हनुमान जी को इस साहसिक शुरुआत के लिए कोटी कोटी प्रणाम। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि लोग इस तरह की परंपरा से काफी परेशान है परंतु इसे रोकने की पहल करने की हिम्मत हर किसी में नहीं है।
यह सुरुआत मुझे लगा कि मेरे को करनी पड़ेगी लेकिन आप ने करके मेरा काम आसान कर दिया दिल से धन्यवाद वाद लेकिन मेरे साथ कोई नहीं था मैं एक महज फाइनल ईयर की विद्यार्थी हु तो मेरे अपने ही इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है मैं भी चाहती की समाज में हर प्रथा का वक्त के अनुसार नया रुप हो
बहुत अच्छी पहल है कपड़ों की जगह पैसे दे दो प्रेम बना रहता है वरना किसी के पास अगर हल्के कपड़े चले जाएं तो परिवार में दूरियां हो जाती हैं और एक गरीब आदमी इन कपड़ों की वजह से ज्यादा कर्जे में जाता है
आदरणीय हनुमान जी आपने बहुत ही अच्छी शुरुआत की है इसके लिए आपको कोटि-कोटि धन्यवाद , आप के इस प्रेरणादायक बदलाव के लिए ना सिर्फ हमेशा याद किया जाएगा बल्कि एक दिन संपूर्ण राजस्थान इस नेक और साहसिक कार्य का अनुसरण करेगा ।
बहुत अच्छी पहल की हैं बेवजह सहर के बनियों के घर भरने की बजाय बहन बेटी को केस पसे देना अच्छी बात है जो भी अपने हिसाब खरीद ले या पैसे कही काम मे ले सकती है बहुत अच्छा कार्य किया है को बहुत बहुत धन्यवाद ।
बेस भी तो अपनी कमाई/सुविधा के अनुसार हल्का व भारी दिया जाता है वैसे ही रूपये भी अपनी सुविधानुसार कम ज्यादा दे सकते हैं सबसे अच्छी बात जब विदा होकर बहिन बेटी वापस अपने घर जाये तो साथ में वजन भी कम उठाना पड़े
बहुत ही सराहनीय कार्य है जी।इस कार्य से फिजूल खर्च और इन कपड़ों को तैयार करने में समय वेस्ट होता है।आज की भाग दौड़ में शॉर्ट एण्ड स्वीट कार्य वेरी नाइस जी 👍👍👍
हनुमानजी ने ये बहूत ही सराहनीय प्रयास किया है । समाज कल्याण तभी संभव है जब हम सभी एसा प्रयास करने की हिम्मत दिखाए । और जो भी एसा प्रयास करे ऊनकी निन्दा ना करे ।
राम राम सा हनुमान जी ने यह पहल कर के ब्याव शादी में आयेडी बहन वह बुआ में जो मन मुटाव हुव जिको कारण ओ बेसही तोह ओ बंद करनेसे पहले तो घर में बहन बुआ भाई भाभी को मनमुटाव दूर हो जासी दूसरी बात ब्याव में जितना खर्च आता है वह आधे कपड़ों को लागे है वह कम हो जासी और इससे ओ बीचलो वरग किसान खर्चा सु बचसी मेरा तो पर्सनल वीचार 1992 सेहीथा लेकिन भाई समाज का सहयोग जरूरी था जो अब मिल गया है में अब तेयार हूं राम राम सा
हनुमान जी को इस साहसिक शुरुआत के लिए कोटी कोटी प्रणाम। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि लोग इस तरह की परंपरा से काफी परेशान है परंतु इसे रोकने की पहल करने की हिम्मत हर किसी में नहीं है।
यह सुरुआत मुझे लगा कि मेरे को करनी पड़ेगी लेकिन आप ने करके मेरा काम आसान कर दिया दिल से धन्यवाद वाद लेकिन मेरे साथ कोई नहीं था मैं एक महज फाइनल ईयर की विद्यार्थी हु तो मेरे अपने ही इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है मैं भी चाहती की समाज में हर प्रथा का वक्त के अनुसार नया रुप हो
फिजूलखर्ची को रोकने के लिए एक अच्छी शुरुआत है। समाज में इस तरह की व्यवस्था लागू करना आवश्यक है। समाज सुधार के लिए एक सराहनीय।
बहुत अच्छी पहल है कपड़ों की जगह पैसे दे दो प्रेम बना रहता है वरना किसी के पास अगर हल्के कपड़े चले जाएं तो परिवार में दूरियां हो जाती हैं और एक गरीब आदमी इन कपड़ों की वजह से ज्यादा कर्जे में जाता है
आदरणीय हनुमान जी आपने बहुत ही अच्छी शुरुआत की है इसके लिए आपको कोटि-कोटि धन्यवाद , आप के इस प्रेरणादायक बदलाव के लिए ना सिर्फ हमेशा याद किया जाएगा बल्कि एक दिन संपूर्ण राजस्थान इस नेक और साहसिक कार्य का अनुसरण करेगा ।
धन्यवाद साहब आपका बहुत ही अच्छा पहल की है आपने जाट समाज से मेरे और मेरे परिवार को बहुत अच्छा लगा जय जाट
बहुत अच्छी पहल की हैं बेवजह सहर के बनियों के घर भरने की बजाय बहन बेटी को केस पसे देना अच्छी बात है जो भी अपने हिसाब खरीद ले या पैसे कही काम मे ले सकती है बहुत अच्छा कार्य किया है को बहुत बहुत धन्यवाद ।
बेस भी तो अपनी कमाई/सुविधा के अनुसार हल्का व भारी दिया जाता है वैसे ही रूपये भी अपनी सुविधानुसार कम ज्यादा दे सकते हैं सबसे अच्छी बात जब विदा होकर बहिन बेटी वापस अपने घर जाये तो साथ में वजन भी कम उठाना पड़े
बहुत ही सराहनीय कदम 👍👍
बहुत ही शानदार पहल है क्योंकि जाट समाज का करोड़ों रुपए कपडों के रुप में इस पेटी से उस पेटी में घुमता रहता है बेसों में बहन बेटी में भेद भाव होता है
बहुत ही सराहनीय कार्य है जी।इस कार्य से फिजूल खर्च और इन कपड़ों को तैयार करने में समय वेस्ट होता है।आज की भाग दौड़ में शॉर्ट एण्ड स्वीट कार्य वेरी नाइस जी 👍👍👍
हनुमान जी द्वारा अच्छी पहल समाज में ऐसी पहल समाज में होणी जरुरी भी है क्योंकि महंगाई और समाज के चक्कर में गरिब मारा जाता है धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏
इससे स्टूडेंट्स ,नौकरी करने वालों ,एकल महिला, बीमार या बुजुर्ग महिला....आदि को भी फायदा क्योंकि ज्यादातर समय तो उनका बेस खरीददारी में ही चला जाता है
हनुमानजी ने ये बहूत ही सराहनीय प्रयास किया है । समाज कल्याण तभी संभव है जब हम सभी एसा प्रयास करने की हिम्मत दिखाए । और जो भी एसा प्रयास करे ऊनकी निन्दा ना करे ।
बहुत ही अच्छी पहल की हनुमान जी आप का समर्थन करते हैं🙏👍
बहुत ही सुन्दर पहल की हनुमानाराम जी ने
बहुत ही अच्छी पहल की है हनुमान जी
बहुत ही सराहनीय कार्य कर रहे हो आप केशर जी और हनुमानजी आपने बहुत ही अच्छी पहल की है समाज के लिए
राम राम सा हनुमान जी ने यह पहल कर के ब्याव शादी में आयेडी बहन वह बुआ में जो मन मुटाव हुव जिको कारण ओ बेसही तोह ओ बंद करनेसे पहले तो घर में बहन बुआ भाई भाभी को मनमुटाव दूर हो जासी दूसरी बात ब्याव में जितना खर्च आता है वह आधे कपड़ों को लागे है वह कम हो जासी और इससे ओ बीचलो वरग किसान खर्चा सु बचसी मेरा तो पर्सनल वीचार 1992 सेहीथा लेकिन भाई समाज का सहयोग जरूरी था जो अब मिल गया है में अब तेयार हूं राम राम सा
बहुत ही सराहनीय पहल की हैं आपने । इस मैसेज को अपने समाज ,परिवार के लोगो को बताएं । ताकि इस कुरीति से निजात मिल सके।