#दिव्यामाथुर
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- เผยแพร่เมื่อ 4 ต.ค. 2024
- #दिव्यामाथुर की कहानी-फिर कभी सही
Divya Mathur ki kahani
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हिन्दी कहानी
#स्वर-सीमासिंह
दिव्या माथुर ब्रिटेन मे बसी भारतीय मूल की हिंदी लेखिका है। कविता एवं कहानी समान रूप से लिखती रही हैं। उनके कहानी संग्रह `आक्रोश' के लिए उन्हें वर्ष 2001 का पद्मानंद साहित्य सम्मान प्राप्त हो चुका है। उनकी कविताओं में जहां तीखा क्षोभ है, वहीं मार्मिकता भी है, संवेदनशील बुनावट है तो भावात्मक कसावट भी है। उनके कहानी संग्रह में संग्रहित अधिकतर रिश्तों और स्थितियों में पिस रही औरत की कहानियां हैं। उनके रचना संसार में सास और पति आमतौर पर ज़ुल्म का प्रतीक बनकर उभरते हैं। उनकी कहानियों का अनुवाद कई भाषाओं में हुआ है। उनकी कहानियों एवं कविताओं को भी कई संकलनों में शामिल किया गया है। उनके अब तक चार कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। भारत में उनके रचना संसार पर एम. फिल. भी की जा चुकी है। साहित्य रचने के अतिरिक्त दिव्या माथुर `वातायन' संस्था की अध्यक्षा, `यू॰के॰ हिन्दी समिति' की उपाध्यक्षा एवं `नेहरू केन्द्र' की कार्यक्रम अधिकारी हैं।
Nice story lovely voice ❤️
अच्छी कहानी👌 अगर नेहा इस रिश्ते से बाहर आ जाती तो उत्तम था, लेकिन दिल से जुड़े रिश्ते से अलग होना भी आसान नहीं , आपकी प्रस्तुति बहुत सुंदर दीदी🙏🙏
बहुत बहुत धन्यवाद, सीमा जी मेरा परम सौभाग्य कि मेरी कहानियों को आपने अपनी आवाज़ प्रदान की ❤💥❤
सौभाग्य तो मेरा है कि आपकी कहानियों को स्वर देने का सुयोग मिला ❤️🙏
दिव्या जी, बहुत सुन्दर और सामयिक कहानी 👌👌
@@Sahitya-Nidhiसीमा जी लंबे समय से आपकी आवाज में कहानियां सुनती आ रही हूं। बहुत आकर्षक और सुन्दर ❤🙏
Aise रिश्ते se niklana bhi मुश्किल, nibhana bhi मुश्किल, achcha warnan kiya diwya ji ne, aapki aawaj lajwab
स्नेह और आभार सुषमा जी ❤️
Divya ji ki kahani bahut khoob🌹 👏👏👏👏
Aapka swar bhi utna hi pyara🌹😊🙏aise rishte makad jaal ki tarah hote hain ...........
सही कहा तुमने.
Bhot khoob😊👍💯💕
Wah lajwab