*पिछले नौ सालों से "विरोध के लिए विरोध" करते आ रहे समाज विरोधी, विदेशी धन से पोषित तत्व इन प्रस्तावित सुधारों में व्यवधान उत्पन्न का प्रयास अवश्य करेंगे।* *देर से किया गया अच्छा कार्य।*
INDIAN JUDICIAL SYSTEM IS ABSOLUTELY OUT OF DATE & REDUNDANT WHICH HAS BECOME USELESS IN PROVIDING JUSTICE TO COMMON MAN. THE PEOPLE IS SPENDING SEVERAL DECADES IN JAIL FOR MINOR CRIMES WHICH SPEAKS ABOUT WEAKNESSES OF PRESENT JUDICIAL SYSTEM. INDIAN JUDICIAL SYSTEM IS BEYOND REACH OF PUBLIC SINCE IT IS VERY COSTLY & COMMON MAN CAN NOT BEAR THIS HUGE FINANCIAL BURDEN. SO PRESENT JUDICIAL SYSTEM IS ONLY SUITING TO RICH WHO ARE SPENDING HUGE AMOUNT & ARE GETTING JUDGEMENT ACCORDING TO THEIR CHOICE & WISHES. SO PRESENT JUDICIAL SYSTEM IS TOTALLY USELESS & IT IS FAILING TO PROVIDE JUSTICE TO POOR. THE RECRUITMENT OF JUDGES IS MADE IN BIASED MANNER WHICH NEEDS IMMEDIATE CHANGE IN TRANSPARENT MANNER BY SETTING INDEPENDENT JUFICIAL COMMISSION FOR RECRUITMENT OF JUDGES OF ALL COURTS. MODI GOVT SHOULD CHANGE RECRUITMENT SYSTEM IMMEDIATELY IN PUBLIC INTEREST.
विजय सरदाना जी आपने नये कानूनों में 2023 में मोदी लीड भाजपा सरकार के गृहमंत्री अमित शाह द्वारा जो जनहित में संशोधन सदन में पेश किए गए हैं, इसकी जानकारी जनता तक पहुंचाने के लिए बहुत बहुत हार्दिक धन्यवाद। जय हिन्द जय भारत। आप जैसे वकील की देश को आवश्यकता है। पुनः धन्यवाद।
बहुत बढ़िया कदम है मोदी सरकार को बहुत बहुत......... धन्यवाद......................पीनल कोड के अलावा न्याय पालिका, पुलिस में भी रिफॉर्म्स करना अति आवश्यक है
हमारी केन्द्रीय सरकारों ने कभी देखा ही नहीं कि कोर्ट कचहरियों में आखिर हो क्या रहा है !!!! तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख !!!!!!!!!!!!!! इस देश की न्याय प्रणाली को विष्णु तिवारी जैसे शख्स को 20 साल तक जेल में सड़ते रहने देने के बाद ये पता चलता है कि वह बेकसूर है !!!! और नागपुर के अक्कू यादव जैसे हैवान को बेल मिल जाती है, जिससे वह बार बार बलात्कार करता रहता है !!!! ये कैसी न्याय प्रणाली है ????? Collegium system में सुधार के अलावा मोदी सरकार को अब और एक दिन की भी देरी किए भारतीय न्याय प्रणाली में गम्भीर सुधार करने चाहिए। इस देश की न्याय प्रणाली में गम्भीर सुधारों की ज़रूरत है। तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख.......... देने वाली यह व्यवस्था अपना औचित्य खोती चली गई है। गम्भीर न्यायिक सुधारों के बाद ही इस देश में न्याय प्रणाली पटरी पर आएगी। वरना न्याय के इन्तजार में 10, 20, 30, 40, 50 बरस तक किसी लाचार- भूखे- प्यासे कुत्ते की तरह इन्तजार करते रहना और इस देश की 4.5 करोड़ pending cases के चलते न्यायिक बदहाली सबके सामने है। सबसे पहले भारतीय न्याय प्रणाली के कर्मठ, कार्य को लेकर गम्भीर एवं कर्त्तव्यपरायण सभी जजों एवं वकीलों को सादर- सहृदय प्रणाम। Collegium System के सुधार के अलावा भारतीय न्याय प्रणाली में और बहुत से निम्न सुधारों की आवश्यकता है: 1) न्याय प्रणाली में मौजूद सभी छुट्टियां बंद कर हस्पतालों की Emergency की तर्ज़ पर केसों की 24x7 सुनवाई शुरू हो, 2) हर एक कोर्ट केस पर अधिकाधिक 6 महीने में आवश्यक रूप से न्याय प्रदान करने का प्रावधान, 5,10,20,30,40,50 सालों तक तारीख़ पर तारीख पर तारीख................ ये कैसी न्याय प्रणाली है ? 3) जजों के फ़ैसलों की समीक्षा और पूरी गम्भीरता के साथ जवाबदेही सुनिश्चित हो, अगर कोई फैसला गलत दिया गया है तो ऐसे जज को तुरन्त नौकरी से बर्खास्त कर उसकी पेंशन आदि बंद कर दी जाए, 4) न्याय प्रणाली में RTI Act- 2005 को पूरी तरह से लागू करना, ताकि पीड़ित अपने केस पर पड़ रही तारीख पर तारीख पर तारीख की बौछारों बारे प्रश्न पूछ सके, 5) हर एक न्यायालय स्तर के वकीलों को Consumer Protection Act के अधीन लाना ताकि कोई भी वकील भारी भरकम फीस लेने के बाद अच्छे से शोध, तैयारी कर के ही अपने client के केस पर energetic होकर जिरह करे, और जानबूझ कर या कम knowledge होने के कारण केस को हल्के में पैरवी करने पर उस पर Consumer Act के अधीन कठोरता के साथ कारवाई हो, 6) विभिन्न वकीलों के द्वारा enroll किए जा रहे cases को सख्ती के साथ सीमित करना ताकि वो अपने हर एक केस की हर एक तारीख़ को व्यक्तिगत रूप से अटेंड करें और बेवजह तारीख पर तारीख ना मांगें, 7) अगर संभव हो तो वकीलों की फीसों पर capping, 8) वकीलों की हड़तालों को ESMA कानून के अंतर्गत लाकर अवैध घोषित करना ताकि ऐसी हड़तालों से पीड़ितों को मिलने वाले न्याय में देरी ना हो, 9) कोर्ट की अवमानना के कानून की समीक्षा ताकि यह बेवजह जनता को धमकाने डराने का अस्त्र ना बने, 10) भारतीय न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए एक ऐसा Double Blind system लाना होगा जिसमे ना तो जज, जिरह करने वाले वकील को ही ये पता चले कि वो किस शख्स का केस लड़ या सुन रहे हैं और ना ही वादी परिवादी को कि उनका केस किस जज की कोर्ट में है ? केस में involve जजों, वकीलों, वादी, परिवादी, गवाह आदि को गुप्त code देकर सुनवाई की जाए, ताकि कोई भी "setting" ना की जा सके। 11) भ्रष्ट जजों को तुरंत बर्खास्त करने की आसान प्रक्रिया, भ्रष्ट जजों की सभी सम्पत्ति कुर्क करने, पेंशन समाप्त करने और अंडमान निकोबार जेल भेजने का प्रावधान। राष्ट्रपति जी, उपराष्ट्रपति जी, प्रधानमन्त्री जी, केन्द्रीय कानून मंत्री जी, केन्द्रीय गृह मंत्री जी, आप सभी से निवेदन है कि इस राष्ट्र की न्याय व्यवस्था में गम्भीर सुधारों की आवश्यकता है। 5,10,20,30,40,50 बरस में दिया जाने वाला कोई न्याय होता ही नहीं है। यह केवल अन्याय होता है। कृपया कर इस देश को न्यायिक बदहाली से निकलवाने में ठोस कदम उठाएं। भारत की इसी न्यायिक बदहाली के कारण, जिस तरह से वकीलों को लाखों रुपए की फीस चढ़ा कर 10,20,30,40,50 बरस तक न्याय के लिए एक भूखे प्यासे कुत्ते की तरह इन्तजार करना पड़ता है, उसे देखकर मैंने अपना भविष्य का वोट केवल और केवल NOTA को देने का फैसला कर लिया है। मोदी जी को भी पिछले 9 सालों की सत्ता में इस देश की न्यायिक बदहाली नजर नहीं आई !!! मैं स्वयं इस देश की न्याय प्रणाली का भुगत भोगी हूं। मुझे नहीं चाहिए तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख देने वाली मौजूदा व्यवस्था !!! इस देश का नागरिक और tax payer होने के नाते मुझे केवल और केवल 6 महीने के अन्दर अन्दर त्वरित निष्पक्ष न्याय प्रदान करने वाली न्याय प्रणाली चाहिए। अब जब तक न्यायिक सुधार नहीं, किसी भी पार्टी को वोट नहीं। बहुत हो चुका।
Respected sir, please also note that every person who is involved in litigation, has to appoint a lawyer for his case. If every lawyer has issued a bill for his fees in the beginning and was signed by both of them. And when and where the client pays. If anyone has any problems, then immediately get solved. And some restrictions should be on lawyer's also.
मून लेंडिंग पोसीबल नहीं है किसी के लिए भी यहा से 3000km पर ऐक्सोस्फिर हैं जिसका तापमान 1200c है। कोई भी पार्टिकल्स तुरंत गलके वापस धरती पे आ जायेगा। थोडा पढा होता तो अंधभक्त नहीं बनते😅😅😅 हमे ग्यान नहीं है। इसलिए मुर्ख बनाया जा रहा है
आप ,श्री पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ जैसे न्यायप्रिय भारतीय मिलकर एक संगठन बनाकर न्याय के लिए भटक रहे तथा भेदभावों वाले कानूनों के विरुद्ध खड़े हो जाए तो वास्तविक न्याय हो सके ❤️❤️❤️
श्रीमान जी आपके और सरकार की प्रयास से देश को विकास का गति दे सके, और जनता को जल्दी न्याय मिले वैसे कानून लाना चाहिए हम लोग सरकार और आपका आभारी रहेंगे। धन्यवाद।
बहुत अच्छा सुधार कानून है। कांग्रेस जिसको 70 सालों में नहीं बदला , मोदी जी बी जे पी सरकार ने चन्द मिनटों बदल दिया।इसिलिए तो देश की जनता भी थे पी को देश की अच्छी सरकार मानती है और कांग्रेस को देश को तोड़ने, लुटेरों की सरकार मानती है।
INDIAN JUDICIAL SYSTEM IS ABSOLUTELY OUT OF DATE & REDUNDANT WHICH HAS BECOME USELESS IN PROVIDING JUSTICE TO COMMON MAN. THE PEOPLE IS SPENDING SEVERAL DECADES IN JAIL FOR MINOR CRIMES WHICH SPEAKS ABOUT WEAKNESSES OF PRESENT JUDICIAL SYSTEM. INDIAN JUDICIAL SYSTEM IS BEYOND REACH OF PUBLIC SINCE IT IS VERY COSTLY & COMMON MAN CAN NOT BEAR THIS HUGE FINANCIAL BURDEN. SO PRESENT JUDICIAL SYSTEM IS ONLY SUITING TO RICH WHO ARE SPENDING HUGE AMOUNT & ARE GETTING JUDGEMENT ACCORDING TO THEIR CHOICE & WISHES. SO PRESENT JUDICIAL SYSTEM IS TOTALLY USELESS & IT IS FAILING TO PROVIDE JUSTICE TO POOR. THE RECRUITMENT OF JUDGES IS MADE IN BIASED MANNER WHICH NEEDS IMMEDIATE CHANGE IN TRANSPARENT MANNER BY SETTING INDEPENDENT JUFICIAL COMMISSION FOR RECRUITMENT OF JUDGES OF ALL COURTS. MODI GOVT SHOULD CHANGE RECRUITMENT SYSTEM IMMEDIATELY IN PUBLIC INTEREST.
नमस्कार जी भारत सरकारके के प्रयास और आप का ईमानदार विश्लेषण ,कानूनी प्रक्रियाओं में सुधार से जानता में विश्वास पैदा होता है ।कानून में त्रुटियों को दूर करने से ही आम जन को राहत मिलेगी 🙏
समय पर न्याय न मिलना भी अन्याय के बराबर है, समय पर सबको न्याय मिल सके,ऐसी सरकार से अपेक्षा है, इसके लिए जो भी सुधार की आवश्यकता है वह तत्काल किया जाना चाहिए।आपने जानकारी दी उसके लिए धन्यवाद।
बहुत गम्भीरतापूर्वक जवाबदेह समयबद्ध न्यायायिक प्रक्रिया लागू होनी चाहिए,वकीलों की फीस सरकार को बहुत कड़ाई से तय करनी चाहिए,वकील विरोधी पक्ष से मिल कर धोखा दे,तो उसको वकालत करने से प्रतिबंधित करने का प्रावधान करे सरकार।
न्यायव्यवस्था मे भारी बदलाव की जरूरत हैं ! एक के लिये छुट्टी होने पर या रात में कोर्ट खोलना और दुसरे जरूरत मंद को हायकोर्ट का रस्ता दिखाना ये बंद होना चाहिए !
These judges don't think that there is another court that is shani dev court, they will go to hell who are playing with lives of people now murder accused are getting bail easily hence police us also not serious, so their actions have cascading effect
देश वासियों को बहुत बहुत बधाई और मोटा भाई का आभार.....आशा है देश अब सही मार्ग में अग्रसर होगा और अंतकरण से माननीय SC के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री Ashiwini Upadhya का कोटि-कोटि अभिनंदन, धन्यवाद और सादर प्रणाम जिनकी इस दिशा में चेष्टा भी अपरमपार है 🙏🙏
बेहतरीन, आपके हौसले को प्रणाम! विरले ही ऐसे वकील होते हैं जो माननीयों के कार्य प्रणाली को नंगा कर समाज के सामने और हित में बोलने या बताने का साहस कर पाते हैं। पुनश्च हार्दिक अभिनंदन!
हमारी केन्द्रीय सरकारों ने कभी देखा ही नहीं कि कोर्ट कचहरियों में आखिर हो क्या रहा है !!!! तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख !!!!!!!!!!!!!! इस देश की न्याय प्रणाली को विष्णु तिवारी जैसे शख्स को 20 साल तक जेल में सड़ते रहने देने के बाद ये पता चलता है कि वह बेकसूर है !!!! और नागपुर के अक्कू यादव जैसे हैवान को बेल मिल जाती है, जिससे वह बार बार बलात्कार करता रहता है !!!! ये कैसी न्याय प्रणाली है ????? Collegium system में सुधार के अलावा मोदी सरकार को अब और एक दिन की भी देरी किए भारतीय न्याय प्रणाली में गम्भीर सुधार करने चाहिए। इस देश की न्याय प्रणाली में गम्भीर सुधारों की ज़रूरत है। तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख.......... देने वाली यह व्यवस्था अपना औचित्य खोती चली गई है। गम्भीर न्यायिक सुधारों के बाद ही इस देश में न्याय प्रणाली पटरी पर आएगी। वरना न्याय के इन्तजार में 10, 20, 30, 40, 50 बरस तक किसी लाचार- भूखे- प्यासे कुत्ते की तरह इन्तजार करते रहना और इस देश की 4.5 करोड़ pending cases के चलते न्यायिक बदहाली सबके सामने है। सबसे पहले भारतीय न्याय प्रणाली के कर्मठ, कार्य को लेकर गम्भीर एवं कर्त्तव्यपरायण सभी जजों एवं वकीलों को सादर- सहृदय प्रणाम। Collegium System के सुधार के अलावा भारतीय न्याय प्रणाली में और बहुत से निम्न सुधारों की आवश्यकता है: 1) न्याय प्रणाली में मौजूद सभी छुट्टियां बंद कर हस्पतालों की Emergency की तर्ज़ पर केसों की 24x7 सुनवाई शुरू हो, 2) हर एक कोर्ट केस पर अधिकाधिक 6 महीने में आवश्यक रूप से न्याय प्रदान करने का प्रावधान, 5,10,20,30,40,50 सालों तक तारीख़ पर तारीख पर तारीख................ ये कैसी न्याय प्रणाली है ? 3) जजों के फ़ैसलों की समीक्षा और पूरी गम्भीरता के साथ जवाबदेही सुनिश्चित हो, अगर कोई फैसला गलत दिया गया है तो ऐसे जज को तुरन्त नौकरी से बर्खास्त कर उसकी पेंशन आदि बंद कर दी जाए, 4) न्याय प्रणाली में RTI Act- 2005 को पूरी तरह से लागू करना, ताकि पीड़ित अपने केस पर पड़ रही तारीख पर तारीख पर तारीख की बौछारों बारे प्रश्न पूछ सके, 5) हर एक न्यायालय स्तर के वकीलों को Consumer Protection Act के अधीन लाना ताकि कोई भी वकील भारी भरकम फीस लेने के बाद अच्छे से शोध, तैयारी कर के ही अपने client के केस पर energetic होकर जिरह करे, और जानबूझ कर या कम knowledge होने के कारण केस को हल्के में पैरवी करने पर उस पर Consumer Act के अधीन कठोरता के साथ कारवाई हो, 6) विभिन्न वकीलों के द्वारा enroll किए जा रहे cases को सख्ती के साथ सीमित करना ताकि वो अपने हर एक केस की हर एक तारीख़ को व्यक्तिगत रूप से अटेंड करें और बेवजह तारीख पर तारीख ना मांगें, 7) अगर संभव हो तो वकीलों की फीसों पर capping, 8) वकीलों की हड़तालों को ESMA कानून के अंतर्गत लाकर अवैध घोषित करना ताकि ऐसी हड़तालों से पीड़ितों को मिलने वाले न्याय में देरी ना हो, 9) कोर्ट की अवमानना के कानून की समीक्षा ताकि यह बेवजह जनता को धमकाने डराने का अस्त्र ना बने, 10) भारतीय न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए एक ऐसा Double Blind system लाना होगा जिसमे ना तो जज, जिरह करने वाले वकील को ही ये पता चले कि वो किस शख्स का केस लड़ या सुन रहे हैं और ना ही वादी परिवादी को कि उनका केस किस जज की कोर्ट में है ? केस में involve जजों, वकीलों, वादी, परिवादी, गवाह आदि को गुप्त code देकर सुनवाई की जाए, ताकि कोई भी "setting" ना की जा सके। 11) भ्रष्ट जजों को तुरंत बर्खास्त करने की आसान प्रक्रिया, भ्रष्ट जजों की सभी सम्पत्ति कुर्क करने, पेंशन समाप्त करने और अंडमान निकोबार जेल भेजने का प्रावधान। राष्ट्रपति जी, उपराष्ट्रपति जी, प्रधानमन्त्री जी, केन्द्रीय कानून मंत्री जी, केन्द्रीय गृह मंत्री जी, आप सभी से निवेदन है कि इस राष्ट्र की न्याय व्यवस्था में गम्भीर सुधारों की आवश्यकता है। 5,10,20,30,40,50 बरस में दिया जाने वाला कोई न्याय होता ही नहीं है। यह केवल अन्याय होता है। कृपया कर इस देश को न्यायिक बदहाली से निकलवाने में ठोस कदम उठाएं। भारत की इसी न्यायिक बदहाली के कारण, जिस तरह से वकीलों को लाखों रुपए की फीस चढ़ा कर 10,20,30,40,50 बरस तक न्याय के लिए एक भूखे प्यासे कुत्ते की तरह इन्तजार करना पड़ता है, उसे देखकर मैंने अपना भविष्य का वोट केवल और केवल NOTA को देने का फैसला कर लिया है। मोदी जी को भी पिछले 9 सालों की सत्ता में इस देश की न्यायिक बदहाली नजर नहीं आई !!! मैं स्वयं इस देश की न्याय प्रणाली का भुगत भोगी हूं। मुझे नहीं चाहिए तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख देने वाली मौजूदा व्यवस्था !!! इस देश का नागरिक और tax payer होने के नाते मुझे केवल और केवल 6 महीने के अन्दर अन्दर त्वरित निष्पक्ष न्याय प्रदान करने वाली न्याय प्रणाली चाहिए। अब जब तक न्यायिक सुधार नहीं, किसी भी पार्टी को वोट नहीं। बहुत हो चुका।
ये बुनियादी परिवर्तन कोई शेर ही कर सकता है जिसको सिर्फ और सिर्फ राष्ट्र से लगाव हो बाकी राजनेताओं को घोटाले से फुरसत नहीं हैं इस वजह से ही मोदीजी को विरोध भी झेलना पड़ रहा है. 🌹
कुर्सी बचाने के लिए एससीएसटी की तरह कोर्ट का फैसला ने का अधिकार सरकार के पास है । आशावादी लोगों को मूर्ख बनाने की कूटनीति बनाने के लिए धन्यवाद मोदी सरकार ।
हमारी केन्द्रीय सरकारों ने कभी देखा ही नहीं कि कोर्ट कचहरियों में आखिर हो क्या रहा है !!!! तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख !!!!!!!!!!!!!! इस देश की न्याय प्रणाली को विष्णु तिवारी जैसे शख्स को 20 साल तक जेल में सड़ते रहने देने के बाद ये पता चलता है कि वह बेकसूर है !!!! और नागपुर के अक्कू यादव जैसे हैवान को बेल मिल जाती है, जिससे वह बार बार बलात्कार करता रहता है !!!! ये कैसी न्याय प्रणाली है ????? Collegium system में सुधार के अलावा मोदी सरकार को अब और एक दिन की भी देरी किए भारतीय न्याय प्रणाली में गम्भीर सुधार करने चाहिए। इस देश की न्याय प्रणाली में गम्भीर सुधारों की ज़रूरत है। तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख.......... देने वाली यह व्यवस्था अपना औचित्य खोती चली गई है। गम्भीर न्यायिक सुधारों के बाद ही इस देश में न्याय प्रणाली पटरी पर आएगी। वरना न्याय के इन्तजार में 10, 20, 30, 40, 50 बरस तक किसी लाचार- भूखे- प्यासे कुत्ते की तरह इन्तजार करते रहना और इस देश की 4.5 करोड़ pending cases के चलते न्यायिक बदहाली सबके सामने है। सबसे पहले भारतीय न्याय प्रणाली के कर्मठ, कार्य को लेकर गम्भीर एवं कर्त्तव्यपरायण सभी जजों एवं वकीलों को सादर- सहृदय प्रणाम। Collegium System के सुधार के अलावा भारतीय न्याय प्रणाली में और बहुत से निम्न सुधारों की आवश्यकता है: 1) न्याय प्रणाली में मौजूद सभी छुट्टियां बंद कर हस्पतालों की Emergency की तर्ज़ पर केसों की 24x7 सुनवाई शुरू हो, 2) हर एक कोर्ट केस पर अधिकाधिक 6 महीने में आवश्यक रूप से न्याय प्रदान करने का प्रावधान, 5,10,20,30,40,50 सालों तक तारीख़ पर तारीख पर तारीख................ ये कैसी न्याय प्रणाली है ? 3) जजों के फ़ैसलों की समीक्षा और पूरी गम्भीरता के साथ जवाबदेही सुनिश्चित हो, अगर कोई फैसला गलत दिया गया है तो ऐसे जज को तुरन्त नौकरी से बर्खास्त कर उसकी पेंशन आदि बंद कर दी जाए, 4) न्याय प्रणाली में RTI Act- 2005 को पूरी तरह से लागू करना, ताकि पीड़ित अपने केस पर पड़ रही तारीख पर तारीख पर तारीख की बौछारों बारे प्रश्न पूछ सके, 5) हर एक न्यायालय स्तर के वकीलों को Consumer Protection Act के अधीन लाना ताकि कोई भी वकील भारी भरकम फीस लेने के बाद अच्छे से शोध, तैयारी कर के ही अपने client के केस पर energetic होकर जिरह करे, और जानबूझ कर या कम knowledge होने के कारण केस को हल्के में पैरवी करने पर उस पर Consumer Act के अधीन कठोरता के साथ कारवाई हो, 6) विभिन्न वकीलों के द्वारा enroll किए जा रहे cases को सख्ती के साथ सीमित करना ताकि वो अपने हर एक केस की हर एक तारीख़ को व्यक्तिगत रूप से अटेंड करें और बेवजह तारीख पर तारीख ना मांगें, 7) अगर संभव हो तो वकीलों की फीसों पर capping, 8) वकीलों की हड़तालों को ESMA कानून के अंतर्गत लाकर अवैध घोषित करना ताकि ऐसी हड़तालों से पीड़ितों को मिलने वाले न्याय में देरी ना हो, 9) कोर्ट की अवमानना के कानून की समीक्षा ताकि यह बेवजह जनता को धमकाने डराने का अस्त्र ना बने, 10) भारतीय न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए एक ऐसा Double Blind system लाना होगा जिसमे ना तो जज, जिरह करने वाले वकील को ही ये पता चले कि वो किस शख्स का केस लड़ या सुन रहे हैं और ना ही वादी परिवादी को कि उनका केस किस जज की कोर्ट में है ? केस में involve जजों, वकीलों, वादी, परिवादी, गवाह आदि को गुप्त code देकर सुनवाई की जाए, ताकि कोई भी "setting" ना की जा सके। 11) भ्रष्ट जजों को तुरंत बर्खास्त करने की आसान प्रक्रिया, भ्रष्ट जजों की सभी सम्पत्ति कुर्क करने, पेंशन समाप्त करने और अंडमान निकोबार जेल भेजने का प्रावधान। राष्ट्रपति जी, उपराष्ट्रपति जी, प्रधानमन्त्री जी, केन्द्रीय कानून मंत्री जी, केन्द्रीय गृह मंत्री जी, आप सभी से निवेदन है कि इस राष्ट्र की न्याय व्यवस्था में गम्भीर सुधारों की आवश्यकता है। 5,10,20,30,40,50 बरस में दिया जाने वाला कोई न्याय होता ही नहीं है। यह केवल अन्याय होता है। कृपया कर इस देश को न्यायिक बदहाली से निकलवाने में ठोस कदम उठाएं। भारत की इसी न्यायिक बदहाली के कारण, जिस तरह से वकीलों को लाखों रुपए की फीस चढ़ा कर 10,20,30,40,50 बरस तक न्याय के लिए एक भूखे प्यासे कुत्ते की तरह इन्तजार करना पड़ता है, उसे देखकर मैंने अपना भविष्य का वोट केवल और केवल NOTA को देने का फैसला कर लिया है। मोदी जी को भी पिछले 9 सालों की सत्ता में इस देश की न्यायिक बदहाली नजर नहीं आई !!! मैं स्वयं इस देश की न्याय प्रणाली का भुगत भोगी हूं। मुझे नहीं चाहिए तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख देने वाली मौजूदा व्यवस्था !!! इस देश का नागरिक और tax payer होने के नाते मुझे केवल और केवल 6 महीने के अन्दर अन्दर त्वरित निष्पक्ष न्याय प्रदान करने वाली न्याय प्रणाली चाहिए। अब जब तक न्यायिक सुधार नहीं, किसी भी पार्टी को वोट नहीं। बहुत हो चुका।
जब तक भ्रष्टाचार मुक्त भारत नहीं तब तक किसी कुछ नहीं हासिल हुआ भ्रष्टाचार खत्म होगा इस दिल से न्यायालय में निष्पक्ष सुनवाई होने लगेगी और लोगों को न्याय भी मिलेगा जय हिंद जय भारत
दिल से धन्यवाद विजयसाब आप के सरल और वास्तव विश्लेषण के लिए...आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी ने बहुत ही सराहनीय कदम उठाया है अंग्रेजों के जमाने के ये तीनों कानून बदल ने का..मोदी जी के लिए राष्ट्र हित सर्वतोपरी है..इसीलिए मोदी जी है तो मुमकिन है...नमो नम: जय भारत
विजय जी, आप बहुत ही अच्छे से देश की सेवा कर रहे हैं, जो कि आप आम आदमी को उसके अधिकार के बारे में, आसान भाषा में जागरूक कर रहे हैं। बहुत बहुत शुभकामनाएं और धन्यवाद।
अभी और भी बहुत बदलाव आवश्यक हैं, लेकिन यह अच्छी बात यह है कि एक शुरूआत तो हुई। लोगों को न्याय मिलना बहुत जरूरी है । एक साल में ही फैंसला हो जाना चाहिए।
हमारी केन्द्रीय सरकारों ने कभी देखा ही नहीं कि कोर्ट कचहरियों में आखिर हो क्या रहा है !!!! तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख !!!!!!!!!!!!!! इस देश की न्याय प्रणाली को विष्णु तिवारी जैसे शख्स को 20 साल तक जेल में सड़ते रहने देने के बाद ये पता चलता है कि वह बेकसूर है !!!! और नागपुर के अक्कू यादव जैसे हैवान को बेल मिल जाती है, जिससे वह बार बार बलात्कार करता रहता है !!!! ये कैसी न्याय प्रणाली है ????? Collegium system में सुधार के अलावा मोदी सरकार को अब और एक दिन की भी देरी किए भारतीय न्याय प्रणाली में गम्भीर सुधार करने चाहिए। इस देश की न्याय प्रणाली में गम्भीर सुधारों की ज़रूरत है। तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख.......... देने वाली यह व्यवस्था अपना औचित्य खोती चली गई है। गम्भीर न्यायिक सुधारों के बाद ही इस देश में न्याय प्रणाली पटरी पर आएगी। वरना न्याय के इन्तजार में 10, 20, 30, 40, 50 बरस तक किसी लाचार- भूखे- प्यासे कुत्ते की तरह इन्तजार करते रहना और इस देश की 4.5 करोड़ pending cases के चलते न्यायिक बदहाली सबके सामने है। सबसे पहले भारतीय न्याय प्रणाली के कर्मठ, कार्य को लेकर गम्भीर एवं कर्त्तव्यपरायण सभी जजों एवं वकीलों को सादर- सहृदय प्रणाम। Collegium System के सुधार के अलावा भारतीय न्याय प्रणाली में और बहुत से निम्न सुधारों की आवश्यकता है: 1) न्याय प्रणाली में मौजूद सभी छुट्टियां बंद कर हस्पतालों की Emergency की तर्ज़ पर केसों की 24x7 सुनवाई शुरू हो, 2) हर एक कोर्ट केस पर अधिकाधिक 6 महीने में आवश्यक रूप से न्याय प्रदान करने का प्रावधान, 5,10,20,30,40,50 सालों तक तारीख़ पर तारीख पर तारीख................ ये कैसी न्याय प्रणाली है ? 3) जजों के फ़ैसलों की समीक्षा और पूरी गम्भीरता के साथ जवाबदेही सुनिश्चित हो, अगर कोई फैसला गलत दिया गया है तो ऐसे जज को तुरन्त नौकरी से बर्खास्त कर उसकी पेंशन आदि बंद कर दी जाए, 4) न्याय प्रणाली में RTI Act- 2005 को पूरी तरह से लागू करना, ताकि पीड़ित अपने केस पर पड़ रही तारीख पर तारीख पर तारीख की बौछारों बारे प्रश्न पूछ सके, 5) हर एक न्यायालय स्तर के वकीलों को Consumer Protection Act के अधीन लाना ताकि कोई भी वकील भारी भरकम फीस लेने के बाद अच्छे से शोध, तैयारी कर के ही अपने client के केस पर energetic होकर जिरह करे, और जानबूझ कर या कम knowledge होने के कारण केस को हल्के में पैरवी करने पर उस पर Consumer Act के अधीन कठोरता के साथ कारवाई हो, 6) विभिन्न वकीलों के द्वारा enroll किए जा रहे cases को सख्ती के साथ सीमित करना ताकि वो अपने हर एक केस की हर एक तारीख़ को व्यक्तिगत रूप से अटेंड करें और बेवजह तारीख पर तारीख ना मांगें, 7) अगर संभव हो तो वकीलों की फीसों पर capping, 8) वकीलों की हड़तालों को ESMA कानून के अंतर्गत लाकर अवैध घोषित करना ताकि ऐसी हड़तालों से पीड़ितों को मिलने वाले न्याय में देरी ना हो, 9) कोर्ट की अवमानना के कानून की समीक्षा ताकि यह बेवजह जनता को धमकाने डराने का अस्त्र ना बने, 10) भारतीय न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए एक ऐसा Double Blind system लाना होगा जिसमे ना तो जज, जिरह करने वाले वकील को ही ये पता चले कि वो किस शख्स का केस लड़ या सुन रहे हैं और ना ही वादी परिवादी को कि उनका केस किस जज की कोर्ट में है ? केस में involve जजों, वकीलों, वादी, परिवादी, गवाह आदि को गुप्त code देकर सुनवाई की जाए, ताकि कोई भी "setting" ना की जा सके। 11) भ्रष्ट जजों को तुरंत बर्खास्त करने की आसान प्रक्रिया, भ्रष्ट जजों की सभी सम्पत्ति कुर्क करने, पेंशन समाप्त करने और अंडमान निकोबार जेल भेजने का प्रावधान। राष्ट्रपति जी, उपराष्ट्रपति जी, प्रधानमन्त्री जी, केन्द्रीय कानून मंत्री जी, केन्द्रीय गृह मंत्री जी, आप सभी से निवेदन है कि इस राष्ट्र की न्याय व्यवस्था में गम्भीर सुधारों की आवश्यकता है। 5,10,20,30,40,50 बरस में दिया जाने वाला कोई न्याय होता ही नहीं है। यह केवल अन्याय होता है। कृपया कर इस देश को न्यायिक बदहाली से निकलवाने में ठोस कदम उठाएं। भारत की इसी न्यायिक बदहाली के कारण, जिस तरह से वकीलों को लाखों रुपए की फीस चढ़ा कर 10,20,30,40,50 बरस तक न्याय के लिए एक भूखे प्यासे कुत्ते की तरह इन्तजार करना पड़ता है, उसे देखकर मैंने अपना भविष्य का वोट केवल और केवल NOTA को देने का फैसला कर लिया है। मोदी जी को भी पिछले 9 सालों की सत्ता में इस देश की न्यायिक बदहाली नजर नहीं आई !!! मैं स्वयं इस देश की न्याय प्रणाली का भुगत भोगी हूं। मुझे नहीं चाहिए तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख देने वाली मौजूदा व्यवस्था !!! इस देश का नागरिक और tax payer होने के नाते मुझे केवल और केवल 6 महीने के अन्दर अन्दर त्वरित निष्पक्ष न्याय प्रदान करने वाली न्याय प्रणाली चाहिए। अब जब तक न्यायिक सुधार नहीं, किसी भी पार्टी को वोट नहीं। बहुत हो चुका।
INDIAN JUDICIAL SYSTEM IS ABSOLUTELY OUT OF DATE & REDUNDANT WHICH HAS BECOME USELESS IN PROVIDING JUSTICE TO COMMON MAN. THE PEOPLE IS SPENDING SEVERAL DECADES IN JAIL FOR MINOR CRIMES WHICH SPEAKS ABOUT WEAKNESSES OF PRESENT JUDICIAL SYSTEM. INDIAN JUDICIAL SYSTEM IS BEYOND REACH OF PUBLIC SINCE IT IS VERY COSTLY & COMMON MAN CAN NOT BEAR THIS HUGE FINANCIAL BURDEN. SO PRESENT JUDICIAL SYSTEM IS ONLY SUITING TO RICH WHO ARE SPENDING HUGE AMOUNT & ARE GETTING JUDGEMENT ACCORDING TO THEIR CHOICE & WISHES. SO PRESENT JUDICIAL SYSTEM IS TOTALLY USELESS & IT IS FAILING TO PROVIDE JUSTICE TO POOR. THE RECRUITMENT OF JUDGES IS MADE IN BIASED MANNER WHICH NEEDS IMMEDIATE CHANGE IN TRANSPARENT MANNER BY SETTING INDEPENDENT JUFICIAL COMMISSION FOR RECRUITMENT OF JUDGES OF ALL COURTS. MODI GOVT SHOULD CHANGE RECRUITMENT SYSTEM IMMEDIATELY IN PUBLIC INTEREST.
बहुत बढ़िया कानून बनेंगे,, जनता के हित में,, गरीबों के हित में , महिलाओं के हित में , लेकिन महिलाओं के प्रति जघन्य अपराध करने वाले के लिए फांसी का प्रावधान भी होना चाहिए था!!
धन्यवाद विजयजी। आपके और हमारे सामूहिक प्रयासों का हीं शायद फल है कि भारत सरकारने भी जनता के मन का दुख समझकर कानूनों में ये नये बदलाव लाने में अपनी तरफ से एक महत्वपूर्ण पहल की है। आशा रखता हूं कि इसका फायदा इस देशके सभी नागरिकों को और विशेषतः गरीब जनता को निश्चित होगा। आपके सटीक विश्लेषण के लिये आपको विशेष धन्यवाद ।🙏
Indomitable spirit of Respected Ashwini Upadhyay ji and his relentless crusade against various irregularities has stood the Nation in good stead. He is also one of the few worthy Sanatani Bharatiyas who command immense love of citizens. Personalities like Sarvasri J Sai Deepak, Pushpendra Kulashresta, Anand Ranganathan etc have helped Bharat and Bharatiyas similarly.
Ab to mahilao ke dwara hi purusho ko jaya sataya ja raha kyoki sare kànoon mahilao ke support me banaya gaya hai aur iska najaya fayda padhi likhi mahilaya utha rahi hai.
बहुत अच्छा नियम है कानून समय और पैसे की बरबादी रुकेगी न्याय जल्द मिलेगा जो मर्डर केस अपराधी रूपयों कै बर पर बकील को रुपया खिला कर केश लम्बा खींचते हैं निचली अदालत सबूतों और गवाहों के आधार पर तथा डाक्टरों रिपोर्ट पुलिस की एफ आई आर के अनुसार सजा हो जाती है पर हाईकोर्ट में अपील कर बकील रुपए लेकर बचाने की कोशिश करता है पर जिसके आदमी का मर्डर हुआ है वो लाचार कमजोर है उन्हें न्याय कब मिलेगा निचली अदालत ने जो सजा सुनाई है उसे हाईकोर्ट यथावत रखै क्योंकि निचली अदालत ने सब कुछ बारीकी से जाचा परखा है मर्डर करने वाले दवग और पैसे वाले होते हैं हाईकोर्ट इनकी अपील खारिज कर सजा सूनाए तब गरीब असहाय को न्याय मिलेगा और छोटे मोटे केशो में समय वैसा बरबा न हो बकीलो को तो पैसे से मतलब है न्याय मिले न मिले फकीरों पर भी शासन कड़ा रुख अपनाए लूट खसोट रोकी जाए स्टील दवगो का ही साथ देते हैं
Bilkul hi sahi baatein hai Adv sahab ji aapke baton se me bhi sahmat hun or pratyek bhartiya ko nyayochit vyawastha Milne chahiye ok many many thanks god bless yo🙏🙏
माननीय श्री विजय सरदाना जी 🙏💕। आपके कानून के सुधारों के प्रति सुझावों से हम भी पूरी तरह से सहमत हैं👍वास्तव मे ये तो सारा का सारा सविंधान ही समीक्षा करने की व सुधार करने की आवश्यकता है। भगवान् इस मोदी सरकार को जल्दी से इसकी ओर ध्यान देने के लिए प्रेरित करे।
वकीलों की वकालत बंद होनी चाहिए। न्याय का बेड़ा गर्क ये ही करते हैं। न्यायमूर्ति वही बने जो केस से जुड़े पुराने फैसलों को जानता हो। क्योंकि न्यायाधीश यह जानते ही नहीं हैं।
This is master stroke by any government for transforming judiciary. This will also force criminals to think 100 times before committing crime. Very clear explanation. Thanks Vijay ji.
बिल्कुल आपने सही कहा न्याय में देरी ही अन्याय है और बहुत अधिक पैसे खर्च होते हैं
इस न्यायव्यवस्था को हमेशा के लिये बंद कर दिया जाय।
सरकारी जजों और वकीलों की सम्पति जाँच कर जप्त कर लेना चाहिये और उन्हें जेल में डाल देना चाहिये।
*पिछले नौ सालों से "विरोध के लिए विरोध" करते आ रहे समाज विरोधी, विदेशी धन से पोषित तत्व इन प्रस्तावित सुधारों में व्यवधान उत्पन्न का प्रयास अवश्य करेंगे।*
*देर से किया गया अच्छा कार्य।*
INDIAN JUDICIAL SYSTEM IS ABSOLUTELY OUT OF DATE & REDUNDANT WHICH HAS BECOME USELESS IN PROVIDING JUSTICE TO COMMON MAN. THE PEOPLE IS SPENDING SEVERAL DECADES IN JAIL FOR MINOR CRIMES WHICH SPEAKS ABOUT WEAKNESSES OF PRESENT JUDICIAL SYSTEM. INDIAN JUDICIAL SYSTEM IS BEYOND REACH OF PUBLIC SINCE IT IS VERY COSTLY & COMMON MAN CAN NOT BEAR THIS HUGE FINANCIAL BURDEN. SO PRESENT JUDICIAL SYSTEM IS ONLY SUITING TO RICH WHO ARE SPENDING HUGE AMOUNT & ARE GETTING JUDGEMENT ACCORDING TO THEIR CHOICE & WISHES. SO PRESENT JUDICIAL SYSTEM IS TOTALLY USELESS & IT IS FAILING TO PROVIDE JUSTICE TO POOR. THE RECRUITMENT OF JUDGES IS MADE IN BIASED MANNER WHICH NEEDS IMMEDIATE CHANGE IN TRANSPARENT MANNER BY SETTING INDEPENDENT JUFICIAL COMMISSION FOR RECRUITMENT OF JUDGES OF ALL COURTS. MODI GOVT SHOULD CHANGE RECRUITMENT SYSTEM IMMEDIATELY IN PUBLIC INTEREST.
भारत में कानून परिवर्तन अवस्था बहुत जरूरी है बहुत अच्छा
विजय सरदाना जी आपने नये कानूनों में 2023 में मोदी लीड भाजपा सरकार के गृहमंत्री अमित शाह द्वारा जो जनहित में संशोधन सदन में पेश किए गए हैं, इसकी जानकारी जनता तक पहुंचाने के लिए बहुत बहुत हार्दिक धन्यवाद। जय हिन्द जय भारत। आप जैसे वकील की देश को आवश्यकता है। पुनः धन्यवाद।
वर्तमान केन्द्र सरकार और सरदाना सर जैसे समाज सेवियों द्वारा की जा रही कोशिश से इस दिशा में सुधार की आशा जगी है।
जन साधारण के लिए बहुत सुन्दर विश्लेषण🙏
झूठा मुकदमा दायर करने वाले को दंड मिलना चाहिए ताकि कोई झूठा शाक्य न दे
बहुत बढ़िया कदम है मोदी सरकार को बहुत बहुत......... धन्यवाद......................पीनल कोड के अलावा न्याय पालिका, पुलिस में भी रिफॉर्म्स करना अति आवश्यक है
🔥सुप्रीम कोर्ट के जज का रवैया देख कर तो ऐसा लगता है आज भी इंग्लैंड की क्वीन एलिजाबेथ की वफादारी का शपथ लेके युरोप की पैरवी करने के लिए बैठे हैं 🔥
गृहमंत्री ने बहुत ही अच्छा काम किया है,आप जैसे बहुत लोगों की मांग थी।
हमारी केन्द्रीय सरकारों ने कभी देखा ही नहीं कि कोर्ट कचहरियों में आखिर हो क्या रहा है !!!!
तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख !!!!!!!!!!!!!!
इस देश की न्याय प्रणाली को विष्णु तिवारी जैसे शख्स को 20 साल तक जेल में सड़ते रहने देने के बाद ये पता चलता है कि वह बेकसूर है !!!!
और नागपुर के अक्कू यादव जैसे हैवान को बेल मिल जाती है, जिससे वह बार बार बलात्कार करता रहता है !!!!
ये कैसी न्याय प्रणाली है ?????
Collegium system में सुधार के अलावा मोदी सरकार को अब और एक दिन की भी देरी किए भारतीय न्याय प्रणाली में गम्भीर सुधार करने चाहिए।
इस देश की न्याय प्रणाली में गम्भीर सुधारों की ज़रूरत है।
तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख.......... देने वाली यह व्यवस्था अपना औचित्य खोती चली गई है।
गम्भीर न्यायिक सुधारों के बाद ही इस देश में न्याय प्रणाली पटरी पर आएगी।
वरना न्याय के इन्तजार में 10, 20, 30, 40, 50 बरस तक किसी लाचार- भूखे- प्यासे कुत्ते की तरह इन्तजार करते रहना और इस देश की 4.5 करोड़ pending cases के चलते न्यायिक बदहाली सबके सामने है।
सबसे पहले भारतीय न्याय प्रणाली के कर्मठ, कार्य को लेकर गम्भीर एवं कर्त्तव्यपरायण सभी जजों एवं वकीलों को सादर- सहृदय प्रणाम।
Collegium System के सुधार के अलावा भारतीय न्याय प्रणाली में और बहुत से निम्न सुधारों की आवश्यकता है:
1) न्याय प्रणाली में मौजूद सभी छुट्टियां बंद कर हस्पतालों की Emergency की तर्ज़ पर केसों की 24x7 सुनवाई शुरू हो,
2) हर एक कोर्ट केस पर अधिकाधिक 6 महीने में आवश्यक रूप से न्याय प्रदान करने का प्रावधान,
5,10,20,30,40,50 सालों तक तारीख़ पर तारीख पर तारीख................
ये कैसी न्याय प्रणाली है ?
3) जजों के फ़ैसलों की समीक्षा और पूरी गम्भीरता के साथ जवाबदेही सुनिश्चित हो, अगर कोई फैसला गलत दिया गया है तो ऐसे जज को तुरन्त नौकरी से बर्खास्त कर उसकी पेंशन आदि बंद कर दी जाए,
4) न्याय प्रणाली में RTI Act- 2005 को पूरी तरह से लागू करना, ताकि पीड़ित अपने केस पर पड़ रही तारीख पर तारीख पर तारीख की बौछारों बारे प्रश्न पूछ सके,
5) हर एक न्यायालय स्तर के वकीलों को Consumer Protection Act के अधीन लाना ताकि कोई भी वकील भारी भरकम फीस लेने के बाद अच्छे से शोध, तैयारी कर के ही अपने client के केस पर energetic होकर जिरह करे, और जानबूझ कर या कम knowledge होने के कारण केस को हल्के में पैरवी करने पर उस पर Consumer Act के अधीन कठोरता के साथ कारवाई हो,
6) विभिन्न वकीलों के द्वारा enroll किए जा रहे cases को सख्ती के साथ सीमित करना ताकि वो अपने हर एक केस की हर एक तारीख़ को व्यक्तिगत रूप से अटेंड करें और बेवजह तारीख पर तारीख ना मांगें,
7) अगर संभव हो तो वकीलों की फीसों पर capping,
8) वकीलों की हड़तालों को ESMA कानून के अंतर्गत लाकर अवैध घोषित करना ताकि ऐसी हड़तालों से पीड़ितों को मिलने वाले न्याय में देरी ना हो,
9) कोर्ट की अवमानना के कानून की समीक्षा ताकि यह बेवजह जनता को धमकाने डराने का अस्त्र ना बने,
10) भारतीय न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए एक ऐसा Double Blind system लाना होगा जिसमे ना तो जज, जिरह करने वाले वकील को ही ये पता चले कि वो किस शख्स का केस लड़ या सुन रहे हैं और ना ही वादी परिवादी को कि उनका केस किस जज की कोर्ट में है ? केस में involve जजों, वकीलों, वादी, परिवादी, गवाह आदि को गुप्त code देकर सुनवाई की जाए, ताकि कोई भी "setting" ना की जा सके।
11) भ्रष्ट जजों को तुरंत बर्खास्त करने की आसान प्रक्रिया, भ्रष्ट जजों की सभी सम्पत्ति कुर्क करने, पेंशन समाप्त करने और अंडमान निकोबार जेल भेजने का प्रावधान।
राष्ट्रपति जी, उपराष्ट्रपति जी, प्रधानमन्त्री जी, केन्द्रीय कानून मंत्री जी, केन्द्रीय गृह मंत्री जी, आप सभी से निवेदन है कि इस राष्ट्र की न्याय व्यवस्था में गम्भीर सुधारों की आवश्यकता है।
5,10,20,30,40,50 बरस में दिया जाने वाला कोई न्याय होता ही नहीं है। यह केवल अन्याय होता है।
कृपया कर इस देश को न्यायिक बदहाली से निकलवाने में ठोस कदम उठाएं।
भारत की इसी न्यायिक बदहाली के कारण, जिस तरह से वकीलों को लाखों रुपए की फीस चढ़ा कर 10,20,30,40,50 बरस तक न्याय के लिए एक भूखे प्यासे कुत्ते की तरह इन्तजार करना पड़ता है, उसे देखकर मैंने अपना भविष्य का वोट केवल और केवल NOTA को देने का फैसला कर लिया है।
मोदी जी को भी पिछले 9 सालों की सत्ता में इस देश की न्यायिक बदहाली नजर नहीं आई !!!
मैं स्वयं इस देश की न्याय प्रणाली का भुगत भोगी हूं।
मुझे नहीं चाहिए तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख देने वाली मौजूदा व्यवस्था !!!
इस देश का नागरिक और tax payer होने के नाते मुझे केवल और केवल 6 महीने के अन्दर अन्दर त्वरित निष्पक्ष न्याय प्रदान करने वाली न्याय प्रणाली चाहिए।
अब जब तक न्यायिक सुधार नहीं, किसी भी पार्टी को वोट नहीं।
बहुत हो चुका।
Har garib dukhi kamjore lachar janta ki mang tha Jo unko mil Gaya hai lekin ye kanoon sakti se lagu hona chahiye
Respected sir, please also note that every person who is involved in litigation, has to appoint a lawyer for his case. If every lawyer has issued a bill for his fees in the beginning and was signed by both of them. And when and where the client pays. If anyone has any problems, then immediately get solved. And some restrictions should be on lawyer's also.
मून लेंडिंग पोसीबल नहीं है किसी के लिए भी यहा से 3000km पर ऐक्सोस्फिर हैं जिसका तापमान 1200c है। कोई भी पार्टिकल्स तुरंत गलके वापस धरती पे आ जायेगा। थोडा पढा होता तो अंधभक्त नहीं बनते😅😅😅
हमे ग्यान नहीं है। इसलिए मुर्ख बनाया जा रहा है
आप ,श्री पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ जैसे न्यायप्रिय भारतीय मिलकर एक संगठन बनाकर न्याय के लिए भटक रहे तथा भेदभावों वाले कानूनों के विरुद्ध खड़े हो जाए तो वास्तविक न्याय हो सके ❤️❤️❤️
समय के अनुसार कानून के अंदर सुधार सही प्रक्रिया शुरू की है। सराहनीय कदम है।
न्यायाधीशों को जिम्मेदारी तय होनी चाहिए जिससे देरी से मुक्ति मिल सके ।
भारत के कानून व्यवस्था में आवश्यक बदलाव होना चाहिए। और हम इसी सरकार से अपेक्षा रखते हैं
कानून व्यवस्था बदलना अति आवश्यक हैं। देश, काल, परिस्थिति बदल चुका तो कानून भी बदलने कि आवश्कता है।
थैंक्यू सर जी। बहुत बदलाव की ज़रूरत है। सराहनीय ।🙏🙏
कानून बदलने पर मोदी जी का बहुत बहुत धन्यवाद हमारे कानून व्यवस्था में सुधार होगा मोदी जी की जय
कानून बदलना ही चाहिए
श्रीमान जी आपके और सरकार की प्रयास से देश को विकास का गति दे सके, और जनता को जल्दी न्याय मिले वैसे कानून लाना चाहिए हम लोग सरकार और आपका आभारी रहेंगे। धन्यवाद।
Modi hai to mumkin hai.Thanks for beginning this legal educative series.
बहुत अच्छा बोले आप, आम आदमी की चिंता करने वाली बातें बोलीं आपने, दिल से जुड़ी हुई❤
सराहनीय कदम मोदी सरकार द्वारा .....This was long needed 🇮🇳🙏
भगवान बचाए इन न्यायालयो से और वकीलों से । Modiji से प्रार्थना है कि तीन से 4 hearing और तीन महीने के अंदर न्याय प्रतिक्रिया को पूर्ण किया जाय ।
बहुत अच्छा सुधार कानून है। कांग्रेस जिसको 70 सालों में नहीं बदला , मोदी जी बी जे पी सरकार ने चन्द मिनटों बदल दिया।इसिलिए तो देश की जनता भी थे पी को देश की अच्छी सरकार मानती है और कांग्रेस को देश को तोड़ने, लुटेरों की सरकार मानती है।
Thanku Sardanaji.Jai Hind.❤
तीन हियरिंग?
Very nice dicision.
आपने बिलकुल सही कहा।आपका आभार व्यक्त करता हु और सरकार इस बिल की सराहना करता हूं।
Superb bahut bahut dhanyawaad apke jaise vakilo ki bahut jarurat hai desh ko
इन 3 कानून पे और विश्लेषण की जरूरत होगी।
फिर भी आपका विश्लेषण बहुत लाभकारी होता है।
🙏🏼🙏🏼
Apneachaprovidkiyathanks
बहुत ही सराहनीय प्रयास मोदी जी का जितनी भी सराहना की जाये उतनी कम है और आपका विस्तार पूर्वक समझाने का तरीक़ा भी अच्छा है ।
INDIAN JUDICIAL SYSTEM IS ABSOLUTELY OUT OF DATE & REDUNDANT WHICH HAS BECOME USELESS IN PROVIDING JUSTICE TO COMMON MAN. THE PEOPLE IS SPENDING SEVERAL DECADES IN JAIL FOR MINOR CRIMES WHICH SPEAKS ABOUT WEAKNESSES OF PRESENT JUDICIAL SYSTEM. INDIAN JUDICIAL SYSTEM IS BEYOND REACH OF PUBLIC SINCE IT IS VERY COSTLY & COMMON MAN CAN NOT BEAR THIS HUGE FINANCIAL BURDEN. SO PRESENT JUDICIAL SYSTEM IS ONLY SUITING TO RICH WHO ARE SPENDING HUGE AMOUNT & ARE GETTING JUDGEMENT ACCORDING TO THEIR CHOICE & WISHES. SO PRESENT JUDICIAL SYSTEM IS TOTALLY USELESS & IT IS FAILING TO PROVIDE JUSTICE TO POOR. THE RECRUITMENT OF JUDGES IS MADE IN BIASED MANNER WHICH NEEDS IMMEDIATE CHANGE IN TRANSPARENT MANNER BY SETTING INDEPENDENT JUFICIAL COMMISSION FOR RECRUITMENT OF JUDGES OF ALL COURTS. MODI GOVT SHOULD CHANGE RECRUITMENT SYSTEM IMMEDIATELY IN PUBLIC INTEREST.
100% correct decision. Modi hai to mumkin hai.
100% correct decision Kanoon ko badalna bahut jaruri hai yah kam Modi ji ke alava koi nahin kar sakta❤
विश्व में यदि सबसे ज्यादा भृष्टाचार है तो भारतीय न्याय व्यवस्था में है ।
नमस्कार जी भारत सरकारके के प्रयास और आप का ईमानदार विश्लेषण ,कानूनी प्रक्रियाओं में सुधार से जानता में विश्वास पैदा होता है ।कानून में त्रुटियों को दूर करने से ही आम जन को राहत मिलेगी 🙏
समय पर न्याय न मिलना भी अन्याय के बराबर है, समय पर सबको न्याय मिल सके,ऐसी सरकार से अपेक्षा है, इसके लिए जो भी सुधार की आवश्यकता है वह तत्काल किया जाना चाहिए।आपने जानकारी दी उसके लिए धन्यवाद।
Jankari dene keliye dhanyawad
सक्त कानून बनाओ,समय कम मे फैसला हो।
जय हिंद
कानून केवल पैसेवालों का है, गरीबों के लिए नहीं क्योंकि गरीब न्याय खरीद नही सकता...
दिल की बात कह रहे हैं
100]%सत्य कहा (निस्संदेह)
@@yadram1120 वव्व
@@kaizen976 I agree
Susaed. Krtahe
100% न्यायिक बिबस्था में बदलाव की जरुरत है धन्यवाद
बिल्कुल न्याय व्यवस्था में सुधार होना अति आवश्यक है।
बहुत गम्भीरतापूर्वक जवाबदेह समयबद्ध न्यायायिक प्रक्रिया लागू होनी चाहिए,वकीलों की फीस सरकार को बहुत कड़ाई से तय करनी चाहिए,वकील विरोधी पक्ष से मिल कर धोखा दे,तो उसको वकालत करने से प्रतिबंधित करने का प्रावधान करे सरकार।
न्यायव्यवस्था मे भारी बदलाव की जरूरत हैं ! एक के लिये छुट्टी होने पर या रात में कोर्ट खोलना और दुसरे जरूरत मंद को हायकोर्ट का रस्ता दिखाना ये बंद होना चाहिए !
These judges don't think that there is another court that is shani dev court, they will go to hell who are playing with lives of people now murder accused are getting bail easily hence police us also not serious, so their actions have cascading effect
देर आये दुरूस्त आये
कानून बनाये गए थे हमें गुलाम बनाये रखने के लिए।
इतना सुधार तो होना ही चाहिए कि कोई किसी को फर्जी केश मे न फंसा सके फर्जी मुकदमा करने वाले को कठोर दण्ड का प्रावधान होना चाहिए ।
आदरणीय श्रीमान विजय सरदाना जी, सादर प्रणाम। इस व्यापक जन जागरूकता के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। 🙏🏻
गलत फैसला करने वाले जजों को सजा होनी चाहिए?
नई न्याय प्रणाली की जरूरत है। गांव स्तर से लेकर ऊपर तक न्याय का स्वरूप ऐसा हो कि न्याय एक वर्ष के अंदर अवश्य हो जाय।
मोदीजी भारत के लोगों के लिए एक अवसर है। मोदीजी भारत के निर्माण के लिए कार्य कर रहे हैं।
देश वासियों को बहुत बहुत बधाई और मोटा भाई का आभार.....आशा है देश अब सही मार्ग में अग्रसर होगा और अंतकरण से माननीय SC के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री Ashiwini Upadhya का कोटि-कोटि अभिनंदन, धन्यवाद और सादर प्रणाम जिनकी इस दिशा में चेष्टा भी अपरमपार है 🙏🙏
सरकार के द्वारा उठाए सराहनीय है और आपके द्वारा दी जा रही है जानकारी से अवगत कराने के लिए धन्यवाद
आप जैसे विद्वान वकीलों को अपनी बात कानून मंत्री तक पहुँचाना चाहिये जिससे गरीब जनता को न्याय मिले और बर्बादी से बच सके।
बेहतरीन, आपके हौसले को प्रणाम! विरले ही ऐसे वकील होते हैं जो माननीयों के कार्य प्रणाली को नंगा कर समाज के सामने और हित में बोलने या बताने का साहस कर पाते हैं। पुनश्च हार्दिक अभिनंदन!
बहोत आभारी है| यह जनताकी सरकार है| न्यायालय किसके हितमे काम करती है,आज प्रश्र्न चिन्ह है|
मुझे ये वीडियो बहुत अच्छा लगा धन्यवाद
बहुत ही दमदार पहल की है मोदी सरकार ने।न्यायपालिका और उसकी कार्य करने का ढंग अब बदलना ही पड़ेगा। और जनसाधारण को बहुत राहत मिलेंगी।
आप एक वकील होते हुए ,सामान्य जनता के लिये इतना ज्ञान दे रहे हो इसलिये आपका विशेष अभिनंदन !💐
Apka a kadam swagat yoge hai
Nothing of that kind, this also fetches some bucks to Vijaya Saradana... irrespective of his intent of making video...
@@jaswantgosain2613Q
हमारी केन्द्रीय सरकारों ने कभी देखा ही नहीं कि कोर्ट कचहरियों में आखिर हो क्या रहा है !!!!
तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख !!!!!!!!!!!!!!
इस देश की न्याय प्रणाली को विष्णु तिवारी जैसे शख्स को 20 साल तक जेल में सड़ते रहने देने के बाद ये पता चलता है कि वह बेकसूर है !!!!
और नागपुर के अक्कू यादव जैसे हैवान को बेल मिल जाती है, जिससे वह बार बार बलात्कार करता रहता है !!!!
ये कैसी न्याय प्रणाली है ?????
Collegium system में सुधार के अलावा मोदी सरकार को अब और एक दिन की भी देरी किए भारतीय न्याय प्रणाली में गम्भीर सुधार करने चाहिए।
इस देश की न्याय प्रणाली में गम्भीर सुधारों की ज़रूरत है।
तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख.......... देने वाली यह व्यवस्था अपना औचित्य खोती चली गई है।
गम्भीर न्यायिक सुधारों के बाद ही इस देश में न्याय प्रणाली पटरी पर आएगी।
वरना न्याय के इन्तजार में 10, 20, 30, 40, 50 बरस तक किसी लाचार- भूखे- प्यासे कुत्ते की तरह इन्तजार करते रहना और इस देश की 4.5 करोड़ pending cases के चलते न्यायिक बदहाली सबके सामने है।
सबसे पहले भारतीय न्याय प्रणाली के कर्मठ, कार्य को लेकर गम्भीर एवं कर्त्तव्यपरायण सभी जजों एवं वकीलों को सादर- सहृदय प्रणाम।
Collegium System के सुधार के अलावा भारतीय न्याय प्रणाली में और बहुत से निम्न सुधारों की आवश्यकता है:
1) न्याय प्रणाली में मौजूद सभी छुट्टियां बंद कर हस्पतालों की Emergency की तर्ज़ पर केसों की 24x7 सुनवाई शुरू हो,
2) हर एक कोर्ट केस पर अधिकाधिक 6 महीने में आवश्यक रूप से न्याय प्रदान करने का प्रावधान,
5,10,20,30,40,50 सालों तक तारीख़ पर तारीख पर तारीख................
ये कैसी न्याय प्रणाली है ?
3) जजों के फ़ैसलों की समीक्षा और पूरी गम्भीरता के साथ जवाबदेही सुनिश्चित हो, अगर कोई फैसला गलत दिया गया है तो ऐसे जज को तुरन्त नौकरी से बर्खास्त कर उसकी पेंशन आदि बंद कर दी जाए,
4) न्याय प्रणाली में RTI Act- 2005 को पूरी तरह से लागू करना, ताकि पीड़ित अपने केस पर पड़ रही तारीख पर तारीख पर तारीख की बौछारों बारे प्रश्न पूछ सके,
5) हर एक न्यायालय स्तर के वकीलों को Consumer Protection Act के अधीन लाना ताकि कोई भी वकील भारी भरकम फीस लेने के बाद अच्छे से शोध, तैयारी कर के ही अपने client के केस पर energetic होकर जिरह करे, और जानबूझ कर या कम knowledge होने के कारण केस को हल्के में पैरवी करने पर उस पर Consumer Act के अधीन कठोरता के साथ कारवाई हो,
6) विभिन्न वकीलों के द्वारा enroll किए जा रहे cases को सख्ती के साथ सीमित करना ताकि वो अपने हर एक केस की हर एक तारीख़ को व्यक्तिगत रूप से अटेंड करें और बेवजह तारीख पर तारीख ना मांगें,
7) अगर संभव हो तो वकीलों की फीसों पर capping,
8) वकीलों की हड़तालों को ESMA कानून के अंतर्गत लाकर अवैध घोषित करना ताकि ऐसी हड़तालों से पीड़ितों को मिलने वाले न्याय में देरी ना हो,
9) कोर्ट की अवमानना के कानून की समीक्षा ताकि यह बेवजह जनता को धमकाने डराने का अस्त्र ना बने,
10) भारतीय न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए एक ऐसा Double Blind system लाना होगा जिसमे ना तो जज, जिरह करने वाले वकील को ही ये पता चले कि वो किस शख्स का केस लड़ या सुन रहे हैं और ना ही वादी परिवादी को कि उनका केस किस जज की कोर्ट में है ? केस में involve जजों, वकीलों, वादी, परिवादी, गवाह आदि को गुप्त code देकर सुनवाई की जाए, ताकि कोई भी "setting" ना की जा सके।
11) भ्रष्ट जजों को तुरंत बर्खास्त करने की आसान प्रक्रिया, भ्रष्ट जजों की सभी सम्पत्ति कुर्क करने, पेंशन समाप्त करने और अंडमान निकोबार जेल भेजने का प्रावधान।
राष्ट्रपति जी, उपराष्ट्रपति जी, प्रधानमन्त्री जी, केन्द्रीय कानून मंत्री जी, केन्द्रीय गृह मंत्री जी, आप सभी से निवेदन है कि इस राष्ट्र की न्याय व्यवस्था में गम्भीर सुधारों की आवश्यकता है।
5,10,20,30,40,50 बरस में दिया जाने वाला कोई न्याय होता ही नहीं है। यह केवल अन्याय होता है।
कृपया कर इस देश को न्यायिक बदहाली से निकलवाने में ठोस कदम उठाएं।
भारत की इसी न्यायिक बदहाली के कारण, जिस तरह से वकीलों को लाखों रुपए की फीस चढ़ा कर 10,20,30,40,50 बरस तक न्याय के लिए एक भूखे प्यासे कुत्ते की तरह इन्तजार करना पड़ता है, उसे देखकर मैंने अपना भविष्य का वोट केवल और केवल NOTA को देने का फैसला कर लिया है।
मोदी जी को भी पिछले 9 सालों की सत्ता में इस देश की न्यायिक बदहाली नजर नहीं आई !!!
मैं स्वयं इस देश की न्याय प्रणाली का भुगत भोगी हूं।
मुझे नहीं चाहिए तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख देने वाली मौजूदा व्यवस्था !!!
इस देश का नागरिक और tax payer होने के नाते मुझे केवल और केवल 6 महीने के अन्दर अन्दर त्वरित निष्पक्ष न्याय प्रदान करने वाली न्याय प्रणाली चाहिए।
अब जब तक न्यायिक सुधार नहीं, किसी भी पार्टी को वोट नहीं।
बहुत हो चुका।
Leave aside !
न्याय व्यवस्था में सुधार की शकत जरूरत है।सरकार प्रयास सराहनीय है।जनता इसका पुरजोर समर्थन करतीं है।
सुधार आवश्यक है धन्यवाद, बढ़िया स्पीच है /
कानून व्यवस्था को सुधारने की सख्त जरूरत है, मौजूदा सरकार देश हित में सही निर्णय ले रही है।🎉
ये बुनियादी परिवर्तन कोई शेर ही कर सकता है जिसको सिर्फ और सिर्फ राष्ट्र से लगाव हो बाकी राजनेताओं को घोटाले से फुरसत नहीं हैं इस वजह से ही मोदीजी को विरोध भी झेलना पड़ रहा है. 🌹
कुर्सी बचाने के लिए एससीएसटी की तरह कोर्ट का फैसला ने का अधिकार सरकार के पास है । आशावादी लोगों को मूर्ख बनाने की कूटनीति बनाने के लिए धन्यवाद मोदी सरकार ।
Yes
Kitnenetaokgotalekizachkre haiyetotomuchforpmtoyepafgylogkyakrtehya
मोदी है तो सब कुछ है! 😂
Azadi ki ladai mein sher gufa mein thha kya
Judiciary needs to be reformed as soon as possible!!
Excellent move by BJP Govt.
As early as possible.
Totally new reforms should be implemented quickly 🙏👍👍👍👍
हमारी केन्द्रीय सरकारों ने कभी देखा ही नहीं कि कोर्ट कचहरियों में आखिर हो क्या रहा है !!!!
तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख !!!!!!!!!!!!!!
इस देश की न्याय प्रणाली को विष्णु तिवारी जैसे शख्स को 20 साल तक जेल में सड़ते रहने देने के बाद ये पता चलता है कि वह बेकसूर है !!!!
और नागपुर के अक्कू यादव जैसे हैवान को बेल मिल जाती है, जिससे वह बार बार बलात्कार करता रहता है !!!!
ये कैसी न्याय प्रणाली है ?????
Collegium system में सुधार के अलावा मोदी सरकार को अब और एक दिन की भी देरी किए भारतीय न्याय प्रणाली में गम्भीर सुधार करने चाहिए।
इस देश की न्याय प्रणाली में गम्भीर सुधारों की ज़रूरत है।
तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख.......... देने वाली यह व्यवस्था अपना औचित्य खोती चली गई है।
गम्भीर न्यायिक सुधारों के बाद ही इस देश में न्याय प्रणाली पटरी पर आएगी।
वरना न्याय के इन्तजार में 10, 20, 30, 40, 50 बरस तक किसी लाचार- भूखे- प्यासे कुत्ते की तरह इन्तजार करते रहना और इस देश की 4.5 करोड़ pending cases के चलते न्यायिक बदहाली सबके सामने है।
सबसे पहले भारतीय न्याय प्रणाली के कर्मठ, कार्य को लेकर गम्भीर एवं कर्त्तव्यपरायण सभी जजों एवं वकीलों को सादर- सहृदय प्रणाम।
Collegium System के सुधार के अलावा भारतीय न्याय प्रणाली में और बहुत से निम्न सुधारों की आवश्यकता है:
1) न्याय प्रणाली में मौजूद सभी छुट्टियां बंद कर हस्पतालों की Emergency की तर्ज़ पर केसों की 24x7 सुनवाई शुरू हो,
2) हर एक कोर्ट केस पर अधिकाधिक 6 महीने में आवश्यक रूप से न्याय प्रदान करने का प्रावधान,
5,10,20,30,40,50 सालों तक तारीख़ पर तारीख पर तारीख................
ये कैसी न्याय प्रणाली है ?
3) जजों के फ़ैसलों की समीक्षा और पूरी गम्भीरता के साथ जवाबदेही सुनिश्चित हो, अगर कोई फैसला गलत दिया गया है तो ऐसे जज को तुरन्त नौकरी से बर्खास्त कर उसकी पेंशन आदि बंद कर दी जाए,
4) न्याय प्रणाली में RTI Act- 2005 को पूरी तरह से लागू करना, ताकि पीड़ित अपने केस पर पड़ रही तारीख पर तारीख पर तारीख की बौछारों बारे प्रश्न पूछ सके,
5) हर एक न्यायालय स्तर के वकीलों को Consumer Protection Act के अधीन लाना ताकि कोई भी वकील भारी भरकम फीस लेने के बाद अच्छे से शोध, तैयारी कर के ही अपने client के केस पर energetic होकर जिरह करे, और जानबूझ कर या कम knowledge होने के कारण केस को हल्के में पैरवी करने पर उस पर Consumer Act के अधीन कठोरता के साथ कारवाई हो,
6) विभिन्न वकीलों के द्वारा enroll किए जा रहे cases को सख्ती के साथ सीमित करना ताकि वो अपने हर एक केस की हर एक तारीख़ को व्यक्तिगत रूप से अटेंड करें और बेवजह तारीख पर तारीख ना मांगें,
7) अगर संभव हो तो वकीलों की फीसों पर capping,
8) वकीलों की हड़तालों को ESMA कानून के अंतर्गत लाकर अवैध घोषित करना ताकि ऐसी हड़तालों से पीड़ितों को मिलने वाले न्याय में देरी ना हो,
9) कोर्ट की अवमानना के कानून की समीक्षा ताकि यह बेवजह जनता को धमकाने डराने का अस्त्र ना बने,
10) भारतीय न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए एक ऐसा Double Blind system लाना होगा जिसमे ना तो जज, जिरह करने वाले वकील को ही ये पता चले कि वो किस शख्स का केस लड़ या सुन रहे हैं और ना ही वादी परिवादी को कि उनका केस किस जज की कोर्ट में है ? केस में involve जजों, वकीलों, वादी, परिवादी, गवाह आदि को गुप्त code देकर सुनवाई की जाए, ताकि कोई भी "setting" ना की जा सके।
11) भ्रष्ट जजों को तुरंत बर्खास्त करने की आसान प्रक्रिया, भ्रष्ट जजों की सभी सम्पत्ति कुर्क करने, पेंशन समाप्त करने और अंडमान निकोबार जेल भेजने का प्रावधान।
राष्ट्रपति जी, उपराष्ट्रपति जी, प्रधानमन्त्री जी, केन्द्रीय कानून मंत्री जी, केन्द्रीय गृह मंत्री जी, आप सभी से निवेदन है कि इस राष्ट्र की न्याय व्यवस्था में गम्भीर सुधारों की आवश्यकता है।
5,10,20,30,40,50 बरस में दिया जाने वाला कोई न्याय होता ही नहीं है। यह केवल अन्याय होता है।
कृपया कर इस देश को न्यायिक बदहाली से निकलवाने में ठोस कदम उठाएं।
भारत की इसी न्यायिक बदहाली के कारण, जिस तरह से वकीलों को लाखों रुपए की फीस चढ़ा कर 10,20,30,40,50 बरस तक न्याय के लिए एक भूखे प्यासे कुत्ते की तरह इन्तजार करना पड़ता है, उसे देखकर मैंने अपना भविष्य का वोट केवल और केवल NOTA को देने का फैसला कर लिया है।
मोदी जी को भी पिछले 9 सालों की सत्ता में इस देश की न्यायिक बदहाली नजर नहीं आई !!!
मैं स्वयं इस देश की न्याय प्रणाली का भुगत भोगी हूं।
मुझे नहीं चाहिए तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख देने वाली मौजूदा व्यवस्था !!!
इस देश का नागरिक और tax payer होने के नाते मुझे केवल और केवल 6 महीने के अन्दर अन्दर त्वरित निष्पक्ष न्याय प्रदान करने वाली न्याय प्रणाली चाहिए।
अब जब तक न्यायिक सुधार नहीं, किसी भी पार्टी को वोट नहीं।
बहुत हो चुका।
Dilapidated structure should b demolished n the new one constructed.
The problem is not due to enacted law but problem arised due to mentality of judicial officers who do not want to change their mental attitude.
जब तक भ्रष्टाचार मुक्त भारत नहीं तब तक किसी कुछ नहीं हासिल हुआ भ्रष्टाचार खत्म होगा इस दिल से न्यायालय में निष्पक्ष सुनवाई होने लगेगी और लोगों को न्याय भी मिलेगा जय हिंद जय भारत
देश में कानून को सुधार होना चाहिए
कोर्ट में न्याय नाही मिलता था, बल्की न्याय मांगने का दंड मिलता है.
मोदी सरकार ने जो तीन बील लाये है. बहोत ही अहम और महत्वपूर्ण है.
दिल से धन्यवाद विजयसाब आप के सरल और वास्तव विश्लेषण के लिए...आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी ने बहुत ही सराहनीय कदम उठाया है अंग्रेजों के जमाने के ये तीनों कानून बदल ने का..मोदी जी के लिए राष्ट्र हित सर्वतोपरी है..इसीलिए मोदी जी है तो मुमकिन है...नमो नम: जय भारत
श्री मोदी जी एक महान भारत हिंदुस्तान के पंत प्रधान है, हमे गर्व है.
युगपुरुष महान मोदी जी तथा ज्वेल आफ इंडिया माननीय गृहमंत्री अमित शाह जी को नमन वंदन अभिनंदन।
विजय जी, आप बहुत ही अच्छे से देश की सेवा कर रहे हैं, जो कि आप आम आदमी को उसके अधिकार के बारे में, आसान भाषा में जागरूक कर रहे हैं।
बहुत बहुत शुभकामनाएं और धन्यवाद।
ये सारा काँग्रेस का खेल किया हुआ है...
न्याय व्यवस्था में आधुनीक बदलाव करना जरूरी है..
सबसे बड़ी बात है हमें अपने आप में ईमानदार होना पड़ेगा।
🙏🎉
क्या आप बेईमान है??🤣🔥
अभी और भी बहुत बदलाव आवश्यक हैं, लेकिन यह अच्छी बात यह है कि एक शुरूआत तो हुई। लोगों को न्याय मिलना बहुत जरूरी है । एक साल में ही फैंसला हो जाना चाहिए।
मोदी जी जनता की अपेक्षा के अनुरूप
कानून में बदलाव लाए है बधाई के पात्र है
Ye Han re jajo ko sochana chahiye tha l lekin modi ji ne socha
❤❤ Nice
C p C में भी बदलाव की जरूरी है और फैमिली बटवारे के केस को निपटारे के जमीन का ब्लॉक थाना क्षेत्र के अधार पर करने की व्यस्था की जाय
हमारी केन्द्रीय सरकारों ने कभी देखा ही नहीं कि कोर्ट कचहरियों में आखिर हो क्या रहा है !!!!
तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख !!!!!!!!!!!!!!
इस देश की न्याय प्रणाली को विष्णु तिवारी जैसे शख्स को 20 साल तक जेल में सड़ते रहने देने के बाद ये पता चलता है कि वह बेकसूर है !!!!
और नागपुर के अक्कू यादव जैसे हैवान को बेल मिल जाती है, जिससे वह बार बार बलात्कार करता रहता है !!!!
ये कैसी न्याय प्रणाली है ?????
Collegium system में सुधार के अलावा मोदी सरकार को अब और एक दिन की भी देरी किए भारतीय न्याय प्रणाली में गम्भीर सुधार करने चाहिए।
इस देश की न्याय प्रणाली में गम्भीर सुधारों की ज़रूरत है।
तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख.......... देने वाली यह व्यवस्था अपना औचित्य खोती चली गई है।
गम्भीर न्यायिक सुधारों के बाद ही इस देश में न्याय प्रणाली पटरी पर आएगी।
वरना न्याय के इन्तजार में 10, 20, 30, 40, 50 बरस तक किसी लाचार- भूखे- प्यासे कुत्ते की तरह इन्तजार करते रहना और इस देश की 4.5 करोड़ pending cases के चलते न्यायिक बदहाली सबके सामने है।
सबसे पहले भारतीय न्याय प्रणाली के कर्मठ, कार्य को लेकर गम्भीर एवं कर्त्तव्यपरायण सभी जजों एवं वकीलों को सादर- सहृदय प्रणाम।
Collegium System के सुधार के अलावा भारतीय न्याय प्रणाली में और बहुत से निम्न सुधारों की आवश्यकता है:
1) न्याय प्रणाली में मौजूद सभी छुट्टियां बंद कर हस्पतालों की Emergency की तर्ज़ पर केसों की 24x7 सुनवाई शुरू हो,
2) हर एक कोर्ट केस पर अधिकाधिक 6 महीने में आवश्यक रूप से न्याय प्रदान करने का प्रावधान,
5,10,20,30,40,50 सालों तक तारीख़ पर तारीख पर तारीख................
ये कैसी न्याय प्रणाली है ?
3) जजों के फ़ैसलों की समीक्षा और पूरी गम्भीरता के साथ जवाबदेही सुनिश्चित हो, अगर कोई फैसला गलत दिया गया है तो ऐसे जज को तुरन्त नौकरी से बर्खास्त कर उसकी पेंशन आदि बंद कर दी जाए,
4) न्याय प्रणाली में RTI Act- 2005 को पूरी तरह से लागू करना, ताकि पीड़ित अपने केस पर पड़ रही तारीख पर तारीख पर तारीख की बौछारों बारे प्रश्न पूछ सके,
5) हर एक न्यायालय स्तर के वकीलों को Consumer Protection Act के अधीन लाना ताकि कोई भी वकील भारी भरकम फीस लेने के बाद अच्छे से शोध, तैयारी कर के ही अपने client के केस पर energetic होकर जिरह करे, और जानबूझ कर या कम knowledge होने के कारण केस को हल्के में पैरवी करने पर उस पर Consumer Act के अधीन कठोरता के साथ कारवाई हो,
6) विभिन्न वकीलों के द्वारा enroll किए जा रहे cases को सख्ती के साथ सीमित करना ताकि वो अपने हर एक केस की हर एक तारीख़ को व्यक्तिगत रूप से अटेंड करें और बेवजह तारीख पर तारीख ना मांगें,
7) अगर संभव हो तो वकीलों की फीसों पर capping,
8) वकीलों की हड़तालों को ESMA कानून के अंतर्गत लाकर अवैध घोषित करना ताकि ऐसी हड़तालों से पीड़ितों को मिलने वाले न्याय में देरी ना हो,
9) कोर्ट की अवमानना के कानून की समीक्षा ताकि यह बेवजह जनता को धमकाने डराने का अस्त्र ना बने,
10) भारतीय न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए एक ऐसा Double Blind system लाना होगा जिसमे ना तो जज, जिरह करने वाले वकील को ही ये पता चले कि वो किस शख्स का केस लड़ या सुन रहे हैं और ना ही वादी परिवादी को कि उनका केस किस जज की कोर्ट में है ? केस में involve जजों, वकीलों, वादी, परिवादी, गवाह आदि को गुप्त code देकर सुनवाई की जाए, ताकि कोई भी "setting" ना की जा सके।
11) भ्रष्ट जजों को तुरंत बर्खास्त करने की आसान प्रक्रिया, भ्रष्ट जजों की सभी सम्पत्ति कुर्क करने, पेंशन समाप्त करने और अंडमान निकोबार जेल भेजने का प्रावधान।
राष्ट्रपति जी, उपराष्ट्रपति जी, प्रधानमन्त्री जी, केन्द्रीय कानून मंत्री जी, केन्द्रीय गृह मंत्री जी, आप सभी से निवेदन है कि इस राष्ट्र की न्याय व्यवस्था में गम्भीर सुधारों की आवश्यकता है।
5,10,20,30,40,50 बरस में दिया जाने वाला कोई न्याय होता ही नहीं है। यह केवल अन्याय होता है।
कृपया कर इस देश को न्यायिक बदहाली से निकलवाने में ठोस कदम उठाएं।
भारत की इसी न्यायिक बदहाली के कारण, जिस तरह से वकीलों को लाखों रुपए की फीस चढ़ा कर 10,20,30,40,50 बरस तक न्याय के लिए एक भूखे प्यासे कुत्ते की तरह इन्तजार करना पड़ता है, उसे देखकर मैंने अपना भविष्य का वोट केवल और केवल NOTA को देने का फैसला कर लिया है।
मोदी जी को भी पिछले 9 सालों की सत्ता में इस देश की न्यायिक बदहाली नजर नहीं आई !!!
मैं स्वयं इस देश की न्याय प्रणाली का भुगत भोगी हूं।
मुझे नहीं चाहिए तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख देने वाली मौजूदा व्यवस्था !!!
इस देश का नागरिक और tax payer होने के नाते मुझे केवल और केवल 6 महीने के अन्दर अन्दर त्वरित निष्पक्ष न्याय प्रदान करने वाली न्याय प्रणाली चाहिए।
अब जब तक न्यायिक सुधार नहीं, किसी भी पार्टी को वोट नहीं।
बहुत हो चुका।
Bhai padha likha hona chahiye
एक सामान्य व्यक्ती न्यायालय जाने से कतरता है, अन्याय सहन कर लेता है, केवल वकीलो और न्यायालय से बचने के लिए. आज न्याय मिलता नही बिकता है...
Apne Shi bola ensan chala jata h ko faisla nhi hota
Aaj court kacheri aur nayay ke dhanda ban Gaya hai.Kanoon ke dalalon ka paise kamane ka jarya.
अभी तक की व्यवस्था में न्याय सबसे ज्यादा दुर्लभ अंग है जो किसी नसीब वाले को ही मिलता है !
आगे भी न्याय मिलना मुश्किल ही रहेगा।
100%सही कदम है सरकार का।
INDIAN JUDICIAL SYSTEM IS ABSOLUTELY OUT OF DATE & REDUNDANT WHICH HAS BECOME USELESS IN PROVIDING JUSTICE TO COMMON MAN. THE PEOPLE IS SPENDING SEVERAL DECADES IN JAIL FOR MINOR CRIMES WHICH SPEAKS ABOUT WEAKNESSES OF PRESENT JUDICIAL SYSTEM. INDIAN JUDICIAL SYSTEM IS BEYOND REACH OF PUBLIC SINCE IT IS VERY COSTLY & COMMON MAN CAN NOT BEAR THIS HUGE FINANCIAL BURDEN. SO PRESENT JUDICIAL SYSTEM IS ONLY SUITING TO RICH WHO ARE SPENDING HUGE AMOUNT & ARE GETTING JUDGEMENT ACCORDING TO THEIR CHOICE & WISHES. SO PRESENT JUDICIAL SYSTEM IS TOTALLY USELESS & IT IS FAILING TO PROVIDE JUSTICE TO POOR. THE RECRUITMENT OF JUDGES IS MADE IN BIASED MANNER WHICH NEEDS IMMEDIATE CHANGE IN TRANSPARENT MANNER BY SETTING INDEPENDENT JUFICIAL COMMISSION FOR RECRUITMENT OF JUDGES OF ALL COURTS. MODI GOVT SHOULD CHANGE RECRUITMENT SYSTEM IMMEDIATELY IN PUBLIC INTEREST.
समय के साथ बदलना ही ठीक हे । अब लगता हे कि हम 190 साल पीछे चल रहे थे ।क़ानून बदल कर मोदी जी ने बहुत अच्छा किया ।
Rspctd Gentle man sir aap dwara di gayi achchhi jaankari ke liye aapko bahut bahut dhanyawad,sadhuwad aur aadar arpan.Jai Hind.Jai Mayribhoomi Ma.🙏🌺🙏
कानून बदल ने पर मोदीजी का आभार,न्याय व्यवस्था को पूर्ण ही खंगालकर संसोधन ही कर दिया जाय तो देश की जनता आभारी रहेगी
Thank you Modiji for introducing this bill in the Parliament.
व्यापक न्यायिक सुधार आप जैसे उदार और मूल्य संवर्धन दृष्टिकोण वाले कानूनविदों के सहयोग से अवश्य संभव होगा।
जनहित में यह महान् उपकार है....
न्याय पालिका से विश्वास उठ गया गया है सुधार की जरूरत है
न्याय सही टाइमपे सही मिलना ज़रूरी है।
।आपको अभिनंदन।
जब तक जज साहब और वकील गरीब आदमी की बेबसी नहीं समझेंगे और मुकदमों का जल्दी फैसला नहीं करेंगे इस देश के गरीब को न्याय नहीं मिलेगा।
👍👍👍👍👍👌👌👌👌👌👌👌
Ager jaldi case decide ho jaayega .. to vakeel bhukha mere gar kya...... sarkaar to kuch bhi nahi deti inko
न्याय प्रणाली हैं।व्यवस्था में सूधार की आवश्यकता है।जयहिन्द जयभारत वन्दे मातरम्।
बहुत बढ़िया कानून बनेंगे,, जनता के हित में,, गरीबों के हित में , महिलाओं के हित में , लेकिन महिलाओं के प्रति जघन्य अपराध करने वाले के लिए फांसी का प्रावधान भी होना चाहिए था!!
धन्यवाद विजयजी। आपके और हमारे सामूहिक प्रयासों का हीं शायद फल है कि भारत सरकारने भी जनता के मन का दुख समझकर कानूनों में ये नये बदलाव लाने में अपनी तरफ से एक महत्वपूर्ण पहल की है। आशा रखता हूं कि इसका फायदा इस देशके सभी नागरिकों को और विशेषतः गरीब जनता को निश्चित होगा। आपके सटीक विश्लेषण के लिये आपको विशेष धन्यवाद ।🙏
जितने लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है, उनके परिणामों से देश उज्जवल भविष्य पर अग्रसर हो रहा है, आभार आपका।
श्री मान सरदाना विकाल साब, आपके द्वारा बहुत अच्छी कानून की जानकारी दी जाती हैं। धन्यवाद
The Credit goes to Sr Advocate Dr Ashwani Upadhayay ji, The PIL man of Bharat.....God Bless him.
Very rightly said. Dr AU has many more. God Bless him and Bharatwasis must support him and Modi/BJP.
Yes, very true 👍, we support MANANIYA A.U MOHODAY.
Indomitable spirit of Respected Ashwini Upadhyay ji and his relentless crusade against various irregularities has stood the Nation in good stead. He is also one of the few worthy Sanatani Bharatiyas who command immense love of citizens. Personalities like Sarvasri J Sai Deepak, Pushpendra Kulashresta, Anand Ranganathan etc have helped Bharat and Bharatiyas similarly.
Nabj pkd liya
Sir. Is upukt jankari aur kendriya sarkar ka kanunon me upukt badlaw ke lia bahut bahut dhanyavad
बहोत धन्यवाद वकिल साहब.. आपके विडिओ का इंतजार रहेगा! आसान शब्दोमें आप समझाते है! मोदीजी और शहाजी को शत्-शत् नमन!
भारत के कानून व्यवस्था में सुधार होना बहुत जरूरी है
ATI Sundar 👍
Modiji is really a great personality and the best p m of India.
SC Congress k hath ki kathputli hai. Jisse Modiji sahi karna chah rahe hai. Desh ko sudharne k liye abhi Modiji ki 20 years jaroorat hai .
Ab to mahilao ke dwara hi purusho ko jaya sataya ja raha kyoki sare kànoon mahilao ke support me banaya gaya hai aur iska najaya fayda padhi likhi mahilaya utha rahi hai.
Yes.Modiji.great.leadar.Great....P.M.of.Bharat.feel.proud.of.P.M.Modiji.jay.shreeram.jayhind.
Kanoon.badalna.bahot.jaruri.hay.
Great personality with zero press conference
सभी पुरानी न्यायप्रक्रिया को बदलने की जरूरी है
पुराणे कानून बदलणे का मोदीजी एकदम सही निर्णय जय श्री राम
Is there any time limitation for evidence
बहुत अच्छा नियम है कानून समय और पैसे की बरबादी रुकेगी न्याय जल्द मिलेगा जो मर्डर केस अपराधी रूपयों कै बर पर बकील को रुपया खिला कर केश लम्बा खींचते हैं निचली अदालत सबूतों और गवाहों के आधार पर तथा डाक्टरों रिपोर्ट पुलिस की एफ आई आर के अनुसार सजा हो जाती है पर हाईकोर्ट में अपील कर बकील रुपए लेकर बचाने की कोशिश करता है पर जिसके आदमी का मर्डर हुआ है वो लाचार कमजोर है उन्हें न्याय कब मिलेगा निचली अदालत ने जो सजा सुनाई है उसे हाईकोर्ट यथावत रखै क्योंकि निचली अदालत ने सब कुछ बारीकी से जाचा परखा है मर्डर करने वाले दवग और पैसे वाले होते हैं हाईकोर्ट इनकी अपील खारिज कर सजा सूनाए तब गरीब असहाय को न्याय मिलेगा और छोटे मोटे केशो में समय वैसा बरबा न हो बकीलो को तो पैसे से मतलब है न्याय मिले न मिले फकीरों पर भी शासन कड़ा रुख अपनाए लूट खसोट रोकी जाए स्टील दवगो का ही साथ देते हैं
Bilkul hi sahi baatein hai Adv sahab ji aapke baton se me bhi sahmat hun or pratyek bhartiya ko nyayochit vyawastha Milne chahiye ok many many thanks god bless yo🙏🙏
भारत सरकार को इस कानून के लिए ढेरो शुभकामनाए। जल्द ही इंप्लीमेंट होना चाहिए।
माननीय श्री विजय सरदाना जी 🙏💕। आपके कानून के सुधारों के प्रति सुझावों से हम भी पूरी तरह से सहमत हैं👍वास्तव मे ये तो सारा का सारा सविंधान ही समीक्षा करने की व सुधार करने की आवश्यकता है। भगवान् इस मोदी सरकार को जल्दी से इसकी ओर ध्यान देने के लिए प्रेरित करे।
This shows the integrity honesty and dedication of Mr modi and his govt to the nation
वकीलों की वकालत बंद होनी चाहिए। न्याय का बेड़ा गर्क ये ही करते हैं। न्यायमूर्ति वही बने जो केस से जुड़े पुराने फैसलों को जानता हो। क्योंकि न्यायाधीश यह जानते ही नहीं हैं।
An excellent analysis. Long overdue reforms finally done under Modi Ji. 👍
मोदी सरकार ने अच्छी जिम्मेदारी निभाई है बहुत बहुत साधुवाद 🙏🙏🙏👍🏻👍🏻👍🏻
प्रशासन का कार्य है सभी का सभी तरह से जनहित हो उसी को न्याय और सुशासन कहते है । कही भी ववयसथा खराब नहीं होनी चाहिए
Thanku Sardhana ji App ne good news pass ki and C. Govt.ko bhi Dhanaywad dunga jai C. Govt
Excellent move by BJP govt. 👌
This is master stroke by any government for transforming judiciary. This will also force criminals to think 100 times before committing crime. Very clear explanation. Thanks Vijay ji.
Criminal have genius mind .
Yes 🙏
भारत को सकारात्मक बदलाव की दिशा में ले जाने कार्य कोई प्रगल्भ मस्तिष्क ही कर सकता है।