्छी जानकारी पूरे यूट्यूब जगत में कोई नहीं दे सकता आप समय समय पर खेती की जानकारी के साथ किसानों को मोटिवेट भी करते है और जो आपके बताने का तरीका है वो सभी किसान भाइयों को अच्छे से समझ में आ जाता है 🤗🤗
@@Darshan22Complete your course, go to job in any hi-tech farm for a short duration of atleast 1 year, then job in a company manufacturing farm machinery, or irrigation equipment, or micro irrigation or post harvest technology which you like. Then decide what you want to do in future.
Bahut achhee bat Sir. Imandari or quality hi life time chalti h. Kuchh log kuchh din ke liye aate hn or logon ke bharose todkar paisa kamakar nikal jaate hn. Aap jaise imandar aadmi logon ke liye sochenge to bhagwan aapke liye sochenge.
भाई आप संबाद भी ले रहे हैं काम भी कर रहे हैं मगर हम जहां दो साल से जैबिक खेती कर रहे हैं बो भी डा्इबरी छोड़ कर मगर पहले भी साल में दस महिने राशन खरीद कर खाते थे अब भी बही दस महिने का राशन खरीद कर खाना पड़ रहा है तीन महिने से टमाटर भिन्डी बैंगन मिर्च कद्दू खिरा लगाया है पूदिना भी लगाया है मगर घर के लिए भी सब्जी मूशिकल से पूरी होती है ओर आप करोड़ पती बना रहे हैं लोगों को हमारा भी मार्ग दर्शन किजिए हम करोड़ पती न हि लख पती सही हजार पती हि बना दिजिए आपकी मेहर बानी होगी केबल किशन माता बैष्णो देबी कटरा जम्मू कश्मीर से
Bhai sahab aapko thodi marketing smjh ni pdegi har chez aasan nhin hoti par muskilo se mili chez ka hi maza hai aur zarurat paida krein maang apne aap bn jayegi video wale to harami hote hi hain
हमारे देश में एक से एक वैरायटी है क्या जरूरत है विदेश के नाम पर आप पैसा कमा सकते हो लेकिन किसान सफल नहीं होता मुझे 15 वर्ष हो गई कृषि विभाग में सावधान होकर कार्य करें
प्रकृति के साथ सद्भाव में कैसे रहें और प्रदूषण कम करें 1. कई प्रोडक्शन कंपनियां जिनकी हमें वास्तव में इंसानों के लिए जरूरत नहीं है, उन्हें बंद करना होगा हम बहुत सारे उत्पाद बनाते हैं और यह प्रदूषण पैदा कर रहा है। इसलिए यदि हम अपने उत्पादों को कम करते हैं, तो प्रदूषण कम होगा। हम बहुत सी ऐसी चीजों का उत्पादन करते हैं जिनकी हमें आवश्यकता नहीं होती है, जैसे शीतल पेय, चमड़े के उत्पाद, आलू के वेफर्स, चिप्स, फलों के रस, चॉकलेट, बिस्कुट, अचार, आइसक्रीम आदि। कोल्ड ड्रिंक्स, फलों के जूस, अचार, आइसक्रीम आदि को घर पर ही बनाना चाहिए। यदि हम इन चीजों का उत्पादन बंद कर दें जो मनुष्यों के लिए आवश्यक नहीं हैं, तो इतना प्रदूषण कम किया जा सकता है। अगर हम कपड़ों को रंगते हैं तो प्रदूषण होता है। इसलिए अगर हम अपने कपड़ों को रंग नहीं देंगे तो कपड़ों को रंगने से होने वाले प्रदूषण को रोका जा सकता है। सब कुछ सफेद प्राकृतिक रंग में ही रहने दें। 2. हमें भोजन को उसके प्राकृतिक रूप में पकाना चाहिए चावल और गेहूं को हम अपने घरों में पकाकर खा सकते हैं। खेतों में चावल और गेहूं का उत्पादन होता है। फिर इसे पैक करके बड़े गोदामों में पहुंचाया जाता है, फिर थोक व्यापारी उनसे खरीद कर खुदरा दुकानों में आपूर्ति करते हैं। लेकिन अगर कोई निर्माण कंपनी चावल और गेहूं से रोटी बनाती है, तो रोटी बनाने के लिए एक निर्माण कंपनी स्थापित करनी पड़ती है, मशीनों और काम करने वाले कर्मचारियों की जरूरत होती है। जब कोई कंपनी बनती है तो कई अन्य चीजों की भी जरूरत होती है। फिर अंत में ब्रेड को पैक करने के लिए एक प्लास्टिक पैक की आवश्यकता होती है। इसलिए अगर हम खाने योग्य चीजों को उसके प्राकृतिक रूप में पकाना शुरू कर दें तो हमें कई कंपनियों की जरूरत नहीं है जैसे ब्रेड बनाने वाली कंपनी, टोमैटो केचप, नूडल्स, फ्रूट जैम, पिज्जा, बर्गर आदि, कंपनी के लिए जरूरी चीजें और प्लास्टिक पैक, पेपर बॉक्स पैक और कांच की बोतलें। अगर ऐसा किया गया तो इतनी कंपनियों की जरूरत नहीं पड़ेगी और इसलिए दुनिया के लिए प्रदूषण कम होगा। साथ ही हम अपना पैसा इस तरह से बचा सकते हैं। यदि आप रोटी का एक पैकेट खरीदते हैं, तो आपको घर में गेहूं और चावल पकाने की तुलना में अधिक पैसे खर्च होंगे। औद्योगिक क्रांति से पहले, हमारे पास तकनीक नहीं थी, लेकिन हमारे खाद्य पदार्थ पोषक तत्वों से भरपूर थे। अब हमारे पास तकनीक है, लेकिन तकनीक हमारे खाद्य पदार्थों को प्रदूषित कर रही है और हमारे खाद्य पदार्थ पोषक तत्वों से भरपूर नहीं हैं, और उसके कारण भी हमें स्वास्थ्य समस्याएं हैं। अगर ऐसा किया गया तो कई नौकरियां खत्म हो जाएंगी। उसके लिए बहुत से लोगों को खेती करनी चाहिए और अगर उनके पास खुद खेती शुरू करने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है तो उन्हें कर्ज दिया जाना चाहिए। जब तक दुनिया खेती से नहीं जुड़ जाती, तब तक दुनिया को खाना, दवाई, सर्जरी और शिक्षा मुफ्त दी जानी चाहिए। उसके बाद दुनिया को खाना, दवाई, सर्जरी और शिक्षा मुफ्त में बंद कर देनी चाहिए। बहुत से लोगों को वनस्पति विज्ञान का अध्ययन करना चाहिए ताकि उन्हें पौधों का ज्ञान हो और वे खेती करें। क्या इनका कोई और उपाय है कि इंसानों की नौकरी न जाए और प्रदूषण भी कम हो। पृथ्वी को प्रदूषित करने, वन्यजीवों को विलुप्त करने और भविष्य में मनुष्यों के बड़े पैमाने पर विलुप्त होने के बजाय मनुष्यों को यह कदम निश्चित रूप से उठाना होगा। 3. विद्युत प्रदूषण हम कई तरह के स्रोतों जैसे कोयला, पानी आदि से बिजली पैदा करते हैं, लेकिन यह प्रदूषण पैदा करती है। अगर पवनचक्की और सौर ऊर्जा से बिजली बनाई जाती है तो निर्माण प्रक्रिया में कोई प्रदूषण नहीं होता है। लेकिन फिर भी पवनचक्की और सौर मशीनों के निर्माण से प्रदूषण होगा। जैसा कि मैंने पहले कहा था कि अगर हम ऐसी कई निर्माण कंपनियों को बंद कर दें जो ऐसी चीजें पैदा कर रही हैं जो इंसानों के लिए जरूरी नहीं हैं, तो दुनिया को इतनी बिजली की आवश्यकता नहीं होगी। यदि कम बिजली की आवश्यकता होती है, तो कम प्रदूषण उत्पन्न होता है।
4. क्या हम गाय और भैंस का दूध पीना बंद कर सकते हैं? दूध से हमें जो भी विटामिन और पोषक तत्व मिलते हैं, अगर वह हमें अन्य खाने योग्य चीजों से मिल जाए तो हम गाय और भैंस का दूध पीना बंद कर सकते हैं। चूंकि दूध को कांच की बोतलों और प्लास्टिक के पैक में पैक करके स्थानों पर ले जाना पड़ता है। यह सब रोका जा सकता है। जिन शिशुओं की मां की मृत्यु हो गई है या जो मां अपने बच्चों को स्तनपान नहीं करा सकती हैं, उन्हें केवल गाय और भैंस का दूध दिया जाना चाहिए। दूध का इस्तेमाल हम चाय और कॉफी में करते हैं। दूध की जगह हमें चाय और कॉफी के साथ या सिर्फ सादा चाय और कॉफी के साथ नीबू का इस्तेमाल करना चाहिए। एक नींबू को कुछ टुकड़ों में काटकर चाय और कॉफी के साथ पकाना चाहिए या फिर चूने की जगह कुछ और इस्तेमाल किया जा सकता है। 5. विश्व की जनसंख्या कितनी होनी चाहिए हर जगह एक ही घर होना चाहिए। कोई इमारत नहीं, सब कुछ भूतल। यदि हम ऐसा करते हैं और हमारे ग्रह पृथ्वी की पूरी भूमि पर एक दिन घरों, खेतों, जंगलों, स्कूलों, अस्पतालों आदि के साथ कब्जा कर लिया जाएगा, तो हमें पता चल जाएगा कि हमारे ग्रह पृथ्वी की अधिकतम जनसंख्या कितनी हो सकती है। एक बार जनसंख्या निर्धारित हो जाने के बाद, हमें उस जनसंख्या को बनाए रखना होगा। उदाहरण के लिए यदि हमारी पृथ्वी की जनसंख्या 10 अरब हो सकती है, तो जब जनसंख्या 10 अरब तक पहुँच जाती है, तब सभी को एक ही बच्चा होना चाहिए जब तक कि जनसंख्या 9 अरब लोगों तक न पहुँच जाए। जैसे कि हमारा एक ही बच्चा है तो जनसंख्या कम हो जाती है। जब जनसंख्या 9 अरब लोगों की है, तब तक सभी के 2 बच्चे होने चाहिए जब तक कि जनसंख्या 10 अरब लोगों तक नहीं पहुंच जाती। उसके बाद फिर से हमें केवल एक ही बच्चा होना चाहिए। इस तरह जनसंख्या को बनाए रखा जा सकता है।
Blind production is not enough, For estimation of the value of the crop/Produce , start with market demand, projected price in Mandi , then study entire Supply Chain , then estimate the investment and expected Output etc. Calculate the possible profit accordingly.
Fruit plant prices of Jai Hind Nursery are very high. Horticulture department of Punjab sells Peach and plum plants at 25.rs per plant whereas same variety is sold at Rs.250 at Jai Hind Nursery.
Aisi v d o dekh kar motivation milta hai 👌👌👌 but aaj ka uva pdha likha samjhdaar hai isiliye aisi mosmi sbji or fasal hi boye jinko marketing krne me aasani ho or apni laagat bhi niklti rahe
fal sabji ki kheti karne ke liye acchi jankari ki jarurat hoti hai, kisanon ko itne jankari nhi hoti, aur kisan sikhana bhi nahi chahata, lakin jo koshish karte hai vo pa jate hai, Dhanyawad!
Export bhi karo Marketing through website and its creation online sale Kisan ko batao kaisee kisan export kar sakta hai Packing Permission from govt . Sab baton ko jaroor batao Good educate people of India
Birkul sahi kaha मैं khud खेती mein aaya hu Sarkari job lagi nhi general category rajput hu, or private ki nhi Kheti mein aaya hu or दुकान ki सोची hai Teachnical kheti nhiw kar paaogey bohut barbaad ho gaye kahtey jab jaankaari 100% nhi hogi toh teachnical खेती nhi hoti Jo pidhi karti aayi wahi kar rahe sab jaankaari itni hai nhi toh hogi kaha se Muskil hai मजदूर ki problem hai
Aapki vajah se naya kisan ko motivation milta hai jo berojgari ki samasya se ulajh rahe hain.. Unhen kheti Ka Sahara avsar aapke motivation se mil raha hai
बंधु आपकी नर्सरी से पौधे लेकर कितने किसानों ने अपना नया कार्य शुरू किया है और वह कितनी कमाई कर रहे हैं यह बताईयेगा। अन्यथा तो यही माना जायेगा कि आप भी नये लोगों को सपने बेच कर ठग रहे हो और सिर्फ अपनी कमाई कर रहे हो।
सर आपसे अच्छी जानकारी पूरे यूट्यूब जगत में कोई नहीं दे सकता आप समय समय पर खेती की जानकारी के साथ किसानों को मोटिवेट भी करते है और जो आपके बताने का तरीका है वो सभी किसान भाइयों को अच्छे से समझ में आ जाता है 🤗🤗
Thanks
Nice bhai
अच्छा प्रदर्शन है
L
मैं एमपी मध्य प्रदेश में सेव का पौधा लगाना चाहिए कहां से बोल रहे हैं
सर मैं भी agriculture कि पढ़ाई कर रहा हूं ओर आपसे कृषि के बारे में मेरे कॅरियर को बहुत ज्यादा सहायता मिली है जय हिंद जय भारत( जय जवान जय किसान)
Ok
Me mechanical engineering kar raha hu 🤣🤣🤣ae video dekh ke lagta he me bhi agriculture business karu 🤣🤣🤣50k investment or 1.5 cr. Profit 🤣🤣
Ok
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Then decide what you want to do in future.
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जानकारी देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद इंद्रपाल जी
बहोत अच्छा enterprise है , जाणकारी अच्छी है, धन्यवाद !
याही सब गलत जानकारी के वजाह से सरकार ध्यान नहीं देती किसानो के ऊपर क्योंकि सरकार को लगता है कि किसान तो बहुत लाभ में है😢
बहुत बहुत बधाई अनिल भाई को जो पकृति के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर रहे हैं
Jai jawaan Jai kisaan Jai vigyaan waah super se bahuuuuuuuut oopar extremely excellence par excellence
🙏 जै किसान जै आयुर्वेद-होमियोपैथी जै भारत सबसे अच्छा बिजनेस खेती किसानी है दिमाग से काम करने से सफलता निश्चित ही मिलता है। 🇮🇳👌👌👌👌👌👌👍👍👍👍👍👍✌✌✌✌✌✌🙏🙂
Thanks
अपना लिंग दिजिए
सर मैं भी एक किसान हूं मैं धान की खेती करता हूं मेरा जीवन बहुत कुशल मंगल है। धन्यवाद 🙏🙏
ड्रीप खेती करो कुछ तो बदलाव करो
सिर्फ धान की खेती में ज्यादा फायदा नही होता
@@gautamchandsahu8912 vegitable
@@gautamchandsahu8912 kha se
@@Rahul-bm8ej chhuriya
Raknandgaon
@@gautamchandsahu8912 jodhpur aajao partenar in farming
अनिल भाई को कौन नही जानता ।।
जय हिंद नर्सरी के स्वामी ।। one of the best quality plants in india 👌👌👌👌
@@aadarshnursery6258 सब कुछ दे रखा ह वीडियो म
Thanks
आपकी नर्सरी कहाँ है
@@sanketkumar5184 भाई मेरी नही ह अनिल भाई की है भिवाड़ी म
Subscribe kr lo mere bhai
हमारे देश में खेतीकिसानी मजदूरी को हे़य दृष्टि से देखा जाता है सरकारी नौकरी को सम्मान की दृष्टि से ।
सही बोले बिरादर
@@HarshYaduvansheeo ho yadav dekh ke..biradar hi bol diya bro....kis dist se ho ap bhai
.
अच्छा हुआ युटयुब में हि सही करोड़ों कमाते है
कभी किसान भी हजारों कमायेंगे
अती सून्दर है आप हमेशा अच्छी खबर देते हैं किसानों को
बहुत बढ़िया निशुल्क जानकारी दी है।
भाई आपने 50 हजार रूपए में इसकी शुरुआत की बात कही है, लेकिन खेती तो पॉलीहाउस में हो रही है , 50 हजार मे कौन सा पालीहाउस बन जाता है कृपया हमें भी बताए।
उन्होंने पहले ही बोल दिया है कि शुरुआत 50 से की फिलहाल वीडियो बनने के समय उसमे 1.5 crore का निवेश हो चुका है
Pehle baat ko ache se suno... Fr socho or fr bolo..!!!! 🤔
Ek se ek chutiye log bat samjhna nhi or bol dena
@@SandeepSingh-wb1vo waah bhai 😊
गजब
Very good news for the Farmers of the Punjab.
🌾जय जवान जय किसान 🌾अनिल भाई जी आपने बहुत ही अच्छी जानकारी दी है agriculture 🌾❣️💯 Desh Ki Jaan Hamare Kisaan 🙏❤️
Good
बहुत बढ़िया जानकारी के लिए साधुवाद ।।।
Bahut achhee bat Sir. Imandari or quality hi life time chalti h. Kuchh log kuchh din ke liye aate hn or logon ke bharose todkar paisa kamakar nikal jaate hn. Aap jaise imandar aadmi logon ke liye sochenge to bhagwan aapke liye sochenge.
अत्यन्त प्रेरणादायक आत्मा को हिलाने वाली जानकारी सभी को बहुत-बहुत जल्दी अपनाना चाहिए
A वन चैनल है भाई आपका
बहुत बहुत धन्यवाद आपका
Thanks
आप ने बहुत ही सुंदर जानकारी दिया गया है जानकारी के लिए बहुत बहुत🙏💕 धन्यवाद देता हूँ
जय जवान
जय किसान👳💦👳💦
भाई आप संबाद भी ले रहे हैं काम भी कर रहे हैं मगर हम जहां दो साल से जैबिक खेती कर रहे हैं बो भी डा्इबरी छोड़ कर मगर पहले भी साल में दस महिने राशन खरीद कर खाते थे अब भी बही दस महिने का राशन खरीद कर खाना पड़ रहा है तीन महिने से टमाटर भिन्डी बैंगन मिर्च कद्दू खिरा लगाया है पूदिना भी लगाया है मगर घर के लिए भी सब्जी मूशिकल से पूरी होती है ओर आप करोड़ पती बना रहे हैं लोगों को हमारा भी मार्ग दर्शन किजिए हम करोड़ पती न हि लख पती सही हजार पती हि बना दिजिए आपकी मेहर बानी होगी केबल किशन माता बैष्णो देबी कटरा जम्मू कश्मीर से
Sahi kaha bhai. Ye log murkh banate rahte hain. Inko vedio banane ke paise mil jate hain. Hamen kuchh nahin milta hai
Bhai lavrenda ki kheti karo kasmir me bhut achi hai
Bhai sahab aapko thodi marketing smjh ni pdegi har chez aasan nhin hoti par muskilo se mili chez ka hi maza hai aur zarurat paida krein maang apne aap bn jayegi video wale to harami hote hi hain
Bahut sundar jankari diya sir ji aapne
भाई इनकी जानकारी में झोल लगता हे।
जैविक में खेती खर्च भी घटेगा परंतु उत्पादन भी घटेगा ही।
खेती मे बहुत पैसा है बहुत सुकून है मे खुद आनंद मय जीवन जी रहा हु 🌹🥳❤️
Bhai aap kheti me krte kta ho
Yes, 💯💯💯💯💯💯 correct. Loge khethi ko kum nazar se dekhte hai.1 .khethi 2.business 3. Job
बागवानी के लिए बहुत अच्छी जानकारी दीए सर धन्यवाद
हमारे देश में एक से एक वैरायटी है क्या जरूरत है विदेश के नाम पर आप पैसा कमा सकते हो लेकिन किसान सफल नहीं होता मुझे 15 वर्ष हो गई कृषि विभाग में सावधान होकर कार्य करें
Good bro ......savdhan hokar karya Karen
Matlb kheti ghate ka soda h ? Ya nhi karni chahiye ye bataya nhi
Aapke contacts number mil sakte he
प्रकृति के साथ सद्भाव में कैसे रहें और प्रदूषण कम करें
1. कई प्रोडक्शन कंपनियां जिनकी हमें वास्तव में इंसानों के लिए जरूरत नहीं है, उन्हें बंद करना होगा
हम बहुत सारे उत्पाद बनाते हैं और यह प्रदूषण पैदा कर रहा है। इसलिए यदि हम अपने उत्पादों को कम करते हैं, तो प्रदूषण कम होगा। हम बहुत सी ऐसी चीजों का उत्पादन करते हैं जिनकी हमें आवश्यकता नहीं होती है, जैसे शीतल पेय, चमड़े के उत्पाद, आलू के वेफर्स, चिप्स, फलों के रस, चॉकलेट, बिस्कुट, अचार, आइसक्रीम आदि। कोल्ड ड्रिंक्स, फलों के जूस, अचार, आइसक्रीम आदि को घर पर ही बनाना चाहिए। यदि हम इन चीजों का उत्पादन बंद कर दें जो मनुष्यों के लिए आवश्यक नहीं हैं, तो इतना प्रदूषण कम किया जा सकता है। अगर हम कपड़ों को रंगते हैं तो प्रदूषण होता है। इसलिए अगर हम अपने कपड़ों को रंग नहीं देंगे तो कपड़ों को रंगने से होने वाले प्रदूषण को रोका जा सकता है। सब कुछ सफेद प्राकृतिक रंग में ही रहने दें।
2. हमें भोजन को उसके प्राकृतिक रूप में पकाना चाहिए
चावल और गेहूं को हम अपने घरों में पकाकर खा सकते हैं। खेतों में चावल और गेहूं का उत्पादन होता है। फिर इसे पैक करके बड़े गोदामों में पहुंचाया जाता है, फिर थोक व्यापारी उनसे खरीद कर खुदरा दुकानों में आपूर्ति करते हैं। लेकिन अगर कोई निर्माण कंपनी चावल और गेहूं से रोटी बनाती है, तो रोटी बनाने के लिए एक निर्माण कंपनी स्थापित करनी पड़ती है, मशीनों और काम करने वाले कर्मचारियों की जरूरत होती है। जब कोई कंपनी बनती है तो कई अन्य चीजों की भी जरूरत होती है। फिर अंत में ब्रेड को पैक करने के लिए एक प्लास्टिक पैक की आवश्यकता होती है। इसलिए अगर हम खाने योग्य चीजों को उसके प्राकृतिक रूप में पकाना शुरू कर दें तो हमें कई कंपनियों की जरूरत नहीं है जैसे ब्रेड बनाने वाली कंपनी, टोमैटो केचप, नूडल्स, फ्रूट जैम, पिज्जा, बर्गर आदि, कंपनी के लिए जरूरी चीजें और प्लास्टिक पैक, पेपर बॉक्स पैक और कांच की बोतलें। अगर ऐसा किया गया तो इतनी कंपनियों की जरूरत नहीं पड़ेगी और इसलिए दुनिया के लिए प्रदूषण कम होगा। साथ ही हम अपना पैसा इस तरह से बचा सकते हैं। यदि आप रोटी का एक पैकेट खरीदते हैं, तो आपको घर में गेहूं और चावल पकाने की तुलना में अधिक पैसे खर्च होंगे। औद्योगिक क्रांति से पहले, हमारे पास तकनीक नहीं थी, लेकिन हमारे खाद्य पदार्थ पोषक तत्वों से भरपूर थे। अब हमारे पास तकनीक है, लेकिन तकनीक हमारे खाद्य पदार्थों को प्रदूषित कर रही है और हमारे खाद्य पदार्थ पोषक तत्वों से भरपूर नहीं हैं, और उसके कारण भी हमें स्वास्थ्य समस्याएं हैं। अगर ऐसा किया गया तो कई नौकरियां खत्म हो जाएंगी। उसके लिए बहुत से लोगों को खेती करनी चाहिए और अगर उनके पास खुद खेती शुरू करने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है तो उन्हें कर्ज दिया जाना चाहिए। जब तक दुनिया खेती से नहीं जुड़ जाती, तब तक दुनिया को खाना, दवाई, सर्जरी और शिक्षा मुफ्त दी जानी चाहिए। उसके बाद दुनिया को खाना, दवाई, सर्जरी और शिक्षा मुफ्त में बंद कर देनी चाहिए। बहुत से लोगों को वनस्पति विज्ञान का अध्ययन करना चाहिए ताकि उन्हें पौधों का ज्ञान हो और वे खेती करें। क्या इनका कोई और उपाय है कि इंसानों की नौकरी न जाए और प्रदूषण भी कम हो। पृथ्वी को प्रदूषित करने, वन्यजीवों को विलुप्त करने और भविष्य में मनुष्यों के बड़े पैमाने पर विलुप्त होने के बजाय मनुष्यों को यह कदम निश्चित रूप से उठाना होगा।
3. विद्युत प्रदूषण
हम कई तरह के स्रोतों जैसे कोयला, पानी आदि से बिजली पैदा करते हैं, लेकिन यह प्रदूषण पैदा करती है। अगर पवनचक्की और सौर ऊर्जा से बिजली बनाई जाती है तो निर्माण प्रक्रिया में कोई प्रदूषण नहीं होता है। लेकिन फिर भी पवनचक्की और सौर मशीनों के निर्माण से प्रदूषण होगा। जैसा कि मैंने पहले कहा था कि अगर हम ऐसी कई निर्माण कंपनियों को बंद कर दें जो ऐसी चीजें पैदा कर रही हैं जो इंसानों के लिए जरूरी नहीं हैं, तो दुनिया को इतनी बिजली की आवश्यकता नहीं होगी। यदि कम बिजली की आवश्यकता होती है, तो कम प्रदूषण उत्पन्न होता है।
4. क्या हम गाय और भैंस का दूध पीना बंद कर सकते हैं?
दूध से हमें जो भी विटामिन और पोषक तत्व मिलते हैं, अगर वह हमें अन्य खाने योग्य चीजों से मिल जाए तो हम गाय और भैंस का दूध पीना बंद कर सकते हैं। चूंकि दूध को कांच की बोतलों और प्लास्टिक के पैक में पैक करके स्थानों पर ले जाना पड़ता है। यह सब रोका जा सकता है। जिन शिशुओं की मां की मृत्यु हो गई है या जो मां अपने बच्चों को स्तनपान नहीं करा सकती हैं, उन्हें केवल गाय और भैंस का दूध दिया जाना चाहिए। दूध का इस्तेमाल हम चाय और कॉफी में करते हैं। दूध की जगह हमें चाय और कॉफी के साथ या सिर्फ सादा चाय और कॉफी के साथ नीबू का इस्तेमाल करना चाहिए। एक नींबू को कुछ टुकड़ों में काटकर चाय और कॉफी के साथ पकाना चाहिए या फिर चूने की जगह कुछ और इस्तेमाल किया जा सकता है।
5. विश्व की जनसंख्या कितनी होनी चाहिए हर जगह एक ही घर होना चाहिए।
कोई इमारत नहीं, सब कुछ भूतल। यदि हम ऐसा करते हैं और हमारे ग्रह पृथ्वी की पूरी भूमि पर एक दिन घरों, खेतों, जंगलों, स्कूलों, अस्पतालों आदि के साथ कब्जा कर लिया जाएगा, तो हमें पता चल जाएगा कि हमारे ग्रह पृथ्वी की अधिकतम जनसंख्या कितनी हो सकती है। एक बार जनसंख्या निर्धारित हो जाने के बाद, हमें उस जनसंख्या को बनाए रखना होगा। उदाहरण के लिए यदि हमारी पृथ्वी की जनसंख्या 10 अरब हो सकती है, तो जब जनसंख्या 10 अरब तक पहुँच जाती है, तब सभी को एक ही बच्चा होना चाहिए जब तक कि जनसंख्या 9 अरब लोगों तक न पहुँच जाए। जैसे कि हमारा एक ही बच्चा है तो जनसंख्या कम हो जाती है। जब जनसंख्या 9 अरब लोगों की है, तब तक सभी के 2 बच्चे होने चाहिए जब तक कि जनसंख्या 10 अरब लोगों तक नहीं पहुंच जाती। उसके बाद फिर से हमें केवल एक ही बच्चा होना चाहिए। इस तरह जनसंख्या को बनाए रखा जा सकता है।
Philosopher BAN GAYE TUM !....GREAT JOB !
जय हिंद सर अच्छी जानकारी दी आपने
Thanks
बहुत अच्छा समझाया है धन्यवाद सरजी
Great work enthusiastic 👍👍👍👍🙏🙏
Subscribe kr lo mera bhai
Proud of you hard worker boy. God bless you. Our Dharna kissan should learn from him.
सर जी ट्यूबवेल के पानी मे कौन से फलदार पौधे कामयाब है जी मार्गदर्शन कीजिये और उस पर वीडियो बनाकर सम्पूर्ण जानकारी दे जी
धन्यवाद
anaar
बहुत अच्छी जानकारी दी धन्यवाद साधुवाद 🙏🙏
Best video for motivating Young farmers also farming is business not the loss
Aa
आप का उत्साह वर्धक वीडियो वाकई लाजवाब है। आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
Please mujhe ap se bat karni ha
Khati. Ke bary me
यह जानकारी सुनने मे अच्छी लगी
लेकिन ऐसा करना इतना आसान नहीं है
खेती बड़ी और बग्वनि मे बहुत मेहनत लगती है
कृपया अपना नम्बर दें
Blind production is not enough, For estimation of the value of the crop/Produce , start with market demand, projected price in Mandi , then study entire Supply Chain , then estimate the investment and expected Output etc. Calculate the possible profit accordingly.
Thansk for This video farming course advise❤
मेरे पास भी 5 एकड़ का नीबू का बगीचा है और वो 12 मिहीने लगने वाला है
Kisan madoor Ek ta zindabad ❤proud Kisan desi
Great Video 🙏🏻🙏🏻🥰
Y
Hello mam
सर जी बहुत बहुत धन्यवाद।।
50000 thousand rupees investment and 3years impossible don't fool be people sorry 😭😭😭🤣🤣🙏
Right bro.
Je sab baate motivation ke liye aachi hai group level per reality kuch or hai
Your nursery module is great but Please upload true Balance sheet & Bank statement of farmer,Dear influencers Sir.
Most valuable and knowledgeable information regarding variety
You are helping farmers
Thanks
उपयोगी जानकारी 🌹🌹
thanks for informative video
Pure desh Ka kisan aapke sath hai bhai
👌🎉🇮🇳All variety fruit plants are available in your nursery is very nice 👍😊 Thanks
th-cam.com/video/lEidRsv5yqw/w-d-xo.html
Anil bhae kisanose achi samj dete rho aapke liye bhut bhut hardik shubhkamnaye
श्रीमान धन्यवाद 🙏
Bahut badhiya jankari hai 🌹👌👌👌👌
Very impressed.
Best wishes.
Love from Himachal Pradesh
Very good, thank you.
Sir please call me once l am very interested namaste
यह टेक्नोलोजी का दौर है। जो टेक्नोलॉजी के साथ चला वोह आगे बड़ा।
Great work sir Ji 🙏👍🙏
Fruit plant prices of Jai Hind Nursery are very high.
Horticulture department of Punjab sells Peach and plum plants at 25.rs per plant whereas same variety is sold at Rs.250 at Jai Hind Nursery.
Pehli bar kisine sach bolo hey logo ke bare me aapke sath agree hu me sir 🙏
Thanks for this video, Farming related koi course ya training hai, Jo working professional kar sakte hai? Please advise .
Aisi v d o dekh kar motivation milta hai 👌👌👌 but aaj ka uva pdha likha samjhdaar hai isiliye aisi mosmi sbji or fasal hi boye jinko marketing krne me aasani ho or apni laagat bhi niklti rahe
Nice sir 🙏
fal sabji ki kheti karne ke liye acchi jankari ki jarurat hoti hai, kisanon ko itne jankari nhi hoti, aur kisan sikhana bhi nahi chahata, lakin jo koshish karte hai vo pa jate hai, Dhanyawad!
Super interesting and information video thanks
Thanks
बहुत ही सुखद जानकारी
सर् जी 10 मिनिट का vedio हो सकता था आपने 18 मिनिट का कर दिया ।
Phone me fast karne ka tarika hota hai.
Aap chaho to 17 minutes ko 10 ya 5 bhi kr lo.
Great work sir bahut महंती इंसान
Thank you so much ❤️
आपके फोन नंबर क्या है सर फोन नंबर बताइए
जब वीडियो बनाते हों तब ये भी बता दिया करो कि किस जगह का वीडियो हैं। और जिसका वीडियो बनाते हों वो खेती कहा करते हैं। कौन से जिले से आते हैं ।
Great information in this video
will visit soon👍
3:28 se dekhna chalu kre.
Thank you bhai😅
ओम नमः शिवाय,
हर हर महादेव
All hybrid magic, quantity more BT quality less...ur effort is commendable
Bahut achhi jankari mili
high quality plants are available in pantnagar univ and national mango resarch centre at lucknow
बहुत अच्छी जानकारी दी है।
Good luck bro🙏
Thanks
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Good educate people of India
Very impressive
मैं भी खेती करता हु लेकिन फायदा तो दूर बराबर में आ जाते हैं बहुत बड़ी बात है ये पौधा बेंचता ,है यार
TH-cam aaj kal advertising ka accha jariya ban gaya hai....
T
Sab apane pedo ko accha bolate hai hakikat to tab samane aati hai jb kisan le k jata hai aur fir fruit aate nahi thik se ..
हरियाणा - पंजाब के लोग कनक जीरी के पीछे पड़ा हुआ है । इसलिए उनको लगता है बचत कम होती है । अगर फल वगैरह के पौधे लगाए तो ज्यादा मुनाफा कमा सकता है
फेंकने की जरूरत नहींहै मैं भी किसान हूं जो किसान खेती करने से पहले हार मान लेता है वह कभी खेती कर ही नहीं पाएगा हॉर्न जोहर नहीं मानता वही किसानहै
Thankyou very much.
सर, अावला और करौंदा की कोन सी किसमे है और क्या प्राइस है, बाकी का भी बताए
Vvvgood information🌹🌹🌹🌹🌹🌹 ram ram ram🙏🙏🙏🙏
भाषण देने कि कोशिश ना करें
सिर्फ काम की बात करें 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹🌹🌹
Birkul sahi kaha मैं khud खेती mein aaya hu
Sarkari job lagi nhi general category rajput hu, or private ki nhi
Kheti mein aaya hu or दुकान ki सोची hai
Teachnical kheti nhiw kar paaogey bohut barbaad ho gaye kahtey jab jaankaari 100% nhi hogi toh teachnical खेती nhi hoti
Jo pidhi karti aayi wahi kar rahe sab jaankaari itni hai nhi toh hogi kaha se
Muskil hai मजदूर ki problem hai
Aapki vajah se naya kisan ko motivation milta hai jo berojgari ki samasya se ulajh rahe hain..
Unhen kheti Ka Sahara avsar aapke motivation se mil raha hai
मंदसौर मध्यप्रदेश में किन -किन पौधों को लगाया जा सकता हैं। कृपया बताने का कष्ट करेंगे।
Hi bhai mai Karnataka se hun jaihind
सर आप जो भी दवाई बताओ स्क्रीन पर लिख दिया करो ताकि हम स्क्रीनशॉट ले सके
#Farmer interview for cabbage crop #बंदगोभी की फसल पर किसान के साथ बातचीत #Dr.R.S.RAJPUT
Bahut sundar jankari diya hai sir ji aapne
बंधु आपकी नर्सरी से पौधे लेकर कितने किसानों ने अपना नया कार्य शुरू किया है और वह कितनी कमाई कर रहे हैं यह बताईयेगा।
अन्यथा तो यही माना जायेगा कि आप भी नये लोगों को सपने बेच कर ठग रहे हो और सिर्फ अपनी कमाई कर रहे हो।
नीबू। लगाया है मैंने भी , 2 बिगा में Rajasthan