#मंजुलभगत
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- เผยแพร่เมื่อ 1 ต.ค. 2024
- #मंजुलभगत की कहानी-बीवी और बाँदी
Manjul Bhagat ki kahani
Hindi Story
हिन्दी कहानी
स्वर-सीमा सिंह
मंजुल भगत (1936 - 1998)
जन्म : 22 जून, 1936, मेरठ (उत्तर प्रदेश)।
शिक्षा : दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए. (अंग्रेज़ी)। मंजुल भगत ने लेखन कार्य 1970 में आरम्भ किया। मूलतः वे कहानीकार हैं, इसलिए उनकी हर कहानी एक मुकम्मिल रचना होती है।
प्रमुख कृतियाँ हैं : क्या छूट गया, टूटा हुआ इन्द्रधनुष, लेडीज़ क्लब, अनारो, बेगाने घर में, ख़ातुल, तिरछी बौछार और गंजी (उपन्यास); गुलमुहर के गुच्छे, आत्महत्या से पहले, कितना छोटा सफ़र, बावन पत्ते और एक जोकर, सफ़ेद कौआ, दूत, बूँद और अन्तिम बयान (कहानी-संग्रह)। अनेक रचनाएँ भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में अनूदित एवं प्रकाशित। हिन्दी अकादमी, दिल्ली के साहित्यकार सम्मान से अलंकृत की गयीं और ख़ातुल उपन्यास पर कृति पुरस्कार दिया गया।
निधन : 31 जुलाई, 1998; दिल्ली।
😊
😂😂❤
अच्छा हुआ लेखिका के पति बच गए। वह तो उन्हे भी चुराना चाहती थी ।
Bahut hi mazadar
Story badi interesting thi ❤❤❤❤ aur aap sunaiye ti jada interesting bn jati hai..excellent presentation gi❤❤
😄😘🤩
रोचक अच्छी कहानी👌👌 आपका वाचन सुंदर🙏🙏
Story kuch alag subject leker banai gai bahut achhi lagi
Ladies ko banao singhar ki shaukin hoti hai